
बसन्त पंचमी ‘‘या कुन्देन्दु तुषारहार धवला या शुभ्रवस्त्रावृता’’
भारत त्योहारों का देश है। इसी श्रृंखला में बसंत पंचमी अथवा श्रीपंचमी एक हिन्दू त्योहार है। इस दिन विशेष रूप से विद्या की देवी सरस्वतीजी की पूजा की जाने की भारतीय संस्कृति की परम्परा है। इस दिन महिलायें पीले वस्त्र धारण करती हैं। यह त्योहार भारत की ही नहीं अपितु पश्चिमोŸार बांगलादेश, नेपाल आदि देशों में बड़ी श्रद्धा-आस्था से मनाने की परम्परा है।
भारत तथा नेपाल में वर्षभर को छः ऋतुओं में विभाजित किया गया है उनमें बसंत अधिकांश लोगों का सबसे प्रिय मौसम है। बसंत में चारो तरफ फूलों की बहार देखने का अवसर होता है, खेतों में पीली-पीली सरसों का सोना बरसने-चमकने लगता है, जौ एवं गेहूँ की बालियाँ पूरे यौवन पर रहती है। आमों के पेड़ों पर बौर दिखाई देने लगते हैं तो दूसरी तरफ रंग बिरंगी तितलियाँ फूलों पर अठखेलियाँ करती दृष्टिगोचर होने लगती हैं। बसंत पंचमी माघ महिने के शुक्ल पक्ष के पाँचवें दिवस मनाई जाती ...