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मित्र सा बनता मलेशिया, तो क्या भेजेगा नाईक को भारत

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मोहातिर मोहम्मद के मलेशिया के प्रधानमंत्री पद से हटने के बाद से ऐसा लगने लगा है कि मलेशिया भी अब सीधी पटरी पर आ गया है I या यूँ कहें कि वह पहलेल से ज्यादा व्यावहारिक हो गया है। अब उसने खुलकर भारत विरोध लगभग बंद कर दिया है। मलेशिया के नए प्रधानमंत्री मोहिउद्दीन यासीन ज्यादा समझदार से लगते हैं। उन्होंने संयुक्त राष्ट्र की आम सभा में दिए अपने भाषण में शायद सोच-समझकर मोहातिर से अलग रुख अपनाते हुए कोई भारत विरोधी बात  नहीं की। उनके भाषण का मुख्य फोकस कोविड-19 से दुनिया किस तरह से लड़े, इसी पर रहा जो कि एक सकारात्मक सोच का संकेत देता है । मोहिउद्दीन यासीन के पूर्ववर्ती मोहातिर मोहम्मद तो हर जगह भारत के खिलाफ जहर उगलने से कभी बाज ही नहीं आते थे। मोहातिर ने जिस तरह से कश्मीर और नागरिकता संशोधन कानून ( सीएए) को लेकर बयान दिये थे, वे शर्मनाक थे। उसका भारत ने विरोध भी दर्ज कराया था। भारत ने स्पष्ट र...

सशस्त्र बलों में महिलाएं: नए पंख, आकाश को छूने के लिए

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(इज़राइल, जर्मनी, अमेरिका और ऑस्ट्रेलिया जैसे देशों में  युद्धक भूमिकाओं में महिला सैनिकों के उदाहरण हैं। हमारे यहां यह लैंगिक समानता पेशेवर मानकों की स्थापना और बिना किसी पूर्वाग्रह के उनका पालन करके हासिल की जा सकती है। यदि भारत में महिलाओं की कार्यबल की भागीदारी को इसकी पूरी क्षमता का एहसास हो जाता है तो वह दिन दूर नहीं जब पूरी दुनिया में भारतीय महिलाओं का ढंका गूंजेगा.) ----प्रियंका सौरभ रिसर्च स्कॉलर इन पोलिटिकल साइंस, कवयित्री, स्वतंत्र पत्रकार एवं स्तंभकार, हाल ही में भारतीय नौसेना ने हेलीकॉप्टर पर्यवेक्षकों के रूप में दो महिला अधिकारियों सब लेफ्टिनेंट कुमुदिनी त्यागी और सब लेफ्टिनेंट रीति सिंह के चयन की घोषणा की, जिससे वे पहली महिला हवाई युद्धपोत संचालक बन गईं। इस साल मार्च में सर्वोच्च न्यायालय ने यह माना था कि नौसेना में महिला शॉर्ट सर्विस कमीशन अधिकारी स्थायी आयोग के लिए पात...

श्रीलंका की दाल में कुछ काला

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श्रीलंका और भारत के संबंधों में पिछले कुछ वर्षों में काफी उतार-चढ़ाव आए लेकिन अब जबकि श्रीलंका में भाई-भाई राज है याने गोटबाया और महिंद राजपक्ष क्रमशः राष्ट्रपति और प्रधानमंत्री हैं, आपसी संबंध बेहतर बनने की संभावनाएं दिखाई पड़ रही हैं लेकिन अभी- अभी दाल में कुछ काला दिखाई पड़ने लगा है|   महिंद राजपक्ष कुछ समय पहले तक श्रीलंका के शक्तिशाली राष्ट्रपति के रुप में शासन कर चुके हैं। उन्हें तमिल उग्रवादियों और आतंकियों का सफाया करने का श्रेय दिया गया था। वे सिंहल जनता के महानायक बन चुके थे लेकिन भारत के साथ उनके दो मतभेद थे। पहता तो यह कि उन्हें तमिल-विरोधी माना जाता था। श्रीलंका में तमिलों ने अलग देश बनाने का आंदोलन चला रखा था। उस पर जयवर्द्धन और श्रीमावो बंदारनायक की सरकारें काबू नहीं कर पाई थी। लेकिन महिंद राजपक्ष ने उग्र तमिल-विरोधी युद्ध के कारण भारत से भी दूरी बना ली थी। भारत की सभी सरकार...
मध्य एशिया बनने जा रहा है तीसरे विश्व युद्ध का पहला मैदान

मध्य एशिया बनने जा रहा है तीसरे विश्व युद्ध का पहला मैदान

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  ईसाईयत (आर्मीनिया) पर इस्लाम ( अजरबेजान) का हमला हो चुका है। आर्मीनिया के साथ इसराइल, अमेरिका फ़्रांस, ब्रिटेन व भारत आदि नाटो देश हैं तो अजरबेजान के साथ इस्लामिक जगत का स्वयंभू ख़लीफ़ा तुर्की,पाकिस्तान ईरान, उत्तरी कोरिया व चीन जैसी ताक़तें हैं। प्रथम विश्वयुद्ध (१९१४-१८)के बाद ४० देशों में बंटे ख़लीफ़ा ऐ इस्लाम तुर्की ( ऑटमन गणराज्य) को मित्र देशों ने युद्धोपरांत संधि के अंतर्गत सौ साल तक अपमानजनक संधि से बांधकर रखा हुआ था , जो अब पूरी होने जा रही है। इसीलिय मध्य एशिया में उबाल है।कोई बड़ी बात नहीं कि यह चिंगारी यूरोप को भी लपेट ले।विश्व के सबसे बड़े युद्ध क्षेत्र में हो रही यह लड़ाई चंद दिनो के अंदर विश्व युद्ध की शुरुआत मानी जाएगी। इस क्षेत्र में इसराइल बहुत आक्रामक हो ही चुका है और अपने दुश्मन चीन समर्थक इस्लामिक देशी को निशाना बना ही रहा है। अमेरिका पहल पर यूएई से संधि ...

आत्महत्याएं केवल मनोवैज्ञानिक या भावनात्मक कारक नहीं हैं

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(ऐसे मामलों से निपटने के लिए आज हमें तत्काल उपायों की जरूरत है,भावनात्मक संकट लोगों को पहले स्थानीय, राष्ट्रीय, अंतर्राष्ट्रीय, सामाजिक और डिजिटल प्लेटफ़ॉर्म से कोविद -19 संबंधित समाचार खपत की सीमा निर्धारित करने की आवश्यकता है और ये सभी  स्रोत सीडीसी और डब्ल्यूएचओ जैसे प्रामाणिक होने चाहिए।) -- डॉo सत्यवान सौरभ,  रिसर्च स्कॉलर इन पोलिटिकल साइंस, दिल्ली यूनिवर्सिटी,  कवि,स्वतंत्र पत्रकार एवं स्तंभकार, आकाशवाणी एवं टीवी पेनालिस्ट, हर 40 सेकंड में, दुनिया में कोई न कोई अपनी जान लेता है। समाजशास्त्री एमिल दुर्खीम ने प्रसिद्ध रूप से परिकल्पना की थी कि 'आत्महत्याएं केवल मनोवैज्ञानिक या भावनात्मक कारक नहीं हैं, बल्कि सामाजिक कारक भी हैं।' दुनिया भर में कुछ ऐसे मामले सामने आए हैं जहां लोग कोविड -19 संक्रमण, सामाजिक कलंक, अलगाव, अवसाद, चिंता, भावनात्मक ...

Balance in inoperative bank-accounts

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Huge balance is lying in inoperative accounts in banks with even many account-holders having forgotten about their bank-accounts. Reserve Bank of India (RBI) has introduced Know-Your-Customer (KYC) forms which has been made mandatory also for closing such inoperative accounts. Such cumbersome practice not only is causing difficulty to account-holders wishing to close their inoperative accounts, but also creating a big loss of man-hours of bank-employees apart from unnecessary data-entries and record-keeping. Frauds are reported through some bank-employees misappropriating funds in such inoperative accounts where amount is large. RBI should direct all banks to close all accounts not operated for say last three years, and send the remittance through pay-orders by Speed Post at last known ...

Government-bungalows turned as memorials should be vacated

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Erstwhile UPA government centre played a big fraud with the system when it allotted bungalow-numbers 6 Krishna Menon Marg and 12-14-16 Gurudwara Rakabganj Road at New Delhi to two foundations and trusts to indirectly convert these in memorials of late Babu Jagjiwanram and Manywar Kashiram respectively to bypass cabinet-decision of the year 2000 and also Supreme Court verdict dated 05.07.2013 in the matter -SD Bandi vs Divisional Traffic Officer, KSRTC & others- (Civil Appeal number 4064 of 2004) Present BJP government should rather abandon all memorials (even of pre-2000 period) created at government-bungalows for former political leaders including Prime Ministers for re-utilising these for providing accommodations to entitled ones. Total ban on misuse of government-bungalows by all...

कोविड-19 की जाँच अब सस्ती और आसान

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नई दिल्ली, 14 अगस्त (इंडिया साइंस वायर): कोरोना वायरस का प्रकोप शुरू होने के साथ ही इसका परीक्षण तेज करने को कोविड-19 महामारी से लड़ने का सबसे प्रमुख अस्त्र बताया जाता रहा है। लेकिन, इसमें लगने वाले समय के कारण परीक्षणों को तेज करना चुनौती रही है। इस चुनौती से निपटने के लिए हैदराबाद स्थित सीएसआईआर-कोशकीय एवं आणविक जीवविज्ञान केंद्र (सीसीएमबी) ने ड्राई स्वैब आधारित नया आरटी-पीसीआर टेस्ट पेश किया है। यह टेस्ट आमतौर पर प्रचलित आरटी-पीसीआर टेस्ट से मिलता-जुलता है, जिसे जल्दी ही भारतीय आयुर्विज्ञान अनुसंधान संस्थान (आईसीएमआर) की मंजूरी मिल सकती है। आमतौर पर प्रचलित टेस्टिंग पद्धति में स्वैब नमूनों की पैकिंग और फिर परीक्षण से पहले पैकिंग को खोलने में चार से पाँच घंटे लग जाते हैं। जबकि, ड्राई स्वैब आरटी-पीसीआर परीक्षण पद्धति में कोई लिक्विड उपयोग नहीं किया जाता और स्वैब नमूने एक प्रोटेक्...

योगी आदित्यनाथ होने का अर्थ

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तड़.....तड़.....तड़.....तड़.......तड़...... और आठ पुलिस वालों को एक भुनगे से अपराधी ने मार दिया। खैर पुलिस ने जोगी जी के अभयदान के तहत कानून का कागज़ी अनुपालन किया और भुनगे विकास दुबे को निपटा दिया फ़र्ज़ी एनकाउंटर में। मेरे हिसाब से 200 परसेंट ठीक किया। अब खेल शुरू होता है जोगी बाबा की बखिया उधेड़ने का। *जोगी बाबा से उनके विरोधी तो विरोधी अपने दल के विधायक,मंत्री,नेता भी त्रस्त हैं लेकिन वही जो गड़बड़झाला नहीं कर पा रहे हैं।* अब इन लोगों ने *ब्राह्मण राजपूतों* के बीच मीडिया में खूब वैमनस्य करवाया। खूब नूरां कुश्ती चली पर आखिरकार सब टांय टांय फिस्स। जोगी बाबा अपने कार्य मे लगे हुए हैं बेधड़क। किसी अपराधी की मज़ाल नहीं हो रही है कुछ करने की। *हज़ारों अपराधियों का एनकाउंटर हुआ,उनमें कत्ल 100-200 ही हुए लेकिन "गोरखपुरिया इस्टाइल" में बाकी अपराधियों के दोनों घुटनों या कम से कम एक घुटने को पीछे से गोली म...

रामलला के मंदिर का भूमिपूजन

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राम मंदिर के भूमिपूजन के लिए कुल 175 लोगों को आमंत्रित किया गया है, जिसमें देश की कुल 36 आध्यात्मिक परम्पराओं के 135 पूजनीय संत है! अब बचे 40 लोग जिसमें प्रधानमंत्री, मुख्यमंत्री, श्री अशोक सिंहल जी के परिवार से श्री महेश भागचन्दका व श्री पवन सिंहल, श्री मोहनजी भागवत, उत्तर प्रदेश के माननीय राज्यपाल हैं! अब मेरा अनुमान है कि बचे 34 लोगों में 2-4 राज्य सरकार के मंत्री हो सकते है, 2-4 अन्य राज्यो के मुख्यमंत्री हो सकते है, अयोध्या के 10-15 गणमान्य नागरिक होंगे, 5-10 बलिदानी कारसेवकों के परिवार वाले होंगे जैसा की चंपत राय जी ने पहले ही कहा था कि सबको निमंत्रण भेजा जाएगा, जो आने में समर्थ है उनका स्वागत है! राम मंदिर आंदोलन से जुड़े सभी वरिष्ठजनों जैसे आडवाणी जी और जोशी को भी आमंत्रण दिया गया है, परन्तु कोरोना के कारण वे शायद ही भूमि पूजन में शामिल हो पाएंगे! जैसा कि श्री राम जन्मभूमि...