भारत किसी गुट में क्यों शामिल हो ?
अमेरिका ने चीन के विरुद्ध अब बाकायदा शीतयुद्ध की घोषणा कर दी है। ह्यूस्टन के चीनी वाणिज्य दूतावास को बंद कर दिया है। चीन ने चेंगदू के अमेरिकी दूतावास का बंद करके ईंट का जवाब पत्थर से दिया है। अमेरिकी विदेश मंत्री माइक पोंपिओ चीन पर लगातार हमले कर रहे हैं। उन्होंने अपने ताजा बयान में दुनिया के सभी लोकतांत्रिक देशों से आग्रह किया है कि वे चीन के विरुद्ध एकजुट हो जाएं। भारत से उनको सबसे ज्यादा आशा है, क्योंकि भारत दुनिया का सबसे बड़ा लोकतांत्रिक देश है और गालवान घाटी के हत्याकांड ने भारत को बहुत परेशान कर रखा है। नेहरु और इंदिरा गांधी के जमाने में यह माना जाता था कि एशिया, अफ्रीका और लातीनी अमेरिका के देशों याने तीसरी दुनिया के देशों का नेता भारत है। उन दिनों भारत न तो अमेरिकी गठबंधन में शामिल हुआ और न ही सोवियत गठबंधन में। वह गठबंधन-निरपेक्ष या गुट-निरपेक्ष ही रहा।
अब भी भारत किसी गुट में ...