डिजिटल युग के अपराधों पर कैसे लगे लगाम?
डिजिटल युग के अपराधों पर कैसे लगे लगाम?
राष्ट्रीय अपराध रिकॉर्ड ब्यूरो के आँकड़ों के अनुसार, साइबर उत्पीड़न के मामलों में वृद्धि हुई है, विशेष तौर पर महिलाओं के खिलाफ, परंतु नई संहिता ऐसे अपराधों के लिए कड़े दंड निर्दिष्ट नहीं करती हैं। उभरती प्रौद्योगिकियों से निपटने में कमियाँ है, नए कानून उभरती हुई प्रौद्योगिकियों से संबंधित अपराधों, जैसे कि क्रिप्टोकरेंसी घोटाले और कृत्रिम बुद्धिमत्ता के दुरुपयोग को ध्यान में नहीं रखते हैं। क्रिप्टोकरेंसी धोखाधड़ी ने डिजिटल और आभासी वातावरण में अपराधों को संबोधित करने के लिए वर्तमान में एक कानूनी ढाँचे की आवश्यकता को दर्शाया है। हैकिंग, आइडेंटिटी थेफ्ट और साइबरस्टॉकिंग सहित साइबर अपराध के विभिन्न रूपों को लक्षित करते हुए विशिष्ट कानून बनाने की आवश्यकता है, ताकि पीड़ितों को प्रभावी विधिक सहायता मिल सके।
-डॉ. सत्यवान सौरभ
हाल ही में भारत की आपर...