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Author: dindiaadmin

<strong>नये वर्ष में खोजने होंगे अनुत्तरित सवालों के जवाब</strong>

नये वर्ष में खोजने होंगे अनुत्तरित सवालों के जवाब

EXCLUSIVE NEWS, TOP STORIES, विश्लेषण, सामाजिक
- ललित गर्ग- नया साल प्रारंभ हो गया है तो हर बार की तरह इस बार भी नई उम्मीदें, नया विश्वास एवं नया धरातल लाया है। बीत गया एक और साल। नये की स्वीकृति के साथ पुराने को अलविदा कह देने की सामान्य सोच रही है। यह समझ देखी गयी है कि नयेपन के जादुई आकर्षण के जागते ही हम पुरानेपन को उतार फेंकना चाहते हैं। हमने बीते वर्ष में श्रेष्ठताओं की उपलब्धि पर सात्विक गर्व करने की अनेक स्थितियों को रचा है लेकिन हम सबके लिए और देश के लिए भी आने वाले वर्ष कुछ महत्वपूर्ण करणीय कार्य है। निश्चित ही नया साल हमेशा की तरह कुछ सवाल भी लेकर आया है। ऐसे सवाल जिनका हल निकाले बिना शायद हम संतुष्ट न हो पाएं और नये भारत-सशक्त भारत का सपना आधा-अधूरा ही कहा जायेगा। ऐसे नए-पुराने सवाल हर नए साल में सामने आते रहे हैं। कुछ सवालों को हल करने में हम सफल रहे, लेकिन कुछ सवाल हमेशा की तरह अनुत्तरित ही रह गए। सच तो यह है कि नई जि...
वर्ष 2023 में आर्थिक क्षेत्र में भारत की कुछ विशेष उपलब्धियां रही हैं

वर्ष 2023 में आर्थिक क्षेत्र में भारत की कुछ विशेष उपलब्धियां रही हैं

EXCLUSIVE NEWS, आर्थिक, विश्लेषण
वर्ष 2023 मेंआर्थिकक्षेत्रमेंभारतकीकुछविशेषउपलब्धियांरहीहैं वित्तीय वर्ष 2023-24 में भारत की आर्थिक विकास दर लगभग 7 प्रतिशत के आसपास रहने की प्रबल सम्भावनाएं बन रही हैं। इस वर्ष की प्रथम तिमाही, अप्रेल-जून 2023, में आर्थिक विकास दर 7.8 प्रतिशत की रही है, वहीं द्वितीय तिमाही,  जुलाई- सितम्बर 2023 में 7.6 प्रतिशत की रही है। इसी प्रकार, दीपावली त्यौहार पर लगभग 4 लाख करोड़ रुपए के व्यापार के चलते एवं अक्टोबर 2023 माह में विनिर्माण के क्षेत्र में विकास दर के 12 प्रतिशत से ऊपर रहने से इस वर्ष की तृतीय तिमाही, अक्टोबर-दिसम्बर 2023, में भी आर्थिक विकास 7 प्रतिशत रह सकती है। इससे पूरे वित्तीय वर्ष 2023-24 में भी आर्थिक विकास दर 7 प्रतिशत रहने की प्रबल सम्भावनाए बन रही हैं। जबकि, विश्व के कई अन्य विकसित देशों में मंदी की सम्भावना व्यक्त की जा रही है। इस प्रकार भारत वर्ष 2023 में भी लगातार व...
भारतीय सड़कों पर जिम्मेदारी की भावना लाएगा हिट एंड रन बिल?

भारतीय सड़कों पर जिम्मेदारी की भावना लाएगा हिट एंड रन बिल?

BREAKING NEWS, TOP STORIES, विश्लेषण
कानून में ये भी हो अगर आम पब्लिक एक्सीडेंट के दौरान वाहन चालक के साथ मारपीट करती है तो उनको भी सजा हो। केंद्र सरकार द्वारा बनाए गए नए कानून के तहत अगर कोई ड्राइवर रोड पर एक्सीडेंट करके भाग जाता है और घायल को सड़क पर ही छोड़ देता है तो उसे 10 साल की सजा होगी। वहीं, अगर एक्सीडेंट करने वाला शख्स, घायल व्यक्ति को हॉस्पिटल पहुंचाता है तो उसकी सजा कम कर दी जाएगी। इसके साथ ही कानून में ये भी हो अगर आम पब्लिक एक्सीडेंट के दौरान वाहन चालक के साथ मारपीट करती है तो उनको भी सजा हो। तब वाहन चालक इसकी गारंटी लेगा  और केस में पीड़ित को अस्पताल तक पहुंचाएगा। हिट-एंड-रन मामला भारत में सड़क दुर्घटनाओं का एक आम मामला बन गया है। सरल शब्दों में, हिट-एंड-रन दुर्घटनाओं को एक ऐसे मामले के रूप में वर्णित किया जा सकता है, जहां एक व्यक्ति गाड़ी चलाते समय दूसरे वाहन को टक्कर...
भारत के लिए वर्ष 2024 भी सुनहरा वर्ष साबित होने जा रहा है

भारत के लिए वर्ष 2024 भी सुनहरा वर्ष साबित होने जा रहा है

BREAKING NEWS, TOP STORIES, राष्ट्रीय, समाचार
विश्व के कुछ देश वर्ष 2024 में मंदी की मार झेल सकते हैं, यह कुछ अंतरराष्ट्रीय वित्तीय संस्थानों का आंकलन है। परंतु, वैश्विक स्तर पर अर्थव्यस्था के गिरने की सम्भावनाओं के बीच एक देश ऐसा भी है, जिस पर समस्त अंतरराष्ट्रीय वित्तीय संस्थानों, विशेष रूप से अंतरराष्ट्रीय मुद्रा कोष एवं विश्व बैंक, की नजरें टिकी है, वह है भारत। भारतीय अर्थव्यवस्था के प्रति समस्त विदेशी वित्तीय संस्थान आशावान हैं कि वैश्विक अर्थव्यवस्था को अब भारत ही सहारा देने की क्षमता रखता है।   अंतरराष्ट्रीय मुद्रा कोष ने अभी हाल ही में एक प्रतिवेदन जारी किया है। इसमें भारत के प्रति मुख्य रूप से तीन बातें कही गई हैं। प्रथम, भारत आज विश्व में सबसे तेज गति से आगे बढ़ने वाली अर्थव्यवस्था है। दूसरे, भारत का सकल घरेलू उत्पाद 6.3 प्रतिशत की वृद्धि दर हासिल करेगा। तीसरे, वर्ष 2024 में वैश्विक स्तर पर सकल घरेलू उत्पाद में ...
इजरायल के युद्ध पर भारत की पैनी नजर

इजरायल के युद्ध पर भारत की पैनी नजर

विश्लेषण
प्रारंभिक अविश्वासअक्टूबर के पहले हफ्ते में इजरायल पर हमास के हमले ने तैयारी की गहराई और ऑपरेशन के पैमाने के लिएएक प्रारंभिक अविश्वास पैदा किया एवं इसकी प्रत्याशित वैश्विक निंदा भी हुई। हमास के खिलाफ इजरायलका जवाबी हमला मुख्य रूप से गाजा पर केंद्रित था। इन घटनाओं ने भारत में हुए 26/11 के मुंबई हमलों कीयादें ताज़ा कर दी। हमास का नरसंहार 26/11 में पाकिस्तान स्थित लश्कर-ए-तैयबा द्वारा किए गए हमले सेकई समानता रखता है।हमास या लश्कर दोनों के आतांकि काफी अच्छी तरह से प्रशिक्षित थें, जिन्होंने एक संप्रभु राष्ट्र पर आक्रमणकिया, दोनों को ऑपरेशन के लिए रसद और खुफिया जानकारी एक क्षेत्रीय शक्ति से प्राप्त था, लक्ष्य स्पष्ट रूपसे निर्दोष नागरिक थें जो अपने राष्ट्रीय त्योहारों के दौरान जश्न मना रहे थें और उद्देश्य एक स्थिर राष्ट्र को युद्धके लिए मजबूर करना था। एक और आश्चर्यजनक समानता थी घुसपैठ का...
बिहार जाति जनगणना

बिहार जाति जनगणना

EXCLUSIVE NEWS, TOP STORIES, राज्य, साहित्य संवाद
*************************ऐसा कोई सगा नहीं जिसको हमने ठगा नहीं**~ठग्गू के कद्दू - नीतीश पटना वाले*तो जनाब आइए बताता हूं पराभव की कहानी भारत में अधिकतम मेधावी दिमाग वाले राज्य बिहार की कहानी। भारत स्वतंत्र हुआ तबसे लेकर आज तक बिहार कमोबेश 1947 की स्थिति में ही है। संयुक्त बिहार के बारे में प्रसिद्ध था कि पूरे देश को Labour, Mineral व Officer सबसे ज्यादा बिहार से मिलता है। मिनरल गया झारखंड में,ऑफिसर बनने भी कम हो गए, और बच गए *Labour* और इसकी सप्लाई निर्बाध जारी है। मेधावी मस्तिष्क पलायन कर देश तो देश पूरे विश्व के कोने कोने में भाग कर बस गए। *आज बस बिहारी श्रेष्ठता बोध लिए भव्य अतीत के खंडहरों का थोथा गान करने के अलावा बिहारियों के पास कुछ नहीं है।* वर्तमान में बिहार के पास अगर कुछ है तो देश भर के शहरों,महानगरों में झुग्गियों में कीड़ों की तरह बिजबिजाते मजदूर,झुग्गियों से थोड़ा बेहतर कबू...

भारत के लिए वर्ष 2024 भी सुनहरा वर्ष साबित होने जा रहा है

Uncategorized, राष्ट्रीय, सामाजिक
भारत के लिए वर्ष 2024 भी सुनहरा वर्ष साबित होने जा रहा है विश्व के कुछ देश वर्ष 2024 में मंदी की मार झेल सकते हैं, यह कुछ अंतरराष्ट्रीय वित्तीय संस्थानों का आंकलन है। परंतु, वैश्विक स्तर पर अर्थव्यस्था के गिरने की सम्भावनाओं के बीच एक देश ऐसा भी है, जिस पर समस्त अंतरराष्ट्रीय वित्तीय संस्थानों, विशेष रूप से अंतरराष्ट्रीय मुद्रा कोष एवं विश्व बैंक, की नजरें टिकी है, वह है भारत। भारतीय अर्थव्यवस्था के प्रति समस्त विदेशी वित्तीय संस्थान आशावान हैं कि वैश्विक अर्थव्यवस्था को अब भारत ही सहारा देने की क्षमता रखता है। अंतरराष्ट्रीय मुद्रा कोष ने अभी हाल ही में एक प्रतिवेदन जारी किया है। इसमें भारत के प्रति मुख्य रूप से तीन बातें कही गई हैं। प्रथम, भारत आज विश्व में सबसे तेज गति से आगे बढ़ने वाली अर्थव्यवस्था है। दूसरे, भारत का सकल घरेलू उत्पाद 6.3 प्रतिशत की वृद्धि दर हासिल करेगा। तीसरे, व...
कतर में भी बजा भारत का डंका !!

कतर में भी बजा भारत का डंका !!

BREAKING NEWS, TOP STORIES, राष्ट्रीय, सामाजिक
मृत्युंजय दीक्षितप्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और भारत की कूटनीति का डंका पूरे विश्व बज रहा है, इसी के परिणाम स्वरुप कतर से एक प्रसन्नतादायी समाचार आया है जिससे हर भारतवासी गर्व का अनुभव कर रहा है। कतर की जेल में बंद भारतीय नौसेना के आठ पूर्व अधिकारियों को मौत की सजा से राहत मिल गयी है।दोहा स्थित अल दहरा ग्लोबल टेक्नोलाजी में कार्यरत भारतीय नौसेना के आठ पूर्व अधिकारियों को कतर में इजरायल के लिए जासूसी करने के आरोप में गिरफ्तार किया गया था । इन नौसेनिक अधिकारियों में राष्ट्रपति स्वर्ण पदक विजेता कैप्टन नवतेज गिल के अलावा कैप्टन सौरभ वशिष्ठ, कमांडर पूर्णेंदु तिवारी,अमित नागवाल, एस के गुप्ता, कमांडर वी के वर्मा सुगुनकर पाकला और रागेश शामिल हैं। 26 अक्तूबर 2023 को कतर के एक न्यायालय ने इन अधिकारियों को फांसी की सजा सुनाई थी फिलहाल अब इन सभी अधिकारियों को फांसी की सजा से राहत मिल चुकी है हालांकि अ...

आखिर पाकिस्तान बदहाल क्यों है?

TOP STORIES, समाचार
-बलबीर पुंज आखिर पाकिस्तान बदहाल क्यों है? 1947 में खूनी विभाजन के बाद खंडित भारत जहां चांद पर पहुंच गया, वही एक चौथाई भारतीय भूंखडों को काटकर बनाया गया पाकिस्तान क्यों इतना पिछड़ गया? आखिर पाकिस्तान इस हाल में कैसा पहुंचा? इसका संकेत पाकिस्तान के पूर्व प्रधानमंत्री नवाज शरीफ की हालिया टिप्पणी में मिल जाता है। बीते दिनों नवाज ने अपने देश में मंडराए आर्थिक संकट के लिए सैन्य प्रतिष्ठान पर निशाना साधते हुए कहा, “नकदी संकट से जूझ रहे देश की परेशानी के लिए न तो भारत जिम्मेदार है और न ही अमेरिका, बल्कि हमने अपने पैरों पर स्वयं कुल्हाड़ी मारी है।“ इसका निहितार्थ क्या है? पाकिस्तान की वर्तमान आर्थिक स्थिति क्या है? कंगाली के चौखट पर पहुंचा पाकिस्तान गले तक कर्ज में डूबा हुआ है। पुराना कर्ज चुकाने के लिए या तो उसे नया कर्ज लेना पड़ रहा है या फिर अपने नागरिकों पर इसका बोझ कभी तेल की कीमतों को...
यूट्यूबर्स,राजनीति और चुनाव

यूट्यूबर्स,राजनीति और चुनाव

EXCLUSIVE NEWS, TOP STORIES, सामाजिक
पांचों राज्यों में चुनावी भविष्यवाणी करने में कितने यूट्यूबर्स लुढ़क गये थे। ‘हीरो से जोकर बन जाने की कहावत भी दोहराई गई । जिन्होंने प्रोफेशनल पत्रकारिता जैसे क्षेत्र में स्वयं को सदी का महानायक मान लिया था, अब मुंह चुराये फिर रहे हैं। फ़िर भी, कुछ ने देह झाड़कर स्क्रीन को फेस करना शुरू कर दिया है। नहीं करेंगे, तो डॉलर का मिलना बंद हो जाएगा। सबसे दिलचस्प बात यह है कि जो यूट्यूबर, स्तंभ लेखक और पत्रकार जिस एक दल के लिए ‘कसीदाकारी’ कर रहे थे, उनमें से बहुतों ने परिणाम के तुरंत बाद, उस दल की रणनीति को ही कोसना शुरू कर दिया था। बहस ख़ुद उनके द्वारा सतही सूचनाओं के खिलवाड़ पर नहीं हो रही है। जो गोदी में नहीं बैठे हैं, वो क्या कुछ परोसते रहे? इस सवाल पर बहस होना चाहिए। लोकसभा चुनाव तक यदि उसी ढर्रे पर सोशल मीडिया प्लेटफार्म पर सूचनाओं को परोसा गया,तो जो लोग सेटेलाइट टेलीविज़न को छोड़कर म...