Shadow

राष्ट्रीय

लचर क़ानून व्यवस्था का प्रमाण है अपराध

लचर क़ानून व्यवस्था का प्रमाण है अपराध

EXCLUSIVE NEWS, TOP STORIES, राष्ट्रीय, विश्लेषण
डॉ. शंकर सुवन सिंहभारत जैसे देश में आए दिन अपराध जैसे हत्या,लूट, छिनैती, बलात्कार,धार्मिक उन्माद आदिहोते रहते हैं। अपराध के मामलों में उत्तर प्रदेश भी शिखर पर है। प्रयागराज के नैनी स्थितहुक्का बार में 14 फरवरी 2023 को एक बालू कारोबारी की हत्या कर दी जाती है। अभीहाल ही में 24 फरवरी 2023 को राजू पाल हत्याकांड में मुख्य गवाह उमेश पाल कोदिनदहाड़े सरेआम गोलियाँ और बम से भून दिया जाता है। इस हत्याकांड में उमेश पाल केगनर को भी अपराधी दौड़ाकर गोलियों से भून देते हैं। इस घटना से उत्तर प्रदेश के पुलिसप्रशासन और क़ानून व्यवस्था पर प्रश्न चिन्ह उठना स्वाभाविक है। इस घटना का मुख्यकारण न्याय मिलने में विलम्ब होना और क़ानून व्यवस्था का लचर होना है। उधर पंजाब मेंभारत के अमृतकाल के लिए अमृतपाल कहर बनता जा रहा है। पंजाब में खालिस्तानीसंगठन (वारिस पंजाब दे) का मुखिया अमृतपाल सिंह और उसके गुंडों ने अमृतसर केअजना...
अमृतपाल सिंह पर भेजी गई पीएम मोदी की सीक्रेट रिपोर्ट पर अमल क्यों नहीं हुआ ?

अमृतपाल सिंह पर भेजी गई पीएम मोदी की सीक्रेट रिपोर्ट पर अमल क्यों नहीं हुआ ?

BREAKING NEWS, TOP STORIES, राष्ट्रीय
अमृतपाल सिंह पर भेजी गई पीएम मोदी की सीक्रेट रिपोर्ट पर अमल क्यों नहीं हुआ ?* -देश की एकता और अखंडता को एक बार फिर खतरा पैदा हो रहा है क्योंकि पंजाब में मौजूद केजरीवाल की सरकार खालिस्तानी अलगाववादी तत्वों के प्रति नरम रुख अपना रही है बल्कि उनका तुष्टीकरण भी कर रही है । मीडिया में  शीर्षक के साथ एक खबर प्रकाशित हुई थी... "खालिस्तान समर्थक अमृतपाल पर कार्रवाई ना होने से उठ रहे हैं सवाल" । अमृतपाल को लेकर खुफिया एजेंसियों ने एक रिपोर्ट मोदी सरकार और गृहमंत्री अमित शाह को दी थी जो पंजाब के पुलिस विभाग से शेयर भी की गई थी लेकिन इसके बावजूद भी भगवंत मान ने अमृतपाल और उसके साथी खालिस्तानी तत्वों के सामने सरेंडर कर रखा है -अमृतपाल के समर्थक लवप्रीत ने अमृतपाल पर सोशल मीडिया पोस्ट लिखने वाले एक शक्स को किडनैप करके पीटा था । इस पर पुलिस ने लवप्रीत समेत 30 को आरोपी बनाया था लेकिन 23 फर...
अपने पापों का फल भुगत रहा, कर्ज से कराहता पाकिस्तान

अपने पापों का फल भुगत रहा, कर्ज से कराहता पाकिस्तान

BREAKING NEWS, EXCLUSIVE NEWS, राष्ट्रीय
भारत तथा विश्व में शांति के लिए पाकिस्तान का विश्व के मानचित्र से मिट जाना ही उचितमृत्युंजय दीक्षितपड़ोसी देश पाकिस्तान आज भारी कर्ज व अभूतपूर्व मंहगाई के बेहद कठिन दौर से गुजर रहा है। यद्यपि पाकिस्तान सरकार इससे मुक्ति पाने के लिए कुछ कदम उठा रही है लेकिन यह कदम पाकिस्तान को इस भंवरजाल से उबारने के लिए नाकाफी हैं। कहा जाता है कि बुरे समय में एक के बाद एक सभी अपका साथ छोड़ कर चले जाते हैं और यही हाल इस पाकितान का हो रहा है धीरे धीरे विश्व के सभी देश उससे किनारा कर रहे हैं ।इन परिस्थितियों में भी पाकिस्तान के राजनेता, सेना, आई.एस.आई सुधरने का नाम नहीं ले रहे, कश्मीर-कश्मीर का गाना और आतंक को पनाह देना आज भी इससे अलग हट कर वो कुछ सोच नहीं सकते। वहीं आंतरिक स्तर पर अल्पसंख्यकों का जीवन दूभर है । हिन्दू बच्चियों का अपहरण, धर्मान्तरण, मार पीट, मंदिरों को नष्ट करना यह पाकिस्तान के दैनिक समाचार ...
बाइडन की यूक्रेन-यात्रा

बाइडन की यूक्रेन-यात्रा

TOP STORIES, राष्ट्रीय
डॉ. वेदप्रताप वैदिक अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडन की यूक्रेन-यात्रा ने सारी दुनिया को आश्चर्यचकित कर दिया है। वैसे पहले भी कई अमेरिकी राष्ट्रपति जैसे जाॅर्ज बुश, बराक ओबामा और डोनाल्ड ट्रंप एराक और अफगानिस्तान में गए हैं लेकिन उस समय तक इन देशों में अमेरिकी फौजों का वर्चस्व कायम हो चुका था लेकिन यूक्रेन में न तो अमेरिकी फौजें हैं और न ही वहां युद्ध बंद हुआ है। वहां अभी रूसी हमला जारी है। दोनों देशों के डेढ़ लाख से ज्यादा सैनिक मर चुके हैं। हजारों मकान ढह चुके हैं और लाखों लोग देश छोड़कर परदेश भागे चले जा रहे हैं। यूक्रेन फिर भी रूस के सामने डटा हुआ है। आत्म-समर्पण नहीं कर रहा है। इसका मूल कारण अमेरिका का यूक्रेन को खुला समर्थन है। अमेरिका के समर्थन का अर्थ यही नहीं है कि अमेरिका सिर्फ डाॅलर और हथियार यूक्रेन को दे रहा है, उसकी पहल पर यूरोप के 27 नाटो राष्ट्र भी यूक्रेन की रक्षा के लिए कम...
पाकिस्तान सम्भले अन्यथा आत्मविस्फोट निश्चित है

पाकिस्तान सम्भले अन्यथा आत्मविस्फोट निश्चित है

EXCLUSIVE NEWS, TOP STORIES, राष्ट्रीय
-ः ललित गर्ग :- पाकिस्तान और चीन दुनिया के दो ऐसे विध्वंसक देश है, जिन्होंने आतंकवाद, युद्ध एवं पडोसी देशों में अशांति फैलाने की राहों को चुनते हुए अपनी बर्बादी की कहानी खुद लिखी है। पाकिस्तानी नेतृत्व ने ही भारत में आतंकवाद फैला कर लिखी अपनी बर्बादी की दास्तां, जिसे अब अब जनता झेल रही है।  रोटी, सब्जी, घी, तेल, दूध की महंगाई, बिजली, पानी, पेट्रोल, यातायात के आसमान छूते दामों ने पाकिस्तानियों के मुंह से निवाला ही नहीं छीना है, बल्कि उन्हें देश छोड़ने पर विवश कर दिया है। पाकिस्तान की हुकूमत दिवालिया होने से बचने के लिए अपनी अधिकतम कोशिशें करते हुए दुनिया के लगभग सभी के आगे हाथ फैला चुकी है, अब आगे रास्ता नजर नहीं आता। संभवतः पाकिस्तान के हालात सुधरने के बजाय दिनोंदिन बिगड़ते ही जा रहे हैं, कहीं से कोई आशा की उम्मीद दिखायी नहीं देती है। भारत ने कई बार दोहराया है कि आतंकवाद को बढ़ावा...
मातृभाषा सांस्कृतिक और भावात्मक एकता का माध्यम

मातृभाषा सांस्कृतिक और भावात्मक एकता का माध्यम

EXCLUSIVE NEWS, राष्ट्रीय, सामाजिक
अन्तर्राष्ट्रीय मातृभाषा दिवस- 21 फरवरी, 2023 पर विशेष-ः ललित गर्ग :-दुनिया भर में भाषा की सांस्कृतिक परंपराओं के बारे में पूरी जागरूकता विकसित करने, उसकी समझ और संवाद के आधार पर एकजुटता को प्रेरित करते हुए मातृभाषा को बढ़ावा देने के लिये यूनेस्को द्वारा हर वर्ष 21 फरवरी को विश्व मातृभाषा दिवस मनाया जाता है। इस दिवस को मनाने का उद्देश्य है कि विश्व में भाषाई एवं सांस्कृतिक विविधता और बहुभाषिता को बढ़ावा देना। यूनेस्को द्वारा अन्तरराष्ट्रीय मातृभाषा दिवस की घोषणा से बांग्लादेश के भाषा आन्दोलन दिवस को अन्तरराष्ट्रीय स्वीकृति मिली, जो बांग्लादेश में सन् 1952 से मनाया जाता रहा है। बांग्लादेश में इस दिन एक राष्ट्रीय अवकाश होता है। 2008 को अन्तरराष्ट्रीय भाषा वर्ष घोषित करते हुए, संयुक्त राष्ट्र आम सभा ने अन्तरराष्ट्रीय मातृभाषा दिवस के महत्व को फिर दोहराया है। 2023 के अंतर्राष्ट्रीय मातृभाषा द...
कांग्रेस क्या करे तो बचे ?

कांग्रेस क्या करे तो बचे ?

BREAKING NEWS, Today News, राष्ट्रीय
डॉ. वेदप्रताप वैदिक कांग्रेस पार्टी का वृहद अधिवेशन रायपुर में होने जा रहा है। इसमें कांग्रेस कमेटी के 1800 सदस्य और लगभग 15 हजार प्रतिनिधि भाग लेंगे। इस अधिवेशन में 2024 के आम चुनाव की रणनीति तय होगी। इस रणनीति का पहला बिंदु यही है कि कांग्रेस और बाकी सभी विरोधी दल एक होकर भाजपा का विरोध करें, जैसा कि 1967 के आम चुनाव में डाॅ. राममनोहर लोहिया की पहल पर हुआ था। उस समय सभी कांग्रेस-विरोधी दल एक हो गए थे। न तो नेताओं की व्यक्तिगत महत्वाकांक्षाएं आड़े आईं और न ही विचारधारा की बाधाएँ खड़ी हुईं। इस एकता को कुछ राज्यों में सफलता जरूर मिल गई लेकिन वे सरकारें कितने दिन टिकीं। यह अनुभव 1977 में भी हुआ, जब आपात्काल के बाद मोरारजी देसाई और चरणसिंह की सरकारें बनीं। इससे भी कटु हादसा हुआ, विश्वनाथ प्रतापसिंह और चंद्रशेखर की सरकारों के दिनों में। विरोधी दलों की इस अस्वाभाविक एकता के दुष्परिणाम इतने ...
राजनीति के मूल प्रवाह से अनभिज्ञ छुटभैयों की टिप्पणियाँ

राजनीति के मूल प्रवाह से अनभिज्ञ छुटभैयों की टिप्पणियाँ

BREAKING NEWS, TOP STORIES, राष्ट्रीय
-प्रो. रामेश्वर मिश्र पंकजसोवियत संघ से लेनिन और स्तालिन की बकवास की दयनीय नकल कर स्वयं को बौद्धिक मान बैठे छुटभैये राजनीति को विचारधाराओं की लड़ाई माने रहते हैं। ऐसे बहुत से रोचक जीव हैं जो कम्युनिस्ट या सोशलिस्ट रहने के दौरान अथवा संघ के स्वयंसेवक रहने के दौरान वैचारिक मतवादों की दुनिया मंे जीते रहे हैं। उनके लिये वैचारिक शुद्धता का आग्रह उतना ही महत्वपूर्ण है जितना अध्यात्मिक शुद्धता का आग्रह साधना के मार्ग में महत्वपूर्ण होता है। ऐसे लोग पहले तो भाजपा को हिन्दुत्व की पार्टी मान बैठे, जबकि भाजपा ने कभी भी ऐसी कोई घोषणा नहीं की। परन्तु घोषणा न करने को उसकी बहुत बड़ी रणनीति मानते रहे और अब हिन्दुत्व से विचलित भाजपा शासन को देखकर इतने बौखलाये रहते हैं कि उनके क्षोभ का लाभ कांग्रेस उठा ले तो उठा ले या राष्ट्र की विरोधी शक्तियाँ लाभ उठा लें तो उठा लें। उनकी अपनी एक दुनिया है। परन्तु राजनीति...
सनातन बोर्ड क्यों?

सनातन बोर्ड क्यों?

TOP STORIES, धर्म, राष्ट्रीय, संस्कृति और अध्यात्म
Why Sanatan Board? लंबे अरसे से हिंदू मठ मंदिरों के सरकारी अधिग्रहण पर सवाल उठते आ रहे हैं !पूछा जाता है कि सरकार केवल हिंदू मंदिरों पर ही नियंत्रण क्यों करती है , मस्जिदों और चर्च पर क्यों नहीं ? देश में हिंदू मठ मंदिरों की संख्या अनुमानतः 10 लाख है , जिनमें से 4 लाख 30 हजार मंदिरों का विभिन्न सरकारों ने अधिकरण किया हुआ है !दूसरी ओर इस्लामिक धर्मस्थलों पर नियंत्रण के लिए मुस्लिम वक्फ बोर्ड बना हुआ है , जिस पर सरकार का कोई नियंत्रण नहीं है !क्रिश्चियन इदारों पर भी बाहरी नियंत्रण की कोई आधिकारिक दखल नहीं है ! कल मध्य प्रदेश की महिला सांसद साध्वी प्रज्ञा ने मुस्लिम वक्फ बोर्ड की तर्ज पर हिंदू मठ मंदिरों के लिए सनातन बोर्ड की मांग की , जिसकी सारी व्यवस्था मठ मंदिर सनातन बोर्ड द्वारा की जाए , सरकार द्वारा नहीं । लाखों मंदिरों का दान में आया करोड़ों रुपया हर महीने सरकार ले जाती है , म...
मातृभाषा पर गर्व करें

मातृभाषा पर गर्व करें

TOP STORIES, राष्ट्रीय
21 फरवरी अंतर्राष्ट्रीय मातृभाषा दिवस पर विशेषडॉ. सौरभ मालवीयमातृभाषा का अर्थ है मातृ की भाषा अर्थात वह भाषा जो बालक अपनी माता से सीखता है। बाल्यकाल से ही मातृभाषा में बोलने और सुनने के कारण व्यक्ति अपनी भाषा में निपुण हो जाता है। मातृभाषा किसी भी व्यक्ति की पहचान होती है। मातृभाषा का जीवन में अत्यंत महत्व होता है। कोई भी व्यक्ति अपनी मातृभाषा में अपने विचारों को सरलता से व्यक्त करने में सक्षम होता है, क्योंकि व्यक्तिसदैव अपनी मातृभाषा में ही विचार करता है। इसलिए उसे अपनी मातृभाषा में कोई भी विषय समझने में सुगमता होती है, जबकि किसी अन्य भाषा में उसे कठिनाई का सामनाकरना पड़ता है। मातृभाषा व्यक्ति के सर्वांगीण विकास की आधारशिला है वह व्यक्ति को उसकी संस्कृति से जोड़नेमें सक्षम होती है। मातृभाषा द्वारा व्यक्ति को अपनी मूल संस्कृति एवं संस्कारों का ज्ञान होता है। मातृभाषा द्वारा व्यक्ति अपने ...