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Author: dindiaadmin

चुनाव : भाजपा अपनी लीक पर चलेगी

चुनाव : भाजपा अपनी लीक पर चलेगी

BREAKING NEWS, TOP STORIES, विश्लेषण
केंद्र में सत्तारूढ़ भाजपा इस बार भी आम चुनाव में कुछ नया करने जाती दिख रही है।लोकसभा चुनाव में भले एन डी ए सरकार की बात कही जाए, भाजपा का पूरा प्रयास अपने दम पर सरकार बनाने का है। जो संकेत मिल रहे हैं, वे 2019 से पृथक नहीं हैं। जैसे कि जब पिछले लोकसभा चुनाव में जब भाजपा ने जब प्रत्याशियों की घोषणा की तो उसने अपने 268 में से 99 सांसदों यानी 36 प्रतिशत के टिकट एक झटके में काट दिए। वर्ष 2014 के चुनाव में भाजपा के 282 सांसद जीत कर लोकसभा पहुंचे थे, लेकिन कुछ सासंदों की मौत होने और कुछ उपचुनावों में हार के कारण उसके 268 सांसद ही बचे थे। तब पार्टी ने जितने सांसदों के टिकट काटे, उनकी जगह सेवानिवृत्त अफसरशाहों, कलाकारों, क्रिकेटरों जैसे नए चेहरों को मैदान में उतारा। इनमें फिल्मी सितारे सनी देओल, रवि किशन, लॉकेट चटर्जी, गायक हंसराज हंस, क्रिकेटर गौतम गंभीर एवं अपराजिता सारंगी जैसे ब्यूरोक्...
<em>संघीय मान्यता प्राप्त संवैधानिक संस्थाओं की अवहेलना क्यों?</em>

संघीय मान्यता प्राप्त संवैधानिक संस्थाओं की अवहेलना क्यों?

BREAKING NEWS, TOP STORIES, राष्ट्रीय
देश के सर्वोच्च न्यायालय को राज्य सरकारों के प्रमुखों को संवैधानिक संस्थाओं के सम्मान के बारे में निर्देश देना ही पड़ेंगे, इसकी ज़रूरत अब साफ़ नज़र आ रही है। आज ये प्रश्न खड़े हैं कि दिल्ली के मुख्यमंत्री एवं आम आदमी पार्टी (आप) के राष्ट्रीय संयोजक अरविंद केजरीवाल संवैधानिक जांच एजेंसियों के सामने पेश क्यों नहीं हो रहे ? क्या आम आदमी इन एजेंसियों के समन को लगातार खारिज कर सकता है? क्या इनके समन को स्वीकार न करना ‘असंवैधानिक’ नहीं है? अदालत का इस व्यवस्था पर एक स्पष्ट आदेश जरूर आना चाहिए। प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) और सीबीआई सरीखी एजेंसियों को संवैधानिक, संघीय मान्यता हासिल है कि वे देश के प्रधानमंत्री को भी जांच के लिए तलब कर सकती हैं। केजरीवाल भी संवैधानिक पद पर हैं और संविधान, लोकतंत्र बचाने के नारों पर राजनीति करते रहे हैं। फिर ईडी के समन को बार-बार ‘अवैध’ करार देना क्या संविधान-सम...
<em>चिकित्सा : कहाँ भटक गए हम ?</em>

चिकित्सा : कहाँ भटक गए हम ?

EXCLUSIVE NEWS, TOP STORIES, जीवन शैली / फिल्में / टीवी, विश्लेषण
*चिकित्सा : कहाँ भटक गए हम ?* इसे विडंबना ही कहा जाएगा कि विश्व को ज्ञान देने वाली भारत की प्रतिभाएं तथा अभिभावक मौजूदा दौर में शिक्षा को लेकर दुश्वारियों के दौर से गुजर रहे हैं। देश की हजारों प्रतिभाएं पढ़ाई के नाम पर प्रतिवर्ष विदेशी शिक्षण संस्थानों का रुख कर रही हैं, बल्कि कई छात्र भारत की नागरिकता छोड़ रहे हैं। भले ही भारत की करोड़ों आबादी गरीबी रेखा से नीचे बसर करने को मजबूर है, मगर विदेशों में शिक्षा हासिल करने वाले हजारों भारतीय छात्रों के अभिभावक हर वर्ष करोड़ों रुपए की महंगी फीस अदा करके अमरीका, कनाडा, ऑस्टे्रलिया, ब्रिटेन व न्यूजीलैंड सहित कई अन्य देशों की अर्थव्यवस्था को मजबूत कर रहे हैं। अमरीका, कनाडा व ब्रिटेन शिक्षा के लिए भारतीय छात्रों के लोकप्रिय डेस्टिनेशन बन चुके हैं। ‘शिक्षा एक राष्ट्र की प्रगति का प्रतीक है। यदि आप किसी देश के उन्नयन एवं अवनयन का काल जानना चाहत...
समृद्धि के शिखर एवं गरीबी के गड्ढ़े वाली दुनिया

समृद्धि के शिखर एवं गरीबी के गड्ढ़े वाली दुनिया

BREAKING NEWS, TOP STORIES, राष्ट्रीय
- ललित गर्ग - वैश्विक संस्था ऑक्सफैम ने अपनी आर्थिक असमानता रिपोर्ट में समृद्धि के नाम पर पनप रहे नये नजरिया, विसंगतिपूर्ण आर्थिक संरचना एवं अमीरी गरीबी के बीच बढ़ते फासले की तथ्यपरक प्रभावी प्रस्तुति समय-समय पर देते हुए इसे संतुलित एवं समानतामय संसार-संरचना के लिये घातक बताया है। संभवतः यह एक बड़ी क्रांति एवं विद्रोह का कारण भी बन सकता है। ऑक्सफैम के अनुसार आर्थिक असमानता के लिहाज से पिछले कुछ साल काफी खराब साबित हुए हैं। आज देश एवं दुनिया की समृद्धि कुछ लोगों तक केन्द्रित हो गयी है, भारत में भी ऐसी तस्वीर दुनिया की तुलना में अधिक तीव्रता से देखने को मिल रही है। भारत में भी भले ही गरीबी कम हो रही हो, लेकिन अमीरी कुछ लोगों तक केन्द्रित हो गयी है। बीते चार सालों की घटनाएं, इनमें चाहे कोरोना हो या युद्ध या इससे उपजी महंगाई, बेरोजगारी, अभाव इन सभी कारणों के चलते साल 2020 के बाद दुनियाभर म...
सुप्रीम कोर्ट ने उम्मीद जगाई

सुप्रीम कोर्ट ने उम्मीद जगाई

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सुप्रीम कोर्ट ने उम्मीद जगाई रजनीश कपूरबचपन में जब हम सभी दोस्त मिल कर क्रिकेट खेलते थे तो कोई मित्र बैट ले कर आता था तो कोई बॉल। अचानक खेलते हुएजब बैट या बॉल लाने वाला मित्र बिना कोई रन बनाए आउट हो जाता था तो ख़ुद को आउट होना न स्वीकारते हुए ग़ुस्से मेंवो अपना बैट या बॉल लेकर घर चला जाता था। ऐसा वो इस उम्मीद से करता था कि उसे एक बार और खेलने का मौक़ामिले। परंतु जैसे ही उसे कोई बड़ा जना यह समझाता कि खेल को खेल की भावना से खेलना चाहिए, हार-जीत तो होती हीरहती है। इसमें बुरा मानने की क्या बात? तो वो मान जाता था।पिछले दिनों देश की सर्वोच्च अदालत ने भी एक समझदार व्यक्ति की भूमिका निभाते हुए न सिर्फ़ बेईमानी कर रहे अधिकारीको आईना दिखाया बल्कि पूरे देश में एक संदेश भी भेजा कि जो भी हो नियम और क़ानून की हद में हो।चंडीगढ़ के मेयर के चुनाव को लेकर जो विवाद सुर्ख़ियों में था उस पर सर्वोच्च न्याया...
<strong>उथल-पुथल में पाक, भारत रहे चौकस</strong>

उथल-पुथल में पाक, भारत रहे चौकस

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उथल-पुथल में पाक, भारत रहे चौकस आर.के. सिन्हा पाकिस्तान में बीती 8 फरवरी को हुए आम चुनावों के बाद देश में जो एक राजनीतिक स्थिरता की उम्मीद थी, वह फिलहाल तो पूरी तरह खत्म हो गई हैं। पाकिस्तान, जिसकी नियति ही हो गई है हमेशा संकट में रहना I अब तो वह अराजकता की चपेट में है और भारी मुश्किल की स्थिति में दिखाई दे रहा है। हालांकि लंबी कवायद के बाद पाकिस्तान मुस्लिम लीग ( नवाज) और पाकिस्तान पीपल्स पार्टी) ने देश में मिल कर सरकार बनाने का फैसला कर लिया है। फिलहाल राजनीतिक विश्लेषकों, पत्रकारों और आम जन को कुछ समझ नहीं आ रहा कि देश किस दिशा में जा रहा है। हर कोई अनभिज्ञ सा ही दिख रहा है। चुनाव के नतीजों ने पाकिस्तानी सेना के मोटी तोंद वाले जनरलों को उनकी औकात दिखा दी है। उनके लाख चाहने के बावजूद नवाज शरीफ की मुस्लिम लीग को जनता ने बहुमत नहीं दिया। नवाज शरीफ लंदन ...
संदेशखाली जैसी घटनाओं का पश्चिम बंगाल की आर्थिक प्रगति पर हो रहा है विपरीत प्रभाव

संदेशखाली जैसी घटनाओं का पश्चिम बंगाल की आर्थिक प्रगति पर हो रहा है विपरीत प्रभाव

EXCLUSIVE NEWS, राज्य, सामाजिक
किसी भी देश में आर्थिक प्रगति को गति देने के लिए उस देश में सामाजिक शांति बनाए रखना अति आवश्यक है। यही शर्त किसी भी राज्य की आर्थिक प्रगति के सम्बंध में भी लागू होती है। भारत का पश्चिम बंगाल राज्य कुछ वर्ष पूर्व तक भारत में सबसे तेज गति से आर्थिक प्रगति कर रहे राज्यों के बीच अग्रिम पंक्ति में रहता आया है। परंतु, हाल ही के वर्षों में पश्चिम बंगाल में शांति भंग होती दिखाई दे रही है, इसका प्रभाव स्पष्टत: इस राज्य के आर्थिक विकास पर भी विपरीत रूप से पड़ता हुआ दिखाई दे रहा है।     विशेष रूप से पिछले कुछ वर्षों से पश्चिम बंगाल में सामाजिक ताना बाना छिन्न भिन्न होता दिखाई दे रहा है। पूरे राज्य में अराजकता का माहौल बन गया है, विशेष रूप से सनातन संस्कृति का पालन करने वाले बंगाल के शांति प्रिय नागरिकों पर असामाजिक तत्वों द्वारा लगातार हमले किए जा रहे हैं। उदाहरण के तौर पर हाल ही के...
<strong>मोदी के तीसरे कार्यकाल की सुखद आहट</strong>

मोदी के तीसरे कार्यकाल की सुखद आहट

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- ललित गर्ग- वर्ष 2024 के आम चुनाव सन्निकट हैं। भारतीय जनता पार्टी ऐतिहासिक एवं धमाकेदार जीत के प्रति आश्वस्त है। एक बार फिर प्रधानमंत्री के रूप में नरेन्द्र मोदी एक नयी पारी की शुरुआत करेंगे। प्रधानमंत्री के रूप में नरेन्द्र मोदी का यह तीसरा कार्यकाल अगले एक हजार वर्षों के लिए एक मजबूत नींव रखने का कार्यकाल होगा। इस अवधि में भारत दुनिया की तीसरी आर्थिक महाशक्ति बनने के साथ विश्वगुरु भी बन सकेगा। प्रधानमंत्री मोदी के दो कार्यकाल की समीक्षा करें तो स्पष्ट हो जाता है कि उनकी सरकार द्वारा उठाये गये हर कदम एवं उनकी हर बात राष्ट्र निर्माण की दिशा में बढ़ाये गये अनूठे, परिवर्तनकारी एवं सकारात्मक कदम रहे हैं। 2014 से पहले के भारत में भ्रष्टाचार, घोटालों और तुष्टिकरण की ही बात सामने आती थी लेकिन अब विकास, अविष्कार और नवाचार की बातें हो रही हैं, जिनमें नये भारत, सशक्त भारत की जड़े गहरी हुई है। ...
बिजली की खपत बढी, आर्थिक गतिविधियों में बढ़ोतरी ?

बिजली की खपत बढी, आर्थिक गतिविधियों में बढ़ोतरी ?

EXCLUSIVE NEWS, TOP STORIES, आर्थिक, विश्लेषण
चालू वित्त वर्ष के पहले 10 महीने (अप्रैल-जनवरी) के दौरान देश की बिजली की खपत सालाना आधार पर 7.5 प्रतिशत बढ़कर 1,354.97 बिलियन यूनिट (बीयू) हो गई है। इससे देशभर में आर्थिक तेजी के संकेत है।केंद्र सरकार सार्वजनिक क्षेत्र की कुछ ऊर्जा कंपनियों की सहायकों को सूचीबद्ध कराने पर विचार कर रही है। निवेश व सार्वजनिक परिसंपत्ति प्रबंधन विभाग (दीपम) के सचिव तुहिन कांत पांडे ने शुक्रवार को ये संकेत दिए हैं, उन्होंने कहा कि हमारी महत्त्वपूर्ण कंपनियों में से कुछ की सहायकों के पास बाजार में उतरने के काफी मौके हैं। ऊर्जा क्षेत्र में सहजता से ट्रांजिशन हो रहा है। ऊर्जा कंपनियां हरित परिसंपत्ति के लिए सहायकों का सृजन कर इस ओर बढ़ रही हैं। इसमें वृद्धि की काफी संभावनाएं हैं और ये तेजी से आगे बढ़ रही हैं। वैसे ये कंपनियां पूंजी बाजार में आईपीओ लाकर कुछ धन जुटा सकती हैं। दीपम सचिव ने भी कहा है कि बा...
लोकसभा चुनावों के लिए भाजपा ने बनाई आक्रामक रणनीति

लोकसभा चुनावों के लिए भाजपा ने बनाई आक्रामक रणनीति

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100 दिनों में 400 पार का लक्ष्य किया निर्धारित!मृत्युंजय दीक्षितभारतीय जनता पार्टी ने आगामी लोकसभा चुनावों के लिए नई दिल्ली के भारत मंडपम में आयोजित कार्यकारिणी की बैठक में अपनी रणनीति को अंतिम रूप दे दिया है। पार्टी ने, “अबकी बार भाजपा 370 पार व एनडीए 400 पार” का लक्ष्य लेकर आगामी 100 दिनों का एजेंडा भी बना लिया है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने संसद के बजट सत्र के दौरान ही राष्ट्रपति के अभिभाषण पर धन्यवाद प्रस्ताव का उत्तर देते हुए, “अबकी बार चार सौ पार” की राजनैतिक भविष्यवाणी कर सभी पंडितों को चौंका दिया और कहा कि इस बार भारतीय जनता पार्टी अकेले दम पर 370 पार जायेगी और एनडीए 400 पार जायेगा । इसके बाद से ही जो सर्वे कंपनियां राजनैतिक खेल दिखाना चाहती थीं उनके सपने ध्वस्त हो गए । प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने राष्ट्र निर्माण व विकसित भारत की गारंटी के बीच अपना लक्ष्य निर्धारित कर लिया है औ...