यह रणनीति चिंताजनक है
अवधेश कुमारनिस्संदेह यह अभूतपूर्व अप्रिय स्थिति है। संसद सत्र का समापन होने तक दोनों सदन के 141 सांसद निलंबित किये जा चुके थे। इसके पहले आजाद भारत में कभी भी इतने सांसदों का निलंबन नहीं हुआ था। लोकसभा में आईएनडीआईए के कुल 138 सांसदों में से 95 तथा राज्यसभा में 95 सांसदों में से 46 को निलंबित किया गया। इस तरह आईएनडीआईए के लगभग दो तिहाई सदस्य लोकसभा से निलंबित रहे। केवल 43 सदस्य निलंबित नहीं हुए । मुख्य विपक्षी दल कांग्रेस के 48 में से केवल 9 सदस्य ही सदन में रह गए जिनमें पूर्व अध्यक्ष सोनिया गांधी और राहुल गांधी शामिल हैं। यह केवल दुर्भाग्यपूर्ण नहीं बल्कि भयभीत करने वाली स्थिति है। संसद हमारे संसदीय लोकतंत्र की शीर्ष इकाई है तो उसके सदस्य माननीय सांसदों का कद इस लोकतांत्रिक व्यवस्था में कितना बड़ा है इसके बारे में बताने की आवश्यकता नहीं है। नीति निर्माण की भूमिका के साथ अपने गरिमापूर्ण आच...