
क्या अमेरिका की मून-लैंडिंग फेक थी?
21 जुलाई, 1969: अपोलो 11 की सफल चन्द्र लैंडिंग के बाद घर वापस आते हुए नील आर्मस्ट्रांग और बज एल्ड्रिन ने यादगार के तौर पर अमेरिकी झंडा चाँद की सतह पर अपनी लैंडिंग साईट से 8 मीटर दूर गाड़ दिया था। घर की उड़ान भरते वक़्त लूनर लैंडिंग मोड्यूल के रॉकेट इंजन से निकली गैसों के प्रचंड वेग से यह झंडा उखड कर जमीन पर जा गिरा था। इस कारण भविष्य में गये अपोलो मिशन में यह ख्याल रखा गया कि झंडा लैंडिंग साईट से दूर लगाया जाए। . चाँद पर चूंकि हवा नहीं है, इसलिए इस झंडे के फैब्रिक के भीतर विशेष रूप से बनाई गईं हल्की तारों की संरचना मौजूद थी जिससे कि झंडा सीधा रहे। उसके अलावा झंडा निकाल कर लगाने के दौरान ट्रांसफर हुए मोमेंटम से पैदा हुई सिकुडनों के कारण भी झंडा लहराने का आभास देता है। कंजरवेशन ऑफ़ मोमेंटम नाम के कारण स्पेस में लहराने अथवा किसी भी प्रकार की गति कर रहे ऑब्जेक्ट की गति लम्बे समय तक संरक्षित रहती...