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टोल का झोल, टैक्स पर टैक्स और खराब सड़कों के लिए टोल टैक्स क्यों?

टोल का झोल, टैक्स पर टैक्स और खराब सड़कों के लिए टोल टैक्स क्यों?

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सड़क विकास और रखरखाव के वित्तपोषण के लिए टोल एकत्र किए जाते हैं। परिणामस्वरूप, यह टोल टैक्स लगाकर नवनिर्मित टोल सड़कों की लागत की भरपाई करता है। यह टोल सड़कों के रखरखाव के लिए भी शुल्क लेता है। टोल टैक्स एनएचएआई को आय प्रदान करता है, जिसे विभिन्न निजी पार्टियों/ठेकेदारों को वितरित किया जाता है। कई ऐसी सड़कें हैं जहां बड़ी संख्या में गड्ढे मौजूद हैं। टोल सड़कें रखरखाव की बहुत खराब स्थिति में हैं। फ़ास्ट टैग प्रणालियाँ दोषपूर्ण या धीमी हैं जिसके कारण भारी देरी और असुविधा होती है। यह या तो ऑपरेटरों की अक्षमता या रखरखाव की कमी है। सरकार की ओर से बड़े-बड़े दावे करने का कोई मतलब नहीं है। इस मुद्दे को उच्चतम स्तर पर उठाया जाना चाहिए। अब इस क्षेत्र में निजी क्षेत्र की कंपनियां भी प्रवेश कर रही है। ये अपने फायदे के लिए काम करती है और खूब पैसा वसूल करती है तभी आप देख रहे है कि देश भर में अरबों ...
<strong>भारतीय रिजर्व बैंक ने नहीं बढ़ाई ब्याज दर</strong>

भारतीय रिजर्व बैंक ने नहीं बढ़ाई ब्याज दर

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वैश्विक स्तर पर आर्थिक विकास की तुलना में मुद्रास्फीति को दी जा रही है प्राथमिकताआज विश्व के समस्त देश आर्थिक विकास के एजेंडा पर कम ध्यान देते हुए मुद्रा स्फीति को नियंत्रित करने के प्रयासों पर अधिक ध्यान दे रहे हैं। हालांकि मुद्रा स्फीति को नियंत्रित करने के लिए आपूर्ति के साधनों में सुधार करने पर पूरा ध्यान होना चाहिए परंतु बाजार में उत्पादों की मांग कम करने के उद्देश्य से समस्त देश केवल ब्याज दरों में लगातार वृद्धि करते पाए जा रहे हैं। ब्याज दरों में लगातार बढ़ौतरी से न केवल वित्त की उपलब्धता पर विपरीत प्रभाव दिखाई देने लगता है बल्कि वित्त की लागत भी बढ़ने लगती है, जिससे बाजार में उत्पादों की मांग कम होने लगती है, उत्पादन गतिविधियों में ठहराव आता है, बैकों की लाभप्रदता पर विपरीत प्रभाव पड़ने लगता है एवं रोजगार के अवसर कम होने लगते हैं। कुल मिलाकर, पूरा आर्थिक चक्र ही विपरीत रूप से प्रभ...
Flying kiss: फ्लाइंग किस पर किन धाराओं में दर्ज हो सकती है FIR, कितनी सजा का प्रावधान, जानें सबकुछ

Flying kiss: फ्लाइंग किस पर किन धाराओं में दर्ज हो सकती है FIR, कितनी सजा का प्रावधान, जानें सबकुछ

BREAKING NEWS, TOP STORIES, विश्लेषण, सामाजिक
Rahul Gandhi News: फ्लाइंग किस देकर एक बार फिर राहुल गांधी विवादों में घिर गए हैं। उन्होंने सांसद के रूप में बहाल होने के बाद पार्लियामेंट में अपना पहला भाषण दिया। अपना भाषण खत्म करने के बाद जब राहुल गांधी बाहर जा रहे थे तभी कुछ ऐसा हुआ जिसका महिला सांसदों विरोध किया है। महिला सांसदों ने विरोध जताते हुए पत्र सौंपकर लोकसभा अध्यक्ष से शिकायत की है। मीडिया रिपोर्ट के अनुसार, राहुल गांधी ने अविश्वास प्रस्ताव पर चर्चा के दौरान संसद में बीजेपी सांसदों को फ्लाइंग किस का इशारा किया। इस वाकये के बाद महिला सांसद खफा हो गईं और मामले को लेकर लोकसभा अध्यक्ष को शिकायती पत्र सौंपा। अब देखना है कि मामले में राहुल गांधी के खिलाफ एक्शन होता है या नहीं? इस आर्टिकल में हम जानेंगे कि फ्लाइंग किस पर किन धाराओं में एफआई दर्ज हो सकती और क्या सजा मिल सकती है। *साल 2019 के मामले से समझते हैं*एक मामले में एक...
दिल्ली एम्स का कायाकल्प

दिल्ली एम्स का कायाकल्प

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*रजनीश कपूरदेश भर में स्वास्थ्य सेवाओं की कमियों को लेकर हमेशा सवाल उठाए जाते हैं। सरकारें आती-जाती रहती हैं और वेदावा करती हैं कि देश में स्वास्थ्य सेवाएँ बेहतर बनाएँगी। पर अधिकतर राज्यों में स्वास्थ्य सेवाओं का हाल बेहालहै। स्वास्थ्य मंत्रालयों के पास इन सब के लिये बड़ा बजट भी होता है। परंतु इस दिशा में उस गति से कार्य नहीं होतेजिस गति से होने चाहिये। ज़्यादातर पैसा भ्रष्टाचार की भेंट चढ़ जाता है। इसलिए देश भर से मरीज़ इलाज के लिएदिल्ली के एम्स का रुख़ करते हैं। इसी कारण यहाँ पर मरीज़ों की भीड़ लगी रहती है। परंतु आज जिस अनुभव कोआपके साथ साझा कर रहा हूँ, वो आपको अच्छा लगेगा।कुछ दिन पहले दिल्ली के अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान (एम्स) जाना हुआ। चूँकि मेरा नाता एम्स के साथसन् 1991 से है इसलिए वहाँ के चप्पे-चप्पे से वाक़िफ़ हूँ। परंतु जैसे ही मुझे पता चला कि एम्स की न्यू राजकुमारीअमृत कौर...
संवेदनशील क्षेत्रों में हिंसा का मुकाबला।

संवेदनशील क्षेत्रों में हिंसा का मुकाबला।

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ऐसे कई उदाहरण हैं जहां विकास कार्यक्रमों और दृष्टिकोणों से हिंसा का मुकाबला करने में सकारात्मक परिणाम मिले हैं। "राजस्थान मदरसा बोर्ड" पहल राज्य में पारंपरिक इस्लामी स्कूलों (मदरसों) के आधुनिकीकरण पर केंद्रित है। धार्मिक अध्ययन के साथ-साथ पाठ्यक्रम में विज्ञान, गणित और अंग्रेजी जैसे विषयों को शामिल करके, इसने छात्रों को अधिक सर्वांगीण शिक्षा प्रदान की। परिणामस्वरूप, छात्र चरमपंथी विचारधाराओं के प्रति कम संवेदनशील हो गए। आंध्र प्रदेश में "सद्भावना" परियोजना का उद्देश्य विविध समुदायों के बीच सामाजिक एकता को बढ़ावा देना है। इसने विभिन्न धार्मिक पृष्ठभूमि के लोगों को सामुदायिक कार्यक्रमों, खेलों और सांस्कृतिक गतिविधियों के लिए एक साथ लाया। इससे समझ बढ़ी, अविश्वास कम हुआ और समुदायों के बीच मजबूत संबंध बनाने में मदद मिली। "उड़ान" कार्यक्रम कश्मीर घाटी में युवाओं को कौशल विकास और नौकरी प्रशि...
9 अगस्त : काॅकोरी काँड और भारत छोड़ो आँदोलन

9 अगस्त : काॅकोरी काँड और भारत छोड़ो आँदोलन

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स्वाधीनता के सूर्योदय के लिये निर्णायक आँदोलन का उद्घोष --रमेश शर्मा भारत के स्वाधीनता आँदोलन 9 अगस्त वह ऐतिहासिक तिथि है जब स्वतंत्रता केलिये निर्णायक संघर्ष का उद्घोष हुआ था । इसलिए इसे अगस्त क्रान्ति कहा जाता है ।स्वाधिनता आँदोलन के इतिहास में यह नौ अगस्त की तिथि दो महत्वपूर्ण स्मृतियों से जुड़ी है । पहली तिथि 9 अगस्त 1925 है इसदिन क्राँतिकारी आँदोलन को गति देने केलिये काॅकोरी रेल्वे स्टेशन पर सरकारी खजाना लूटा गया था । और दूसरी तिथि 9 अगस्त 1942 है जब अहिसंक आँदोलन को निर्णायक स्वरूप देने के लिये अंग्रेजो भारत छोड़ो आँदोलन आरंभ हुआ था । इस आँदोलन का आव्हान गाँधी जी ने किया था पर एक रात पहले ही 8 अगस्त को गाँधी जी सहित सभी कांग्रेस नेता बंदी बना लिये गये थे इसलिए इस आँदोलन में अधिकांश भागीदारी जन सामान्य की थी । जन सामान्य की भागीदारी के कारण ही इस आँदोलन को अगस्त क्राँति नाम मिल...
भाजपा ही नहीं विपक्षी राज्यों में भी हुई हिंसा

भाजपा ही नहीं विपक्षी राज्यों में भी हुई हिंसा

BREAKING NEWS, TOP STORIES, राष्ट्रीय
हिंसा के तरीके और प्रकृति लंबी तैयारियों और प्रशिक्षण का संकेत देते हैंअवधेश कुमार भाजपा शासित दो राज्यों मणिपुर तथा उसके बाद हरियाणा के नूंह और आसपास की भयानक हिंसा ने पूरे देश के सामूहिक मानस को हिला दिया है। एक प्रश्न आम लोग उठा रहे हैं कि आखिर भाजपा के राज्य में ही ऐसी ज्यादा हिंसा क्यों हो रही है? क्या वाकई भाजपा शासित राज्यों में ही ज्यादा हिंसा हो रही है?• भाजपा शासित राज्यों हरियाणा और मणिपुर के अलावा उत्तराखंड, गुजरात ,कर्नाटक, महाराष्ट्र में भी हमने सांप्रदायिक हिंसा की अग्नि जलती हुई देखी है। महाराष्ट्र में औरंगजेब के नाम पर हिंसा हो गई ।• दिल्ली की कानून व्यवस्था गृह मंत्रालय के तहत है। पिछले महीने मुहर्रम के दौरान हिंसा दिखी और अभी भी नागलोई में कई बसें क्षतिग्रस्त अवस्था में पड़ी हुई हैं। पिछले वर्ष हनुमान जयंती शोभा यात्रा के दौरान ऐसी हिंसा हुई कि जहांगीरपुरी मोहल्ला अभ...
मणिपुर हिंसा

मणिपुर हिंसा

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मणिपुर राज्य, हमारे पड़ौसी देश म्यांमार की सीमा से लगा हुआ भारत के उत्तर पूर्व में स्थित एक बहुत ही सुन्दर राज्य है। मणिपुर नाम दो शब्दों के योग से बना है - मणि + पुर, मणि का अर्थ अमूल्य तथा पुर का अर्थ स्थान होता है, अर्थात् मणिपुर का अर्थ है एक ऐसा स्थान जो अमूल्य है। यहाँ की अप्रितम सुन्दरता के कारण ही मणिपुर को ‘भारत का गहना‘ नाम से भी जाना जाता है। यहाँ आयुर्वेदिक औषधियों की प्रचुरता, अथाह शुद्ध जल की उपलब्धता, प्राकृतिक सुन्दरता की असीम कृपा आदि सभी कुछ ईश्वर द्वारा निशुल्क उपलब्ध कराया गया है। जहाँ चहुँ ओर प्राकृतिक संसाधनों का भंडार है, ऐसे प्रदेश में अशान्ति का प्रसार होना सम्पूर्ण भारत देश के लिए अत्यंत दुख का विषय है। दुख इस बात का भी है कि जो निवासी कभी परस्पर भाईचारे के साथ रहते थे, आज वहीं लोग एक-दूसरे को लूट रहे हैं, जला रहे हैं, खून के प्यासे हो गए हैं। हजारों प्रदेश व...
एक गरीब पिछड़ा जिला पर सांप्रदायिकता में अव्वल

एक गरीब पिछड़ा जिला पर सांप्रदायिकता में अव्वल

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हरियाणा में नूंह के सांप्रदायिक अंधड़ के बाद की कार्रवाई जारी है, लेकिन क्या दबा-छिपा है, उसकी संभावनाएं कोई भी भी नहीं बता सकता । सर्वोच्च अदालत का आदेश है कि सरकारें तय करें कि कोई नफरती भाषण न दिया जाए। माहौल को भडक़ाया-उकसाया न जाए। हिंसा की कोई गुंजाइश न हो| यह जिम्मेदारी हरियाणा, दिल्ली, उप्र और केंद्र की सरकारों की तय की गई है। अदालत ने जुलूस, रैली, प्रदर्शन आदि की वीडियोग्राफी और रिकॉर्डिंग के भी आदेश दिए हैं। फिलहाल सुनवाई जारी है। नूंह हिंसा के पूरे प्रकरण में मोनू मानेसर और बिट्टू बजरंगी, कथित गोरक्षकों, को ‘खलनायक’ चित्रित किया गया है। क्या सिर्फ दो हिंदूवादी चेहरों के कारण हरियाणा के एक संवेदनशील इलाके को हिंसा और दंगे की आग में झोंका गया? सांप्रदायिक दोफाड़ के हालात पैदा किए गए? मासूम लोग मारे गए और 70 से अधिक घायल हुए। जिला अदालत की अतिरिक्त चीफ ज्यूडिशियल मजिस्टे्रट...
बहुत घातक है ये “कृत्रिम मिठास”

बहुत घातक है ये “कृत्रिम मिठास”

EXCLUSIVE NEWS, TOP STORIES, विश्लेषण, सामाजिक
आज का “प्रतिदिन” चेतावनी है, सरकार से अपेक्षा है और उन सारे लोगों को सलाह है जो मिठास के लिए चीनी के विकल्प के रूप में रासायनिक मिठास ‘शुगर फ्री’ का उपयोगकर रहे हैं। इस कृत्रिम मिठास से उनके स्वास्थ्य पर पड़ने वाले घातक प्रभावों को लेकर नये सिरे से बहस छिड़ हुई है। कृत्रिम रूप से खाद्य पदार्थों को मीठा करने वाले एस्पार्टेम को कैंसर कारक के रूप में वर्गीकृत तो किया गया है, लेकिन इसके सेवन को लेकर निर्णायक चेतावनी जारी न किये जाने पर सवाल उठ रहे हैं। दरअसल, विश्व स्वास्थ्य संगठन के पोषण व खाद्य सुरक्षा विभाग के तहत दो समूहों में हजारों वैज्ञानिकों के शोध अध्ययन सामने के बाद कृत्रिम मीठे को कैंसर के कारकों के रूप में वर्गीकृत किया गया था। ये निष्कर्ष सामने आना बेहद महत्वपूर्ण है क्योंकि दुनिया में भीमकाय कंपनियां कृत्रिम मीठे से बने उत्पादों का खरबों रुपये का कारोबार करती हैं। साथ ही ...