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देश में बड़े स्तर पर लोग भूखे हैं

देश में बड़े स्तर पर लोग भूखे हैं

BREAKING NEWS, TOP STORIES, घोटाला, राष्ट्रीय, सामाजिक
मेरे सामने खाद्य सुरक्षा एवं पोषण की स्थिति (सोफी) की 2023 की रिपोर्ट है और यह रिपोर्ट कहती है कि भारत में 2020 और 2022 के दरम्यान 7.4 करोड़ लोग अल्पपोषण के शिकार थे। 2023 में ग्लोबल हंगर इंडेक्स में 125 देशों के बीच भारत को 111वां स्थान दिया गया। यह सूचकांक बताता है कि किस देश के बच्चों में बौनेपन, दुर्बलता की समस्या और पोषण की कमी बहुत अधिक है। इससे यह भी पता चलता है कि उस देश की आबादी को रोजाना पर्याप्त भोजन मयस्सर नहीं हो रहा है। अंतरराष्ट्रीय स्तर पर उपलब्ध आंकड़े तो बता रहे हैं कि बड़े स्तर पर लोग भूखे रहते हैं मगर यह आंकड़ा आसानी से नहीं मिलता कि रोज रात कितने लोगों को भूख पेट सोना पड़ता है। हाल ही में घरेलू खपत व्यय सर्वेक्षण (एचसीईएस) 2022-23 के आंकड़े जारी किए गए, जिसमें सर्वेक्षण से तीस दिन पहले तक खाए गए आहार की संख्या बताई गई है। तय परिभाषा के मुताबिक ‘आहार’ पकाई गई एक...
उड़ता भारत

उड़ता भारत

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उड़ता भारत विनीत नारायणकुछ वर्ष पहले एक फ़िल्म आई थी ‘उड़ता पंजाब’, जिसमें दिखाया गया था कि प्रदेश सरकार की लापरवाही से पंजाबके घर-घर में मादक दवाओं का प्रयोग फैल गया है। जिसके चलते पंजाब कि पूरी युवा पीढ़ी तबाह हो रही है। जिनमेंहर वर्ग के युवा शामिल हैं। ग़रीब-अमीर का कोई भेद नहीं। उस वक्त पंजाब में अकाली दल की सरकार थी, तो आमआदमी पार्टी ने सरकार को इस तबाही के लिए ज़िम्मेदार ठहराकर अपना चुनाव अभियान चलाया। इधर पिछले दसवर्षों से दिल्ली में आम आदमी पार्टी की सरकार है, पर क्या ये सरकार दावे से कह सकती है कि दिल्ली में मादकपदार्थों की बिक्री सारे आम नहीं हो रही? कुछ महीने पहले हरियाणा के सोनीपत में एक वरिष्ठ पुलिस अधिकारीस्थानीय डिग्री कॉलेज के छात्रों को नशीली दवाओं के सेवन के विरुद्ध भाषण दे रहे थे। तभी एक छात्र ने उनसे पूछाकि हमारे कॉलेज के बाहर पान की दुकान पर नशीली दवाएँ रात-दिन बि...
कांग्रेस : जमानत पर हैं,तो एन्जॉय करिए

कांग्रेस : जमानत पर हैं,तो एन्जॉय करिए

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कांग्रेस ने हार से क्या सीखा? या कांग्रेस की हार के क्या कारण रहे पर बहस जारी है। जो सामान्य बात निकलकर आई है वो यह है – “भ्रष्टाचार के कारण देशभर में हुई बदनामी से सत्ता गंवाने के बावजूद कांग्रेस ने सबक नहीं सीखा है।“ कांग्रेस के केंद्र और ज्यादातर राज्यों से सत्ता बाहर होने के कारणो एक प्रमुख कारण भ्रष्टाचार रहा है। कर्नाटक कांग्रेस की सरकार के जमीनों में बंदरबांट इसका नया उदाहरण है। इसके चलते मैसूरु शहरी विकास प्राधिकरण के अध्यक्ष मारी गौड़ा ने अपने पद से इस्तीफा दे दिया। उल्लेखनीय है कि उनका इस्तीफा ऐसे समय में आया है जब कर्नाटक के मुख्यमंत्री सिद्धारमैया, उनकी पत्नी बीएन पार्वती और उनके परिवार के अन्य सदस्यों के खिलाफ चल रहे भूमि घोटाले की जांच राज्य और केंद्रीय एजेंसियों द्वारा की जा रही है। गौरतलब है कि मुख्यमंत्री सिद्धारमैया पर लोकायुक्त और प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) द्वारा जांच...
बचिए, फ़र्ज़ी समीक्षा बाज़ार से

बचिए, फ़र्ज़ी समीक्षा बाज़ार से

EXCLUSIVE NEWS, TOP STORIES, घोटाला, विश्लेषण, सामाजिक
इन दिनों डिजिटल स्वरूप में सूचनाओं की बाढ़ ने खबरों और सूचनाओं के उपभोग करने के तरीके को भी मौलिक रूप से बदल दिया है और इससे यह पता करना ही मुश्किल हो गया है कि कौन सी जानकारी फर्जी है और कौन सी प्रामाणिक। देश में आम चुनाव अपने अंतिम पायदान पर है और ऐसे क़िस्सों की बाढ़ आई हुई है।आज जब दुनिया फर्जी खबरों से निपटने के लिए जूझ रही है, डिजिटलीकरण का एक और पहलू नियामकों और अन्य हितधारकों को परेशान कर रहा है, वह है ई-कॉमर्स वेबसाइटों पर फर्जी ऑनलाइन समीक्षाओं की समस्या। अब देश का उपभोक्ता मामलों का विभाग,उपभोक्ता समीक्षाओं के लिए गुणवत्ता मानकों और नियम-कायदों को लागू करने की तैयारी कर रहा है, डीसीए की सभी हितधारकों या साझेदारों के साथ हुई बैठक में शामिल ई-कॉमर्स कंपनियों ने भी सरकार की इस पहल का समर्थन किया है। प्रस्तावित गुणवत्ता नियंत्रण आदेश से संभवत: पूर्वग्रहों और पक्षपात के साथ उ...
विदेश में पढ़ने जा रहे हैं तो रहें सावधान

विदेश में पढ़ने जा रहे हैं तो रहें सावधान

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रजनीश कपूरहमारे देश से उच्च शिक्षा पाने के लिए विदेश जाना कोई नई बात नहीं है। विदेश से पढ़ाई करने वाले भारतीयों की संख्याकाफ़ी है। परंतु जैसे-जैसे समय बदला नए-नए शैक्षणिक संस्थान व विश्वविद्यालय दुनिया के कई देशों में भी खुलते गये। इधरभारत में भी जनसंख्या बढ़ने के कारण यहाँ के विद्यार्थियों को प्रतिष्ठित शैक्षणिक संस्थाओं में दाख़िला नहीं मिल पाता। इसीके चलते देश के कई हिस्सों से विद्यार्थियों में पढ़ाई के लिए विदेश जाने की होड़ सी लग गई। परंतु क्या सभी विद्यार्थियों केहिस्से अच्छे संस्थान और उपयोगी डिग्री ही आती है? क्या देश छोड़ कर जाने वाले विद्यार्थियों के साथ कुछ एजेंट धोखा तोनहीं करते? आजकल के माहौल में विदेश में पढ़ाई करने जाने वाले विद्यार्थियों को कई तरह सावधानी बरतने की भी ज़रूरतहै।विदेशों में उच्च शिक्षा पाने के लिए भारत से छात्र दुनिया के कोने कोने में जाते हैं। इनमें सबसे...
भ्रष्टता निवारण है सशक्त लोकतंत्र का आधार

भ्रष्टता निवारण है सशक्त लोकतंत्र का आधार

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 -ः ललित गर्ग :- झारखंड राज्य में जमीन खरीद में गड़बड़ी, अवैध खनन और मनी लॉन्ड्रिंग के कथित पुराने मामलों की जांच कर रही प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन को गिरफ्तार कर लिया है। इस कार्रवाई से झारखंड की सरकार संकट में आ गयी और उन्हें मुख्यमंत्री पद से इस्तीफा देना पड़ा। भाजपा सरकार ने भ्रष्टाचार के खिलाफ केन्द्रीय एजेंसियों की कार्रवाई का बुगल बजाय हुए है, जिससे राजनीति में बढ़ रहे भ्रष्टाचार पर नियंत्रण का नया सूरज उदित होता हुआ दिखाई दे रहा है, जो दुनिया के सबसे बड़े भारत लोकतंत्र के आदर्श एवं सशक्त होने की बड़ी अपेक्षा है। आजादी के अमृत काल में राजनीति का शु़िद्धकरण एवं अपराध मुक्ति ही भारत को सशक्त एवं विकसित राष्ट्र बना सकेगा। हेमंत सोरेन के बाद अब अगला नम्बर दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविन्द केजरीवाल का है। स्पष्ट है कि अब भ्रष्टाचारियों की नैया पार होने वाली नहीं ह...
<em>कैरियर द्वन्द : युवा मौत का मार्ग</em>

कैरियर द्वन्द : युवा मौत का मार्ग

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राकेश दुबे *कैरियर द्वन्द : युवा मौत का मार्ग* भारत के सामने इससे बड़ा विरोधाभास नहीं हो सकता।जब देश के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ‘परीक्षा पर चर्चा’ कार्यक्रम में देश के करोड़ों छात्र-छात्राओं, शिक्षकों व अभिभावकों से दिल्ली में आयोजित एक कार्यक्रम व वर्चुअल संवाद के जरिये परीक्षा भय से मुक्त होने की बात कर रहे थे, देश के कई भागों से छात्रों के आत्महत्या करने की खबरें आ रही थीं। जाहिर है अभिभावक व शिक्षक इन बच्चों के मानसिक द्वंद्व व वास्तविक दिक्कतों को नहीं समझ पा रहे हैं, जिसके चलते इन बच्चों को मौत को गले लगाना अंतिम विकल्प नजर आ रहा है। निश्चित रूप से परीक्षा का भय इस कदर बच्चों पर हावी है कि उन्हें लगने लगता है कि परीक्षा में असफलता के बाद जीवन में कुछ शेष नहीं रहेगा। प्रधानमंत्री ने अपने संबोधन में इन तमाम चुनौतियों को संबोधित किया। उन्होंने गहरी बात कही कि– ‘बच्चों के रिप...
निठारी काण्ड: सीबीआई पर फिर उठे सवाल

निठारी काण्ड: सीबीआई पर फिर उठे सवाल

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*रजनीश कपूरजब भी कभी कोई न सुलझने वाला अपराध होता है तो मामला देश की सर्वोच्च जाँच एजेंसी, केंद्रीय अन्वेषण ब्यूरो(सीबीआई) को सौंप दिया जाता है। इसी उम्मीद से कि यह एजेंसी देश की सबसे काबिल और श्रेष्ठ जाँच एजेंसी है। परंतु क्यासीबीआई में कार्य करने वाले अधिकारी हर अपराध की तह तक आसानी से पहुँच पाते हैं? क्या इन जाँच अधिकारियों कोअपराध के सभी प्रमाण व अन्य जानकारियाँ आसानी से मिल जाती है? क्या अपराध के सीन पर सबसे पहले पहुँची स्थानीयपुलिस अपना काम पूरी तत्पर्ता से करती है और क्राइम सीन पर किसी भी तरह के सुबूत को मिटाती नहीं है? क्या दोषी कोसज़ा दिलवाने के लिए पुलिस और सीबीआई एक ठोस केस बना पाते हैं जो अदालत में टिका रहे और आरोपी को सज़ा मिलजाए? अफ़सोस की बात है कि ऐसे सवालों का जवाब प्रायः हमें ‘नहीं’ में मिलता है। ऐसे अनेकों उदाहरण मिल जाएँगे जहांअपराध के कई चर्चित मामलों सीबीआई को कोर्ट ...
नरेश गोयल की गिरफ़्तारी से उठे सवाल

नरेश गोयल की गिरफ़्तारी से उठे सवाल

घोटाला
*रजनीश कपूरकिसी समय देश की सबसे बड़ी निजी एयरलाइन जेट एयरवेज़ एक बार फिर से चर्चा में है। इस बार चर्चा काकारण जेट के स्वामी नरेश गोयल हैं जिन्हें प्रवर्तन निदेशालय ने बैंक से धोखाधड़ी के मामले में गिरफ़्तार किया।परंतु नरेश गोयल द्वारा चलाई जाने वाली जेट एयरवेज़ केवल बैंक के साथ ही धोखाधड़ी नहीं कर रही थी। बैंक केसाथ धोखा तो नरेश गोयल द्वारा की गड़बड़ियों में से एक है। असल में तो उनके द्वारा कि गई धाँधलियों कि सूचीबहुत बड़ी है। सवाल उठता है कि क्या सरकारी एजेंसियों द्वारा नरेश गोयल की हर गड़बड़ियों की जाँच होगी?जब भी कभी हम किसी बड़े उद्योगपति द्वारा किसी घोटाले के बारे में सुनते हैं तो यह अंदाज़ा लगा लेते हैं कि वोभी विजय माल्या, नीरव मोदी या मेहूल चौकसी जैसों की तरह अपने रसूख़ के चलते सज़ा से बच जाएगा या देशछोड़ कर भाग जाएगा। परंतु नरेश गोयल के मामले में ऐसा नहीं हुआ। इसके लिए सरकारी एजे...
क्या अमेरिका की मून-लैंडिंग फेक थी?

क्या अमेरिका की मून-लैंडिंग फेक थी?

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21 जुलाई, 1969: अपोलो 11 की सफल चन्द्र लैंडिंग के बाद घर वापस आते हुए नील आर्मस्ट्रांग और बज एल्ड्रिन ने यादगार के तौर पर अमेरिकी झंडा चाँद की सतह पर अपनी लैंडिंग साईट से 8 मीटर दूर गाड़ दिया था। घर की उड़ान भरते वक़्त लूनर लैंडिंग मोड्यूल के रॉकेट इंजन से निकली गैसों के प्रचंड वेग से यह झंडा उखड कर जमीन पर जा गिरा था। इस कारण भविष्य में गये अपोलो मिशन में यह ख्याल रखा गया कि झंडा लैंडिंग साईट से दूर लगाया जाए। . चाँद पर चूंकि हवा नहीं है, इसलिए इस झंडे के फैब्रिक के भीतर विशेष रूप से बनाई गईं हल्की तारों की संरचना मौजूद थी जिससे कि झंडा सीधा रहे। उसके अलावा झंडा निकाल कर लगाने के दौरान ट्रांसफर हुए मोमेंटम से पैदा हुई सिकुडनों के कारण भी झंडा लहराने का आभास देता है। कंजरवेशन ऑफ़ मोमेंटम नाम के कारण स्पेस में लहराने अथवा किसी भी प्रकार की गति कर रहे ऑब्जेक्ट की गति लम्बे समय तक संरक्षित रहती...