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भारत के अंदर- बाहर सभी जगह राम का नाम

भारत के अंदर- बाहर सभी जगह राम का नाम

BREAKING NEWS, TOP STORIES, धर्म, सामाजिक
आर.के. सिन्हा भारत के कण-कण में राम बसे हैं। भारत की राम के बिना कल्पना करना ही असंभव है। सारा भारत राम को अपना आराध्य और पूजनीय मानता है। डॉ राम मनोहर लोहिया कहते थे कि भारत के तीन सबसे बड़े पौराणिक नाम – “राम, कृष्ण और शिव ही हैं।” उनके काम के बारे में थोड़ी-बहुत जानकारी प्राय: सभी को, कम से कम दो में एक भारतीय को तो होगी ही। उनके विचार व कर्म, या उन्होंने कौन-से शब्द कब कहे, उसे विस्तारपूर्वक दस में एक तो जानता होगा। कभी सोचिए कि एक दिन में भारत में कितनी बार यहां की जनता प्रभु राम का नाम लेती है।   पर भगवान राम को सिर्फ भारत तक सीमित करना उचित नहीं होगा। वैसे तो  थाईलैंड बौद्ध देश हैं, पर वहां भी राम आराध्य है। राजधानी बैंकॉक से सटा है अयोध्या शहर। वहां के लोगों की मान्यता है कि यहीं थी भगवान श्रीराम की राजधानी। थाईलैंड के बौद्ध मंदिरों में आपक...
राहुल गांधी को गुस्सा क्यों आता है?

राहुल गांधी को गुस्सा क्यों आता है?

BREAKING NEWS, TOP STORIES, विश्लेषण
-बलबीर पुंज एक हालिया प्रेसवार्ता में पत्रकार के एक प्रश्न पर कांग्रेस के शीर्ष नेता राहुल गांधी ने अपना आपा खो दिया। आपराधिक मानहानि मामले में अदालत से दो वर्षीय सज़ा मिलते ही अपनी सांसदी निरस्त होने और इसपर जारी राजनीति को लेकर राहुल से, वर्षों से कांग्रेस कवर कर रहे टीवी-पत्रकार ने प्रश्न किया— "मोदी-उपनाम पर उनकी टिप्पणी को भाजपा 'ओबीसी का अपमान' बता रही है।" इसपर झुंझलाकर राहुल ने कह दिया, "...आप... बीजेपी का सिंबल सीने पर लगा लीजिए, तब मैं आपको उसी के अनुसार जवाब दूंगा। पत्रकार होने का ढोंग मत कीजिए।" इसके बाद थोड़ा ठहरकर राहुल ने कहा, "हवा निकल गई"। सार्वजनिक रूप से राहुल द्वारा इस प्रकार का अशोभनीय व्यवहार, कोई पहला मामला नहीं है। सुधी पाठकों को स्मरण होगा कि कैसे सितंबर 2013 में राहुल ने कांग्रेसी प्रेसवार्ता में अचानक पहुंचकर अपनी ही सरकार द्वारा पारित एक अध्यादेश को बतौर ...
INDIAN  DEMOCRACY  THRIVES

INDIAN  DEMOCRACY  THRIVES

TOP STORIES, समाचार
N.S.Venkataraman   It is more than seventy years now, since India attained independence   from British rule and   drafted a well balanced Constitution, which forms the basis for Indian democratic process. Several national and state elections have been conducted and the  victorious political  party has  taken over the governance in a smooth manner. Over the years, there have been  building up of great awareness amongst the people about their fundamental rights and freedom of speech.  While for an outsider, it may look like a noisy democracy in India, with protests, allegations and counter allegations and even corruption charges being raised and framed and complaints about dynastic political culture  being developed with number ...
जान के दुश्मन बनते आवारा कुत्ते

जान के दुश्मन बनते आवारा कुत्ते

TOP STORIES, राज्य, विश्लेषण, सामाजिक
भारत के मीडिया में लगातार ‘आवारा कुत्तों का खतरा’ सुर्खियों में रहता है। पिछले पांच वर्षों से, 300 से अधिक लोग - ज्यादातर गरीब और ग्रामीण परिवारों के बच्चे - कुत्तों द्वारा मारे गए हैं। 2017 के एक अध्ययन से पता चला है कि ग्रामीण क्षेत्रों में बेघर कुत्ते भी वन्यजीवों के लिए विनाशकारी हो सकते हैं। इसके बावजूद इन खबरों के प्रति समाज बेसुध बना रहता है। कभी-कभार यह जड़ता कुछ भयावह घटनाओं के साथ टूट जाती है। राज्यों, केंद्र, न्यायपालिका, नगर पालिका और गैर-सरकारी संगठनों द्वारा इस संकट की स्वीकृति के बावजूद यह समस्या बढ़ती ही जा रही है। -प्रियंका सौरभ कुत्तों का मानव के विकास क्रम के साथ साहचर्य का एक अनूठा संबंध रहा है। यह उनके कल्याण के लिए जिम्मेदार होने की नैतिक दुविधा इंसान के सामने पैदा करता है, लेकिन इसके अपने खतरे भी हैं क्योंकि कुत्तों का विकास भेड़िये और उसकी प्रवृत्ति से जुड़ा ...
नौ दिन कन्या पूजकर, सब जाते है भूल देवी के नवरात्र तब, लगते सभी फिजूल

नौ दिन कन्या पूजकर, सब जाते है भूल देवी के नवरात्र तब, लगते सभी फिजूल

TOP STORIES, धर्म, संस्कृति और अध्यात्म
क्या हमारा समाज देवी की लिंग-संवेदनशील समझ के लिए तैयार है? नवरात्रों में भारत में कन्याओं को देवी तुल्य मानकर पूजा जाता है। पर कुछ लोग नवरात्रि के बाद यह सब भूल जाते हैं। बहुत जगह कन्याओं का शोषण होता है और उनका अपमान किया जाता है। आज भी भारत में बहूत सारे गांवों में कन्या के जन्म पर दुःख मनाया जाता है। ऐसा क्यों? क्या आप ऐसा करके देवी मां के इन रूपों का अपमान नहीं कर रहे हैं। कन्याओं और महिलाओं के प्रति हमें अपनी सोच बदलनी पड़ेगी। देवी तुल्य कन्याओं का सम्मान करें। इनका आदर करना ईश्वर की पूजा करने जितना पुण्य देता है। शास्त्रों में भी लिखा है कि जिस घर में औरत का सम्मान किया जाता है वहां भगवान खुद वास करते हैं। दुनिया में और यौन भेदभाव और उत्पीड़न के खिलाफ आंदोलनों के साथ देवी की अवधारणा में विविधता लाने का समय आ गया है। -प्रियंका सौरभ नवरात्रि एक हिंदू पर्व है। नवरात्रि एक संस्कृ...
खेलों की दुनिया में भारत की महिला खिलाड़ियों का स्वर्णिम चमत्कार

खेलों की दुनिया में भारत की महिला खिलाड़ियों का स्वर्णिम चमत्कार

BREAKING NEWS, Current Affaires, TOP STORIES, राष्ट्रीय, समाचार, सामाजिक
मृत्युंजय दीक्षितवर्ष -2023 में खेलों की दुनिया में भारत के खिलाड़ी विशेषकर महिला खिलाड़ी जिस प्रकार का स्वर्णिम प्रदर्शन कर रहे हैं वह प्रत्येक भारतीय के लिए गर्व व आनंद की अनुभूति का विषय है। राजधानी दिल्ली में आयोजित विश्व महिला मुक्केबाजी में भारत की चार महिला मुक्केबाजों नीत घणघस, स्वीटी बूरा, निकहत जरीन, लवलीना बोरगोहाई ने पहली बार चार स्वर्ण पदक जीतकर भारत का झंडा लहरा दिया है। भारतीय महिला मुक्केबाजी के लिए उत्सव का समय है। भारतीय महिला मुक्केबाजों की यह जीत विशेष है क्योंकि वर्ष 2002 में महिला मुक्केबाज मेरीकॉम के उदय के बाद 17 वर्षो में पहली बार महिला विश्व कप में चार स्वर्ण पदक मिले हैं । भारतीय महिला मुक्केबाजी में मेरीकॉम ऐसा चमकता सितारा बनीं कि उनसे प्रेरणा लेकर हर दिन भारत को एक से बढ़कर एक नई प्रतिभाएं मिल रही हैं ।महिला मुक्केबाजी विश्व कप - 2023 में चारों महिला खिलाड़िय...
यह गांधी परिवार गाथा

यह गांधी परिवार गाथा

BREAKING NEWS, TOP STORIES, विश्लेषण, सामाजिक
दिल्ली के राजघाट से प्रियंका गांधी का भाषण सुनने योग्य है। उनके भाषण में दो बातें आज स्पष्ट सुनाई दी- *पहला 'मेरा*' और दूसरा *'तुम्हारा'*। उन्होंने मेरा किसको कहा? 'मेरा भाई', 'मेरा परिवार' और जब देश की बात आई, प्रधानमंत्री की बात आई, तब उन्होंने कहा- 'आपका प्रधानमंत्री', 'आपका देश', 'आपकी लड़ाई', 'आपकी मीडिया', 'आपकी आवाज'। खून को भुनाकर सत्ता प्राप्त करना कांग्रेश की सबसे सुविधाजनक राजनीति रही है। प्रियंका गांधी के आज का भाषण भी पिता के खून से ही शुरू हुआ। तिरंगा की तरफ इशारा करके उन्होंने कहा इस तिरंगे में राहुल के पिता का खून है। इस धरती में राहुल के पिता का खून है। राहुल अपने पिता के जनाजे के पीछे पैदल चले थे। इसलिए इस देश में राहुल का अपमान नहीं होना चाहिए। क्या विचित्र माँग है कांग्रेस की! राजीव गांधी की हत्या हो गई, सबसे पहला प्रश्न तो यह है कि जिस देश का पूर्व प्रधानमंत्री ...
चाय बागान के दुश्मन कीटों के विरुद्ध नया जैविक अस्त्र

चाय बागान के दुश्मन कीटों के विरुद्ध नया जैविक अस्त्र

EXCLUSIVE NEWS, TOP STORIES, विश्लेषण
चाय बागानों में कीटों का प्रकोप एक बड़ी चुनौती है, जिसके कारण बड़े पैमाने पर नुकसान उठाना पड़ता है। कीटनाशकोंके छिड़काव से कीटों के प्रकोप को कुछ हद नियंत्रित किया जा सकता है, लेकिन रसायनों के संपर्क में आने से चाय की गुणवत्ता भी प्रभावित होती है। महामारी के दौरान लॉकडाउन के कारण कई चाय बागानों में कीटनाशकों का समय पर उपयोगनहीं किया जा सका, जिसके कारण प्रमुख चाय कंपनियों को कीटों के प्रकोप सेलगभग 20 से 25 प्रतिशत फसल का नुकसान उठाना पड़ा था।असम के जोरहाट में स्थित टोकलाई चाय अनुसंधान संस्थान के शोधकर्ताओं ने चाय बागानों को नुकसान पहुँचाने वाले उन कीटों के खिलाफ जैविक प्रहार की रणनीति तैयार की है, जो चाय की सबसे अच्छी मानी जाने वाली टहनियों को खाने के लिएजाना जाते हैं। चाय पर दुनिया के सबसे पुराने शोध केंद्रों में शुमार टोकलाई चाय अनुसंधान संस्थान ने हाल ही में संस्थान के प्रायोगिक उद्यानो...
निरंतर बढ़ रही है योगी जी की लोकप्रियता

निरंतर बढ़ रही है योगी जी की लोकप्रियता

EXCLUSIVE NEWS, TOP STORIES, राज्य
प्रदेश में अब सांस्कृतिक राष्ट्रवाद और विकास के बल पर बदलाव की बयारमृत्युंजय दीक्षितउत्तर प्रदेश में वर्ष 2017 में प्रचंड मोदी लहर पर सवार होकर भाजपा सत्ता में आयी और योगी आदित्यनाथ प्रदेश के मुख्यमंत्री बने।पार्टी और जनसामान्य की अपेक्षाओं पर खरे उतरते हुए मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने न केवल अपना पहला कार्यकाल सफलतापूर्वक पूरा किया वरन पूर्ण बहुमत से दोबारा सत्ता में वापसी की और इसी माह अपने कार्यकाल के छह सफल वर्ष पूरे किए। उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की लोकप्रियता व उनके कार्यों की गूंज अब केवल प्रदेश में ही अपितु पूरे देश में सुनाई दे रही और वो प्रदेश के अब तक के सबसे लोकप्रिय मुख्यमंत्री बन गये हैं।प्रदेश में योगी सरकार के छह वर्ष पूर्ण होने के बाद सोशल मीडिया में यदि सबसे ज्यादा किसी नेता को सर्च किया गया है तो वह मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ही हैं। योगी राज के दूसरे ...
क्या कांग्रेस का ‘सत्याग्रह’ का आग्रह दुराग्रह है?-ललित गर्ग

क्या कांग्रेस का ‘सत्याग्रह’ का आग्रह दुराग्रह है?-ललित गर्ग

BREAKING NEWS, TOP STORIES, राष्ट्रीय, सामाजिक
दशकों तक भारत पर राज करने वाले गांधी परिवार के राजनीतिक वारिस राहुल गांधी को आपराधिक मानहानि के मामले में अदालत ने सजा सुनाई तो कांग्रेस देशभर में सड़कों पर हंगामा कर रही है, गांधी की समाधि पर सत्याग्रह कर रही है, कांग्रेस एवं उसके तथाकथित सत्याग्रही नेता क्यों नहीं सत्य को समझ रहे कि सजा मोदी सरकार ने नहीं, सूरत की एक कोर्ट ने सुनाई है। क्या कांग्रेस का ‘सत्याग्रह’ का आग्रह कहीं अधिक स्पष्टता से ‘दुराग्रह’ को उजागर नहीं कर रहा है? महात्मा गांधी ने भारत को एकजुट करने के लिए लड़ाई लड़ी, सत्याग्रह को हथियार बनाया। जबकि राहुल गांधी भारत का, गरीब और कमजोर समुदायों, सिख समुदाय और संविधान का अपमान करने के लिये सत्याग्रह का सहारा ले रहे हैं। भले वे यह सब करते हुए स्वयं को सत्याग्रही कैसे मान सकते हैं?कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी की लोकसभा सदस्यता समाप्त होने के विरुद्ध कांग्रेस द्वारा क...