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यह रणनीति चिंताजनक है

यह रणनीति चिंताजनक है

EXCLUSIVE NEWS, TOP STORIES, समाचार
अवधेश कुमारनिस्संदेह यह अभूतपूर्व अप्रिय स्थिति है। संसद सत्र का समापन होने तक दोनों सदन के 141 सांसद निलंबित किये जा चुके थे। इसके पहले आजाद भारत में कभी भी इतने सांसदों का निलंबन नहीं हुआ था। लोकसभा में आईएनडीआईए के कुल 138 सांसदों में से 95 तथा राज्यसभा में 95 सांसदों में से 46 को निलंबित किया गया। इस तरह आईएनडीआईए के लगभग दो तिहाई सदस्य लोकसभा से निलंबित रहे। केवल 43 सदस्य निलंबित नहीं हुए । मुख्य विपक्षी दल कांग्रेस के 48 में से केवल 9 सदस्य ही सदन में रह गए जिनमें पूर्व अध्यक्ष सोनिया गांधी और राहुल गांधी शामिल हैं। यह केवल दुर्भाग्यपूर्ण नहीं बल्कि भयभीत करने वाली स्थिति है। संसद हमारे संसदीय लोकतंत्र की शीर्ष इकाई है तो उसके सदस्य माननीय सांसदों का कद इस लोकतांत्रिक व्यवस्था में कितना बड़ा है इसके बारे में बताने की आवश्यकता नहीं है। नीति निर्माण की भूमिका के साथ अपने गरिमापूर्ण आच...
कहने को गठबंधन पर सबके अपने राग

कहने को गठबंधन पर सबके अपने राग

BREAKING NEWS, TOP STORIES, विश्लेषण
जून से दिसम्बर आकर चला गया, अभी तक इस सवाल का हल नहीं निकला क़ि ‘इंडियन नेशनल डेवलपमेंटल इन्कलुसिव अलायंस’ (इंडिया) नामक गठबंधन का अगुवा कौन होगा ? वैसे इसमें 28 दल हैं, और सबकी चाहत है कि 2024 के आम चुनाव में भाजपा से लड़ने को एक संयुक्त मोर्चा बनाने में जितना संभव हो, अधिक से अधिक विपक्षी दलों को साथ जोड़ा जाए। इस गुट की स्थापना करने में, कांग्रेस का योगदान उतना ही महत्वपूर्ण है जितना कि अन्य क्षेत्रीय पार्टियों का, यह एक तरह से गांधी परिवार की स्वीकारोक्ति है कि उसकी राजनीतिक विरासत अपने बूते पर भाजपा से मुकाबला करने लायक नहीं रही। वैसे भी इस गठबंधन की बैठकों की शृंखला से भी यह सिद्ध होता है कि कांग्रेस का रुतबा बाकियों से ऊपर न होकर, बराबरी का है। कुछ घटनाएं इस गठबंधन की जरूरत को और गहराई से रेखांकित करती हैं खासकर कांग्रेस के लिए, पटना में ‘इंडिया’ गठजोड़ के पहले सम्मेलन से जो...
<strong>इंडिया गठबंधन को मिलकर मुकाबला करना होगा</strong>

इंडिया गठबंधन को मिलकर मुकाबला करना होगा

BREAKING NEWS, TOP STORIES, विश्लेषण
-ः ललित गर्ग:-संसदीय अवरोध, विपक्षी दलों के 143 सांसदों के निलम्बन एवं उपराष्ट्रपति की मिमिक्री करने की घटनाओं से आक्रामक हुए राजनैतिक माहौल के बीच 28 पार्टियों का इंडिया गठबंधन विपक्षी दलों के साथ चौथी बार फिर से दिल्ली में एक छत के नीचे आया। बैठक का उद्देश्य था कि विपक्षी दलों के बीच सीट शेयरिंग एवं संयोजक के नाम पर सहमति सहित कई मुद्दों पर एक राय कायम करना। लेकिन इंडिया गठबंधन की इस बैठक में दल भले ही आपस में मिले, लेकिन दिल नहीं मिल पाये। लोकतंत्र की मजबूती के लिये सशक्त विपक्ष बहुत जरूरी है, लेकिन विपक्षी दलों की संकीर्ण सोच, सिद्धान्तविहीन राजनीति एवं सत्तालालसा ने विपक्ष की राजनीति को नकारा कर दिया है। सोचा गया था कि इंडिया गठबंधन विपक्ष से जुड़ी लोकतांत्रिक भागीदारी की लौ को फिर से प्रज्वलित कर सकेगा और ऐसी सोच एवं राजनीति प्रणाली का निर्माण करेगा जो वास्तव में लोगों की, लोगों द्व...
<strong>“एनिमल” सिर्फ पर्दों तक नहीं होगा सीमित?</strong>

“एनिमल” सिर्फ पर्दों तक नहीं होगा सीमित?

EXCLUSIVE NEWS, TOP STORIES, जीवन शैली / फिल्में / टीवी, साहित्य संवाद
डॉ अजय कुमार मिश्रा परम्परागत मान्यता हमारे समाज की यही रही है की फ़िल्में हमारें समाज का आइना है और उन्ही बातों और तथ्यों को उजागर करती है जिसकी हमें सच्चे रूप में स्वीकार करने की आवश्यकता है जिससे सामाजिक एकता के साथ – साथ मानवीय गुणों का विकास सभी वर्गो में हो सकें | एक समय ऐसा भी था जब लगातार ऐसी फिल्मों का निर्माण होता रहा जिससे समाज को नई दिशा मिल सकी कई ऐसी कुरीतियों और पाखंडों सहित अनावश्यक नियमों को तोड़ने का काम हमारी फिल्मों ने किया भी | समय के चक्र ने कब क्षेत्रीय से राष्ट्रीय और अब अंतर्राष्ट्रीय चोला ओढ़ लिया यह पता ही नहीं चला | हम और हमारा समाज अभी भी वर्तमान परिवेश से कही न कही दशकों पीछे है फिर चाहे सुख-सुविधायों, मेडिकल सुविधायों या फिर रोजगार की बात हो | हाँ पर हम अपराध में और रिश्तों के प्रति अपनी संजीदगी और लगाव में भी आत्मा मुग्धता को प्राथमिकता देने लगे है |...
हिंदू समाज की विजयगाथा का प्रतीक है- गीता जयंती

हिंदू समाज की विजयगाथा का प्रतीक है- गीता जयंती

EXCLUSIVE NEWS, TOP STORIES, समाचार, साहित्य संवाद
गीता जयंती पर विशेष -हिंदू समाज की विजयगाथा का प्रतीक है- गीता जयंतीकर्म और धर्म की गतिशीलता का नाम है - गीताश्रीमदभगवदगीता एक ऐसा पुनीत ग्रंथ है जिसमें कर्म व धर्म समाहित हैं। गीता जयंती का पर्व भी कर्म, धर्म व जीवन की गतिशीलता व निरंतरता पर बल देता है। गीता में वेदों का सार तत्व संग्रहीत किया गया है। इसमें धर्म का उपदेश समाहित है, इसमें जीवन जीने की कला का ज्ञान है। इसमें कर्म, भक्ति व ज्ञान का उपदेश हे। इसमें मनुष्य के स्वधर्म का ज्ञान है। गीता की भाषा इतनी सरल है कि थोड़ा सा अभ्यास करने पर मनुष्य सहजता से इसे समझ सकता है।श्रीमदभगवदगीता किसी सामान्य व्यक्ति का उपदेश नहीं है अपितु यह स्वयं भगवान श्रीकृष्ण की वाणी है। इसे कहते समय भगवान स्वयं अपने परमात्मस्वरूप में स्थित थे। यह एकमात्र ऐसा ग्रंथ है जो जीवन की हर परिस्थिति के लिये,हर काल के लिये प्रासंगिक है, शाश्वत है। इसके श्लोकों के भाव...
अटलजी बहुत याद आते हैं

अटलजी बहुत याद आते हैं

EXCLUSIVE NEWS, TOP STORIES, राष्ट्रीय, साहित्य संवाद
-बलबीर पुंज आगामी 25 दिसंबर का देश-दुनिया में बहुत ही महत्व है। इस दिन अर्थात् चार दिन बाद दुनियाभर (भारत सहित) करोड़ों ईसाई आगामी अपने आराध्य ईसा मसीह का जन्मदिवस हर बार की तरह बड़े ही हर्षोल्लास के साथ मनाएंगे। यीशु के असंख्य श्रद्धालुओं को इस बात से रत्तीभर भी फर्क नहीं पड़ता कि यह दिन एक पोप की कोरी-कल्पना पर आधारित है, जिसका उल्लेख बाइबल तक में नहीं है। उनके लिए अपने इष्ट द्वारा प्रदत्त 10 आज्ञाओं की अनुपालना, उनका विनम्र व्यक्तित्व और विनयशील जीवन ही महत्व रखता है। यह संयोग ही है कि इसी दिन वर्ष 1924 में भारत के पूर्व प्रधानमंत्री, जननायक और कुशल राजनीतिज्ञ दिवंगत अटल बिहारी वाजपेयी का भी जन्म हुआ था। इस बार उनकी 99वीं जयंती मनाई जाएगी। वर्ष 2014 से भाजपा शासित राज्य सरकार इस दिन को सुशासन दिवस के रूप में मना रहे है। अटलजी से मेरा निजी परिचय 1980 के दशक में हुआ था। वे न केवल आ...
<strong>स्वार्थी सांसदों ने संसद को मज़ाक बनाकर रख दिया</strong>

स्वार्थी सांसदों ने संसद को मज़ाक बनाकर रख दिया

BREAKING NEWS, TOP STORIES, राष्ट्रीय
संसद में शोर-शराबा, वेल में जाकर नारेबाज़ी करना, एक-दूसरे पर निजी कटाक्ष करना यहां तक कि कई बार हाथापाई पर उतारू हो जाना आज संसद की आम तस्वीर है। आखिर सियासी पार्टियों और सांसदों का बर्ताव इतना अराजक क्यों हो गया है? क्या आज पार्टियों के निहित स्वार्थों ने संसद को मज़ाक बनाकर रख दिया है। अब समय आ गया है कि हमारे सभी सांसद इस बात पर ध्यान दें कि संसदीय लोकतंत्र को कैसे मजबूत किया जा सकता है। अन्यथा जनता ही उसका उपहास करने लगेगी। हमारे सांसदों को इस बात पर विचार करना चाहिए कि वे किस तरह की विरासत छोड़ कर जा रहे हैं। क्या वे संसद को इसके पतन के भार के नीचे दबने देंगे? आज जो हो रहा है, वो हम देख ही रहे हैं। उम्मीद है कि देश के सांसदों को, सांसद चलाने वालों को इस बात का भान जल्द हो कि देश का नागरिक उन्हें कितनी उम्मीद के साथ देखता है। साथ ही उन्हें कई मौकों पर...
अंतराष्ट्रीय स्वरूप हुआ अयोध्या रामलला जन्मस्थान मंदिर का

अंतराष्ट्रीय स्वरूप हुआ अयोध्या रामलला जन्मस्थान मंदिर का

EXCLUSIVE NEWS, TOP STORIES, धर्म, विश्लेषण
अंतराष्ट्रीय स्वरूप हुआ अयोध्या रामलला जन्मस्थान मंदिर का* थाईलैंड से मिट्टी आई : दुनियाँ के 155 देशों से जल आया* 80 देशों में सीधा प्रसारण होगा प्राण प्रतिष्ठा समारोह का --रमेश शर्मा अयोध्या में भव्य आकार ले रहे रामजन्म स्थान मंदिर ने अब अंतरराष्ट्रीय स्वरूप ले लिया है । पूरी दुनियाँ में रामलला की प्राण प्रतिष्ठा दिवस की अधीरता से प्रतीक्षा की जा रही है । निर्माण के लिये 155 देशों से जल आया है, अमेरिका से एक श्रृद्धालु ने दान भेजा है तो थाईलैंड से जल के साथ मिट्टी भी आई है । 22 जनवरी को होने वाले प्राण प्रतिष्ठा समारोह का अस्सी देशों में सीधा प्रसारण होगा ।अयोध्या में बन रहे रामलला जन्म स्थान मंदिर का निर्माण अंतिम चरण में है । यद्यपि भव्यता और पूर्णता के लिये तो लगभग एक वर्ष और लगेगा पर 22 जनवरी को होने वाले रामलला प्राण प्रतिष्ठा आयोजन की लगभग सभी तैयारी हो चुकी है । इस समारोह की...
गतिरोध एवं उपराष्ट्रपति की मिमिक्री करना दुर्भाग्यपूर्ण

गतिरोध एवं उपराष्ट्रपति की मिमिक्री करना दुर्भाग्यपूर्ण

BREAKING NEWS, TOP STORIES, राष्ट्रीय, सामाजिक
ललित गर्ग लोकसभा एवं राज्यसभा में सत्तापक्ष या विपक्ष का अनुचित एवं अलोकतांत्रिक व्यवहार न केवल अशोभनीय, अनुचित एवं मर्यादाहीन है बल्कि दुनिया के सबसे बड़े लोकतंत्र की आदर्श परम्पराओं को धुंधलाने वाला है। शीतकालीन सत्र से लोकसभा के अब तक 95 एवं राज्यसभा के 46 कुल 141 सांसदों को सस्पेंड किए जाने के बाद विपक्षी सांसद संसद परिसर में धरना दे रहे थे। इस दौरान उन्होंने नारेबाजी की और उपराष्ट्रपति जगदीप धनखड़ की नकल उतारकर मिमिक्री की, निश्चित ही इस तरह का अपमानजनक एवं अशालीन व्यवहार भारत के लोकतंत्र को कलंकित करने की चिन्ताजनक घटना है। उपराष्ट्रपति सर्वोच्च एवं सम्मानजनक पद है, इसकी गरिमा को आहत करना एवं उस पर आंच आने का अर्थ है राष्ट्र की अस्मिता एवं अस्तित्व को धुंधलाने की कुचेष्टा। तभी उपराष्ट्रपति धनखड़ ने इस घटना को शर्मनाक बताते हुए कहा कि यह हास्यास्पद और अस्वीकार्य है कि एक सांसद मेर...
यूपी में नहीं बढ़ेंगी कीमतें, बढ़ेगा आबकारी का राजस्व

यूपी में नहीं बढ़ेंगी कीमतें, बढ़ेगा आबकारी का राजस्व

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*- योगी सरकार की नई आबकारी नीति को एक्साइज कमिश्नर ने किया स्पष्ट* *- राजस्व बढ़ाने के लिए किये गये हैं कई उपाय, फिर भी नहीं बढ़ेंगी शराब की कीमतें* *- पांच रुपए सस्ती मिलेगी यूपीएमएल की 42.8 डिग्री की शराब* *- 36 डिग्री यूपीएमएल की नई श्रेणी को भी किया गया है इंट्रोड्यूस* *- 25 और 36 डिग्री शीरे वाली शराबों के रेट में भी नहीं हुआ है कोई परिवर्तन* *- पहले ग्रेन अल्कोहल को हरियाणा और पंजाब से किया जाता था इम्पोर्ट, अब यूपी में बन रही* *- देसी शराब की कैटगरी को भी नौ से घटाकार किया गया चार* *- नई नीति से 2024-25 में 50 हजार करोड़ से अधिक का राजस्व अर्जित करने का लक्ष्य* *लखनऊ, 20 दिसंबर।* योगी सरकार की नई आबकारी नीति लागू होने के बाद प्रदेश में ना सिर्फ कंट्री मेड शराब की कीमतों में कमी आएगी, बल्कि सरकार के खजाने को भी समृद्ध किया जा सकेगा। प्रदेश के आबकारी आयुक्...