माया की माया
साल 1993 केतन शाह के निर्देशन में एक फ़िल्म बनती है, राज बब्बर और फारूक शेख जैसे कद्दावर अभिनेताओं के साथ आते हैं शाहरुख खान, सितारा नहीं अभिनेता शाहरुख, फ़िल्म की यूएसपी है उसका बोल्ड सीन, न्यूडिटी और अश्लीलता के बीच की महीन रेखा को फ़िल्म बचा ले जाने में कामयाब रहती है और नेशनल अवॉर्ड तक ले जाती है। क्रिटिक प्रशंसा से थक नहीं रहे होते... फ़िल्म का नाम...
नहीं अभी नहीं बाद में बताऊंगी..अभी के लिए माज़रत...
फ़िल्म की कहानी अडॉल्ट्री यानि विवाहेत्तर संबंध पर बेस्ड है जिसे एक फ्रेंच नॉवेल 'Madame Bovary' के आधार पर बनाया गया है।
90 के दशक में ऐसी खूबसूरत फ़िल्म रचना जिसे आप किसी आधार पर खारिज़ ना कर सकें बहुत दिलेरी का काम था। दिलेरी इसलिए क्योंकि ये वही दौर था जब ममता कुलकर्णी को अश्लीलता के लिए आजीवन बैन कर दिया गया था।
दीपा जो केतन की पत्नी भी हैं, की यह पहली फ़िल्म थी जिसमें उन्हो...