
एक देश – अनेक भाषाएँ – एकात्म भाषाएँ
कुछ दिनों पूर्व गृहमंत्री श्री अमित शाहने कह दिया एक देश, एक भाषा और यह एक विवादका विषय बन गया। मुझे लगा कि इस पूरी चर्चामेंतकनीकीकी भूमिका भी है, उसकी चर्चा करूँ। यह है संगणकीय (कम्प्युटर) तकनीक। संयोगसे यह विषय भी शाहके गृहमंत्रालयका हिस्सा है।
हम एक राष्ट्र, एक भाषाका नारा क्यों लगाते हैं? क्योंकि एक स्वतंत्र राष्ट्रके रूपमें आज भी हम विश्वको यह नही बता पाते कि हमारी राष्ट्रभाषाकौनसी है? फिर वैश्विक समाज अंग्रेजीको हमारे देशकी de facto भाषा मानने लगता है। उनकी इस अवधारणाकी पुष्टि हम भारतीय ही करते हैं।जब दो भारतीय व्यक्ति विदेशमें एक दूसरेसे मिलते हैं तब भी अंगरेजीमे बात करते है। देशके अंदर भी कितने ही माता- पिता जब अपने बच्चोंकेसाथ कहीं घूमने जा रहे होते हैं तब उनके साथ अंगरेजीमें ही बोलते हैं। ये बातें देशके गृहमंत्रीको अखर जायें और वह सोचे कि काश हमारे देशकीएक घोषित राष्ट्रभाषा हो...