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Author: dindiaadmin

गणगौर: नारी शक्ति और संस्कार का पर्व

गणगौर: नारी शक्ति और संस्कार का पर्व

सामाजिक
गणगौर का त्यौहार सदियों पुराना हैं। हर युग में कुंआरी कन्याओं एवं नवविवाहिताओं का अपितु संपूर्ण मानवीय संवेदनाओं का गहरा संबंध इस पर्व से जुड़ा रहा है। यद्यपि इसे सांस्कृतिक उत्सव के रूप में मान्यता प्राप्त है किन्तु जीवन मूल्यों की सुरक्षा एवं वैवाहिक जीवन की सुदृढ़ता में यह एक सार्थक प्रेरणा भी बना है। गणगौर शब्द का गौरव अंतहीन पवित्र दाम्पत्य जीवन की खुशहाली से जुड़ा है। कुंआरी कन्याएं अच्छा पति पाने के लिए और नवविवाहिताएं अखंड सौभाग्य की कामना के लिए यह त्यौहार हर्षोल्लास के साथ मनाती हैं, व्रत करती हैं, सज-धज कर सोलह शृंगार के साथ गणगौर की पूजा की शुरुआत करती है। पति और पत्नी के रिश्तें को यह फौलादी सी मजबूती देने वाला त्यौहार है, वहीं कुंआरी कन्याओं के लिए आदर्श वर की इच्छा पूरी करने का मनोकामना पर्व है। यह पर्व आदर्शों की ऊंची मीनार है, सांस्कृतिक परम्पराओं की अद्वितीय कड़ी है एवं रीति...
योगी को सीएम बनाकर मोदी ने कोई गलती नहीं की

योगी को सीएम बनाकर मोदी ने कोई गलती नहीं की

TOP STORIES
जिस दिन आदित्यनाथ योगी जी की शपथ हुई, उस दिन व्हाट्सएप्प पर एक मजाक चला, जिसमें दिखाया गया कि आडवाणी जी प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के कंधे पर हाथ रखकर कह रहे हैं कि ‘आज तूने वही गलती कर दी, जो मैने तूझे गुजरात का मुख्यमंत्री बनाकर की थी’। ये एक भद्दा मजाक था। ये उस शैतानी दिमाग की उपज है, जो भारत में सनातनधर्मी मजबूत नेतृत्व को उभरते और सफल होते नहीं देखना चाहता। जबकि सच्चाई ये है कि मोदी जी ने योेगी जी को उ.प्र. की बागडोर सौंपकर तुरूप का पत्ता फैंका है। देश की जनता तभी सुखी हो सकती है, जब प्रदेश की सरकार का नेतृत्व चरित्रवान और योग्य लोग करें। क्योंकि केंद्र की सरकार तो नीति बनाने का और साधन मुहैया करने का काम करती है। योजनाओं का क्रियान्वयन तो प्रदेश की नौकरशाही करती है। अगर वो कोताही बरतें तो जनता तक नीतियों का लाभ नहीं पहुंचता, जिससे जनाक्रोश पनपता है। आज के दौर में जब राजनीतिज्ञों को ...
मजबूत लोकतंत्र के लिए सांसदों की हाजिरी जरूरी

मजबूत लोकतंत्र के लिए सांसदों की हाजिरी जरूरी

विश्लेषण
संसद सत्र के दौरान सांसदों के अनुपस्थित रहने का मामला इन दिनों एक बार फिर चर्चा में हैं। मंगलवार को कुछ ऐसी ही स्थिति उत्पन्न हो गई, जब राज्यसभा में प्रश्नकाल के दौरान पूछे जाने वाले पूरक प्रश्नों के जवाब देने के लिए संबंधित विभागों के कई मंत्री उपस्थिति नहीं थे। इस पर सभापति हामिद अंसारी ने नाराजगी जाहिर की, तो विपक्ष को चुटकी लेने का मौका मिल गया। बाद में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने संसदीय दल की बैठक में प्रतिनिधियों को आड़े हाथों लिया। सांसदों की अनुपस्थित रहने की प्रवृत्ति पुरानी भले ही है, लेकिन अक्षम्य है। यहां तक कि कई मंत्री भी उपस्थित रहना जरूरी नहीं समझते। इसके चलते सदन में पूछे जाने वाले सवाल अनुत्तरित रह जाते हैं। न केवल सवाल अनुत्तरित रह जाते हैं बल्कि संसद की कार्यवाही पर होने वाला भारी-भरकम खर्च की बर्बादी भी होती है। जिस गति से विकास होना चाहिए, वह नहीं हो पाता है। हर राष्...
वेदों के अनुसार आकाश की बिजली का प्रयोग संभव

वेदों के अनुसार आकाश की बिजली का प्रयोग संभव

सामाजिक
बिजली आज सभ्य समाज की बुनियादी जरूरत बन चुकी है। गरीब-अमीर सबको इसकी जरूरत है। विकासशील देशों में बिजली का उत्पादन इतना नहीं होता कि हर किसी की जरूरत को पूरा कर सके। इसलिए बिजली उत्पादन के वैकल्पिक स्त्रोत लगातार ढू़ढे जाते है। पानी से बिजली बनती है, कोयले से बनती है, न्यूक्लियर रियेक्टर से बनती है और सूर्य के प्रकाश से भी बनती है। लेकिन वैज्ञानिक सूर्य प्रकाश कपूर जिन्होंने वैदिक विज्ञान के आधार पर आधुनिक जगत की कई बड़ी चुनौतियों को मौलिक रूप से सुलझाने का काम किया है, उनका दावा है कि बादलों में चमकने वाली बिजली को भी आदमी की जरूरत के लिए प्रयोग किया जा सकता है। यह कोई कपोल कल्पना नहीं बल्कि एक हकीकत है। दुनिया के विकसित देश जैसे अमेरिका, जापान, चीन, फ्रंास आदि तो इस बिजली के दोहन के लिए संगठित भी हो चुके हंै। उनकी संस्था का नाम है ‘इंटरनेशनल कमीशन आॅन एटमाॅस्फाॅरिक इलैक्ट्रिसिटी’। दुर्...
“आई एस आई” आतंकवाद का पोषक

“आई एस आई” आतंकवाद का पोषक

विश्लेषण
अधिक पीछे न जाते हुए केवल पिछले 2-3  वर्ष की गुप्तचर विभाग की सूचनाओँ में आईएसआई द्वारा हमारे देश में आतंकवादियों को उकसाने व भड़काने के महत्वपूर्ण समाचार आये है। जिससे राष्ट्रीय पत्रकारिता  के सकारात्मक संकेत मिलने से मीडिया जगत की अनेक भ्रांतियां दूर हुई। साथ ही केंद्रीय सत्ता में  परिवर्तन से भी समाज में एक सकारात्मक  वातावरण बनने से उसमें राष्ट्र के प्रति अपने अपने कर्तव्यों का बोध जागा है । मुगलकालीन इतिहास को अलग करते हुए वर्तमान में पाकिस्तान की गुप्तचर संस्था "इंटर सर्विसेस इंटेलिजेंस" (आईएसआई) द्वारा पोषित जिहाद रुपी मुस्लिम आतंकवाद की गंभीर समस्या से देश पिछले लगभग पिछले 46 वर्षो से जूझ रहा है । आईएसआई  बंग्लादेश के निर्माण (1971) से ही जिहाद के लिए अपने एजेंटों द्वारा भटके हुए कट्टरपंथी मुस्लिमो को लोभ व लालच देकर अनेक साधनो व विभिन्न माध्यमो से बहका कर देश के विभिन्न क्षेत्रो म...
अब स्वीडन में ट्रक से हमला

अब स्वीडन में ट्रक से हमला

BREAKING NEWS
स्वीडन की राजधानी स्टॉकहोम आज ट्रक के आतंकी हमले से दहल गयी.  प्रत्यक्षदर्शियों के अनुसार एक शू स्टोर में एकदम से शोर सुनाई दिया और  फिर भगदड़ मच गयी.  कुछ प्रत्यक्षदर्शियों और पुलिस के अनुसार गोलियों के चलने की आवाजें सुनी गईं.  इस हमले में तीन नागरिकों की मृत्यु हो गयी.  दुर्घटना स्थल भारतीय दूतावास से महज़ दो सौ मीटर की दूरी पर है.  विश्व के सभी नेताओं ने इस घटना की निंदा की है....
बूचड़खानों के रोंगटे खड़े कर देने वाले सच

बूचड़खानों के रोंगटे खड़े कर देने वाले सच

Uncategorized, विश्लेषण
अवैध बूचड़खानों की बंदी का विरोध कर विपक्ष, मीडिया, महानगरों में बैठे तथाकथित बुद्धिजीवियों ने ना केवल अपनी बेवकूफी का प्रदर्शन किया है बल्कि उनका ज्ञान कितना सिमित है और महानगरो से बाहर के भारत की असलियत से कितने कटे हुए हैं इस सच्चाई के दर्शन भी करा दिए हैं। लेकिन दुर्भाग्य यह है कि अधिकतर समर्थक भी इस मुद्दे से ठीक से परिचित नही है। पहली बात तो मुद्दा सिर्फ गौ हत्या का नही था। गौ हत्या पर उत्तर प्रदेश में पहले से ही कानूनी प्रतिबन्ध है। हालांकि सपा और बसपा की सरकारों में इस कानून की धज्जियां उड़ाई गई और बड़े पैमाने पर सरकारी संरक्षण में गौहत्या की जाती रही। लेकिन गौ हत्या से भी बड़ा मुद्दा (विशेषकर पश्चिमी उत्तर प्रदेश के लिये) भैंसों के अवैध कटान का रहा है। उदाहरण के लिये कुछ साल पहले तक मेरठ में शहर के बीचों बीच सरकारी कमेला होता था जिसे हर साल नगर निगम मामूली रकम के एवज में याकूब कुरै...
Rupees two-crores per annum salary less for cricketers

Rupees two-crores per annum salary less for cricketers

EXCLUSIVE NEWS
It refers to reported demand raised by our ultra-rich cricketers minting money by every means including match-fees, commercial-advertisements and other sources, for a further hike in their hefty annual salary-package, which is presently rupees two crores for seven players in A-category, rupees one crore for nine players in B-category and rupees 50 lakhs for fourteen players in C-category apart from match-fees of rupees fifteen lakhs, six lakhs and three lakhs for test-matches, one-day-international and T-20 matches respectively. Reports indicate those raising demand for salary-hike also include players listed in A-category with rupees two-crore annual salary. It is also noteworthy that cricketers in different categories also get life-time pensions after their retirement from the game. S...
The Dalai Lama is the darling of India – Let it be told to China

The Dalai Lama is the darling of India – Let it be told to China

EXCLUSIVE NEWS
With characteristic arrogance, China has warned India that it should not permit the Dalai Lama to undertake an eight day teaching trip to Arunachal Pradesh , beginning  4th April, 2017. A five day festival  is being organized by India in Arunachal Pradesh on 31st March, which will be inaugurated by President of India. The festival would take place on the banks of river Brahmaputra. The Dalai Lama would participate in the festival during his visit to  Arunachal Pradesh. When the news was flashed that China objected to the visit of the Dalai Lama to Arunachal Pradesh , the cross section of Indians immediately asked  as to what right China has to make this unjustified demand . China, which already occupies large area of Indian territory which was forcefully annexed after the India Pa...
शुंगलू समिति की रिपोर्ट बनी केजरीवाल के जी का जंजाल

शुंगलू समिति की रिपोर्ट बनी केजरीवाल के जी का जंजाल

BREAKING NEWS
भ्रष्टाचार के मुद्दे पर आई केजरीवाल सरकार अब खुद ही भ्रष्टाचार के तमाम आरोपों में घिरी नज़र आ रही है.  केजरीवाल सरकार के द्वारा उठाए गए क़दमों की जांच करने के लिए सितंबर 2016 में तत्कालीन उपराज्यपाल नजीब जंग द्वारा पूर्व नियंत्रक एवं महालेखा परीक्षक वीके शुंगलू की अध्यक्षता में एक समिति का गठन किया गया था. इस समिति की रिपोर्ट के अनुसार केजरीवाल सरकार के द्वारा उठाए गए क़दमों में मनमानी प्रक्रिया का पालन किया गया है और इनमें अपनों को फायदा पहुंचाने के लिए नियमों की धज्जियां उड़ाई गईं हैं. एक तरफ जहां इस रिपोर्ट के आने से आप में गुस्सा है, क्योंकि उसे लग रहा है कि इसका सीधा असर एमसीडी चुनावों में पड़ेगा तो वहीं कोंग्रेस एक बार फिर हमलावर की मुद्रा में है. इसी प्रकार मकानों और कार्यालय के आवंटनों में भी उपराज्यपाल की अनुमति नहीं ली गयी जबकि यह आवश्यक है. अब देखते हैं, कि क्या इस रिपोर्ट का कुछ...