Shadow

Author: dindiaadmin

नवरात्रि से इतर रामलीला का विस्तार हो

नवरात्रि से इतर रामलीला का विस्तार हो

BREAKING NEWS, EXCLUSIVE NEWS, Today News, धर्म, विश्लेषण, सामाजिक
नवरात्रि महोत्सव शक्ति साधना के अतिरिक्त पूरे देश में रामलीला की सशक्त पहचान है। हमारे दैनिक जीवन, परम्पराओं, रीति-रिवाजों और जीवन मूल्यों पर देवी-देवताओं का गहरा प्रभाव देखने को मिलता है। इस अवधि में इन देवी-देवताओं की आस्था का अभिकेन्द्र भगवान श्रीराम रहे हैं। तीन अक्तूबर से शारदीय नवरात्र शुरू हो गए॰थे,जो सम्पूर्णता की ओर है । इस दौरान देश के विभिन्न कस्बों और गांवों में रामलीला का मंचन भी हुआ। जिसमें भगवान श्रीराम की जीवन यात्रा का नाटकीय रूप से प्रस्तुतीकरण किया जाता है। हर जगह रामलीला में स्थानीय कलाकार पारम्परिक वेशभूषा धारण करके रामायण के पात्रों को जीवंत करते हैं। इस लोक नाट्य रूप में मंचित रामलीला में गीत, संगीत, नृत्य और संवाद के माध्यम से भगवान राम की कथा का मंचन किया जाता है। यह रामलीला लोगों को भगवान राम के आदर्श जीवन की स्मृति दिलाती है और समाज को धर्म और मर्यादा ...
एंटीबायोटिक प्रतिरोध 21वीं सदी का एक नया महामारी खतरा

एंटीबायोटिक प्रतिरोध 21वीं सदी का एक नया महामारी खतरा

BREAKING NEWS, Today News, TOP STORIES, जीवन शैली / फिल्में / टीवी, राष्ट्रीय, समाचार
एंटीबायोटिक प्रतिरोध के प्रसार को रोकने और नियंत्रित करने के लिए, व्यक्तियों को केवल प्रमाणित स्वास्थ्य पेशेवर द्वारा निर्धारित किए जाने पर ही एंटीबायोटिक्स का उपयोग करना चाहिए। यदि आपका स्वास्थ्य कार्यकर्ता कहता है कि आपको एंटीबायोटिक्स की आवश्यकता नहीं है, तो कभी भी एंटीबायोटिक्स की मांग न करें। एंटीबायोटिक्स का उपयोग करते समय हमेशा अपने स्वास्थ्य कार्यकर्ता की सलाह का पालन करें। कभी भी बची हुई एंटीबायोटिक्स को साझा या उपयोग न करें। विकास को बढ़ावा देने या स्वस्थ पशुओं में बीमारियों को रोकने के लिए एंटीबायोटिक्स का उपयोग न करें। एंटीबायोटिक्स की आवश्यकता को कम करने के लिए पशुओं का टीकाकरण करें और उपलब्ध होने पर एंटीबायोटिक्स के विकल्प का उपयोग करें। पशु और पौधों के स्रोतों से खाद्य पदार्थों के उत्पादन और प्रसंस्करण के सभी चरणों में अच्छे तरीकों को बढ़ावा दें और लागू करें। खेतों पर जैव स...
जब रिश्ते हैं टूटते, होते विफल विधान।

जब रिश्ते हैं टूटते, होते विफल विधान।

EXCLUSIVE NEWS, TOP STORIES, राष्ट्रीय, साहित्य संवाद
जब रिश्ते हैं टूटते, होते विफल विधान।गुरुवर तब सम्बल बने, होते बड़े महान।। बच्चों के विकास में, शिक्षकों की आदर्श भूमिका सही मूल्यों और गुणों के प्रवर्तक और प्रेरक की होनी चाहिए। इस प्रकार, छात्रों को ज्ञान सीधे चम्मच खिलाने के बजाय, उन्हें बच्चों में पूछताछ, तर्कसंगतता की भावना विकसित करने का प्रयास करना चाहिए, ताकि वे अपने दम पर, जुनून के साथ सीखने के लिए सशक्त महसूस करें। साथ ही, शिक्षकों को अच्छे नैतिक मूल्यों जैसे सत्य, ईमानदारी, अनुशासन, नम्रता, धार्मिक सहिष्णुता, लिंग समानता आदि को बच्चों में विकसित करने का प्रयास करना चाहिए ताकि अच्छे इंसानों की नींव रखी जा सके। यह हमारे समाज का कड़वा सच है कि कुछ शिक्षकों में वास्तव में पढ़ाने के लिए जुनून और ज्ञान नहीं है, ऐसे कई उदाहरण हैं जैसे बिहार के स्कूलों में क्या हो रहा है, अगर शिक्षक में शिक्षण की गुणवत्ता की कमी है तो हम छात्रों से ...
चीन से व्यपार : यह उलझा समीकरण

चीन से व्यपार : यह उलझा समीकरण

BREAKING NEWS, TOP STORIES, आर्थिक, राष्ट्रीय
थिंक टैंक ग्लोबल ट्रेड रिसर्च इनिशिएटिव (जीटीआरआई)के द्वारा प्रकाशित ताज़ा रिपोर्ट के मुताबिक इस वर्ष 2024 के पहले छह महीनों (जनवरी से जून 2024) के दौरान भारत का चीन के साथ अब तक का सर्वाधिक व्यापार घाटा दर्ज किया गया है, जो 41.6 अरब डॉलर है। इस अवधि में चीन से आयात बढक़र 50.1 अरब डॉलर हो गया। जबकि चीन को सिर्फ 8.5 अरब डॉलर का निर्यात किया गया। पिछले संपूर्ण वित्त वर्ष 2023-24 में चीन के साथ भारत के व्यापार को देखें तो पाते हैं कि चीन से आयात 101.75 अरब डॉलर हुआ था। जबकि चीन को निर्यात 16.66 अरब डॉलर रहा तथा चीन के साथ व्यापार घाटा 85.09 अरब डॉलर रहा है। निश्चित रूप से चीन के साथ बढ़ता हुआ व्यापार घाटा देश के सामने एक बड़ी चुनौती है। उद्योग एवं वाणिज्य मंत्री पीयूष गोयल के मुताबिक प्रोत्साहन आधारित उत्पादन (पीएलआई) के तहत एपीआई का उत्पादन बढ़ाकर इसके चीन से बढ़े पैमाने पर होने व...
पश्चिम बंगाल : ऐसा क्यों होता है?

पश्चिम बंगाल : ऐसा क्यों होता है?

BREAKING NEWS, TOP STORIES, राज्य, सामाजिक
*पश्चिम बंगाल : ऐसा क्यों होता है?* कोलकाता के आरजी कर राजकीय अस्पताल में एक डाक्टर के साथ बलात्कार के बाद उसकी अमानुषिक ढंग से हत्या कर दी गई और ममता बनर्जी की पश्चिम बंगाल सरकार हर हालत में अपराधियों के साथ और उनको किसी भी तरह बचाने का प्रयास कर रही है। सरकार का काम अपराधियों को दंड देना और नागरिकों के जान और माल की रक्षा करना है। इसके विपरीत पश्चिम बंगाल में सरकार अपराधियों के जान-माल की सुरक्षा के लिए तत्पर और महिला डाक्टर की जघन्य हत्या को आत्महत्या कह कर कूड़ेदान में डाल देने की कोशिश कर रही है। इतना ही नहीं, आनन फानन में लगभग सात हजार लोगों की भीड़ एकत्रित की गई जिसने अस्पताल पर धावा बोल दिया। पुलिस मूकदर्शक बन कर तमाशा देखती रही।इसे क्या कहा जाए? नाटक को विश्वसनीय बनाने के लिए इक्का दुक्का पुलिस के सिपाहियों पर भी हमला कर दिया गया ताकि नाटक में यह भाव आए कि पुलिस उपद्रवियों ...
डिजिटल युग के अपराधों पर कैसे लगे लगाम?

डिजिटल युग के अपराधों पर कैसे लगे लगाम?

BREAKING NEWS, TOP STORIES, जीवन शैली / फिल्में / टीवी, विश्लेषण, साहित्य संवाद
डिजिटल युग के अपराधों पर कैसे लगे लगाम? राष्ट्रीय अपराध रिकॉर्ड ब्यूरो के आँकड़ों के अनुसार, साइबर उत्पीड़न के मामलों में वृद्धि हुई है, विशेष तौर पर महिलाओं के खिलाफ, परंतु नई संहिता ऐसे अपराधों के लिए कड़े दंड निर्दिष्ट नहीं करती हैं। उभरती प्रौद्योगिकियों से निपटने में कमियाँ है, नए कानून उभरती हुई प्रौद्योगिकियों से संबंधित अपराधों, जैसे कि क्रिप्टोकरेंसी घोटाले और कृत्रिम बुद्धिमत्ता के दुरुपयोग को ध्यान में नहीं रखते हैं। क्रिप्टोकरेंसी धोखाधड़ी ने डिजिटल और आभासी वातावरण में अपराधों को संबोधित करने के लिए वर्तमान में एक कानूनी ढाँचे की आवश्यकता को दर्शाया है। हैकिंग, आइडेंटिटी थेफ्ट और साइबरस्टॉकिंग सहित साइबर अपराध के विभिन्न रूपों को लक्षित करते हुए विशिष्ट कानून बनाने की आवश्यकता है, ताकि पीड़ितों को प्रभावी विधिक सहायता मिल सके। -डॉ. सत्यवान सौरभ हाल ही में भारत की आपर...
फुल एक्शन में योगी और उनकी बुलेट ट्रेन से घबराए विरोधी

फुल एक्शन में योगी और उनकी बुलेट ट्रेन से घबराए विरोधी

BREAKING NEWS, TOP STORIES, राज्य, विश्लेषण
मृत्युंजय दीक्षितउत्तर प्रदेश में लोकसभा चुनावों में भारतीय जनता पार्टी के 33 सीटों पर सिमट जाने के बाद से ही ऐसा प्रतीत होने लगा था कि प्रदेश में समाजवादी समर्थित गुंडे एक बार फिर एक्टिव हो रहे हैं। उत्तर प्रदेश में अराजकतावादी अपराधी, सपा के प्रति सहानुभूति रखने वाले भ्रष्टाचार में संलिप्त कुछ अफसर व पुलिस कर्मी समाजवादी पार्टी की जीत के जश्न में यह भूल गए थे कि उत्तर प्रदेश में अभी भी योगी जी का ही राज है । जगह- जगह हिंसा व डर का वातावरण पैदा कर यह दिखाने का प्रयास किया जा रहा था कि अब तो योगी जी उप्र से जाने ही वाले हैं क्योंकि वह चुनावों में पराजित हो चुके हैं और बीजेपी आलाकमान उन्हें हटाने जा रहा है। अब यही जश्न अराजक समाजवादी तत्वों के लिए परेशानी का सबब बनने जा रहा है।बीते दिनों मोहर्रम के अवसर पर कइ जगह जुलूसों में जय फिलीस्तीन का नारा लगाते हुए उसका झंडा फहराकर प्रदेश में तनाव प...
क्या दुनिया को है सन्देश, जलता हुआ बांग्लादेश?

क्या दुनिया को है सन्देश, जलता हुआ बांग्लादेश?

BREAKING NEWS, Today News, राष्ट्रीय, सामाजिक
आरक्षण के मुद्दे पर बांग्लादेश में तख्तापलट हो गया, वहाँ की प्रधानमंत्री शेख हसीना को देश छोड़कर भागना पड़ा। अपने देश भारत में भी इन दिनों जाति को लेकर घमासान मचा हुआ है। बांग्लादेश हिंसा की आग में सुलग रहा है। हिंसा के बीच हालात बेहद खराब हो गए हैं। हजारों लोग सड़कों पर उतरकर सरकारी संपत्ति को आग के हवाले कर दिया है। बांग्लादेश संसद में वाद विवाद संवाद व्यवस्थित नही रहा, बांग्लादेश संसद ने जनता का यक़ीन खो दिया, बांग्लादेश में जो हालात बेकाबू हुए इससे साबित होता देश में जनता से बड़ा कोई नही, कुछ गलत निर्णय देश को सालों साल पीछे धकेल देते । गलत निर्णय कितने भारी पड़ गए बांग्लादेश को। -प्रियंका सौरभ किसी देश में तख्तापलट की संभावना आमतौर पर तब बनती है जब देश के तमाम लोग सरकार की नीतियों के खिलाफ होते हैं या फिर सरकारें तानाशाह बन जाती हैं यानी सरकारों को जनता के हितों से कोई मतलब न...
राहुल बाबा की चक्रव्यूह रचना

राहुल बाबा की चक्रव्यूह रचना

Current Affaires, EXCLUSIVE NEWS, TOP STORIES, राज्य
यह समझना मुश्किल है कि कांग्रेस की विरासत ही कांग्रेस के विपरीत है या राहुल गांधी का फोकस कहीं और है। वैसे तो नेता प्रतिपक्ष राहुल गांधी को संसद में बजट पर बोलना था, लेकिन उन्होंने महाभारत कालीन चक्रव्यूह का नया रूपक ही गढ़ दिया। हजारों साल पुराने चक्रव्यूह में अभिमन्यु को घेर कर मार दिया गया था। उसका नियंत्रण द्रोणाचार्य, कृपाचार्य, कर्ण, कृतवर्मा, अश्वत्थामा और शकुनि के हाथों में था। राहुल गांधी के मुताबिक़ आज का चक्रव्यूह भी प्रधानमंत्री मोदी, गृह मंत्री अमित शाह, सरसंघचालक मोहन भागवत, राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार अजित डोभाल आदि आठ हाथों में है। दो शेष नाम देश के बड़े उद्योगपतियों के हैं, जिनका नाम सदन में नहीं लिया जा सकता था। स्पीकर ओम बिरला ने भी नियमों का हवाला दिया, लेकिन राहुल गांधी उनका एक बार नाम ले चुके थे। फिर उन्हें ए-1, ए-2 नामकरण दिया। सवाल यह है कि राहुल गांधी ने य...
कांग्रेस के नेतृत्व में इंडी गठबंधन की जाति राजनीति और बेनकाब होते राहुल गांधी

कांग्रेस के नेतृत्व में इंडी गठबंधन की जाति राजनीति और बेनकाब होते राहुल गांधी

EXCLUSIVE NEWS, TOP STORIES, विश्लेषण, साहित्य संवाद
मृत्युंजय दीक्षितविगत दो वर्षों से विशेषकर कर्नाटक विधानसभा चुनाव में सत्ता प्राप्ति और फिर लोकसभा चुनाव में 99 सीटें जीत लेने के बाद राहुल गांधी और इंडी गठबंधन हर समय जाति जाति कर रहा है। संभवतः उन्हें लग रहा है कि जातिगत आरक्षण ही एक ऐसा बड़ा हथियार है जिसके माध्यम से जातियों में विभाजित हिंदू समाज को आपस में लड़ाकर भारतीय जनता पार्टी राजनैतिक रूप से पराजित किया जा सकता है और कांग्रेस के अच्छे दिन वापस लाये जा सकते हैं।राहुल गांधी अपनी तथाकथित न्याय यात्रा के दौरान हर जनसभा में जाति का मुद्दा उठाते रहे हैं यहां तक कि वो पत्रकार वार्ता में पत्रकारों और उनके मालिकों की जाति पूछते रहे हैं। राहुल गांधी सेना प्रमुखों की जाति पूछ चुके हैं। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का भी जाति के नाम पर अपमान करते रहे हैं। राहुल गांधी बहुत ही भद्दे तरीके से अपनी रैलियों में कहा करते हैं कि प्रधनमंत्री मोदी ओबीसी...