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Author: dindiaadmin

आम आदमी की बजट से उम्मीद !

आम आदमी की बजट से उम्मीद !

BREAKING NEWS, TOP STORIES, आर्थिक, विश्लेषण
-विनीत नारायणजहां एक तरफ़ केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण देश की आर्थिक प्रगति को लेकर लगातार अपनी पीठ थपथापतीरही हैं, वहीं देश के बड़े अर्थशास्त्री, उद्योगपति और मध्यम वर्गीय व्यापारी वित्त मंत्री के बनाए पिछले बजटों से संतुष्टनहीं हैं। अब नया बजट आने को है। पर जिन हालातों में एनडीए की सरकार आज काम कर रही है उनमें उससे किसीक्रांतिकारी बजट की आशा नहीं की जा सकती। नीतीश कुमार और चंद्रबाबू नायडू की लंबी चौड़ी वित्तीय माँगे,सत्तारूढ़ दल द्वारा आम जनता को आर्थिक सौग़ातें देने के वायदे और देश के विकास की ज़रूरत के बीच तालमेलबिठाना आसान नहीं होगा। वह भी तब जब भारत सरकार ने विदेशों से ऋण लेने की सारी सीमाएँ लांघ दी हैं। आजभारत पर 205 लाख करोड़ रुपए का विदेशी क़र्ज़ हैं। ऐसे में और कितना क़र्ज़ लिया जा सकता है? क्योंकि क़र्ज़ कोचुकाने के लिए जनता पर अतिरिक्त करों का भार डालना पड़ता है। जिसस...
बढ़ती आबादी के बीच गंभीर होती पर्यावरण चुनौतियां

बढ़ती आबादी के बीच गंभीर होती पर्यावरण चुनौतियां

EXCLUSIVE NEWS, राष्ट्रीय, सामाजिक
-ः ललित गर्ग:- संयुक्त राष्ट्र द्वारा हाल ही में जारी एक रिपोर्ट के अनुसार भारत की आबादी 2060 के दशक में 1 अरब 70 करोड़ तक पहुंच जाने का अनुमान है, जैसे-जैसे आबादी बढ़ती जा रही है, पर्यावरण से जुड़ी समस्याएं गंभीर चुनौती बनती जा रही है। हमें संसाधनों के विस्तार एवं विकास की योजनाओं के बीच पर्यावरण संरक्षण को सर्वोच्च प्राथमिकता देनी होगी। शिक्षा, रोजगार, स्वास्थ्य, आवास, उद्योग, परिवहन आदि विकास योजनाओं को लागू करते हुए प्रकृति, पर्यावरण एवं जलवायु पर ध्यान केन्द्रित करना होगा। हर विकास के अपने सकारात्मक और नकारात्मक नतीजे होते हैं। सभी विकास योजनाओं में पर्यावरण का ख्याल रखना जरूरी है। अगर बिना पर्यावरण की परवाह किये विकास किया गया तो यह मनुष्य के लिये विनाश एवं विध्वंस का कारण बनेगी। वर्तमान में भारत दुनिया की सबसे बड़ी आबादी के साथ-साथ तीसरी बड़ी अर्थ-व्यवस्था बनने की ओर अग्रसर होते...
Pooja Khedkar का Fraud सामने आते ही UPSC Chairman Manoj Soni का इस्तीफ़ा। जानिए क्या हैं सच

Pooja Khedkar का Fraud सामने आते ही UPSC Chairman Manoj Soni का इस्तीफ़ा। जानिए क्या हैं सच

BREAKING NEWS, Link of debates on various news channel participation by Dialogue India Group Editor Anuj Agarwal, TOP STORIES, विश्लेषण, सामाजिक
विवादित आईएएस अधिकारी पूजा खेड़ेकर पर हुई कार्यवाही एवं यूपीएससी चेयरमैन मनोज सोनी के त्यागपत्र से सिविल सेवा की तैयारी कर रहे अभ्यर्थियों में उपजे भ्रम पर “जय हिन्द न्यूज़” पर मेरा साक्षात्कार #upsc #upscexam #manojsoni #upsc #upscexam #manojsoni #poojakhedkar #civilservices #jaihindjanab #fraudes #punedm #maharashtra #modilive #modisarkar Pooja Khedkar का Fraud सामने आते ही UPSC Chairman Manoj Soni का इस्तीफ़ा। जानिए क्या हैं सच our social media platform: Youtube:   / @jaihindjanab   Twitter :   / jaihindjanaab   Facebook page:   / jaihindjanabnews   Website: https://www.jaihindjanab.com Delhi Political News Noida Greater Noida Police Rahul Gandhi PM Modi Narendra Modi BJP Congress Bharatiya janta Party TMC Aam Adami Party Samajwadi Party Uttar Pradesh UP Ghaziabad BSP https://w...
ख़तरा : डार्क वेब और डीप वेब

ख़तरा : डार्क वेब और डीप वेब

EXCLUSIVE NEWS, TOP STORIES, विश्लेषण, साहित्य संवाद
इस समय साइबर दुनिया में चर्चा का विषय है ”डार्क वेब” । इंटरनेट का 96 प्रतिशत हिस्सा डीप वेब और डार्क वेब के अंदर आता है| डार्क वेब इंटरनेट का वो हिस्सा है, जहां वैध और अवैध दोनों तरीके के कामों को अंजाम दिया जाता है। हक़ीक़त में हम इंटरनेट कंटेंट के केवल चार प्रतिशत हिस्से का इस्तेमाल करते हैं, जिसे सरफेस वेब कहा जाता है। डार्क वेब इंटरनेट का ऐसा एक हिस्सा है जिसे सर्च इंजन द्वारा इंडेक्स नहीं किया जाता है। डार्क वेब को आम तौर पर गैरकानूनी और आपराधिक गतिविधियों के लिए जाना जाता है। लंदन में किंग्स कॉलेज के शोधकर्ता डैनियल मूर और थॉमस रिड ने 2015 में 5 सप्ताह तक 2723 लाइव डार्क वेब साइट्स की सामग्री को नजर रखी और पाया कि 57 प्रतिशत में अवैध सामग्री मौजूद थी। डीप वेब पर मौजूद कंटेंट को एक्सेस करने के लिए पासवर्ड की जरूरत होती है जिसमें ई-मेल, नेट बैंकिंग आते हैं। डार्क वेब को खोलन...
भारत में समान नागरिक संहिता

भारत में समान नागरिक संहिता

BREAKING NEWS, TOP STORIES, राष्ट्रीय, सामाजिक
भारत में समान नागरिक संहिता* सर्वोच्च अदालत ने एक बार फिर इसका आग्रह किया है कि देश में समान नागरिक संहिता लागू की जाए। । संविधान में इसका प्रावधान है। संसद और भारत सरकार यह भी स्पष्ट करना चाहिए कि देश संविधान से चलेगा अथवा शरिया कानून भी संवैधानिक माना जाता रहेगा? मुसलमानों के पर्सनल लॉ पर प्रहार करने की नीयत और मानसिकता किसी की नहीं है। पर्सनल लॉ तो सिख, ईसाई, पारसी, जैन, बौद्ध आदि समुदायों के भी हैं। आदिवासी कबीलों से तुलना नहीं की जा सकती, क्योंकि मुस्लिम देश की दूसरी बहुसंख्यक आबादी हैं। जो मुद्दे सामुदायिक और राष्ट्रीय किस्म के हैं, धर्म, मजहब, जाति से ऊपर हैं, कमोबेश उनके संदर्भ में अब ‘भारतीय नागरिक सुरक्षा संहिता’ (बीएनएसएस) की धाराएं लागू होनी चाहिए। वे हिंदू-मुस्लिम समेत सभी समुदायों पर, समान रूप से, प्रभावी होनी चाहिए। यही समान नागरिक संहिता का निष्कर्ष है। मुद्दे की बात...
भारतीय आर्थिक दर्शन के अनुरूप हो इस वर्ष का बजट

भारतीय आर्थिक दर्शन के अनुरूप हो इस वर्ष का बजट

BREAKING NEWS, TOP STORIES, आर्थिक, राष्ट्रीय
वित्तीय वर्ष 2024-25 का पूर्णकालिक बजट माननीय वित्तमंत्री श्रीमती निर्मला सीतारमण द्वारा भारतीय संसद में 23 जुलाई 2024 को पेश किया जा रहा है। वर्तमान में भारत सहित विश्व के लगभग समस्त देशों में पूंजीवादी नीतियों का अनुसरण करते हुए अर्थव्यवस्थाएं आगे बढ़ रही हैं। परंतु, हाल ही के वर्षों में पूंजीवादी नीतियों के अनुसरण के कारण, विशेष रूप से विकसित देशों को, आर्थिक क्षेत्र में बहुत भारी परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है और यह देश इन समस्याओं का हल निकाल ही नहीं पा रहे हैं। नियंत्रण से बाहर होती मुद्रा स्फीति की दर, लगातार बढ़ता कर्ज का बोझ, प्रौढ़ नागरिकों की बढ़ती जनसंख्या के चलते सरकार के खजाने पर बढ़ता आर्थिक बोझ, बजट में वित्तीय घाटे की समस्या, बेरोजगारी की समस्या, आदि कुछ ऐसी आर्थिक समस्याएं हैं जिनका हल विकसित देश बहुत अधिक प्रयास करने के बावजूद भी नहीं निकाल पा रहे हैं एवं इन दे...
जातीय संघर्ष में ‘सुलगता’ मणिपुर

जातीय संघर्ष में ‘सुलगता’ मणिपुर

EXCLUSIVE NEWS, राज्य, विश्लेषण
जातीय संघर्ष में 'सुलगता' मणिपुर बीते दो-तीन महीने से मणिपुर में जातीय संघर्ष लगातार जारी है। इस हिंसा में सैकड़ों लोगों की मौत हो चुकी है, इस राज्य का जातीय हिंसा से पुराना नाता रहा है, और इसी जातीय गुटबंदी का परिणाम रहा है कि कुकी-नागा, मैतेई- पंगाल मुस्लिम, कुकी-कार्बी, हमार-दिमासा, कुकी-तमिल, और व्यापारियों के विरुद्ध हुई संघर्ष को यहाँ वर्षों से देखा गया है। दरअसल, मणिपुर में मैतेई समाज की मांग है कि उसको कुकी की तरह राज्य में शेड्यूल ट्राइब का दर्जा दिया जाए। मणिपुर में तनाव तब और बढ़ गया जब कुकी समुदाय ने मैतेई समुदाय की आधिकारिक जनजातीय दर्जा दिए जाने की मांग का विरोध करना शुरू कर दिया। यह विवाद मणिपुर के मैतेई बहुसंख्यकों और कुकी-ज़ो के बीच दुश्मनी से उपजा है। कुकी-ज़ो राज्य के ई जनजातीय समूहों में से एक है, जो राज्य की आबादी का लगभग 16 प्रतिशत हिस्सा हैं। -प्रियंका सौरभ ...
लंबित मामले- मिले समाचार वाचिका, सलमान रुश्दी जैसों को न्याय

लंबित मामले- मिले समाचार वाचिका, सलमान रुश्दी जैसों को न्याय

EXCLUSIVE NEWS, TOP STORIES, राज्य
आर.के. सिन्हा प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने पटना हाई कोर्ट के 100 साल पूरा होने के मौके पर देश की अदालतों में लंबित मामलों की बढ़ती संख्या पर चिंता जताई थी। यह बात 2016 की है। वे जब अपना वक्तव्य दे रहे थे तब देश के चोटी के वकील, जज और अन्य गणमान्य लोग वहां मौजूद थे। सारा देश जानता है कि देश की निचली से लेकर उच्चतम न्यायालयों तक में मामलों की संख्या लाखों-करोड़ों हो चुकी है और बढ़ती ही चली जा रही है। इस कारण न्याय पाने वालों को अभूतपूर्व देरी का सामना करना पड़ रहा है। उम्मीद करनी चाहिए कि प्रधानमंत्री के रूप में अपनी तीसरी पारी में   मोदी जी लंबित मामलों से जूझ रही देश की न्याय व्यवस्था में सुधार करेंगे। अगर यह होता है, तो डॉ. शीला मेहरा जैसे करोड़ों लोगों को राहत मिलेगी।  देवकी नंदन पांडे, विनोद कश्यप और अशोक वाजपेयी जैसे दिग्गज हिन्द...
नये भारत में बदलाव के कानून, न्याय की ओर

नये भारत में बदलाव के कानून, न्याय की ओर

BREAKING NEWS, EXCLUSIVE NEWS, समाचार
-ः ललित गर्ग:-भारतीय न्याय प्रणाली की कमियां को दूर करते हुए उसे अधिक चुस्त, त्वरित एवं सहज सुलभ बनाना नये भारत की अपेक्षा है। मतलब यह सुनिश्चित करने से है कि सभी नागरिकों के लिये न्याय सहज सुलभ महसूस हो, कानूनी प्रावधान न्यायसंगत एवं अपराध-नियंत्रण का माध्यम हो, वह आसानी से मिले, जटिल प्रक्रियाओं से मुक्त होकर सस्ता हो। निश्चित रूप से किसी भी कानून का मकसद नागरिकों के जीवन, स्वतंत्रता, संपत्ति व अधिकारों की रक्षा करना ही होता है। जिससे किसी सभ्य समाज में न्याय की अवधारणा पुष्ट हो सके। 1 जुलाई, 2024 से भारत आपराधिक न्याय के एक नए युग की शुरुआत होने जा रही है। न्याय का एक नया सूरज उदित हो रहा है, जब पूरे देश में लागू हुई भारतीय न्याय संहिता, भारतीय नागरिक सुरक्षा संहिता तथा भारतीय साक्ष्य संहिता को लेकर उम्मीद करनी चाहिए कि यह बदलाव न्याय की कसौटी पर खरा उतरेंगे। इस दृष्टि से यह कानून से ज...
इन मौतों का कसूरवार कौन है?

इन मौतों का कसूरवार कौन है?

BREAKING NEWS, TOP STORIES, राष्ट्रीय, साहित्य संवाद
हाथरस में मंगलवार को एक सत्संग के समापन के बाद मची भगदड़ में सौ से अधिक लोगों के मरने की घटना ने पूरे देश को विचलित किया है । सिकंदराराऊ के निकट फुलरई के एक खेत में कथित हरि बाबा का एक दिवसीय सत्संग चल रहा था। बताते हैं जब बाबा का काफिला जाने लगा तो सेवादारों ने करीब पचास हजार से अधिक श्रद्धालुओं को रोक दिया। गर्मी व उमस वाली भरी दोपहर में सत्संग सुनने के बाद श्रद्धालु घर जाने को बेताब थे। फिर भगदड़ मच गई और जो गिरा वो उठ न सका। लोगों की चीख-पुकार को सुनने के लिये वहां पुलिस-प्रशासन की कोई व्यवस्था नहीं थी। नजदीकी जनपद एटा के अस्पतालों के बाहर लगे लाशों के अंबार हृदयविदारक थे। चारों तरफ करुण क्रंदन और अपनों को तलाशने की बेबसी थी। सौ से अधिक लाशों का ढेर देखकर आहत एक पुलिस कांस्टेबल का हार्टफेल होने से निधन हो गया। मरने वालों में अधिकांश महिलाएं थीं, वहीं कुछ पुरुष व बच्चे भी शामिल ...