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भारतीय नाइट्रोजन अनुसंधान के अग्रणी वैज्ञानिक प्रो. यशपाल अबरोल का निधन

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नई दिल्ली, 29 जुलाई (इंडिया साइंस वायर): भारत में नाइट्रोजन अनुसंधान से जुड़े अग्रणी वैज्ञानिक प्रोफेसर यशपाल अबरोल का मंगलवार को निधन हो गया। वह 84 वर्ष के थे। प्रोफेसर अबरोल का निधन ऐसे समय में हुआ है जब दुनियाभर में नाइट्रोजन अनुसंधान कार्यों पर जोर दिया जा रहा है। ऐसे में, भारतीय नाइट्रोजन अनुसंधान से जुड़े एक प्रमुख वैज्ञानिक के निधन से इस अभियान को क्षति पहुँचना स्वाभाविक है। प्रोफेसर अबरोल को प्राकृतिक संरक्षण से जुड़े उनके कार्यों के लिए विशेष रूप से याद किया जाएगा। उनके परिवार में उनकी पत्नी और दो बेटे हैं। सोसायटी फॉर कन्जर्वेशन ऑफ नेचर और सस्टेनेबल इंडिया ट्रस्ट जैसी संस्थाओं के संस्थापक के रूप में उन्होंने प्राकृतिक संरक्षण के क्षेत्र में महत्वपूर्ण कार्य किया है। वह अंत समय तक इन संस्थाओं की देखरेख से जुड़े हुए प्रो. यशपाल अबरोल सस्टेनेबल इंडिया ट्रस्ट के ट्र...
क्या नई शिक्षा नीति से शिक्षा क्षेत्र में सकारात्मक परिवर्तन आएंगे?

क्या नई शिक्षा नीति से शिक्षा क्षेत्र में सकारात्मक परिवर्तन आएंगे?

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  (हमारे प्राचीन शैक्षिणिक इतिहास, उपलब्धियों, गलतफहमी का जायजा लेने और 21 वीं सदी के भारत के लिए भविष्य की शिक्षा योजना का चार्ट सही समय परआया है। पेशेवर योग्य शिक्षकों की कमी और गैर-शैक्षिक उद्देश्यों के लिए शिक्षकों की तैनाती में वृद्धि ने हमारी शिक्षा व्यवस्था को त्रस्त कर दिया है।)   भारत में ज्ञान प्रदान करने की एक अति समृद्ध परंपरा रही है। 'गुरुकुल' प्राचीन भारत में एक प्रकार की शिक्षा प्रणाली थी जिसमें एक ही घर में गुरु के साथ रहने वाले शिष्य (छात्र) थे। नालंदा इस  दुनिया में शिक्षा का सबसे पुराना विश्वविद्यालय-तंत्र था। दुनिया भर के छात्र भारतीय ज्ञान प्रणालियों से आकर्षित और अचंभित थे। आधुनिक ज्ञान प्रणाली की कई शाखाओं की उत्पत्ति भारत में हुई थी। प्राचीन भारत में शिक्षा को एक उच्च गुण माने ज...

प्रिंट मीडिया में सरकारी विज्ञापनों के लिए MIB ने जारी कीं ये गाइडलाइंस

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सूचना प्रसारण मंत्रालय के तहत आने वाले ‘ब्यूरो ऑफ आउटरीच एंड कम्युनिकेशन’ (BOC) ने प्रिंट मीडिया एडवर्टाइजमेंट पॉलिसी पेश की है। ये एक अगस्त से प्रभावी होगी। इस बारे में जारी गाइडलाइंस में कहा गया है कि सरकार के सभी मंत्रालय या विभाग, सार्वजनिक क्षेत्र के उपक्रम, स्वायत्त निकाय और सोसायटीज, केंद्रीय विश्वविद्यालय और भारत सरकार के सभी शैक्षणिक संस्थान अपने डिस्पले विज्ञापनों को  ‘ब्यूरो ऑफ आउटरीच एंड कम्युनिकेशन’ के माध्यम से देंगे। हालांकि, वे क्लासीफाइड विज्ञापन जैसे(टेंडर नोटिस, नीलामी सूचना, भर्ती विज्ञापन आदि) बीओसी से सूचीबद्ध (empanelled) पब्लिकेशंस को बीओसी की दरों पर जारी कर सकते हैं और भर्ती संबंधी अपने विज्ञापन सीधे रोजगार समाचार (Employment News) में बीओसी की दरों पर पब्लिश करा सकते हैं। इसमें आगे कहा गया है कि सरकारी विज्ञापन प्राप्त करने के इच्छुक पब्लिकेशंस के आवेदनों प...

सामाजिक परिवर्तन के लिए जातिगत नामों की सख्त मनाही होनी चाहिए

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सरकारी महकमों, सभी वाहनों और राजनीति में केवल प्रथम नाम को तरजीह का सख्त कानून देश भर में जल्द लागू किया जाये. जातिगत गीतों, लेख, कविताओं पर पूर्ण प्रतिबन्ध का प्रावधान शांति पूर्ण समाज और समरसता के लिए बेहद जरूरी है. हाल ही में अतिरिक्त महानिदेशक पुलिस,आर्म्ड बटालियन,जयपुर राजस्थान ने एक पत्र अपने सभी कमांडेंट को जारी किया है जिसमें सभी बटालियन के अधिकारियों को निर्देश दिए गए है कि उनके सभी अधिकारी और अधीनस्थ कर्मी अपनी वर्दी, अपने ऑफिस के कमरे के बाहर या अपनी टेबल की नाम पट्टिका पर लिखे गए नाम के साथ जातिगत या गोत्रगत नाम नहीं लगाएंगे और सरकारी आदेशों में इनका प्रयोग न करके केवल अपने प्रथम नाम से पुकारे या जाने जायँगे.  नाम पट्टिका पर  व आदेशों  और निर्देशों में पूरा स्टाफ अपना नाम व बेल्ट नंबर ही इस्तेमाल करेगा. क्या जबरदस्त आदेश आया है?  वास्तव में ऐसा ही हमारे देश के हर सरकारी महकमे ...

Let the Ganga Flow Free!

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Amidst the Nation wide Lockdown that's yet to open up in many places, there's a worrisome development taking place in Central Himalayan region. Dams are being built that are a serious threat to all the Ecology and diversity of the region. And all of this is happening unchecked or unmonitored.    Meanwhile, the Ministry of Environment, Forest and Climate Change (MoEFCC) has been proactive in giving green light to many dams/projects.  Five hydel projects of Sikkim, West Bengal and Uttarakhand are being considered by the Environmental Appraisal Committee of the River Valley and Hydroelectric Project today on 29-7-2020.  This includes the Vishnugad-Peepalkoti hydro power project (444MW) on the Alaknanda Ganga by taking loan from the World Bank. This is an attempt to lock the Ganges. &n...

Akashwani should place Samayaki just after main evening Hindi news-bulletin like Spotlight is relayed after main English news-bulletin

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Timings of news-bulleting and other programmes presented by News Services Division of All India Radio (Akashwani) were last revised more than five decades ago when Television-network had insignificant presence. Then timings were revised in a manner that Hindi bulletins may be broadcast just before English news-bulletins like shifting main Hindi bulletin from then 8.15 pm to now 8.45 pm. But such placement deprived Samayaki important time-place just after main Hindi bulletin like is there for Spotlight relayed at 9.15 pm just after main English bulletin.   All India Radio should go for a total new time-schedule for all its news-bulletins and other programmes presented by News Services Division. Main evening Hindi news-bulletin should be advanced to 8 pm followed by Samayaki at 8.15 pm...

Wasting time of Supreme Court for political games should not be allowed – Steps necessary for ensuring unbiased role of assembly-Speakers and state-Governors

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Speaker of Rajasthan state assembly has taken back his writ from Supreme Court in present on-going political turmoil because of infighting in two factions of ruling Congress. It is wastage of precious time of Supreme Court when only emergency-cases are being taken in courts because of on-going corona-crisis. Courts should impose costs on such taking back cases without reasoning. System needs to be refined where candidates for posts of Speakers, Deputy Speakers and Chief Ministers may be selected by party or alliance in majority in a manner they may be able to gain votes from opposition also, apart from altogether abolishing chances of mid-term elections and frequent toppling of governments. Presently there are many cases where a Chief Minister does not practically enjoy majority in stat...

Invite all those politicians in foundation-stone laying-ceremony who opposed Ram Janmbhoomi movement in any manner to examine their respect for Lord Rama

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There are political parties and politicians who opposed Ram Janmbhoomi movement in some way or other. Party-leaders of largest opposition party Congress not only opposed the matter in Supreme Court, but even tried to get stay-order from court on foundation-stone laying-ceremony at Ayodhya on 05.08.2020, even though former party President wore sacred thread and visited Hindu temples during poll season. Therefore its party President should be invited on the occasion. Likewise RJD government stopped Ram Rath Yatra of veteran leader Lal Krishna Adwani. Therefore present RJD Chief should also be invited. Since kar-sewaks were killed in police-firing during its regime in UP, its party-President should also be invited. Since ayodhya is in Up, its other prominent leader BSP Supremo Mayawati can al...

भारत की सभ्यता संवाद की रही है: प्रो.कुलदीप चन्द्र अग्निहोत्री, कुलपति केन्द्रीय विश्वविद्याल, हिमाचल प्रदेश

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l भारतीय संचार की परंपरा लोकमंगलकारी रही हैः संजय द्विवेदी, महानिदेशक जनसंचार संस्थान, नई दिल्ली l सभ्यता संवाद पत्रिका का हुआ ई-लोकार्पण, भारतीय संचार परंपरा पर हुई चर्चा नई दिल्ली/ आज जब संचार माध्यमों के चाल-चरित्र को लेकर लगातार विमर्ष किया जा रहा है, ऐसे में भारत की मीडिया कैसी है? किस तरह की होनी चाहिए? संचार की भारतीय अवधारणाएं क्या हैं? इन विषयों के समेटे हुए सभ्यता अध्ययन केन्द्र की त्रैमासिक शोध पत्रिका सभ्यता संवाद के ‘सभ्यतागत संघर्ष और संचार की भारतीय अवधारणा'पर केंद्रित अंका का ई-लोकार्पण हिमाचल प्रदेश केन्द्रीय विश्वविद्यालय के कुलपति प्रो. कुलदीप अग्निहोत्री,आरएसएस के सह-प्रचार प्रमुख नरेंद्र ठाकुर, भारतीय जनसंचार संस्थान, नई दिल्ली के महानिदेशक प्रो. संजय द्विवेदी, आरएसएस के सह-प्रचार प्रमुख नरेंद्र ठाकुर, अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद के पूर्व राष्ट्रीय अध्यक्ष राजकुम...
Is Zakir Naik is finding Pakistan as his final Shelter

Is Zakir Naik is finding Pakistan as his final Shelter

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Zakir Naik, a self proclaimed scholar of Islam is actually a hypocrite and mischievous person. He is incorrigible, restraining himself to improve his attitude and misbelief. Change is against his nature. Seizing every moment in India and vomiting controversial statements in order to divide the society, Zakir Naik has now stated from his Malaysian shelter that Pakistani government should deny the permission to construct a Hindu temple at Islamabad. If this is realised, it will be a non-islamic act. He should be questioned, why is he actually worrying about this and guiding Pakistani government unnecessarily on this matter? But he is an expert in making the atmosphere poisonous for no reason. What else can be expected from a poisonous person mischievous guy. His blood and mind is filled with...