
श्रीराम का सूक्ष्म सीतान्वेषण, उनकी पीड़ा, लक्ष्मण द्वारा समझाईश तथा जटायु का उत्सर्ग
श्रीराम का सूक्ष्म सीतान्वेषण, उनकी पीड़ा, लक्ष्मण द्वारा समझाईश तथा जटायु का उत्सर्ग
श्रीरामकथा के अल्पज्ञात दुर्लभ प्रसंग
श्रीराम का सूक्ष्म सीतान्वेषण, उनकी पीड़ा, लक्ष्मण द्वारा समझाईश तथा जटायु का उत्सर्ग
नास्ति गंगासमं तीर्थं नास्ति मातृसमो गुरु:।
नास्ति विष्णुसमोदेवो नास्ति रामायणात् परम्।।
नास्ति वेदसमं शास्त्रं नास्ति शांतिसमं सुखम्।
नास्ति शांतिपरं ज्योतिर्नास्ति रामायणात् परम्।।
वाल्मीकि रामायण माहात्म्य अध्याय ५-२१-२२
गंगा के समान तीर्थ माता के समान गुरु भगवान् विष्णु के सदृश देवता तथा रामायण से बढ़कर कोई उत्तम वस्तु (ग्रंथ) नहीं है। वेद के समान शास्त्र, शान्ति के समान सुख शान्ति से बढ़कर ज्योति तथा रामायण से उत्कृष्ट कोई काव्य नहीं है।
नास्ति क्षमासमं सारं नास्ति कीर्तिसमं धनम्।
नास्ति ज्ञानसमो लाभे नास्ति रामायणयात् परम्।।
वाल्मीकि रामायण माहात्म्य अध्याय ५-२३
क्षमा क...