लोक सभा अध्यक्ष विवादों में क्यों?
-विनीत नारायणभारतीय लोकतंत्र की परंपरा काफ़ी सराहनीय रही है। लोक सभा भारत की जनता की सर्वोच्च प्रतिनिधि सभा है जहांदेश के कोने-कोने से आम जनता द्वारा चुने हुए प्रतिनिधि अपने क्षेत्र, प्रांत व राष्ट्र के हित में समस्याओं पर विमर्श करतेहैं। लोकतंत्र में सत्तापक्ष और विपक्ष के बीच लगातार नोक-झोंक का चलना बहुत सामान्य व स्वाभाविक बात है।सत्तापक्ष अपनी छवि बढ़ा-चढ़ा कर पेश करता है तो विपक्ष उसे आईना दिखाने का काम करता है। इससे मुद्दों परवस्तु स्थिति स्पष्ट होती है। इस नोक-झोंक का कोई बुरा नहीं मानता। क्योंकि आज जो सत्ता में हैं, कल तक वो विपक्षमें थे और तब वे भी यही करते थे जो आज विपक्ष कर रहा है। जो आज सत्ता में हैं कल वो विपक्ष में होंगे और फिर वेभी वही करेंगे। लेकिन इस नोक-झोंक की सार्थकता तभी है जब वक्ताओं द्वारा मर्यादा में रह कर अपनी बात रखीजाए।जब तक संसदीय कार्यवाही का टीवी पर प्रसारण न...