मित्र सा बनता मलेशिया, तो क्या भेजेगा नाईक को भारत
मोहातिर मोहम्मद के मलेशिया के प्रधानमंत्री पद से हटने के बाद से ऐसा लगने लगा है कि मलेशिया भी अब सीधी पटरी पर आ गया है I या यूँ कहें कि वह पहलेल से ज्यादा व्यावहारिक हो गया है। अब उसने खुलकर भारत विरोध लगभग बंद कर दिया है। मलेशिया के नए प्रधानमंत्री मोहिउद्दीन यासीन ज्यादा समझदार से लगते हैं। उन्होंने संयुक्त राष्ट्र की आम सभा में दिए अपने भाषण में शायद सोच-समझकर मोहातिर से अलग रुख अपनाते हुए कोई भारत विरोधी बात नहीं की। उनके भाषण का मुख्य फोकस कोविड-19 से दुनिया किस तरह से लड़े, इसी पर रहा जो कि एक सकारात्मक सोच का संकेत देता है ।
मोहिउद्दीन यासीन के पूर्ववर्ती मोहातिर मोहम्मद तो हर जगह भारत के खिलाफ जहर उगलने से कभी बाज ही नहीं आते थे। मोहातिर ने जिस तरह से कश्मीर और नागरिकता संशोधन कानून ( सीएए) को लेकर बयान दिये थे, वे शर्मनाक थे। उसका भारत ने विरोध भी दर्ज कराया था। भारत ने स्पष्ट र...