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आर्थिक

वर्ष 2023 में आर्थिक क्षेत्र में भारत की कुछ विशेष उपलब्धियां रही हैं

वर्ष 2023 में आर्थिक क्षेत्र में भारत की कुछ विशेष उपलब्धियां रही हैं

EXCLUSIVE NEWS, आर्थिक, विश्लेषण
वर्ष 2023 मेंआर्थिकक्षेत्रमेंभारतकीकुछविशेषउपलब्धियांरहीहैं वित्तीय वर्ष 2023-24 में भारत की आर्थिक विकास दर लगभग 7 प्रतिशत के आसपास रहने की प्रबल सम्भावनाएं बन रही हैं। इस वर्ष की प्रथम तिमाही, अप्रेल-जून 2023, में आर्थिक विकास दर 7.8 प्रतिशत की रही है, वहीं द्वितीय तिमाही,  जुलाई- सितम्बर 2023 में 7.6 प्रतिशत की रही है। इसी प्रकार, दीपावली त्यौहार पर लगभग 4 लाख करोड़ रुपए के व्यापार के चलते एवं अक्टोबर 2023 माह में विनिर्माण के क्षेत्र में विकास दर के 12 प्रतिशत से ऊपर रहने से इस वर्ष की तृतीय तिमाही, अक्टोबर-दिसम्बर 2023, में भी आर्थिक विकास 7 प्रतिशत रह सकती है। इससे पूरे वित्तीय वर्ष 2023-24 में भी आर्थिक विकास दर 7 प्रतिशत रहने की प्रबल सम्भावनाए बन रही हैं। जबकि, विश्व के कई अन्य विकसित देशों में मंदी की सम्भावना व्यक्त की जा रही है। इस प्रकार भारत वर्ष 2023 में भी लगातार व...

भारत के ऋण-जीडीपी अनुपात के बारे में आईएमएफ की चिंता उचित नहीं है

TOP STORIES, आर्थिक
हाल ही में अंतरराष्ट्रीय मुद्रा कोष ने भारत के ऋण: सकल घरेलू उत्पाद अनुपात के सम्बंध में चिंता व्यक्त करते हुए कहा है कि भारत का ऋण: सकल घरेलू उत्पाद अनुपात वर्ष 2028 तक यदि 100 प्रतिशत के स्तर को पार कर जाता है तो सम्भव है कि भारत की विकास दर पर इसका विपरीत प्रभाव होने लगे। हालांकि  भारत का ऋण: सकल घरेलू उत्पाद अनुपात वर्ष 2020 में 88.53 प्रतिशत तक पहुंच गया था, क्योंकि पूरे विश्व में ही कोरोना महामारी के चलते आर्थिक व्यवस्था चरमरा गई थी। परंतु, इसके बाद के वर्षों में भारत के ऋण: सकल घरेलू उत्पाद अनुपात में लगातार सुधार दृष्टिगोचर है और यह वर्ष 2021 में 83.75 प्रतिशत एवं वर्ष 2022 में 81.02 प्रतिशत के स्तर पर नीचे आ गया है। साथ ही, भारत के ऋण: सकल घरेलू उत्पाद अनुपात के वर्ष 2028 में 80.5 प्रतिशत के निचले स्तर पर आने की सम्भावना व्यक्त की जा रही है। यदि अन्य देशों के ऋण: सकल घरे...
भारत के ऋण: सकल घरेलू उत्पाद अनुपात के बारे में आईएमएफ की चिंता उचित नहीं

भारत के ऋण: सकल घरेलू उत्पाद अनुपात के बारे में आईएमएफ की चिंता उचित नहीं

EXCLUSIVE NEWS, आर्थिक, विश्लेषण
भारत के ऋण: सकल घरेलू उत्पाद अनुपात के बारे में आईएमएफ की चिंता उचित नहीं हाल ही में अंतरराष्ट्रीय मुद्रा कोष ने भारत के ऋण: सकल घरेलू उत्पाद अनुपात के सम्बंध में चिंता व्यक्त करते हुए कहा है कि भारत का ऋण: सकल घरेलू उत्पाद अनुपात वर्ष 2028 तक यदि 100 प्रतिशत के स्तर को पार कर जाता है तो सम्भव है कि भारत की विकास दर पर इसका विपरीत प्रभाव होने लगे। हालांकि भारत का ऋण: सकल घरेलू उत्पाद अनुपात वर्ष 2020 में 88.53 प्रतिशत तक पहुंच गया था, क्योंकि पूरे विश्व में ही कोरोना महामारी के चलते आर्थिक व्यवस्था चरमरा गई थी। परंतु, इसके बाद के वर्षों में भारत के ऋण: सकल घरेलू उत्पाद अनुपात में लगातार सुधार दृष्टिगोचर है और यह वर्ष 2021 में 83.75 प्रतिशत एवं वर्ष 2022 में 81.02 प्रतिशत के स्तर पर नीचे आ गया है। साथ ही, भारत के ऋण: सकल घरेलू उत्पाद अनुपात के वर्ष 2028 में 80.5 प्रतिशत के निचले स्तर पर...
यूपी में नहीं बढ़ेंगी कीमतें, बढ़ेगा आबकारी का राजस्व

यूपी में नहीं बढ़ेंगी कीमतें, बढ़ेगा आबकारी का राजस्व

BREAKING NEWS, TOP STORIES, आर्थिक, राज्य
*- योगी सरकार की नई आबकारी नीति को एक्साइज कमिश्नर ने किया स्पष्ट* *- राजस्व बढ़ाने के लिए किये गये हैं कई उपाय, फिर भी नहीं बढ़ेंगी शराब की कीमतें* *- पांच रुपए सस्ती मिलेगी यूपीएमएल की 42.8 डिग्री की शराब* *- 36 डिग्री यूपीएमएल की नई श्रेणी को भी किया गया है इंट्रोड्यूस* *- 25 और 36 डिग्री शीरे वाली शराबों के रेट में भी नहीं हुआ है कोई परिवर्तन* *- पहले ग्रेन अल्कोहल को हरियाणा और पंजाब से किया जाता था इम्पोर्ट, अब यूपी में बन रही* *- देसी शराब की कैटगरी को भी नौ से घटाकार किया गया चार* *- नई नीति से 2024-25 में 50 हजार करोड़ से अधिक का राजस्व अर्जित करने का लक्ष्य* *लखनऊ, 20 दिसंबर।* योगी सरकार की नई आबकारी नीति लागू होने के बाद प्रदेश में ना सिर्फ कंट्री मेड शराब की कीमतों में कमी आएगी, बल्कि सरकार के खजाने को भी समृद्ध किया जा सकेगा। प्रदेश के आबकारी आयुक्...
अब भारतीय शेयर बाजार का पूंजीकरण भी पहुंचा विश्व में पांचवे स्थान पर

अब भारतीय शेयर बाजार का पूंजीकरण भी पहुंचा विश्व में पांचवे स्थान पर

TOP STORIES, आर्थिक, विश्लेषण
भारत आज विश्व के कई देशों को विभिन्न क्षेत्रों में राह दिखाता नजर आ रहा है। अभी हाल ही में भारतीय शेयर (पूंजी) बाजार, नैशनल स्टॉक एक्स्चेंज, ने 4 लाख करोड़ अमेरिकी डॉलर के पूंजीकरण के स्तर को पार कर लिया है। विदेशी निवेशक एवं विदेशी संस्थान जो माह सितम्बर 2023 तक भारतीय शेयर बाजार से पैसा निकाल रहे थे, अब अचानक भारी मात्रा में भारतीय शेयर बाजार में पैसा लगा रहे हैं। आज कई बार तो एक दिन में 5000 करोड़ रुपए से भी अधिक की राशि का निवेश इन विदेशी निवेशकों द्वारा भारतीय शेयर बाजार में किया जा रहा है। नैशनल स्टॉक एक्स्चेंज पर लिस्टेड समस्त कम्पनियों (निफ्टी) का कुल बाजार पूंजीकरण 4 लाख करोड़ अमेरिकी डॉलर अथवा 335 लाख करोड़ रुपए के स्तर को पार कर गया है। पिछले 10 वर्षों के दौरान इन कम्पनियों का पूंजीकरण 17.5 प्रतिशत प्रतिवर्ष की संयोजित (कंपाऊडेड) दर से बढ़ा है। भारतीय शेयर बाजार के विकास...
अयोध्या में प्रभु श्रीराम मंदिर निर्माण से स्थानीय अर्थव्यवस्था को लगेंगे पंख

अयोध्या में प्रभु श्रीराम मंदिर निर्माण से स्थानीय अर्थव्यवस्था को लगेंगे पंख

EXCLUSIVE NEWS, TOP STORIES, आर्थिक, धर्म
अंततः वह घड़ी भी बहुत करीब आ पहुंची है, जिसका इंतजार हिंदू धर्मावलंबी पिछले लगभग 500 वर्षों से कर रहे हैं। 5 अगस्त 2020 को भारत के यशस्वी प्रधानमंत्री माननीय श्री नरेन्द्र मोदी ने पूजनीय संत मंडल एवं राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के परम पूजनीय सर संघचालक श्री मोहन जी भागवत के सानिध्य में प्रभु श्रीराम के भव्य मंदिर के निर्माण की आधारशिला रखी थी। अब दिनांक 22 जनवरी 2024 को भारत के प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी ही पूज्य संत मंडल एवं परम पूजनीय सर संघचालक श्री मोहन जी भागवत की उपस्थिति में अयोध्या में नव निर्मित प्रभु श्रीराम के भव्य मंदिर का उद्घाटन करने जा रहे हैं। भारत ही क्या बल्कि पूरे विश्व में ही हिंदू धर्मावलंबी अति उत्साहित हैं एवं पूरे भारत में वातावरण राममय होने जा रहा है।  अयोध्या में निर्माणरत श्रीराम मंदिर पूरे विश्व में निवासरत हिंदू धर्मावलम्बियों के लिए न केवल विशाल आ...
भारतीय रिजर्व बैंक को अब ब्याज दरों में कटौती के बारे में सोचना चाहिए

भारतीय रिजर्व बैंक को अब ब्याज दरों में कटौती के बारे में सोचना चाहिए

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भारतीय रिजर्व बैंक की मौद्रिक नीति समिति की तीन दिवसीय बैठक 8 दिसम्बर 2023 को समाप्त हुई और भारतीय रिजर्व बैंक के गवर्नर श्री शक्तिकांत दास ने नीतिगत रेपो दर में किसी भी प्रकार का परिवर्तन न करते हुए इसे 6.50 प्रतिशत पर यथावत बनाए रखा है, क्योंकि मुख्य रूप से भारत में उपभोक्ता मूल्य सूचकांक आधारित मुद्रा स्फीति की दर नियंत्रण में बनी हुई है। हालांकि अभी यह देश के मध्यावधि लक्ष्य 4 प्रतिशत के अंदर नहीं आई है। परंतु, भारतीय अर्थव्यवस्था जिस गति से आगे बढ़ रही है, इसे देखते हुए एवं आर्थिक विकास की दर को और अधिक गति देने के उद्देश्य से अब भारत में ब्याज दरों को कम किये जाने का समय आ गया लगता है। उपभोक्ता मूल्य सूचकांक आधारित मुद्रा स्फीति की दर का 4 प्रतिशत से अधिक बने रहने के पीछे मुख्य कारण तेल एवं खाद्य पदार्थों (फल, सब्जी, आदि) में अचानक वृद्धि होते रहना है। अन्यथा, थोक मूल्य सूचकांक ...
भारत में विवाह समारोहों की अर्थव्यवस्था

भारत में विवाह समारोहों की अर्थव्यवस्था

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भारतीय सनातन संस्कृति के अनुसार पवित्र शादियों के धार्मिक संस्कारों के माध्यम से दो आत्माओं का मिलन कराया जाता है। कहा तो यहां तक भी जाता है कि दूल्हा और दुल्हन शादी के धार्मिक संस्कारों के माध्यम से सात जन्मों तक के लिए एक दूसरे के हो जाते हैं। इसलिए, शादी के समय विभिन्न अध्यात्मिक, धार्मिक एवं सांसारिक संस्कारों को सम्पन्न कराने के लिए समाज के गणमान्य नागरिकों, नाते रिश्तेदारों, परिवार के सदस्यों को साथ लेकर विभिन्न प्रकार के भव्य आयोजन सम्पन्न किए जाते हैं। इन आयोजनों में विभिन्न कार्यक्रम सम्पन्न होते हैं एवं आजकल तो ऐसे शुभ अवसरों पर भारी मात्रा में व्यय भी किया जा रहा है। शादी के विभिन्न आयोजनों पर किए जाने वाले भारी भरकम खर्च से देश की अर्थव्यवस्था को बल मिलता हुआ दिखाई दे रहा है। भारत में नवम्बर 2023 माह से लेकर आगामी लगभग 4 माह के दौरान 38 लाख से अधिक शादियों के आयोजन सम्प...
मेल इन इंडिया युग

मेल इन इंडिया युग

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यह जानकर आश्चर्य हुआ कि जापान में आज जितनी सुजुकी गाडियां चल रही हैं , उसकी आधी भारत में बनी हैं । मतलब कंपनी जापान की मेक इन हिन्दुस्तान की । सुजुकी ही नहीं , विदेशी धरती पर दौड़ रही हौंडा और हुंडई पर भी मेड इन इंडिया का लेवल लगा है । भारत के मेक इन इंडिया अभियान का ऐसा असर पड़ा कि चीन से उठकर उद्योग लगातार भारत आ रहे हैं । भारत में बढ़ रहे यूनिकॉर्न और हजारों स्टार्ट अप देश की सूरत किस तरह बदल रहे हैं , इसे महसूस कीजिए ? ब्रिटेन को पछाड़ चुकी हमारी अर्थव्यवस्था कुछ ही वर्षों में जापान को पछाड़ने वाली है । क्या आप जानते हैं कि अगली बहार मोबाइल फोन और इलेक्ट्रॉनिक्स की फील्ड में आने वाली है ? शुरू हो चुका है चीन का बाजार घटना । थोड़ा इंतजार कीजिए । वह दिन बहुत दूर नहीं , जब कारों की तरह दुनिया के अनेक देशों की जनता के हाथों में मेड इन इंडिया फोन नज़र आएंगे । गौर कीजिए , मेड इन चाइना सा...
भारतीय अर्थ जगत में स्वत्व बोध के परिणाम दिखाई देने लगे हैं

भारतीय अर्थ जगत में स्वत्व बोध के परिणाम दिखाई देने लगे हैं

EXCLUSIVE NEWS, TOP STORIES, आर्थिक, समाचार
भारतीय अर्थव्यवस्था आज न केवल विश्व में सबसे अधिक तेज गति से आगे बढ़ती अर्थव्यवस्था बन गई है बल्कि विश्व की पांचवी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था भी बन गई है। वर्ष 1980 में चीन द्वारा लागू किए गए आर्थिक सुधारों के चलते चीन की अर्थव्यवस्था भी सबसे तेज गति से दौड़ी थी और चीन के आर्थिक विकास में बाहरी कारकों (विदेशी व्यापार) का अधिक योगदान था परंतु आज भारत की आर्थिक प्रगति में घरेलू कारकों का प्रमुख योगदान है। भारत का घरेलू बाजार ही इतना विशाल है कि भारत को विदेशी व्यापार पर बहुत अधिक निर्भरता नहीं करनी पड़ रही है। वैसे भी, वैश्विक स्तर पर विभिन्न देशों, विकसित देशों सहित, की आर्थिक स्थिति आज ठीक नहीं है एवं इन देशों के विदेशी व्यापार सहित इन देशों के सकल घरेलू उत्पाद की वृद्धि दर भी कम हो रही है। भारत के आर्थिक विकास की वृद्धि दर तेज करने के सम्बंध में घरेलू कारकों में भारत के नागरिकों द्वार...