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Author: dindiaadmin

Can India get its occupied land back from neighbors like Pakistan and China? If yes, how?

Can India get its occupied land back from neighbors like Pakistan and China? If yes, how?

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.   Redrawing borders by military might is well nigh impossible in today's world.Doing so by diplomatic means is a 'give and take' business and termed as settling boundary disputes and is a possibility.In case of erstwhile Jammu and Kashmir, both India and Pakistan claim the territory internationally , but also understand that any change in status quo of boundaries is well next to impossible and the same belief is held by UN, given strategic importance of Jammu and Kashmir to both India, Pakistan and China (China occupies Aksai Chin area , besides some territory  ceded by Pakistan to it) see the image below cok 1 is Shaksgam valley ceded to China by Pakistan.The Aksai chin area on map is represented as COK2 , is of strategic import...
HAVE INDIA COURAGE TO DO SO AGAINST PAKISTAN ( IMPOTENT PM MODI ) CASUALTIES OF OUR SOLDIER INCREASING DAY BY DAY???

HAVE INDIA COURAGE TO DO SO AGAINST PAKISTAN ( IMPOTENT PM MODI ) CASUALTIES OF OUR SOLDIER INCREASING DAY BY DAY???

EXCLUSIVE NEWS
The US military has dropped the biggest non-nuclear bomb in its arsenal on an Islamic State group tunnel complex in Afghanistan, the Pentagon says. The GBU-43/B Massive Ordnance Air Blast Bomb (MOAB), known as “the mother of all bombs”, was first tested in 2003, but had not been used before in combat. The Pentagon said it was dropped from a US aircraft in Nangarhar province. The news came hours after the Pentagon admitted an air strike in Syria mistakenly killed 18 rebels. It said a partnered force had mistakenly identified the target location as an IS position, but the strike on 11 April had killed rebels from the Syrian Democratic Forces, which is backed by Washington. The strike in Afghanistan follows last week’s death of a US special forces soldier fighting IS in Nangarhar. The 2...
R.O. का लगातार सेवन बनेगा मौत का कारण W.H.O.

R.O. का लगातार सेवन बनेगा मौत का कारण W.H.O.

सामाजिक
चिलचिलाती गर्मी में कुछ मिले या ना मिले पर शरीर को पानी ज़रूर मिलना चाहिए। अगर पानी RO का हो तो, क्या बात है ! परंतु *क्या वास्तव में हम आर. ओ. के पानी को शुद्ध पानी मान सकते हैं* ?*जवाब आता है बिल्कुल नहीं। और यह जवाब विश्व स्वास्थ्य संगठन(WHO) की तरफ से दिया गया है।*विश्व स्वास्थ्य संगठन ने बताया कि इसके लगातार सेवन से हृदय संबंधी विकार, थकान, कमजोरी, मांसपेशियों में ऐंठन, सर दर्द आदि दुष्प्रभाव पाए गए हैं। यह कई शोधों के बाद पता चला है कि इसकी वजह से *कैल्शियम और मैग्नीशियम पानी से पूरी तरह नष्ट हो जाते हैं* जो कि शारीरिक विकास के लिए अत्यंत आवश्यक है।RO के पानी के लगातार इस्तेमाल से शरीर मे विटामिन *B-12* की कमी भी होने लगती है।वैज्ञानिकों के अनुसार मानव शरीर 400 टीडीएस तक सहन करने की क्षमता रखता है परंतु RO में 18 से 25 टीडीएस तक पानी की शुद्धता होती है जो कि नुकसानदायक है। इसके...
ईवीएम मशीन का झूठ सबसे पहले दैनिक भास्कर ने फैलाया!  यूपीए शासन में कोल आवंटन का ऋण चुका रहा था शायद!

ईवीएम मशीन का झूठ सबसे पहले दैनिक भास्कर ने फैलाया! यूपीए शासन में कोल आवंटन का ऋण चुका रहा था शायद!

BREAKING NEWS, TOP STORIES
यह लिंक एक वामपंथी वेब स्क्राल का ही है। ठीक से पूरी खबर पढ़िये, एक-एक मीडिया और पत्रकार के झूठ का पर्दाफाश किया गया है। मप्र के  भिंड में ईवीएम का झूठ फैलाने वाले पत्रकारों और उनके संपादकों से भी बात की गयी है, और सबकी झूठ उनके मुंह पर पकड़ी गयी है। इस झूठ को सबसे पहले दैनिक भास्कर ने फैलाया। आपको यह बता दूं कि कांग्रेस की यूपीए सरकार ने भास्कर के मालिकों को अवैध रूप से कोयला   खदान आवंटित किया था, जिसे बाद में अदालत ने रद्द कर दिया था। लगता है भास्कर के मालिकान और पत्रकार अभी तक कांग्रेस की नमक का हक  अदा कर रहे हैं। पत्रिका भी इस झूठ को फैलाने वालों में शामिल था, जो आजकल कैच वेब के जरिये भी लगातार झूठ फैलाने में जुटा है।इन दोनों अखबार के आधार पर दिल्ली में वामपंथी इंडियन एक्सप्रेस व एनडीटीवी ने, फिर एबीपी न्यूज और कोयला घोटाले में फंसी एक कंपनी की  बड़ी शेयर वाली आजतक ने इस झूठ को फैला...
राष्ट्रीय हरित प्राधिकरण ने बांध कंपनी टी०एच०डी०सी०  पर 50  लाख का जुरमाना ठोका

राष्ट्रीय हरित प्राधिकरण ने बांध कंपनी टी०एच०डी०सी० पर 50 लाख का जुरमाना ठोका

प्रेस विज्ञप्ति
राष्ट्रीय हरित प्राधिकरण ने बांध कंपनी टी०एच०डी०सी०  पर 50  लाख का जुरमाना ठोका विष्णुगाड-पीपलकोटी बांध विश्व बैंक के कर्ज से अलकनंदा नदी पर, उत्तराखंड में निर्माणाधीन प्रैस विज्ञप्ति                                                                                                                                                 13 अप्रैल 2017 राष्ट्रीय हरित प्राधिकरण NGT (प्रिंसिपल बेंच) ने टिहरी हाइड्रो डेवलपमेंट कारपोरेशन पर  50 लाख का जुर्माना लगाया है। ये जुर्माना बांध कंपनी पर अलकनंदा नदी में कूड़ा और मक, जो कि विश्व बैंक के कर्ज से बन रहे विष्णुगाड-पीपलकोटी पावर प्लांट के पास बन रही एक रोड से निकला था, डालने पर  लगाया गया है। ये फैसला NGT कोर्ट ने माननीय जस्टिस स्वतंत्र सिंह की अद्यक्षता वाली बेंच में विमल भाई बनाम  केस में 13 अप्रैल 2017 को नई दिल्ली में सुनाया । ये केस राष्ट्र...
NGT put 50,00,000 Rs. Fine on THDC for environmental violation World Bank funded Vishnugad-Peepalkoti HEP, River Alaknanda, Uttarakhand

NGT put 50,00,000 Rs. Fine on THDC for environmental violation World Bank funded Vishnugad-Peepalkoti HEP, River Alaknanda, Uttarakhand

EXCLUSIVE NEWS, प्रेस विज्ञप्ति
Vimal Bhai v. THDC & Ors. (O.A 197 of 2016) Project Name: Vishnugad-Peepalkoti HEP (444 MW) Rivers: Alaknanda River Agency: Tehri Hydro Development Corporation (THDC) Environmental Clearance granted on 22-8-2007 Case in National Green Tribunal on the issue of environmental violation. {Dumping of the construction debris directly into the river} The National Green Tribunal (Principal Bench) imposed Environmental Compensation of 50 Lacks on the Tehri Hydro Development Corporation Ltd ('THDC'). for disposal of debris and muck excavated out of construction of a road from the power house of the World Bank funded Vishnugad Peepalkoti Hydroelectric Project till the Alaknanda River. The judgment as delivered in open court on 13th April, 2017 in New Delhi by NGT Chaiperson Swate...
हिंसक होती महानगरीय संस्कृति की त्रासदी

हिंसक होती महानगरीय संस्कृति की त्रासदी

संस्कृति और अध्यात्म
हम जितने आधुनिक हो रहे है, हमारे नैतिक मूल्य उतने ही गिरते जा रहे हैं। हमारे महानगर इस गिरावट की हदें पार कर रही हंै। इसकी निष्पत्ति न केवल भयावह बल्कि चिन्ताजनक होती जा रही है। इसका खुलासा इसी बात से हो जाता है कि अकेले दिल्ली में छोटी-छोटी बातों पर हत्या जैसी घटनाओं में काफी बढ़ोत्तरी हुई है। बीते तीन माह के दौरान ही मामूली विवादों पर 127 हत्याएं हो चुकी हैं। ये हत्याएं जिन छोटे-छोटे विवादों एवं कहा-सुनी को लेकर वीभत्स एवं डरावने अंदाज में हुई वे महानगरीय जीवन के हिंसक एवं क्रूर होते जाने की स्थितियों को ही दर्शाता है। ये हत्याएं हमारे समाज की संवेदनशून्यता एवं जड़ होते़ जाने की त्रासदी को ही उजागर करती है। यहां यह सवाल उठ खड़ा होता है कि हम और आप इतने संवेदनहीन आखिर क्यों हो गए हैं? क्यों समाज और आस-पड़ोस को लेकर हमारी संवेदनाएं मर गई हैं या मरती जा रही हैं। वसुधैव कुटुंबकम की अपनी प्राचीन ...
अंबेडकर जयंती पर डिजिटल भुगतान प्रोत्साहन को बढ़ावा प्रधानमंत्री आज नागपुर में भीम-आधार जारी करेंगे

अंबेडकर जयंती पर डिजिटल भुगतान प्रोत्साहन को बढ़ावा प्रधानमंत्री आज नागपुर में भीम-आधार जारी करेंगे

जीवन शैली / फिल्में / टीवी
अंबेडकर जयंती पर डिजिटल भुगतान प्रोत्साहन को बढ़ावा प्रधानमंत्री आज नागपुर में भीम-आधार जारी करेंगे Top of दो नई योजनाओं : - ‘कैश बैक’ और ‘रेफरल बोनस’ का अनावरण किया जाएगा प्रधानमंत्री डिजिटल भुगतान करने वाले 1 करोड़, 50 लाख और 25 लाख के पुरस्कार विजेताओं का अभिनंदन करेंगे प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी 14 अप्रैल को डॉ. भीमराव अंबेडकर की 126वीं जयंती के आयोजन में कई महत्वपूर्ण कार्यक्रमों की शुरुआत करेंगे जो भारत में डिजिटल भुगतान क्रांति को आगे ले जाएंगे। इनमें व्यापारियों के लिए ‘भीम आधार’ मंच की शुरुआत,  भीम के लिए कैश बैक व रेफरल बोनस योजना की शुरुआत और 75 टाउनशिप के लेस-कैश होने की घोषणा शामिल है। प्रधानमंत्री इस दौरान डिजिटल भुगतान को बढ़ावा देने वाली दो प्रमुख प्रोत्साहन योजनाओं - लकी ग्राहक योजना और डिजिधन व्यापार योजना के मेगा ड्रॉ के विजेताओं को भी सम्मानित करेंगे। ये प...
देश के 91 प्रमुख जलाशयों के जलस्तर में एक प्रतिशत की कमी आई

देश के 91 प्रमुख जलाशयों के जलस्तर में एक प्रतिशत की कमी आई

जीवन शैली / फिल्में / टीवी
Top of Form 13-अप्रैल-2017 17:16 IST   देश के 91 प्रमुख जलाशयों के जलस्तर में एक प्रतिशत की कमी आई 13 अप्रैल, 2017 को समाप्त सप्ताह के दौरान देश के 91 प्रमुख जलाशयों में 48.42 बीसीएम (अरब घन मीटर) जल का संग्रहण आंका गया। यह इन जलाशयों की कुल संग्रहण क्षमता का 31 प्रतिशत है। 6 अप्रैल, 2017 को समाप्त हुए सप्ताह के दौरान यह 32 प्रतिशत था।  यह पिछले वर्ष की इसी अवधि के कुल संग्रहण का 132 प्रतिशत तथा पिछले दस वर्षों के औसत जल संग्रहण का 106 प्रतिशत है। इन 91 जलाशयों की कुल संग्रहण क्षमता 157.799 बीसीएम है, जो समग्र रूप से देश की अनुमानित कुल जल संग्रहण क्षमता 253.388 बीसीएम का लगभग 62 प्रतिशत है। इन 91 जलाशयों में से 37 जलाशय ऐसे हैं जो 60 मेगावाट से अधिक की स्थापित क्षमता के साथ पनबिजली संबंधी लाभ देते हैं। क्षेत्रवार संग्रहण स्थिति उत्तरी क्षेत्र उत्तरी क्षेत्र म...
आखिर इस चुनिन्दा मौन का अर्थ क्या है?

आखिर इस चुनिन्दा मौन का अर्थ क्या है?

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अभी बहुत दिन नहीं हुए हैं जब सेना में पतली दाल या कुछ और छोटे बड़े मुद्दों को लेकर बुद्धिजीवियों के द्वारा कई तरह की हायतौबा मचाई जा रही थी. ऐसा लग रहा था कि इस दाल के खाने से सेना पर पहाड़ टूट पड़ा है और बिना किसी जांच के, बिना किसी सबूत के सरकार को और सेना में कठघरे में खड़ा कर दिया गया. बुद्धिजीवी रोने लगे, सेना के शौर्य और त्याग के गीत गाए जाने लगे और कहा जाने लगा कि सेना में भेदभाव कर रही है सरकार. पिछले दो तीन दिनों से कश्मीरी भटके युवाओं के द्वारा सीआरपीएफ के जवान के साथ दुर्व्यवहार का वीडियो सामने है. इस वीडियो पर सब मौन है, बुद्धिजीवी मौन हैं. अभिव्यक्ति की आज़ादी का तराना गाने वाले मौन हैं. आखिर इस चुनिन्दा मौन का अर्थ क्या है?...