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शानदार जीत से भारत एशिया की एक बड़ी शक्ति बना

शानदार जीत से भारत एशिया की एक बड़ी शक्ति बना

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शानदार जीत से भारत एशिया की एक बड़ी शक्ति बना ललित गर्ग भारत और पाकिस्तान के बीच सीमा पर जारी तनाव एवं युद्ध की स्थितियों के बीच भारत ने बड़ा ऐलान करते हुए सीज फायर लागू किया। चार दिन चले सैन्य संघर्ष में परिस्थितियां और भी ज्यादा नाजुक हो गई थीं एवं पाकिस्तान की भारी तबाही हुई। दोनों परमाणु सम्पन्न देशों के बीच के बढ़ते तनाव के बीच समझौते के बाद भले ही पाकिस्तान के विनाश का सिलसिला थम गया हो, लेकिन उसकी एक भूल भारी का सबब बन सकता है। क्योंकि भारत ने यह बड़ा फैसले लेते हुए कहा था कि भविष्य में उसकी जमीन पर किसी भी आतंकवादी हमले को भारत के खिलाफ युद्ध की कार्रवाई माना जाएगा और उसकी गोली का जवाब गोले से दिया जाएगा। पाकिस्तान की फितरत को देखते हुए भारत सरकार एवं भारतीय सेना अधिक चौकस, सावधान एवं सतर्क रहते हुए संघर्ष-विराम के लिये यदि सहमत हुई है तो उसका स्वागत होना चाहिए। जब भारत ने पाकिस...
कोहली का टेस्ट संन्यास: क्रिकेट के सबसे महान अध्यायों में से एक

कोहली का टेस्ट संन्यास: क्रिकेट के सबसे महान अध्यायों में से एक

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कोहली का टेस्ट संन्यास: क्रिकेट के सबसे महान अध्यायों में से एक -डॉ सत्यवान सौरभ भारतीय क्रिकेट के महान इतिहास में विराट कोहली का नाम ऐसे चमकता है जैसे कोई सितारा। पिछले चौदह वर्षों में कोहली ने एक ऐसी धरोहर बनाई है, जो न केवल उनके अभूतपूर्व आंकड़ों के लिए बल्कि खेल के प्रति उनकी जुनून, तीव्रता और नेतृत्व क्षमता के लिए भी याद रखी जाएगी। जैसे ही वे टेस्ट क्रिकेट से विदा लेते हैं, यह केवल एक खिलाड़ी का नहीं, बल्कि क्रिकेट के इतिहास का एक ऐसा अध्याय है जो आने वाली पीढ़ियों तक चर्चा का विषय रहेगा। विराट कोहली, जिन्हें आधुनिक क्रिकेट के महानतम खिलाड़ियों में से एक माना जाता है, ने 21वीं सदी में क्रिकेट खेलने का तरीका ही बदल दिया। उनके आक्रामक बल्लेबाजी, प्रेरणादायक नेतृत्व और खेल के प्रति निष्ठा ने क्रिकेट को एक नई दिशा दी। उनकी यात्रा केवल व्यक्तिगत उपलब्धियों की नहीं बल्कि भारती...
संपूर्ण सनातन भारत ही ‘चेतना’ का लक्ष्य: राजेश चेतन

संपूर्ण सनातन भारत ही ‘चेतना’ का लक्ष्य: राजेश चेतन

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धरती को जहन्नुम बना कर जन्नत के जो सपने दिखाए वो 'काफिर' 'इस्लाम और विश्व शांति' व्याख्यान का आयोजन गले-सड़े कानूनों को तत्काल बदलने की जरूरत संपूर्ण सनातन भारत ही 'चेतना' का लक्ष्य: राजेश चेतन नई दिल्ली। संस्कार को अपनी वास्तविक धरोहर और संपूर्ण सनातन भारत को ही मूल लक्ष्य मानने वाली संस्था चेतना ने राष्ट्रवाद की लौ को और प्रखर करने के लिए रोहिणी में 'इस्लाम और विश्व शांति' व्याख्यान का आयोजन किया। लाला पन्ना लाल सिंघल स्मृति व्याख्यानमाला की यह नौवीं कड़ी थी। जाने माने उद्योगपति अनिल सिंघल व्याख्यान के स्वागताध्यक्ष रहे।ज्वलंत विषय पर वक्ताओं के तथ्यपूर्ण व तार्किक संबोधन से राष्ट्रवाद की भावनाओं का ऐसा सैलाब आया जो सभागार में मौजूद हर किसी को अपने साथ बहा ले गया।वक्ताओं का ओज, आक्रोश और आक्रामक तेवर इस कदर हावी हुए कि बार-बार भारत माता की जय, वंदेमातरम के नारे गूंजते रहे।वक...
सनातन हिंदू धर्म एवं भारत में उत्पन्न समस्त मत पंथ विश्व में शांति चाहते हैं |

सनातन हिंदू धर्म एवं भारत में उत्पन्न समस्त मत पंथ विश्व में शांति चाहते हैं |

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सनातन हिंदू धर्म एवं भारत में उत्पन्न समस्त मत पंथ विश्व में शांति चाहते हैं प्रहलाद सबनानी भारत में सनातन हिंदू धर्म तो अनादि एवं अनंत काल से चला आ रहा है परंतु बाद के खंडकाल में भारत में कई अन्य प्रकार के मत पंथ भी विकसित हुए हैं जैसे बौद्ध धर्म, जैन धर्म, सिख धर्म आदि। भारत में विकसित विभिन्न मत पंथ मूलतः सनातन हिंदू संस्कृति का ही अनुपालन करते हुए दिखाई देते हैं और ऐसा कहा जाता है कि यह समस्त मत पंथ सनातन हिंदू धर्म की विभिन्न धाराएं ही हैं। भारत में विकसित मत पंथ सामान्यतः अपने दर्शन, कर्मकांड एवं सामाजिक ताने बाने के दायरे में अपने धर्म का अनुपालन करते हैं। भारत में हिंदू धर्म के सिद्धांतों पर चलने वाले नागरिकों की संख्या सबसे अधिक हैं एवं यह भारत का सबसे बड़ा धर्म है, जिसमें विभिन्न देवी देवताओं और पूजा प्रथाओं की एक विस्तृत प्रणाली शामिल है। भारत में विकसित हुए मत पंथों म...
( प्रोपेगेंडा और झूठी ख़बरों से सतर्क रहें) “जब खबरें बनती हैं हथियार: युद्ध, प्रोपेगेंडा और फेक न्यूज”

( प्रोपेगेंडा और झूठी ख़बरों से सतर्क रहें) “जब खबरें बनती हैं हथियार: युद्ध, प्रोपेगेंडा और फेक न्यूज”

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(प्रोपेगेंडा और झूठी ख़बरों से सतर्क रहें)"जब खबरें बनती हैं हथियार: युद्ध, प्रोपेगेंडा और फेक न्यूज" -प्रियंका सौरभ युद्ध के दौरान फैलाई गई झूठी खबरें न केवल सैनिकों और आम नागरिकों की सुरक्षा को खतरे में डालती हैं, बल्कि समाज में भय और नफरत का भी प्रसार करती हैं। यह न केवल जनता की भावनाओं को भड़काती है, बल्कि सच्चाई की नींव को भी कमजोर करती है। कई बार युद्ध के मैदान से बहुत दूर बैठे लोग भी इन झूठी खबरों के शिकार बन जाते हैं और इससे राष्ट्र की एकता और संप्रभुता को भारी क्षति पहुँचती है। युद्ध का समय हमेशा से मानव इतिहास का सबसे तनावपूर्ण और संवेदनशील दौर रहा है। जब दो देशों के बीच टकराव चरम पर होता है, तब सिर्फ हथियारों की ही नहीं, बल्कि सूचनाओं की भी लड़ाई लड़ी जाती है। प्रोपेगेंडा और झूठी ख़बरें इस संघर्ष का एक अनिवार्य हिस्सा बन जाती हैं। यह स्थिति विशेष रूप से भारत और पाक...
“सैनिकों का सम्मान: समर्पण और बलिदान की पहचान”

“सैनिकों का सम्मान: समर्पण और बलिदान की पहचान”

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"सैनिकों का सम्मान: समर्पण और बलिदान की पहचान" हमारे सैनिक, जो सीमाओं पर अपने प्राणों की बाजी लगाते हैं, हमारे असली नायक हैं। युद्ध की आशंका में लौटते सैनिकों को ट्रेन में सीट दें, सड़क पर मिलें तो अपने वाहन से आगे छोड़ें, और होटलों में निशुल्क ठहरने की सुविधा दें। उनका सम्मान हमारा कर्तव्य है, न कि महज़ औपचारिकता। जहाँ भी मिले, सलाम करें – देश में इनसे बढ़कर कुछ नहीं। देवताओं के लिए भंडारे लगाते हो तो इन सैनिकों को भी माँ जैसा सम्मान दो। कहना कि ये तो सरकारी तनख्वाह लेते हैं, एक अपराध है। तनख्वाह सभी कर्मचारी लेते हैं, लेकिन ये अपने जीवन की बाजी लगाते हैं, अपने घर-परिवार से दूर रहते हैं, और हमारी सुरक्षा के लिए हर कठिनाई सहते हैं। आइए, इस परंपरा को मजबूत करें और सैनिकों का मान बढ़ाएं। जय हिंद! हमारे देश के सैनिक, जो सीमाओं पर अपने प्राणों की आहुति देकर हमारी रक्षा करते हैं, केव...
देश में ऑनलाइन लूडो के बढ़ते खतरे पर कैसे लगेगी लगाम

देश में ऑनलाइन लूडो के बढ़ते खतरे पर कैसे लगेगी लगाम

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देश में ऑनलाइन लूडो के बढ़ते खतरे पर कैसे लगेगी लगाम अजय कुमार,लखनऊ  रमेश, एक मध्यमवर्गीय परिवार का साधारण युवक था। शहर के एक निजी कंपनी में मामूली वेतन पर काम करता और अपने छोटे से परिवार के साथ खुशहाल जीवन बिता रहा था। उसकी दिनचर्या काम से घर और कभी-कभार दोस्तों के साथ चाय पीने तक ही सीमित थी। लेकिन कुछ महीने पहले, उसके एक सहकर्मी ने उसे ऑनलाइन लूडो के एक ऐप के बारे में बताया। शुरुआत में रमेश ने इसे सिर्फ मनोरंजन का एक साधन समझा। काम से लौटने के बाद या खाली समय में वह दोस्तों या अनजान लोगों के साथ लूडो खेलता, और कभी-कभार छोटी-मोटी बाजी भी लगा लेता। शुरुआत में सब कुछ रोमांचक और मजेदार लग रहा था। जीत की खुशी और हार का मामूली गम, यह सब उसकी नीरस जिंदगी में एक नया रंग भर रहा था। धीरे-धीरे, रमेश इस खेल का आदी होता चला गया। अब वह काम के दौरान भी चोरी-छिपे लूडो खेलने लगा था, और घर...
“सोशल मीडिया पर देशविरोध का कारोबार: अभिव्यक्ति की आज़ादी या एजेंडा मार्केटिंग?”

“सोशल मीडिया पर देशविरोध का कारोबार: अभिव्यक्ति की आज़ादी या एजेंडा मार्केटिंग?”

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"सोशल मीडिया पर देशविरोध का कारोबार: अभिव्यक्ति की आज़ादी या एजेंडा मार्केटिंग?" (पेआउट के बदले देशविरोध? अब नहीं चलेगा!)  सोशल मीडिया पर 'पेआउट' लेकर भारत को बदनाम करने वालों की अब खैर नहीं। IT एक्ट 2000 और डिजिटल मीडिया एथिक्स कोड 2021 के तहत सरकार ने सख़्त रुख अपनाया है। अब देशविरोधी कंटेंट पर न तो चुप्पी होगी, न छूट। अभिव्यक्ति की आज़ादी के नाम पर अफवाह फैलाने और एजेंडा चलाने वालों पर कानूनी शिकंजा कसेगा। ये तय नहीं होगा कि आप किस पार्टी के समर्थक हैं, बल्कि ये देखा जाएगा कि आपके विचार भारत की अखंडता के साथ हैं या उसके खिलाफ़। अब पोस्ट से पहले सोचिए – देश पहले है, लोकप्रियता नहीं! आज सोशल मीडिया एक ऐसा हथियार बन चुका है, जिसकी धार किसी तलवार से कम नहीं। यह धार विचारों की है, भावनाओं की है और सबसे खतरनाक — अफ़वाहों की भी। अभिव्यक्ति की आज़ादी के नाम पर पिछले कुछ वर्षों में...
जो कहा वो किया – आपरेशन सिंदूर

जो कहा वो किया – आपरेशन सिंदूर

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जो कहा वो किया - आपरेशन सिंदूरमृत्युंजय दीक्षितअप्रैल 22, 2025 पहलगाम में 26-निहत्थे निर्दोष हिन्दुओं की धर्म पूछकर हत्या से पूरा देश आहत था। दुःख और क्रोध दोनों चरम पर थे। गृहमंत्री अमित शाह समाचार मिलते ही घटनास्थल पर पहुँच गए। प्रधानमंत्री अपनी विदेश यात्रा संक्षिप्त कर स्वदेश लौटे। अगले ही दिन मधुबनी रैली में घोषणा की, इस बार ऐसा दंड मिलेगा जिसकी उन्होंने कल्पना भी नहीं की होगी, इस संकल्प को उन्होंने अपने मन की बात कार्यक्रम में दोहराया। गृहमुंत्री अमित शाह ने प्रधानमंत्री के संकल्प को बल देते हुए कहा, “हम एक - एक आतंकी को चुन- चुन कर मारेंगे“ और अंत में रक्षामंत्री राजनाथ सिंह ने कहा था कि ये मेरा उत्तरदायित्व है कि देशवासी जो कुछ चाहते हैं वह सब कुछ मोदी सरकार में होकर रहेगा। इन वक्तव्यों के पीछे सरकार और सेना के सभी संकल्पबद्ध राष्ट्रभक्त सामरिक और रणनीतिक तैयारियां कर रहे थे।पहलगा...
मेरा लेख जाति जनगणना विभाजन का नहीं, विकास का आधार बने

मेरा लेख जाति जनगणना विभाजन का नहीं, विकास का आधार बने

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मेरा लेख जाति जनगणना विभाजन का नहीं, विकास का आधार बने - ललित गर्ग- पहलगाम की क्रूर एवं बर्बर आतंकी घटना के बाद मोदी सरकार लगातार पाकिस्तान को करारा जबाव देने की तैयारी के अति जटिल एवं संवेदनशील दौर में एकाएक जातिगत जनगणना कराने का निर्णय लेकर न विपक्षी दलों को बल्कि समूचे देश को चौकाया एवं चमत्कृत किया है। सरकार का यह निर्णय जितना बड़ा है, उतना ही चुनौतीपूर्ण भी। मोदी सरकार का जातिगत जनगणना के लिए तैयार होना सुखद और स्वागतयोग्य है। पिछले कुछ समय से जातिगत जनगणना की मांग बहुत जोर-शोर से हो रही थी। कुछ राज्यों में तो भाजपा भी ऐसी जनगणना के पक्ष में दिखी थी, पर केंद्र सरकार का रुख इस पर बहुत साफ नहीं हो रहा था। अब अचानक ही प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अध्यक्षता में राजनीतिक मामलों की उच्चस्तरीय कैबिनेट समिति की बैठक में यह फैसला ले लिया गया। बाद में केंद्रीय मंत्री अश्विनी वैष्णव ने मीडि...