
पंचांग में चंद्रमा की गणितीय गणना का महत्व
पंचांग का महत्व अब भी है और इसी के अनुसार आमजन आज भी अपने कार्यक्रम तय करते हैं
- राजू रंजन प्रसाद-
पंचांग (पांच अंग ) संस्कृत भाषा का शब्द है, जो ‘तिथि’, ‘वार’, ‘नक्षत्र’, ‘योग’ तथा ‘करण’ को संकेतित करता है। ‘तिथि’, दिनांक अर्थात् तारीख बताती है तो ‘वार’, दिन (यथा रविवार, सोमवार आदि) द्योतित करता है। ‘नक्षत्र’ बतलाता है कि चंद्रमा, तारों के किस समूह में है तथा ‘योग’ इस बात की जानकारी देता है कि सूर्य और चंद्रमा के भोगांशों का योग क्या है। ‘तिथि’ के आधे हिस्से को ‘करण’ कहा गया है।
आजकल जो पंचांग हमें उपलब्ध हैं उनमें उपर्युक्त पांच चीजों के अतिरिक्त भी, यथा अंग्रेजी तारीख, दिनमान (अर्थात् सूर्योदय से सूर्यास्त के बीच की अवधि), चंद्रमा के उदय और अस्त का समय, तथा चुने हुए दिनों पर आकाश में ग्रहों की स्थिति आदि के साथ फलित ज्योतिष की बहुत-सी बातें लिखी रहती हैं।आजकल पंचांग इ...