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<strong>विश्व शिक्षक दिवस – 5 अक्टूबर 2023 पर विशेष</strong>

विश्व शिक्षक दिवस – 5 अक्टूबर 2023 पर विशेष

BREAKING NEWS, TOP STORIES, राष्ट्रीय, सामाजिक
विश्व एक परिवार की भांति विश्व-शिक्षा भी एक हो- ललित गर्ग -दुुनिया की बहुत बड़ी शक्ति होती है-शिक्षक, उनकी प्रासंगिकता, अनिवार्यता और उपयोगिता कभी समाप्त नहीं हो सकती। शिक्षकों के कंधों पर ही उन्नत विश्व के निर्माण का गुरुत्तर दायित्व होता है। यदि इस दायित्व में थोड़ी-सी भूल रह जाती है तो समाज, राष्ट्र एवं विश्व के निर्माण की नींव खोखली रह जाती है। इसी बात को ध्यान में रखते हुए संयुक्त राष्ट्र संघ की महत्वपूर्ण इकाई संयुक्त राष्ट्र शैक्षिक, वैज्ञानिक एवं सांस्कृतिक संगठन (यूनेस्को) द्वारा विश्व शिक्षक दिवस की शुरूआत 5 अक्टूबर, 1994 को गयी थी। इसका उद्देश्य विश्वभर के शिक्षकों द्वारा विश्व के लगभग दो अरब पचास करोड़ बच्चों के जीवन निर्माण मंे दिये जा रहे महत्वपूर्ण योगदान पर विचार-विमर्श करना है। यूनेस्को अपने कार्यक्रमों के द्वारा विश्व को शिक्षा, विज्ञान, शांति एवं प्रगति का सन्देश देने क...
काव्य की उपेक्षिताएं: भारतीय जीवन दृष्टि

काव्य की उपेक्षिताएं: भारतीय जीवन दृष्टि

TOP STORIES, साहित्य संवाद
रवीन्द्रनाथ का निबंध काव्य की उपेक्षिताएं पढ़ रहा था। प्रिय भाई शिव कुमार ने अपनी वाल पर लगाया है। उस निबंध के केन्द्र में रामायण की पात्र उर्मिला है। कविवर मानते हैं कि आदिकवि ने उर्मिला के साथ न्याय नहीं किया। वे अत्यंत भावुक होकर सोचते हैं और भावुकता उन्हें आत्ममुग्धता के तट पर ले जाती हैं-जहां उन्हें यह अनुभव होता है कि जो वाल्मीकि नहीं देख सके, वह मैं देख पा रहा। मैं तो अश्रुपात के साथ बहा जा रहा! साहित्य की भावभूमि स्वतंत्र होती है। वहां कोई बंधन नहीं होता। कवि, नाटककार और उपन्यासकार अपनी दृष्टि से पात्रों को गढ़ते हैं। भवभूति की सीता वाल्मीकि की सीता से भिन्न हैं। अनेक उदाहरण दिये जा सकते हैं। किन्तु रामायण के संदर्भ महत्वपूर्ण क्या है? उसके प्रतिपाद्य क्या हैं? रामायण के अनेकानेक छोटे-बड़े पात्र अमर हैं। किन्तु उनकी कोई स्वतंत्र सत्ता महाभारत के पात्रों की तरह नहीं है। वे सभी ...
5 अक्टूबर 1524 रानी दुर्गावती का जन्मदिन

5 अक्टूबर 1524 रानी दुर्गावती का जन्मदिन

EXCLUSIVE NEWS, TOP STORIES, सामाजिक
दुर्गावती से युद्घ में ही मारा गया था शेरशाह सूरी ---रमेश शर्मा सामान्यतः हम रानी दुर्गावती को गोंडवाना की महारानी के रूप में जानते हैं । और यह भी जानते हैं कि उन्होंने अकबर के आक्रमण का पुरजोर उत्तर दिया था वे आसफ खाँ की उस कुटिल रणनीति का शिकार बनीं थीं जो उसने जबलपुर के नरई नाले पर धोखे की जमावट की थी । इसी स्थान पर रानी का बलिदान हुआ था । पर यह कितने लोग जानते हैं कि आक्रांता शेरशाह सूरी की मौत कालिंजर के युद्ध में वीरांगना दुर्गावती के प्रहारों से ही हुई थी ।कालिंजर का किला उत्तर प्रदेश के बांदा जिले में स्थित है । इस किले और इस क्षेत्र कालिंजर दोनों का इतिहास भारत में हर युग की घटनाओं से जुड़ा है । यदि पुराण काल में विविध नामों से कालिंजर का उल्लेख मिलता है तो मौर्य काल और गुप्त काल में भी । यह कालिंजर का आकर्षण ही है कि लगभग प्रत्येक आक्रांता ने यहाँ हमला बोला । मेहमूद गज...
जातीय जनगणना की राजनीति

जातीय जनगणना की राजनीति

BREAKING NEWS, TOP STORIES, राष्ट्रीय, सामाजिक
अवधेश कुमारइसमें दो राय नहीं कि जातीय जनगणना 2024 लोकसभा चुनाव में आईएनडीआईए की ओर से एक बड़ा मुद्दा बन चुका है। बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार को संपूर्ण गठबंधन से वाहवाही मिल रही है। उनके पास कहने के लिए भी है कि मैंने जो कहा उसे कर दिखाया। यानी जो मैं कर सकता हूं वह सभी राज्य कर सकते हैं और देश भी। पहली नजर में यह तर्क सामान्य तौर पर गले उतरता है कि आरक्षण का आधार जातियां है तो क्यों न देख लिया जाए कि कहां किस जाति की कितनी संख्या है तथा उनकी आर्थिक, सामाजिक, शैक्षणिक स्थितियां क्या हैं? जातीय जनगणना के पक्ष में सबसे सबल तर्क यही है। बिहार में नीतीश सरकार ने इसके आंकड़े जारी किए हैं तो देश अवश्य देखेगा कि इनका इस्तेमाल वहां किस तरीके से होता है। बिहार सरकार कह रही है कि सरकार की नीतियों में इन आंकड़ों की वास्तविकता दिखाई देगी। इसके मायने क्या हैं?क्या गणना में जिस जाति की जितनी स...
विराट अध्ययनशीलता, प्रशान्त विवेक और निर्भय सर्जना: श्री गुरूदत्त जी

विराट अध्ययनशीलता, प्रशान्त विवेक और निर्भय सर्जना: श्री गुरूदत्त जी

TOP STORIES, धर्म, साहित्य संवाद
-प्रो. रामेश्वर मिश्र पंकज (30 सितम्बर 2023 को भारतीय धरोहर द्वारा आयोजित स्वर्गीय गुरूदत्त जी के सम्मान समारोह में दिये गये वक्तव्य का सार)पितृपक्ष के इस प्रथम दिन में हमारे पूज्य पितरों को श्रद्धांजलि देने की परंपरा के क्रम में भारतीय धरोहर ने संस्कृति की रक्षा के लिये किये गये पुरूषार्थी लोगों के सम्मान समारोह का एक क्रम चलाया है, जिसमें आज स्वर्गीय श्री गुरूदत्त जी को श्रद्धांजलि देेते हुये गौरव का अनुभव हो रहा है। वार्षिक सम्मान पितृपक्ष में ही दिया जाये, ऐसी कोई परंपरा नहीं है परंतु इस बार का संयोग जो जुट गया है, वह स्वयं में प्रसन्नता की बात है। भारतीय धरोहर के सभी न्यासियों और संरक्षकों तथा अधिकारियों और कार्यकर्ताओं सहित सभी आयोजकों कों साधुवाद। 1945-50 ईस्वी के बाद हिन्दी में जो भी प्रसिद्ध लेखक हुये उनमें विज्ञान के विधिवत अध्येता दो ही प्रसिद्ध हैं, स्वर्गीय श्री गुरूदत्...
भारत में बेरोजगारी की समस्या का हल निकालने में मिल रही है सफलता

भारत में बेरोजगारी की समस्या का हल निकालने में मिल रही है सफलता

BREAKING NEWS, TOP STORIES, समाचार
भारतीय सनातनी वेदों एवं ग्रंथो में इस बात के कई प्रमाण मिलते हैं, जिससे यह सिद्ध होता है कि भारत सदैव ही आर्थिक रूप से सम्पन्न देश रहा है एवं भारत के समस्त नागरिकों के लिए रोजगार के भरपूर अवसर उपलब्ध रहे हैं। मुद्रा स्फीति, आय की असमानता, बेरोजगारी एवं ऋण के भारी बोझ के तले दबे रहना जैसे शब्दों का तो प्राचीन भारत के आर्थिक इतिहास में वर्णन नहीं के बराबर मिलता है। भारत के समस्त नागरिकों की पर्याप्त मात्रा में आय होती थी जिससे वह अपने परिवार का आसानी से गुजर बसर कर पाते थे एवं समाज में समस्त नागरिक प्रसन्नता पूर्वक रहते थे। दरअसल प्राचीन भारत के उस खंडकाल में नागरिकों में उद्यमशीलता अपने चरम पर थी। परिवार के जमे जमाए व्यवसाय पीढ़ी दर पीढ़ी सफलतापूर्वक आगे चलते रहते थे एवं परिवार के सदस्यों के आय अर्जन का मुख स्त्रोत बने रहते थे। इस दृष्टि से नागरिकों को सामान्यतः नौकरी के लिए परिवार के ...
उत्तर प्रदेश का वातावरण अशांत करने का षड्यंत्र आखिर कौन कर रहा ?

उत्तर प्रदेश का वातावरण अशांत करने का षड्यंत्र आखिर कौन कर रहा ?

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सामाजिक समरसता के लिए एकजुट होने का समयमृत्युंजय दीक्षितउत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ प्रदेश की कानून व्यवस्था को सुदृढ़ करने के लिए संकल्पवान हैं। वे स्वयं कानून व्यवस्था की छोटी से छोटी घटना पर पैनी दृष्टि रखते हैं और यही कारण है कि आज प्रदेश के जमनमानस में सुरक्षा का भाव जाग्रत हुआ है। प्रदेश की बेटियों में मनोबल ऊंचा हुआ है। मुख्यमंत्री ने स्पष्ट घोषणा कर रखी है कि यदि कोई शोहदा या अराजक तत्व किसी बहन- बेटी की सुरक्षा में सेंधमारी का प्रयास करेगा तो अगले चौराहे पर यमराज ही दिखलायी पड़ेंगे। मुख्यमंत्री की इस घोषणा का प्रभाव भी दिखाई पड़ रहा है।महिला सुरक्षा की चिंता करने के कारण भगवा धारी महंत मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की लोकप्रियता मुस्लिम महिलाओं के बीच भी तेजी से बढ़ रही है जिसके कारण मुस्लिम तुष्टिकरण की राजनीति करने वालों के मन में अशांति होना स्वाभाविक है। सपा, बसपा, का...
संस्कार की जरूरत स्त्री व पुरुष दोनों को है।

संस्कार की जरूरत स्त्री व पुरुष दोनों को है।

TOP STORIES, विश्लेषण, साहित्य संवाद
हम आए रोज देखते है कि कुत्ते को अधिकार है कि वह कहीं भी यूरिन पास कर सकता है, और कैसे भी कर सकता है। लेकिन सभ्य पुरुष को यह अधिकार नहीं है, उसे सभ्यता से बन्द टॉयलेट का उपयोग करना होगा। यहां बात उन पुरुषों की भी है जो सरेआम कहीं भी खड़े होकर कुत्तों की तरह ऐसा कृत्य करते है उन्हे पुरुष होने का महत्व अपने जीवन में उतारना होगा। क्या वो अपने घर की बहन बेटियों के सामने भी ऐसे ही करते है। इसी तरह पशु को अधिकार है नग्न घूमने का, लेकिन सभ्य स्त्री को उचित वस्त्र का उपयोग सार्वजनिक जीवन में करना ही होगा। तभी वो वास्तविक आधुनिक कहलाने की हकदार है। *-डॉ. सत्यवान सौरभ* हमारा जीवन और व्यवहार ही नहीं ये सम्पूर्ण सृष्टि नियमों में बंधी है। अगर वो नियम टूटेंगे तो परिणाम विपरीत ही होंगे। किसी अज्ञात ने कहा है कि जिस प्रकार किसी को मनचाही स्पीड में गाड़ी चलाने का अधिकार नहीं है, क्योंकि रोड सार्...
वन नेशन वन इलेक्शन एक अच्छी योजना है ।

वन नेशन वन इलेक्शन एक अच्छी योजना है ।

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क्या वन नेशन वन इलेक्शन नीति कंजुसाई (पैसा बचाने की नीति) सोच नहीं है , मैं नहीं विपक्षी (लीब्रां डू गेंग) सोच रहा है, क्या पैसा बचाना लोकतंत्र की हत्या माना जाएगा ?वन नेशन वन इलेक्शन एक अच्छी योजना है । इसके फायदे ज्यादा हैं , नुकसान कम हैं । अमेरिका में भी चुनाव का निश्चित टाइम टेबल है । नवंबर माह के प्रथम मंगलवार को चुनाव हर चौथे साल होते हैं । नई सरकार उसके 3 महीने बाद 20 जनवरी को शपथ ग्रहण करती है । बीच के 3 महीने अनाड़ी लोगों को ट्रेनिंग देने के लिए होते हैं कि सरकार चलाने में क्या करना है और क्या नहीं करना है । वहां सरकार 4 साल के लिए चुनी जाती है । केंद्रीय सरकार में राष्ट्रपति का चुनाव उपराष्ट्रपति के साथ जनता द्वारा सीधे होता है । उसी समय राज्यों के गवर्नर का चुनाव भी होता है । राष्ट्रपति के इस्तीफा देने, मृत्यु या महाभियोग की स्थिति में उपराष्ट्रपति जो उसी पार्ट...
बिहार में जाति जनगणना के जो परिणाम आए हैं, उससे क्या सीख मिलती है?

बिहार में जाति जनगणना के जो परिणाम आए हैं, उससे क्या सीख मिलती है?

TOP STORIES, राज्य, विश्लेषण, साहित्य संवाद
बिहार में जाति जनगणना के जो परिणाम आए हैं, उससे क्या सीख मिलती है?उससे ये सीख मिलती है कि हिन्दू शून्य हैं और मुसलमान 17 प्रतिशत। हिन्दू कहाँ हैं? कहाँ हैं हिन्दू? भूमिहार 2.86% हैं, ब्राह्मण 3.66% हैं, राजपूत 3.45% हैं, कुर्मी 2.87% हैं, कोइरी 4.2% हैं, यादव 14.26% हैं। हिन्दू तो हैं ही नहीं। हाँ, मुसलमान ज़रूर 17% हैं। आप शुरू होगा इन्हें लड़ाने का असली खेल। जो जातियाँ जनसंख्या में कम रह गई हैं, उनका नरसंहार भी होगा तो कोई फर्क नहीं पड़ेगा। जिन जातियों के लोगों की जनसंख्या कम है, वो किसी पर झूठा आरोप भी लगा दें तो पूरा का पूरा सिस्टम कार्रवाई में लग जाएगा। लालू-नीतीश अब तुष्टिकरण की हद पार करने वाले हैं। बिहार में हैं अगर आप तो सावधान रहिए, या फिर बिहार छोड़ दीजिए। कम से कम बच्चों को बाहर ही भेज दीजिए। बिहार अब रहने लायक नहीं रहा। यहाँ अब राजनीति का एक नया अध्याय लिखा जा रहा...