Shadow

TOP STORIES

योग सशक्त माध्यम है महिला सशक्तीकरण एवं शांति का

योग सशक्त माध्यम है महिला सशक्तीकरण एवं शांति का

BREAKING NEWS, Today News, TOP STORIES, समाचार
अन्तर्राष्ट्रीय योग दिवस, 21 जून, 2024 पर विशेष- ललित गर्ग -मनुष्य के सम्मुख युद्ध, महामारी, महंगाई, बेरोजगारी, प्रतिस्पर्धा के कारण जीवन का संकट खड़ा है। मानसिक संतुलन अस्त-व्यस्त हो रहा है। मानसिक संतुलन का अर्थ है विभिन्न परिस्थितियों में तालमेल स्थापित करना, जिसका सशक्त एवं प्रभावी माध्यम योग ही है। योग एक ऐसी तकनीक है, एक विज्ञान है जो हमारे शरीर, मन, विचार एवं आत्मा को स्वस्थ करती है। यह हमारे तनाव एवं कुंठा को दूर करती है। जब हम योग करते हैं, श्वासों पर ध्यान केन्द्रित करते हैं, प्राणायाम और कसरत करते हैं तो यह सब हमारे शरीर और मन को भीतर से खुश और प्रफुल्लित रहने के लिये प्रेरित करती है। योग ने सिर्फ शरीर को बल्कि मंन को भी शांति और एकाग्रचित करता है। योग के अभ्यास से शांतिपूर्ण मन से व्यक्ति को समाज कल्याण के लिए एक बेहतर निर्णय लेने में मदद मिलती है। इस बार 10वीं बार अंतरराष्ट्र...
उत्तर प्रदेश: भाजपा क्यों हारी-सपा क्यों जीती?

उत्तर प्रदेश: भाजपा क्यों हारी-सपा क्यों जीती?

BREAKING NEWS, TOP STORIES, राज्य, विश्लेषण
उत्तर प्रदेश: भाजपा क्यों हारी-सपा क्यों जीती? रजनीश कपूर‘अचानक कहीं कुछ नहीं होता, अंदर ही अंदर कुछ घिस रहा होता है, कुछ पिस रहा होता है।’ इन पंक्तियों में कवि ने इसबात पर इशारा किया है कि किसी भी काम का विपरीत अंजाम आने पर हमें ऐसा क्यों लगता है कि ऐसा कैसे हो गया?जबकि उसके पीछे के कारणों पर कोई ध्यान नहीं देता। ऐसा ही कुछ हुआ 2024 के उत्तर प्रदेश में लोकसभा चुनावों केपरिणामों के बाद। यहाँ बीजेपी को पहले के मुक़ाबले इस बार बहुत कम सीटें मिलीं। ऐसा क्या कारण था कि भाजपा काप्रदर्शन इतना बुरा रहा? अयोध्या में भव्य राम मंदिर का निर्माण। अनुच्छेद 370 का हटाना। तीन तलाक़ को ख़त्म करना। येऐसे कुछ मुद्दे थे जिन पर भाजपा को पूरा विश्वास था कि वह ‘अबकी बार 400 पार’ के अपने नारे को सच कर दिखाएँगे।परंतु ऐसा न हो सका।ऐसा माना जाता है कि दिल्ली की गद्दी का रास्ता लखनऊ से होकर जाता है। इस बार के चु...
आर्थिक विकास के दृष्टि से वित्तीय वर्ष 2023-24 भारत के लिए महत्वपूर्ण साबित हुआ

आर्थिक विकास के दृष्टि से वित्तीय वर्ष 2023-24 भारत के लिए महत्वपूर्ण साबित हुआ

EXCLUSIVE NEWS, TOP STORIES, आर्थिक, विश्लेषण
आर्थिक विकास के दृष्टि से वित्तीय वर्ष 2023-24 भारत के लिए महत्वपूर्ण साबित हुआ हाल ही में वित्तीय वर्ष 2023-24 के दौरान भारतीय अर्थव्यवस्था में हुए विकास से सम्बंधित आंकड़े जारी किये गए है। इसके अनुसार वित्तीय वर्ष 2023-24 में भारत के सकल घरेलू उत्पाद में 8.2 प्रतिशत की वृद्धि दर्ज की गई है जबकि वित्तीय वर्ष 2022-23 में भारत की आर्थिक विकास दर 7 प्रतिशत की रही थी। भारतीय रिजर्व बैंक एवं वैश्विक स्तर पर कार्यरत विभिन्न वित्तीय संस्थानों ने वित्तीय वर्ष 2023-24 में भारत की आर्थिक विकास दर का अनुमान लगाते हुए कहा था कि यह 7 प्रतिशत के आसपास रहेगी। परंतु, वित्तीय 2023-24 के दौरान भारत की आर्थिक विकास दर इन अनुमानों से कहीं अधिक रही है। वित्तीय वर्ष 2023-24 की चौथी तिमाही में भी भारत की आर्थिक विकास दर 7.8 प्रतिशत रही है जो पिछले वित्तीय वर्ष की चौथी तिमाही में 6.1 प्रतिशत रही थी। पूरे विश...
सफल भी एवं सक्षम भी होगी मोदी की तीसरी पारी

सफल भी एवं सक्षम भी होगी मोदी की तीसरी पारी

BREAKING NEWS, TOP STORIES, राज्य, राष्ट्रीय
-ः ललित गर्ग:-एक और इतिहास रचते हुए नरेन्द्र मोदी ने तीसरी बार देश के प्रधानमंत्री पद की शपथ ली। इसके साथ ही वह पंडित जवाहरलाल नेहरू के बाद लगातार तीसरा कार्यकाल हासिल करने वाले पहले प्रधानमंत्री बन गए। यह देश ही नहीं दुनिया के लिए एक अद्भुत एवं विलक्षण राजनीतिक घटना है, क्योंकि दुनिया में बहुत कम शासनाध्यक्षों को यह सौभाग्य प्राप्त हुआ। मोदी के इस तीसरे कार्यकाल पर देश-दुनिया की नजरें इसलिये भी टिकी हैं कि मोदी सरकार 3.0 का अजेंडा पिछली गठबंधन सरकारों से अलग होकर भी सशक्त है। 2047 तक भारत को विकसित राष्ट्र बनाने के लक्ष्य को लेकर काम करने वाली इस सरकार में 71 मंत्रियों ने प्रधानमंत्री के साथ शपथ ली। मोदी के करिश्माई नेतृत्व में पिछले दस साल में देश को विकास के कहीं ज्यादा ऊंचे मुकाम पर खड़े करते हुए दुनिया को चौंकाया है। 11वीं सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था से हम पांचवीं सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था ब...
भाजपा जानती है गठबंधन सरकार का धर्म

भाजपा जानती है गठबंधन सरकार का धर्म

BREAKING NEWS, TOP STORIES, विश्लेषण, सामाजिक
भाजपा जानती है गठबंधन सरकार का धर्म आर.के. सिन्हा नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में राष्ट्रीय लोकतांत्रिक गठबंधन (एनडीए) ने रविवार को शपथ ग्रहण समारोह के बाद अपना कामकाज संभाल लिया है। यह पहली बार नहीं है जब भारतीय जनता पार्टी गठबंधन सरकार का नेतृत्व करेगी। वास्तव में, भाजपा की पहली सरकार, जो 1996 में गठित हुई थी, अटल बिहारी वाजपेयी के नेतृत्व में एक गठबंधन की सफल प्रयोग वाली सरकार थी। भले ही वह केवल 13 दिनों तक चली। अटल जी 1998 में राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (एनडीए) सरकार के प्रधानमंत्री के रूप में पुनः वापस आए थे। इसलिए यह कहना सरासर गलत होगा कि भाजपा को गठबंधन सरकारों का नेतृत्व करने का अनुभव नहीं है। भाजपा को 2014 में 283 और 2019  में 303 सीटें मिली थीं। उन जीतों में मोदी जी की सबसे अहम भूमिका रही थी...
This is a World Environment Day with a difference,

This is a World Environment Day with a difference,

EXCLUSIVE NEWS, TOP STORIES, प्रेस विज्ञप्ति, सामाजिक
Sunita Narain Lays down an action agenda for the new government in India;says India “needs a new imagination in the designof its development schemes” “It is that day of the year, once again. June 5 is here, a day when all of us renew our pledge to protect the environment. But this year, the day has come with more meaning for us in India. A new government is preparing to take charge in the country, and we believe it is time to recommit to an agenda of development -- one which is inclusive and affordable and hence, sustainable for all. And June 5 is the appropriate date to make that commitment once again,” says Sunita Narain, director general, Centre for Science and Environment (CSE) in a new podcast and video released by CSE to mark World Environment Day. Sunita Narain’s Call to A...
अग्निपथ॰॰अग्निपथ ॰॰अग्निपथ?

अग्निपथ॰॰अग्निपथ ॰॰अग्निपथ?

BREAKING NEWS, TOP STORIES, समाचार, साहित्य संवाद
अग्निपथ॰॰अग्निपथ ॰॰अग्निपथ?* ‘अग्निपथ’ योजना को भाजपा और मोदी सरकार सशस्त्र बलों की गेम-चेंजर और युवा शक्ति के जरिये सेना की ताकत बढ़ाने वाली बताती रही है, लेकिन इस योजना के दीर्घकालिक प्रभावों को लेकर सवाल गाहे-बगाहे उठते रहे हैं। यद्यपि जून 2022 में शुरू की गई अग्निपथ योजना फिलहाल गहन विभागीय जांच के अधीन है, लेकिन विशेषकर, विपक्ष को यह मुद्दा आम चुनाव के दौरान सर्वाधिक रास आया है। जिन इलाकों से ज्यादा युवा सेना में आते रहे हैं उन इलाकों में कांग्रेस ने सरकार पर तीखे हमले इस योजना को लेकर किये हैं। इस योजना के अंतर्गत सिर्फ पच्चीस फीसदी अग्निवीरों की सेवाओं को बरकरार रखने का प्रावधान है। यही वजह है कि चार साल का कार्यकाल पूरा होने पर सेवा से बाहर होने वाले अग्निवीरों का मुद्दा राजनीतिक हलकों में विवादास्पद रहा है। यही वजह है कि कांग्रेस ने अपने आम चुनाव 2024 के घोषणापत्र में वायदा...
दहेज की सूची का पंजीकरण

दहेज की सूची का पंजीकरण

EXCLUSIVE NEWS, TOP STORIES, राष्ट्रीय, सामाजिक
दहेज की सूची का पंजीकरण**********_-राजेश बैरागी-_क्या शादी ब्याह में दिए और लिए जाने वाले उपहार आदि की सूची को पंजीकृत दस्तावेज बना देने से वैवाहिक विवादों पर अंकुश लगाया जा सकता है?शादी ब्याह में उपहार और नकदी के रूप में दिए और वसूले जाने वाले दहेज को इलाहाबाद उच्च न्यायालय के एक आदेश से संस्थागत रूप मिल गया है।अब दुल्हा-दुल्हन दोनों पक्षों को लिखित में यह घोषित करना होगा कि उनके बीच कितने और कैसे उपहार आदि का लेन-देन हुआ है।हालांकि अभी यह केवल उन शादी ब्याहों पर लागू होगा जो हिंदू विवाह पंजीयक के यहां पंजीकृत होंगे।जो शादी पंजीकृत नहीं होंगी,उनका क्या होगा? और शादी पंजीकरण के समय प्रस्तुत की जाने वाली सूची क्या वैवाहिक संबंधों में दिए जाने वाले उपहार और नकदी की अंतिम सूची हो सकती है? मैं वर्षों से शादी ब्याह के समय समाज के समक्ष गर्व के साथ पढ़ी जाने वाली दहेज की सूची को दो प्रतियों में...
सब क्रिएटर बन गये तो दर्शक कौन

सब क्रिएटर बन गये तो दर्शक कौन

EXCLUSIVE NEWS, TOP STORIES, राष्ट्रीय, साहित्य संवाद
याद कीजिए,वर्ष 1995 में जब इंटरनेट की शुरुआत हुई या 1990 के दशक के अंत में गूगल सर्च या 2005 में यूट्यूब के साथ स्ट्रीमिंग वीडियो आया तब बहुत सी बातें इतनी स्पष्ट और आम नहीं थीं।यहां तक कि जब सोशल मीडिया जैसे कि फेसबुक (2004) और ट्विटर (2006 में अब एक्स) ने दस्तक दी थी तब भी चीजें इतनी स्पष्ट नहीं थीं। इसका सार यह है कि अब यह वैश्विक मीडिया अर्थव्यवस्था के कारोबारी और रचनात्मक दोनों हिस्सों को प्रभावित कर रहा है। इन सभी बदलावों में से दो बड़े बदलाव अब स्पष्ट रूप से दिख रहे हैं। पहला- कलाकारों और दर्शकों को अलग करने वाली सभी बाधाओं को खत्म करना है। जब भी कोई फिल्म रिलीज होती है या कोई शो आता है तब एक्स या इंस्टाग्राम पर आपको जबरदस्त तरीके से मीम, कमेंट, समीक्षाएं देखने को मिलती हैं। अधिकांशतः आम लोग यह बताने में बहुत खुशी महसूस करते हैं कि उन्हें किसी किताब, नाटक या कलाकृति में क्या...
बचिए, फ़र्ज़ी समीक्षा बाज़ार से

बचिए, फ़र्ज़ी समीक्षा बाज़ार से

EXCLUSIVE NEWS, TOP STORIES, घोटाला, विश्लेषण, सामाजिक
इन दिनों डिजिटल स्वरूप में सूचनाओं की बाढ़ ने खबरों और सूचनाओं के उपभोग करने के तरीके को भी मौलिक रूप से बदल दिया है और इससे यह पता करना ही मुश्किल हो गया है कि कौन सी जानकारी फर्जी है और कौन सी प्रामाणिक। देश में आम चुनाव अपने अंतिम पायदान पर है और ऐसे क़िस्सों की बाढ़ आई हुई है।आज जब दुनिया फर्जी खबरों से निपटने के लिए जूझ रही है, डिजिटलीकरण का एक और पहलू नियामकों और अन्य हितधारकों को परेशान कर रहा है, वह है ई-कॉमर्स वेबसाइटों पर फर्जी ऑनलाइन समीक्षाओं की समस्या। अब देश का उपभोक्ता मामलों का विभाग,उपभोक्ता समीक्षाओं के लिए गुणवत्ता मानकों और नियम-कायदों को लागू करने की तैयारी कर रहा है, डीसीए की सभी हितधारकों या साझेदारों के साथ हुई बैठक में शामिल ई-कॉमर्स कंपनियों ने भी सरकार की इस पहल का समर्थन किया है। प्रस्तावित गुणवत्ता नियंत्रण आदेश से संभवत: पूर्वग्रहों और पक्षपात के साथ उ...