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Author: Dialouge India

वन्य जीवों और पेड़ों के लिए अपनी जान पर खेलता बिश्नोई समाज

वन्य जीवों और पेड़ों के लिए अपनी जान पर खेलता बिश्नोई समाज

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वन्य जीवों और पेड़ों के लिए अपनी जान पर खेलता बिश्नोई समाज -डॉ. सत्यवान 'सौरभ' बिश्नोई समाज राजस्थान का एक अनूठा समुदाय है जो सदियों से पेड़-पौधों और वन्य जीवों की रक्षा में अपना जीवन समर्पित करता आया है। यहां की महिलाएं घायल हिरणों को अपने बच्चों की तरह पालती हैं। 1730 में खेजड़ली गांव में अमृता देवी और 363 बिश्नोईयों ने पेड़ों की रक्षा के लिए अपने प्राण न्योछावर कर दिए। बिश्नोई जीवनशैली 29 नियमों पर आधारित है, जिसमें प्रकृति से गहरा प्रेम निहित है। 'बिश्नोई टाइगर फोर्स' जैसे संगठनों के माध्यम से आज भी यह समाज जीव रक्षा का कार्य करता है। बिश्नोई समाज सच्चे अर्थों में प्रकृति का संरक्षक है। भारत में जब पर्यावरण संरक्षण की बात होती है, तो राजस्थान के बिश्नोई समाज का नाम बड़े सम्मान के साथ लिया जाता है। सदियों से यह समाज पेड़-पौधों और वन्य जीवों के संरक्षण में अपनी जान तक न्यौछावर ...
बेतुके बयानों से बचें एवं राजनीतिक सहमति कायम रखें

बेतुके बयानों से बचें एवं राजनीतिक सहमति कायम रखें

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बेतुके बयानों से बचें एवं राजनीतिक सहमति कायम रखें- ललित गर्ग- पहलगाम की बर्बर आतंकी घटना ने भारत की आत्मा पर सीधा हमला किया है, इसमें पाकिस्तान की स्पष्ट भूमिका को देखते हुए देश की एक सौ चालीस करोड जनता चाहती है कि अब पाकिस्तान को सबक सीखाना जरूरी हो गया है, नरेन्द्र मोदी सरकार ने भी इसे गंभीरता से लिया और पाकिस्तान के खिलाफ कठोर एक्शन लेते हुए सिंधु जल को रोकने जैसे पांच कदम उठाये। दोनों ही देशों के बीच युद्ध की स्थिति बनी है, यह पहली बार देखने को मिला है कि इस घटना को लेकर कश्मीर सहित समूचा देश एक दिखाई दे रहा है। ऐसे क्रूर, आतंकी एवं अमानवीय हमले के वक्त में पूरा देश दुख और गुस्से की मनःस्थिति से गुजर रहा है, जम्मू-कश्मीर विधानसभा ने शांति और सांप्रदायिक सद्भाव का एक सशक्त संदेश दिया है। सभी राजनीतिक दल, जाति, वर्ग, धर्म के लोग पाकिस्तान को करारा जबाव देने के लिये मोदी सरकार के हर ...
UPSC टॉपर या जाति टॉपर?: प्रतिभा गुम, जाति और पृष्ठभूमि का बाज़ार गर्म।

UPSC टॉपर या जाति टॉपर?: प्रतिभा गुम, जाति और पृष्ठभूमि का बाज़ार गर्म।

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UPSC टॉपर या जाति टॉपर?: प्रतिभा गुम, जाति और पृष्ठभूमि का बाज़ार गर्म। देश की सबसे प्रतिष्ठित परीक्षा अब जातीय गौरव का तमाशा बन चुकी है। जैसे ही रिज़ल्ट आता है, प्रतिभा और मेहनत को धकिया कर जाति, धर्म और ‘किसान की झोपड़ी’ की स्क्रिप्ट सोशल मीडिया पर दौड़ने लगती है। एसी कमरों में पढ़ने वाले अब खुद को किसान का बेटा घोषित करते हैं, ताकि संघर्ष बिके। टॉपर बनने के बाद सेवा की बजाय सेल्फी और सेमिनार का मोह शुरू हो जाता है। हर दल, हर विचारधारा, हर वर्ग अपने-अपने टॉपर को पकड़कर झंडा उठाता है — “देखो, ये हमारा है!”किसी को सवर्ण गौरव चाहिए, किसी को दलित चमत्कार। और इस पूरे मेले में असली हीरो — यानी मेहनत और ईमानदारी — कहीं कोने में खड़ी, अकेली, उपेक्षित रह जाती है। UPSC अब परीक्षा नहीं, जातीय राजनीति, इमोशनल मार्केटिंग और ब्रांडिंग का अखाड़ा बनता जा रहा है। और सवाल वही — ये अफसर समाज सेवा...
अक्षय तृतीया: समृद्धि, पुण्य और शुभारंभ का पर्व

अक्षय तृतीया: समृद्धि, पुण्य और शुभारंभ का पर्व

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अक्षय तृतीया: समृद्धि, पुण्य और शुभारंभ का पर्व -प्रियंका सौरभ अक्षय तृतीया, जिसे 'आखा तीज' भी कहा जाता है, हिंदू पंचांग के अनुसार वैशाख मास के शुक्ल पक्ष की तृतीया तिथि को मनाया जाने वाला एक अत्यंत पावन पर्व है। 'अक्षय' का अर्थ होता है—जो कभी क्षय (नाश) न हो। यही कारण है कि यह दिन शुभ कार्यों, दान-पुण्य, निवेश और नए आरंभ के लिए अत्यंत फलदायी माना जाता है। यह दिन विशेष रूप से मां लक्ष्मी और भगवान विष्णु की आराधना के लिए समर्पित होता है। मान्यता है कि इस दिन सच्चे हृदय से पूजा-पाठ, व्रत और दान करने से न केवल वर्तमान जीवन में सुख-समृद्धि प्राप्त होती है, बल्कि अगले जन्मों तक अक्षय पुण्य की प्राप्ति होती है।पुराणों के अनुसार, इसी दिन सतयुग और त्रेतायुग का प्रारंभ हुआ था। भगवान परशुराम का जन्म भी इसी तिथि को हुआ था। महाभारत में वर्णित है कि इसी दिन युधिष्ठिर को अक्षय पात्र की प्राप्ति ह...
पहलगाम आतंकवादी हमला {वैश्विक जगत भारत के साथ वहीं भारत के विरोधी दल देश के गुनाहगारों के साथ}

पहलगाम आतंकवादी हमला {वैश्विक जगत भारत के साथ वहीं भारत के विरोधी दल देश के गुनाहगारों के साथ}

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पहलगाम आतंकवादी हमला {वैश्विक जगत भारत के साथ वहीं भारत के विरोधी दल देश के गुनाहगारों के साथ}मृत्युंजय दीक्षितकश्मीर घाटी के पहलगाम हमले में 26 निहत्थे निर्दोष पर्यटकों की धर्म पूछकर और कलमा न पढ़ पाने पर की गई नृशंस हत्याओं के बाद, देश में आतंकवाद के खिलाफ भीषण आक्रोश है। देश का जन जन पाकिस्तान से बदला लेने के लिए तड़प रहा है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने पहले बिहार की मधुबनी रैली में और फिर “मन की बात“ रेडियो कार्यक्रम में देश को विश्वास दिलाया है कि पीड़ितों को न्याय मिलकर रहेगा तथा पाकिस्तान को ऐसा दंड दिया जाएगा जिसकी उसने कल्पना भी नहीं की होगी । आतंकवादी घटनाओं के इतिहास में ऐसा पहली बार हुआ कि देश के गृहमंत्री तुरंत अपने सभी कार्यक्रम रद्द करके घटनास्थल पहुंचे और पीड़ितों के साथ खड़े रहे। इस घटना के बाद से भारत के आतंकवाद से निपटने के निर्णय को विश्व के सभी प्रमुख देशों ने अपना प...
डिजिटल युग में बच्चे गुस्सैल और आक्रामक क्यों?

डिजिटल युग में बच्चे गुस्सैल और आक्रामक क्यों?

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डिजिटल युग में बच्चे गुस्सैल और आक्रामक क्यों? विनीत नारायणआज के डिजिटल युग में, बच्चों का व्यवहार और मनोवैज्ञानिक स्वास्थ्य एक गंभीर चिंता का विषय बन गया है। माता-पिता और शिक्षक अक्सर यह शिकायत करते हैं कि बच्चे पहले की तुलना में अधिक गुस्सैल, चिड़चिड़े और आक्रामकहो गए हैं। इसका एक प्रमुख कारण बच्चों का कम उम्र में मोबाइल फोन और इंटरनेट का अत्यधिक उपयोग है।प्रारंभिक स्क्रीन टाइम और डिजिटल दुनिया बच्चों के मानसिक और भावनात्मक विकास को नकारात्मक रूप सेप्रभावित कर रही है, जिसके परिणामस्वरूप उनमें गुस्सा और आक्रामकता बढ़ रही है।आज के बच्चे ‘डिजिटल नेटिव्स’ हैं, यानी वे उस दुनिया में पैदा हुए हैं जहां स्मार्टफोन, टैबलेट और इंटरनेट रोजमर्रा कीजिंदगी का हिस्सा हैं। पहले जहां बच्चे खेल के मैदान में दोस्तों के साथ समय बिताते थे, वहीं अब वे मोबाइल स्क्रीन परगेम खेलने, वीडियो देखने और सोशल मीडि...
भारत की प्रतिक्रिया का और विस्तार ज़रूरी

भारत की प्रतिक्रिया का और विस्तार ज़रूरी

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भारत की प्रतिक्रिया का और विस्तार ज़रूरी पहलगाम आतंकी हमले की प्रतिक्रिया में भारत की मोदी सरकार ने पाकिस्तान के विरुद्ध कुछ कठोर कदम उठाए हैं, राजनयिक संबंध लगभग तोड़ दिए गए हैं और 1960 की ऐतिहासिक सिंधु जल संधि तुरंत प्रभाव से स्थगित कर दी गई है। यह संधि विश्व बैंक की मध्यस्थता से हुई थी। अब पाकिस्तान वालों को भारत आने का, किसी भी तरह का, वीजा नहीं दिया जाएगा। सार्क देश होने के कारण जो छूट थी, उसे भी रद्द कर दिया गया है। राजनयिकों को भारत छोडऩे को मात्र एक सप्ताह का वक्त दिया गया है। नई दिल्ली स्थित पाकिस्तान के उच्चायोग में रक्षा, नौसेना, वायुसेना, थलसेना आदि के सलाहकारों को भी 48 घंटे में भारत छोडऩे के आदेश दे दिए गए हैं। अटारी-वाघा सीमा चेकपोस्ट को बंद कर दिया गया है। इस रास्ते से भारत में प्रवेश करने वाले पाकिस्तानी एक मई से पहले लौट जाएं। पाकिस्तान उच्चायोग में 55 कर्मचारियों...
पाक के खिलाफ कूटनीतिक एवं रणनीतिक दबाव जरूरी

पाक के खिलाफ कूटनीतिक एवं रणनीतिक दबाव जरूरी

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पाक के खिलाफ कूटनीतिक एवं रणनीतिक दबाव जरूरी-ललित गर्ग- पाकिस्तान की पहचान एक ऐसे देश के रूप में है जो कमजोर है, असफल है, कर्ज में डूबा है, अपने नागरिकों के हितों की रक्षा करने में नाकाम है, आतंक की नर्सरी एवं प्रयोगशाला है, ढहती अर्थव्यवस्था है, इन बड़ी नाकामियों को ढ़कने के लिये ही वह कश्मीर का राग अलापता रहा है, वहां के नेता एवं सैन्य अधिकारी तमाम जर्जरताओं एवं निराशाओं के बावजूद आज भी हिन्दू और भारत विरोध को ढ़ाल बनाकर ही अपनी सत्ता मजबूत करते रहे हैं। लेकिन अब उसका चेहरा इतना बदनुमा बन गया है कि उसने धर्म के नाम पर निर्दोष एवं बेगुनाह लोगों का खून बहाना शुरु कर दिया है। भारत ही नहीं, दुनिया में आतंक को फैलाने में अपनी जमीन, संसाधन एवं ताकत का प्रयोग खुलेआम करना शुरु कर दिया है, यह उसकी बौखलाहट ही है, यह उसकी निराशा ही है, यह उसकी विकृत सोच ही है। इस घिनौनी सोच का पर्दापाश पहलगाम क...
विश्व बौद्धिक सम्पदा दिवस- 26 अप्रैल 2025 मनुष्य के मौलिक सृजन को संरक्षित करना बड़ी चुनौती

विश्व बौद्धिक सम्पदा दिवस- 26 अप्रैल 2025 मनुष्य के मौलिक सृजन को संरक्षित करना बड़ी चुनौती

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विश्व बौद्धिक सम्पदा दिवस- 26 अप्रैल 2025 मनुष्य के मौलिक सृजन को संरक्षित करना बड़ी चुनौती-ललित गर्ग- रचनात्मकता, सृजनात्मकता और संरचनात्मकता मनुष्य की स्वाभाविक वृत्ति है, मानव की इन मौलिक विशेषताओं एवं उपलब्धियों को उचित सम्मान मिले, उचित प्रोत्साहन एवं पारिश्रमिक मिले, ऐसे नवाचार और रचनात्मकता को बढ़ावा देने के लिए ही हर साल 26 अप्रैल को विश्व बौद्धिक संपदा दिवस मनाया जाता है। इसका उद्देश्य बौद्धिक संपदा (आईपी) के बारे में जागरूकता बढ़ाना है और नवाचार तथा रचनात्मकता को प्रोत्साहित करने में आईपी की भूमिका को उजागर करना है। कृत्रिम बौद्धिकता के दौर में मानव की स्वतः स्फूर्त बौद्धिकता का संरक्षण, संवर्द्धन एवं प्रोत्साहन ज्यादा जरूरी है। 2025 की थीम ‘आईपी और संगीतः आईपी की धड़कन महसूस करें’ है। यह संगीत उद्योग में बौद्धिक संपदा (आईपी) की महत्वपूर्ण भूमिका पर जोर देता है, इस थीम का उद्...
बीजेपी की मजबूरी है तमिलनाडु में गठबंधन की सियासत

बीजेपी की मजबूरी है तमिलनाडु में गठबंधन की सियासत

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बीजेपी की मजबूरी है तमिलनाडु में गठबंधन की सियासतसंजय सक्सेनाभारतीय जनता पार्टी और दिवंगत जयललिता की पार्टी एआईएडीएमके के बीच तमिलनाडु में 2026 के विधानसभा चुनाव को लेकर हुआ गठबंधन ने तमिलनाडु में सत्तारूढ़ द्रमुक पार्टी की नींद उड़ा दी है। यह गठबंधन बीजेपी के रणनीतिकार अमित शाह की देन बताई जा रही है।हालांकि अभी तक दोनों दलों के दिल मिलते नहीं दिखाई दे रहे हैं। वजह हैं एआईएडीएमके नेता ई. पलानीस्वामी के बयानों में बार-बार आ रहा असमंजस। तमिलनाडु की राजनीति में यह कोई पहला मौका नहीं है जब चुनावी गणित के चलते विरोधी दलों ने हाथ मिलाया हो, लेकिन सत्ता साझा करने को लेकर जो स्पष्टता होनी चाहिए, उसकी यहां भारी कमी नजर आ रही है। अमित शाह ने खुद चेन्नई जाकर गठबंधन की सार्वजनिक घोषणा की, यहां तक कि दावा भी कर दिया कि अगली सरकार तमिलनाडु में एआईएडीएमके-बीजेपी की होगी। लेकिन जब पलानीस्वामी से इस बयान ...