बच्चों की ऑनलाइन गतिविधियों में भागीदारी
राकेश दुबे
*बच्चों की ऑनलाइन गतिविधियों में भागीदारी*
इसमें कोई शक नहीं है कि डिजिटल दौर ने बच्चों के जीवन को गहरे तक प्रभावित किया है। आज सोशल मीडिया भी युवाओं के संवाद का अभिन्न माध्यम बन गया है। साथ ही यह भी समझिए कि इसके साथ तमाम तरह के जोखिम भी जुड़े हैं, जिनसे किशोरों को बचाने की सख्त जरूरत है।
अब हमारे देश भारत में वर्ष 2023 में लाए गए डिजिटल पर्सनल डेटा प्रोटेक्शन एक्ट के नियमों के तहत नाबालिगों के लिये सोशल मीडिया अकाउंट खोलने के लिये माता-पिता या अभिभावकों की सहमति अनिवार्य है। निश्चिय ही यह बच्चों की सुरक्षा से जुड़ा एक सराहनीय कदम है। दुनिया के विभिन्न देशों में ऐसे कानून पहले से ही मौजूद हैं। यूरोपीय संघ के जनरल डेटा प्रोटेक्शन रेगुलेशन के लिये सोलह साल से कम उम्र के उपयोगकर्ताओं के लिये माता-पिता की सहमति अनिवार्य है। वहीं यूएस चिल्ड्रन ऑनलाइन प्राइवेसी प्रोटेक्शन ए...