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भारत की सावरेन क्रेडिट रेटिंग को अपग्रेड करने पर हो रहा है विचार

भारत की सावरेन क्रेडिट रेटिंग को अपग्रेड करने पर हो रहा है विचार

BREAKING NEWS, TOP STORIES, आर्थिक, समाचार
वैश्विक स्तर पर विभिन्न देशों की सावरेन क्रेडिट रेटिंग पर कार्य कर रही संस्था स्टैंडर्ड एंड पूअर ने हाल ही में भारतीय अर्थव्यवस्था का आंकलन करते हुए भारत के सम्बंध में अपने दृष्टिकोण को सकारात्मक किया है एवं कहा है कि वह भारत की सावरेन क्रेडिट रेटिंग को अपग्रेड करने के उद्देश्य से भारत के आर्थिक विकास सम्बंधी विभिन्न पैमानों का एवं भारत के राजकोषीय घाटे से सम्बंधित आंकड़ों का लगातार अध्ययन एवं विश्लेषण कर रहा है। यदि उक्त दोनों क्षेत्रों में लगातार सुधार दिखाई देता है तो भारत की सावरेन क्रेडिट रेटिंग को अपग्रेड किया जा सकता है। वर्तमान में भारत की सावरेन क्रेडिट रेटिंग BBB- है, जो निवेश के लिए सबसे कम रेटिंग की श्रेणी में गिनी जाती है।  किसी भी देश की सावरेन क्रेडिट रेटिंग को यदि अपग्रेड किया जाता है तो इससे उस देश में विदेशी निवेश बढ़ने लगते हैं क्योंकि निवेशकों का इन देशों म...
भीषण गर्मी से खुला काम करने वाले मजदूरों को सबसे ज्यादा नुकसान क्यों ?

भीषण गर्मी से खुला काम करने वाले मजदूरों को सबसे ज्यादा नुकसान क्यों ?

BREAKING NEWS, TOP STORIES, राष्ट्रीय, समाचार, साहित्य संवाद
भारत में हाल ही में आई भीषण गर्मी से डेली वर्कर्स, विशेषकर डिलीवरी कर्मियों, ईंट-भट्ठों पर काम करने वालों और दिहाड़ीदार मजदूरों के लिए कामकाजी परिस्थितियां गंभीर हो गई हैं। भीषण गर्मी ने खुला काम करने वाले  वर्कर्स के लिए कठोर कार्य स्थितियों और उनके सामने आने वाली चुनौतियों को उजागर किया है। इस भीषण गर्मी में कई लोग खुले वातावरण और गर्म मौसम में काम करने के लिए मजबूर हैं। अगर वे काम नहीं करेंगे, तो उनके घर खाना नहीं पकेगा। यह उनके जीवन-यापन का एकमात्र साधन है। ऐसे  लोग अक्सर काफी गरीबी में जीने के लिए विवश होते हैं। साफ पानी जैसी आधारभूत सुविधाओं से वंचित झुग्गियों के घर टिन या तारपोलिन की छतों के नीचे तपती गर्मी झेलते हैं। चूंकि ये काम ज्यादातर खुले वातावरण में ही करने पड़ते हैं, तो भीषण गर्मी में इन लोगों के बीमार पड़ने का खतरा भी ज्यादा रहता है।इनकी ज...
भारतीय रेल: मंत्रि जी कृपया ध्यान दें!

भारतीय रेल: मंत्रि जी कृपया ध्यान दें!

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भारतीय रेल: मंत्रि जी कृपया ध्यान दें!रजनीश कपूरशायद ही कोई ऐसा व्यक्ति होगा जिसने कभी ना कभी रेल यात्रा न की हो। रेलवे स्टेशन पर सुनाई देने वाली घोषणा कीशुरुआत ‘यात्रीगण कृपया ध्यान दें’ से ही होती है। इसका उद्देश्य सभी मौजूद यात्रियों का ध्यान आकर्षित करना होता है। यहतो हुई एक साधारण बात। परंतु बीते कुछ वर्षों में हो रहे रेल हादसों के बाद से अब इस घोषणा का सीधा सम्बंध भारतीयरेल से प्रत्यक्ष या अप्रत्यक्ष रूप से जुड़े मंत्रियों और अफ़सरों से है। बढ़ते हुए रेल हादसों के चलते अब भी अगर संबंधित मंत्रीऔर अधिकारी नहीं जागेंगे तो कब जागेंगे?देश की जीवन रेखा माने जाने वाली भारतीय रेल हर ख़ास-ओ-आम आदमी के लिए देश के किसी भी कोने से दूसरे कोने तकयात्रा करने का सस्ता और भरोसेमंद साधन है। हर यात्री को इस बात का भरोसा होता था कि देर-सेवर वो अपने गंतव्य तकपहुँच ही जाएगा। ज्यों-ज्यों देश की आबादी बढ़ी...
योग सशक्त माध्यम है महिला सशक्तीकरण एवं शांति का

योग सशक्त माध्यम है महिला सशक्तीकरण एवं शांति का

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अन्तर्राष्ट्रीय योग दिवस, 21 जून, 2024 पर विशेष- ललित गर्ग -मनुष्य के सम्मुख युद्ध, महामारी, महंगाई, बेरोजगारी, प्रतिस्पर्धा के कारण जीवन का संकट खड़ा है। मानसिक संतुलन अस्त-व्यस्त हो रहा है। मानसिक संतुलन का अर्थ है विभिन्न परिस्थितियों में तालमेल स्थापित करना, जिसका सशक्त एवं प्रभावी माध्यम योग ही है। योग एक ऐसी तकनीक है, एक विज्ञान है जो हमारे शरीर, मन, विचार एवं आत्मा को स्वस्थ करती है। यह हमारे तनाव एवं कुंठा को दूर करती है। जब हम योग करते हैं, श्वासों पर ध्यान केन्द्रित करते हैं, प्राणायाम और कसरत करते हैं तो यह सब हमारे शरीर और मन को भीतर से खुश और प्रफुल्लित रहने के लिये प्रेरित करती है। योग ने सिर्फ शरीर को बल्कि मंन को भी शांति और एकाग्रचित करता है। योग के अभ्यास से शांतिपूर्ण मन से व्यक्ति को समाज कल्याण के लिए एक बेहतर निर्णय लेने में मदद मिलती है। इस बार 10वीं बार अंतरराष्ट्र...
उत्तर प्रदेश: भाजपा क्यों हारी-सपा क्यों जीती?

उत्तर प्रदेश: भाजपा क्यों हारी-सपा क्यों जीती?

BREAKING NEWS, TOP STORIES, राज्य, विश्लेषण
उत्तर प्रदेश: भाजपा क्यों हारी-सपा क्यों जीती? रजनीश कपूर‘अचानक कहीं कुछ नहीं होता, अंदर ही अंदर कुछ घिस रहा होता है, कुछ पिस रहा होता है।’ इन पंक्तियों में कवि ने इसबात पर इशारा किया है कि किसी भी काम का विपरीत अंजाम आने पर हमें ऐसा क्यों लगता है कि ऐसा कैसे हो गया?जबकि उसके पीछे के कारणों पर कोई ध्यान नहीं देता। ऐसा ही कुछ हुआ 2024 के उत्तर प्रदेश में लोकसभा चुनावों केपरिणामों के बाद। यहाँ बीजेपी को पहले के मुक़ाबले इस बार बहुत कम सीटें मिलीं। ऐसा क्या कारण था कि भाजपा काप्रदर्शन इतना बुरा रहा? अयोध्या में भव्य राम मंदिर का निर्माण। अनुच्छेद 370 का हटाना। तीन तलाक़ को ख़त्म करना। येऐसे कुछ मुद्दे थे जिन पर भाजपा को पूरा विश्वास था कि वह ‘अबकी बार 400 पार’ के अपने नारे को सच कर दिखाएँगे।परंतु ऐसा न हो सका।ऐसा माना जाता है कि दिल्ली की गद्दी का रास्ता लखनऊ से होकर जाता है। इस बार के चु...
आर्थिक विकास के दृष्टि से वित्तीय वर्ष 2023-24 भारत के लिए महत्वपूर्ण साबित हुआ

आर्थिक विकास के दृष्टि से वित्तीय वर्ष 2023-24 भारत के लिए महत्वपूर्ण साबित हुआ

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आर्थिक विकास के दृष्टि से वित्तीय वर्ष 2023-24 भारत के लिए महत्वपूर्ण साबित हुआ हाल ही में वित्तीय वर्ष 2023-24 के दौरान भारतीय अर्थव्यवस्था में हुए विकास से सम्बंधित आंकड़े जारी किये गए है। इसके अनुसार वित्तीय वर्ष 2023-24 में भारत के सकल घरेलू उत्पाद में 8.2 प्रतिशत की वृद्धि दर्ज की गई है जबकि वित्तीय वर्ष 2022-23 में भारत की आर्थिक विकास दर 7 प्रतिशत की रही थी। भारतीय रिजर्व बैंक एवं वैश्विक स्तर पर कार्यरत विभिन्न वित्तीय संस्थानों ने वित्तीय वर्ष 2023-24 में भारत की आर्थिक विकास दर का अनुमान लगाते हुए कहा था कि यह 7 प्रतिशत के आसपास रहेगी। परंतु, वित्तीय 2023-24 के दौरान भारत की आर्थिक विकास दर इन अनुमानों से कहीं अधिक रही है। वित्तीय वर्ष 2023-24 की चौथी तिमाही में भी भारत की आर्थिक विकास दर 7.8 प्रतिशत रही है जो पिछले वित्तीय वर्ष की चौथी तिमाही में 6.1 प्रतिशत रही थी। पूरे विश...
सफल भी एवं सक्षम भी होगी मोदी की तीसरी पारी

सफल भी एवं सक्षम भी होगी मोदी की तीसरी पारी

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-ः ललित गर्ग:-एक और इतिहास रचते हुए नरेन्द्र मोदी ने तीसरी बार देश के प्रधानमंत्री पद की शपथ ली। इसके साथ ही वह पंडित जवाहरलाल नेहरू के बाद लगातार तीसरा कार्यकाल हासिल करने वाले पहले प्रधानमंत्री बन गए। यह देश ही नहीं दुनिया के लिए एक अद्भुत एवं विलक्षण राजनीतिक घटना है, क्योंकि दुनिया में बहुत कम शासनाध्यक्षों को यह सौभाग्य प्राप्त हुआ। मोदी के इस तीसरे कार्यकाल पर देश-दुनिया की नजरें इसलिये भी टिकी हैं कि मोदी सरकार 3.0 का अजेंडा पिछली गठबंधन सरकारों से अलग होकर भी सशक्त है। 2047 तक भारत को विकसित राष्ट्र बनाने के लक्ष्य को लेकर काम करने वाली इस सरकार में 71 मंत्रियों ने प्रधानमंत्री के साथ शपथ ली। मोदी के करिश्माई नेतृत्व में पिछले दस साल में देश को विकास के कहीं ज्यादा ऊंचे मुकाम पर खड़े करते हुए दुनिया को चौंकाया है। 11वीं सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था से हम पांचवीं सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था ब...
भाजपा जानती है गठबंधन सरकार का धर्म

भाजपा जानती है गठबंधन सरकार का धर्म

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भाजपा जानती है गठबंधन सरकार का धर्म आर.के. सिन्हा नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में राष्ट्रीय लोकतांत्रिक गठबंधन (एनडीए) ने रविवार को शपथ ग्रहण समारोह के बाद अपना कामकाज संभाल लिया है। यह पहली बार नहीं है जब भारतीय जनता पार्टी गठबंधन सरकार का नेतृत्व करेगी। वास्तव में, भाजपा की पहली सरकार, जो 1996 में गठित हुई थी, अटल बिहारी वाजपेयी के नेतृत्व में एक गठबंधन की सफल प्रयोग वाली सरकार थी। भले ही वह केवल 13 दिनों तक चली। अटल जी 1998 में राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (एनडीए) सरकार के प्रधानमंत्री के रूप में पुनः वापस आए थे। इसलिए यह कहना सरासर गलत होगा कि भाजपा को गठबंधन सरकारों का नेतृत्व करने का अनुभव नहीं है। भाजपा को 2014 में 283 और 2019  में 303 सीटें मिली थीं। उन जीतों में मोदी जी की सबसे अहम भूमिका रही थी...
This is a World Environment Day with a difference,

This is a World Environment Day with a difference,

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Sunita Narain Lays down an action agenda for the new government in India;says India “needs a new imagination in the designof its development schemes” “It is that day of the year, once again. June 5 is here, a day when all of us renew our pledge to protect the environment. But this year, the day has come with more meaning for us in India. A new government is preparing to take charge in the country, and we believe it is time to recommit to an agenda of development -- one which is inclusive and affordable and hence, sustainable for all. And June 5 is the appropriate date to make that commitment once again,” says Sunita Narain, director general, Centre for Science and Environment (CSE) in a new podcast and video released by CSE to mark World Environment Day. Sunita Narain’s Call to A...
अग्निपथ॰॰अग्निपथ ॰॰अग्निपथ?

अग्निपथ॰॰अग्निपथ ॰॰अग्निपथ?

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अग्निपथ॰॰अग्निपथ ॰॰अग्निपथ?* ‘अग्निपथ’ योजना को भाजपा और मोदी सरकार सशस्त्र बलों की गेम-चेंजर और युवा शक्ति के जरिये सेना की ताकत बढ़ाने वाली बताती रही है, लेकिन इस योजना के दीर्घकालिक प्रभावों को लेकर सवाल गाहे-बगाहे उठते रहे हैं। यद्यपि जून 2022 में शुरू की गई अग्निपथ योजना फिलहाल गहन विभागीय जांच के अधीन है, लेकिन विशेषकर, विपक्ष को यह मुद्दा आम चुनाव के दौरान सर्वाधिक रास आया है। जिन इलाकों से ज्यादा युवा सेना में आते रहे हैं उन इलाकों में कांग्रेस ने सरकार पर तीखे हमले इस योजना को लेकर किये हैं। इस योजना के अंतर्गत सिर्फ पच्चीस फीसदी अग्निवीरों की सेवाओं को बरकरार रखने का प्रावधान है। यही वजह है कि चार साल का कार्यकाल पूरा होने पर सेवा से बाहर होने वाले अग्निवीरों का मुद्दा राजनीतिक हलकों में विवादास्पद रहा है। यही वजह है कि कांग्रेस ने अपने आम चुनाव 2024 के घोषणापत्र में वायदा...