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यूपी में मिशन 80 का लक्ष्य साधती ‘मोदी-योगी’ की जोड़ी

यूपी में मिशन 80 का लक्ष्य साधती ‘मोदी-योगी’ की जोड़ी

BREAKING NEWS, Today News, TOP STORIES, राज्य, सामाजिक
 आर.के. सिन्हा प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने विगत मंगलवार को पवित्र वाराणसी में लोकसभा चुनाव लड़ने के लिए अपना पर्चा भरने से एक दिन पहले जब काशी में रोड शो निकाला तो उनकी साये की तरह साथ रहनेवाले उत्तर प्रदेश (यूपी) के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ भी थे। रोड शो के सारे मार्ग में काशी की जनता ने मोदी-योगी का जिस उत्साह से अभूतपूर्व स्वागत किया उसने स्वतः कई ठोस संकेत दे दिए। वैसे भी लोकसभा चुनाव के समर में सारे देश की निगाहें उत्तर प्रदेश पर लगी हुई हैं। सब जानने को उत्सुक हैं कि यूपी किस पार्टी की झोली को आगामी 4 जून को भरकर दिल्ली की सत्ता की चाबी सौंपेगा।  सियासी गलियारे में वैसे भी यह कहावत पुरानी है कि दिल्ली के सिंहासन का रास्ता यूपी से होकर गुजरता है। यानी जिस पार्टी के पास यूपी में सबसे अधिक सीटें होंगी, प्रधानमंत्री की कुर्सी तक पहुंचने का उसक...
International Conference on eimagining Smart Libraries

International Conference on eimagining Smart Libraries

EXCLUSIVE NEWS, TOP STORIES, प्रेस विज्ञप्ति, राष्ट्रीय
A two-day international conference on ‘Reimagining Smart Libraries’ was organised by IILMUniversity and HLA, powered by the Library Professionals Foundation, on May 10–11, 2024, atIILM University, Gurugram, Haryana, India. The main objective of the conference was to providea platform for participants from companies, business organisations, academicians, researchscholars, and students to discuss emerging technologies, innovation, and knowledge creation inlight of the challenges of converting things and reimagining smart libraries.The conference started with the welcome of dignitaries and invited all the dignitaries for thelighting of lamps and Saraswati Vandana as a pious beginning.The two-day sangam of intellectuals to do the manthan for reimagination of libraries startedwith the inaugura...
पंच परिवर्तन बनेगा समाज परिवर्तन का सशक्त माध्यम

पंच परिवर्तन बनेगा समाज परिवर्तन का सशक्त माध्यम

EXCLUSIVE NEWS, TOP STORIES, समाचार, सामाजिक
राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ समाज में सकारात्मक परिवर्तन के लिए पिछले लगभग 99 वर्षों से निरंतर कार्य कर रहा है। भारतीय समाज में सकारात्मक परिवर्तन को गति देने एवं समाज में अनुशासन व देशभक्ति के भाव को बढ़ाने के उद्देश्य से माननीय सर संघचालक श्री मोहन भागवत ने समाज में पंच परिवर्तन का आह्वान किया है ताकि अनुशासन एवं देशभक्ति से ओतप्रोत युवा वर्ग अनुशासित होकर अपने देश को आगे बढ़ाने की दिशा में कार्य करे। इस पंच परिवर्तन में पांच आयाम शामिल किए गए हैं - (1) स्व का बोध अर्थात स्वदेशी, (2) नागरिक कर्तव्य, (3) पर्यावरण, (4) सामाजिक समरसता एवं (5) कुटुम्ब प्रबोधन। इस पंच परिवर्तन कार्यक्रम को सुचारू रूप से लागू कर समाज में बड़ा परिवर्तन लाया जा सकता है। स्व के बोध से नागरिक अपने कर्तव्यों के प्रति सजग होंगे। नागरिक कर्तव्य बोध अर्थात कानून की पालना से राष्ट्र समृद्ध व उन्नत होगा। सामाजिक समरसता ...
प्रवासी कामगारों से मजबूत होती अर्थव्यवस्था

प्रवासी कामगारों से मजबूत होती अर्थव्यवस्था

BREAKING NEWS, TOP STORIES, आर्थिक, विश्लेषण
-ललित गर्ग- इंटरनेशनल ऑर्गनाइजेशन फॉर माइग्रेशन (आईओएम) की 7 मई 2024 को जारी विश्व प्रवासन रिपोर्ट के अनुसार वर्ष 2024 में भारत विदेशों में काम करने वाले भारतीय कामगारों से सबसे ज्यादा धन पाने वाले देशों के रूप में सूचीबद्ध हुआ है। मैक्सिको, चीन, फिलीपींस व फ्रांस जैसे देश भी इस सूची में भारत की तुलना में नीचले पायदानों पर है। भारत के लिये यह गौरव की बात है और इससे दुनिया की आर्थिक महाशक्ति बनने के भारत के प्रयासों को भी बल मिलेगा। नया भारत एवं सशक्त भारत के निर्माण में विदेशों में रह रहे भारतीय कामगारों ने अपने खून-पसीने की कमाई से अर्जित धनराशि में से वर्ष 2022 में 111 बिलियन डॉलर अपने देश भेजे हैं। यह आंकड़ा जहां विश्व में भारतीय श्रमशक्ति की गौरवपूर्ण गाथा को दर्शाता है, वहीं देश की अर्थव्यवस्था में उनके अमूल्य योगदान को दिखाता है। आईओएम की ताजा रिपोर्ट वैश्विक प्रवास पैटर्न में मह...
हाशिये पर जाती बहुजन समाज पार्टी

हाशिये पर जाती बहुजन समाज पार्टी

BREAKING NEWS, TOP STORIES, राष्ट्रीय, सामाजिक
आर.के. सिन्हा बहुजन समाज पार्टी (बसपा) सुप्रीमो मायावती ने अपने भतीजे आकाश आनंद को अपनी पार्टी के राष्ट्रीय संयोजक के पद से हटा दिया है। छह महीने पहले ही उन्होंने आकाश को धूमधाम से अपना उत्तराधिकारी  भी घोषित किया था।  उन्होंने कहा कि आकाश तब तक उनके राजनीतिक उत्तराधिकारी नहीं बन सकते ,  जब तक वे "पूरी तरह परिपक्व" नहीं हो जाते। आकाश आनंद बीते उत्तर प्रदेश विधानसभा चुनाव के शुरुआती दो चरणों में बसपा के प्रचार अभियान का मुख्य चेहरा थे। उनके भाषणों में भाजपा और समाजवादी पार्टी (सपा) पर तीखे हमले किए गए थे। अप्रैल में सीतापुर में एक चुनावी रैली के दौरान कथित रूप से आपत्तिजनक भाषा का इस्तेमाल करने के लिए उनके खिलाफ मामला भी दर्ज किया गया था। मायावती को लगता है कि ये भाषण पार्टी द्वारा निर्धारित नियमों और नीतियों से भटक गए थे। मायावती के इस तरह के अचानक फैसले पहले...
विवाह की गरिमा का अर्थ

विवाह की गरिमा का अर्थ

EXCLUSIVE NEWS, TOP STORIES, राष्ट्रीय, सामाजिक
विवाह की गरिमा का अर्थ आधुनिक और प्रगतिशील होने का दम्भ भरने वाले भारतीय समाज के एक बड़े धड़े को देश की शीर्ष अदालत ने आईना दिखाया है। देश की शीर्ष अदालत को विवाह जैसे बेहद व्यक्तिगत मामले में परामर्श देना पड़ा है, तो इसका अभिप्राय यही है कि इसके मूल स्वरूप से तेजी से खिलवाड़ हो रहा है। अदालत को सख्त लहजे में यहां तक कहना पड़ा कि विवाह यदि सप्तपदी यानी फेरे जैसे उचित संस्कार और जरूरी समारोह के बिना होता है तो वह अमान्य ही होगा। निश्चित रूप से अदालत ने यह बताने का प्रयास किया कि इन जरूरी परंपराओं के निर्वहन से ही विवाह की पवित्रता और कानूनी जरूरतों को पूरा किया जा सकता है। हाल के वर्षों में विवाह समारोहों के आयोजन में पैसे के फूहड़ प्रदर्शन व तमाम तरह के आडंबरों को तो प्राथमिकता दी जा रही है, लेकिन परंपरागत हिंदू विवाह के तौर-तरीकों को लगातार नजरअंदाज किया जा रहा है। आज से कुछ दशक...
सिर्फ हिन्दुओं की जातियों की  चर्चा करने वाले कौन?

सिर्फ हिन्दुओं की जातियों की  चर्चा करने वाले कौन?

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सिर्फ हिन्दुओं की जातियों की  चर्चा करने वाले कौन? आर.के. सिन्हा हर बार की तरह इस लोकसभा चुनाव में भी अपने को राजनीति का विद्वान बताने वाले ज्ञानियों ने किस संसदीय क्षेत्र में किसके हक में बयार बह रही है , इस विषय पर लिखना-बताना शुरू कर दिया है। वे अपना विश्लेषण रखते हुए बताते हैं कि वहां ( उस संसदीय क्षेत्र में ) इतने फीसद क्षत्रिय, ब्राह्मण, दलित, पिछड़े, अति पिछड़े, यादव वगैरह हैं। यहां तक तो सब ठीक है। पर जातियों का गणित बताने वाले मुसलमानों, सिखों, ईसाइयों की जातियों पर मौन ही रहते हैं। उन्हें जातियों के कोढ़ के बारे में सिर्फ हिन्दुओं की ही चर्चा करनी होती है। उन्हें लगता है कि मानों जातियां सिर्फ हिन्दू धर्म में ही हैं। जैसे कि बाकी धर्मावलंबी  किसी जात-पात में यकीन नहीं करते। इससे एक बात बहुत साफ हो जानी चाहिए हमारे &nbs...
आधे चुनावों के बाद

आधे चुनावों के बाद

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लोकसभा में तीन चरणों का मतदान पूरा हो गया है.आधे से अधिक लोकसभा सीटों का जनादेश EVM में कैद हो चुका है. तीसरे चरण के मतदान में पहले के दोनों चरणों की तुलना में मतदान बढ़ना खुशी की बात है. यह मतदान और अधिक बढ़ता तो लोकतंत्र ज्यादा मजबूत होता..!! बाकी चरणों में मतदान प्रतिशत बढ़ने की पूरी संभावना है. अब तक 282 सीटों पर मतदान हो चुका है. मतदान प्रतिशत के आधार पर चुनावी नतीजे का विश्लेषण, परिणाम के दिन तक चाय की चर्चा का विषय बने रहेंगे. देश में यह चुनाव एनडीए 400 पार के लिए लड़ रहा है, तो विपक्षी गठबंधन सरकार बनाने के लिए नहीं बल्कि एनडीए को अपना लक्ष्य पार नहीं होने देने के लिए लड़ता दिखाई पड़ रहा है.देश के हर कोने में चुनाव परिणामों को लेकर परसेप्शन क्लियर और कॉन्फिडेंट है. पहले राजनेता अति-आत्मविश्वास में होते थे, इस बार देश की जनता अति-आत्मविश्वास में दिखाई पड़ रही है. यह चुनाव कई राज...
हिन्दू विवाह पर सर्वोच्च अदालत का स्वागतयोग्य फैसला

हिन्दू विवाह पर सर्वोच्च अदालत का स्वागतयोग्य फैसला

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- ललित गर्ग - देश की सर्वोच्च अदालत ने हिन्दू विवाह को लेकर बड़ा फैसला देकर न केवल हिन्दू विवाह के संस्कारों एवं पारंपरिक रिवाजों को पुष्ट किया है बल्कि उन्हें कानूनी दृष्टि से आवश्यक स्वीकार किया है। आज जबकि हिन्दू विवाह की पवित्रता एवं परम्परा तथाकथित आधुनिक जीवन एवं प्रभाव के कारण धुंधली होती जा रही है, पाश्चात्य संस्कृति की आंधी में हिन्दू विवाह की पवित्रता समाज में समय के साथ घटी है और उसमें सुधार एवं सुदृढ़ता की जरूरत है। जो लोग विवाह को मात्र एक पंजीकरण मानते हैं, उन्हें चेत जाना चाहिए। उन्हें सात फेरों का अर्थ समझना होगा। बिना सात फेरों, हिन्दू रीति-रिवाजों एवं वैवाहिक आयोजनों के कोर्ट की दृष्टि में भी विवाह मान्य नहीं होगा। हिंदू विवाह पर कोर्ट का ताजा फैसला न केवल स्वागतयोग्य है बल्कि इसके दूरगामी परिणाम सुखद होंगे। इससे हिन्दू संस्कृति एवं संस्कारों को बल मिलेगा। पारिवारिक-स...
लोकसभा चुनाव में मुद्दों को नया विमर्श दें

लोकसभा चुनाव में मुद्दों को नया विमर्श दें

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- ललित गर्ग - लोकसभा चुनावों के प्रचार अभियान में एक आवाज बहुत धीमी पर एक वजन और पीड़ा के साथ सुनने को मिल रही है कि इस चुनाव को येन-केन-प्रकारेण जीतने के सभी जायज एवं नाजायक प्रयोग हो रहे हैं, लेकिन नैतिकता, मूल्य एवं आदर्श की बात कहीं भी सुनाई नहीं दे रही है। देश का राजनीतिक भविष्य तय करने वाले इन चुनावों में एक और विडम्बना देखने को मिल रही है कि राष्ट्र विकास के मुद्दों एवं आजादी के अमृतकाल को अमृतमय बनाने की कोई चर्चा नहीं है। देश को दिशा देने एवं कोई नया विमर्श खड़ा करने का नेताओं के पास अभाव है, जो अपने-आप में एक त्रासदी है। मतदाताओं की लोकतंत्र के महाकुंभ में भागीदारी का घटना भी एक चिन्ता का सबब है। जबकि किसी भी राष्ट्र के जीवन में चुनाव सबसे महत्त्वपूर्ण घटना होती है। यह एक यज्ञ होता है। लोकतंत्र प्रणाली का सबसे मजबूत पैर होता है।विभिन्न राजनीतिक दल आरक्षण का मुद्दा खड़ा करके ज...