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प्रेस विज्ञप्ति

लक्ष्मीनारायण मंदिर, नोयडा में ग़रीबों के लिए प्रारंभ हुई “ माँ अन्नपूर्णा रसोई” – रोज़ दोपहर को मिलेगा निशुल्क भोजन

लक्ष्मीनारायण मंदिर, नोयडा में ग़रीबों के लिए प्रारंभ हुई “ माँ अन्नपूर्णा रसोई” – रोज़ दोपहर को मिलेगा निशुल्क भोजन

प्रेस विज्ञप्ति, संस्कृति और अध्यात्म, सामाजिक
लक्ष्मीनारायण मंदिर, नोयडा में ग़रीबों के लिए प्रारंभ हुई “ माँ अन्नपूर्णा रसोई” - रोज़ दोपहर को मिलेगा निशुल्क भोजन मकर संक्रांति पर घोषित निर्धन व अशक्त लोगों के लिए “ मंदिर संकुल और सेवा अभियान “ के अंतर्गत “ माँ अन्नपूर्णा रसोई” का   लक्ष्मीनारायण मंदिर , सेक्टर 56,  नोयडा  में 4 मार्च 2022  दिन शुक्रवार से यज्ञ आदि विधि विधान से नियमित रूप से प्रारंभ किया गया है। आज से अन्नपूर्णा रसोई में प्रतिदिन दोपहर 12 से 2 बजे के बीच निशुल्क भोजन करवाया जाएगा। अशक्त व निर्धन लोगों को निशुल्क भोजन के लिए नोयडा में शुरू हो रही है  “ माँ अन्नपूर्णा रसोई”  की संचालन समिति के संयोजक पंकज गोयल ने बताया कि शहर के धार्मिक रूप जागरूक व संवेदनशील अनेक प्रबुद्धजनो की  पहल व सहयोग से मंदिर संकुल को सेवा व सांस्कृतिक चेतना का केंद्र बनाने के अभियान को ज़मीन पर उतारने का संकल्प लिया गया है। मंदिरो के पुनरोत्...
द किंग ऑफ ऑल द वर्ल्ड” 12 साल बाद कार्लोस सौरा की फिक्शन की दुनिया में वापसी कराने वाली फिल्म है:

द किंग ऑफ ऑल द वर्ल्ड” 12 साल बाद कार्लोस सौरा की फिक्शन की दुनिया में वापसी कराने वाली फिल्म है:

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द किंग ऑफ ऑल द वर्ल्ड” 12 साल बाद कार्लोस सौरा की फिक्शन की दुनिया में वापसी कराने वाली फिल्म है: यूसेबियो पाचा, 52वें भारतीय अंतर्राष्ट्रीय फिल्म महोत्सव (आईएफएफआई) की ओपनिंग फिल्म के निर्माता "द किंग ऑफ ऑल द वर्ल्ड (एल रे दे तोदो एल मूंदो) वो फ़िल्म है जिससे 12 साल के अंतराल के बाद फिक्शन की दुनिया में फ़िल्मकार कार्लोस सौरा की वापसी हो रही है। इन 12 सालों में, सौरा म्यूज़िकल डॉक्यूमेंट्रीज़ बना रहे थे, वे संगीत की दुनिया में मगन थे जिससे उनको सबसे ज्यादा प्यार है।” ये बातें कहीं 'द किंग ऑफ ऑल द वर्ल्ड' के निर्माता यूसेबियो पाचा ने, जिनकी इस फ़िल्म ने 20-28 नवंबर, 2021 के दौरान गोवा में आयोजित भारतीय अंतर्राष्ट्रीय फ़िल्म महोत्सव (आईएफएफआई) के 52वें संस्करण की शुरुआत की है। यूसेबियो पाचा आईएफएफआई के आयोजन के दौरान आज 21 नवंबर 2021 को सहायक निर्माता मिर्ता रेनी के साथ गोवा में एक प्र...
मौलिक भारत ने नोएडा, ग्रेटर नोएडा एवं यमुना एक्सप्रेस वे प्राधिकरणों की अराजकता व अनियमितता के संदर्भ में  फिर भेजा यूपी के मुख्यमंत्री को शिकायती पत्र

मौलिक भारत ने नोएडा, ग्रेटर नोएडा एवं यमुना एक्सप्रेस वे प्राधिकरणों की अराजकता व अनियमितता के संदर्भ में फिर भेजा यूपी के मुख्यमंत्री को शिकायती पत्र

प्रेस विज्ञप्ति
प्रेस विज्ञप्ति मौलिक भारत ने नोएडा, ग्रेटर नोएडा एवं यमुना एक्सप्रेस वे प्राधिकरणों की अराजकता व अनियमितता के संदर्भ में  फिर भेजा यूपी के मुख्यमंत्री को शिकायती पत्र मौलिक भारत ने यूपी सरकार पर राष्ट्रपति, उच्चतम न्यायालय व शहरी विकास मंत्रालय आदि के आदेशों पर कार्यवाही न करने के लिए लगाए आरोप  देश के सुशासन, चुनाव सुधार आदि की दिशा में महत्वपूर्ण कार्य करने वाली संस्था मौलिक भारत द्वारा नोएडा, ग्रेटर नोएडा एवं यमुना एक्सप्रेस वे प्राधिकरणों में अभी भी चल रही व पूर्व की अनियमितताओं व अराजकता के संदर्भ में एक प्रैस वार्ता का आयोजन  दिनांक 19/8/2021 दिन गुरुवार को प्रातः 11.15 बजे से H -100, भूतल (बेसमेंट), सेक्टर 12,  नोएडा में किया गया। प्रेस वार्ता को अनुज अग्रवाल, राष्ट्रीय अध्यक्ष, मौलिक भारत, मौलिक भारत के कार्यकारी अध्यक्ष व पूर्व सचिव भारत सरकार डॉ कमल टावरी, महेश सक्सेन...
मौलिक भारत संस्था द्वारा नोयडा, ग्रेटर नोएडा एवं यमुना एक्सप्रेस वे वे प्राधिकरणों में अभी भी चल रही व पूर्व की अनियमितताओं व अराजकता के संदर्भ में शिकायत व प्रभावी कार्यवाही हेत्तु मांग पत्र

मौलिक भारत संस्था द्वारा नोयडा, ग्रेटर नोएडा एवं यमुना एक्सप्रेस वे वे प्राधिकरणों में अभी भी चल रही व पूर्व की अनियमितताओं व अराजकता के संदर्भ में शिकायत व प्रभावी कार्यवाही हेत्तु मांग पत्र

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                                                                                                  प्रेस विज्ञप्ति प्रतिष्ठित संस्था मौलिक भारत ने दिनांक 24/ 01/2021 को   प्रतिवेदन  मीडिया को जारी किया जो संस्था ने नोयडा, ग्रेटर नोएडा व यमुना एक्सप्रेसवे प्राधिकरणों में पिछले दो दशकों से चल रही लूट के खेल को विस्तार से उजागर करते  उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ जी को  शिकायत व प्रभावी कार्यवाही हेत्तु मांग पत्र  भेजी गयीं है।  विस्तृत  प्रतिवेदन पर संस्था की ओर से महासचिव अनुज अग्रवाल व केंद्रीय कार्यकारणी के बरिष्ठ सदस्यों महेश सक्सेना (अध्यक्ष , नोयडा लोक मंच),  संजय शर्मा , अनिल गर्ग,  ने हस्ताक्षर किए।  संस्था का आरोप है कि पिछले लगभग चार वर्षों के कार्यकाल में भी आपकी सरकार के अथक प्रयासों के बाद भी तीनो  प्राधिकरणों की कार्यशेली में  किंचित बदलाव भी नहीं आया  यद्यपि अनियम...

Air quality worse in smaller towns in Indo-Gangetic Plains compared to bigger cities, says CSE’s latest analysis

प्रेस विज्ञप्ति
While several bigger cities (like Delhi or Varanasi) have witnessed reduction in annual PM2.5 levels, smaller towns and cities (like Fatehabador Moradabad) have seen an increase Dramatic build-up in smaller towns like Hisar and Jindhappened only during November, indicating the influence of stubble burning Air quality got more toxic with the onset of winter: share of tinier PM2.5 in PM10 increased Number of days in which PM2.5 levels met the standard was considerably lower this winter; more poor days this winter in the region This reaffirms why air quality management requires regional approach to implement clean air action plans with speed, scale and urgency – say CSE experts   For the complete CSE analysis: https://cdn.cseindia.org/docs/Analysis-of-winter-pollut...
CSE provides FSSAI information about its investigation in adulteration of honey

CSE provides FSSAI information about its investigation in adulteration of honey

प्रेस विज्ञप्ति
New Delhi, December 4, 2020: Centre for Science and Environment (CSE) researchers had a meeting with officials of the Food Safety and Standards Authority of India (FSSAI) here today to discuss the findings of the investigation in honey adulteration (https://www.cseindia.org/page/eml-laboratory), and to recommend the way ahead.   In the meeting, CSE director general SunitaNarainemphasised that their investigations had revealed that the honey adulteration business was sophisticated and that it was designed to bypass the purity and quality standards laid down by the FSSAI.   CSE presented to the officials of FSSAI, including the chairperson, Rita Teotia and CEO Arun Singhal, the details of the investigation, including the step by step developments which brought the food ...

Is that milk safe?

प्रेस विज्ञप्ति, सामाजिक
New Delhi, July 29, 2020: India is the world’s largest milk producer; it produced a massive 188 million tonnes in 2018-19. Urban areas consume 52 per cent of this milk, and the unorganised sector, comprising milkmen and contractors, caters to 60 per cent of this consumer base; the remaining demand is met by dairy cooperatives and private dairies which represent the organised sector. But how healthy is the milk that we consume?   An online meeting and consultation of key stakeholders, organisedhere on July 28 by Centre for Science and Environment (CSE)on the subject of antibiotic use in the Indian dairy sector, put the spotlight on this question and its answers. The event was attended by a wide spectrum of experts and participants from the Food Safety and Standards Authority of I...
India may find it difficult to meet its  175 GW target by 2022, finds CSE and Down To Earth’s State of India’s Environment report

India may find it difficult to meet its 175 GW target by 2022, finds CSE and Down To Earth’s State of India’s Environment report

प्रेस विज्ञप्ति
India’s renewable energy (RE) sector seems to be losing steam, even as the total capacity has reached almost 86 GW by December 2019, says the latest State of India’s Environment Annual report, released here at the 2020 Annual Media Conclave and Anil Agarwal Dialogue. India has set itself a target of 175 gigaWatt (GW) RE capacity by 2022 -- mainly in the form of 100 GW solar (60 GW utility-scale and 40 GW rooftop) and 60 GW wind. Between 2014 and 2018, the RE sector grew from 2.6 GW to 28 GW -- a cumulative aggregated growth rate of around 18 per cent. But, says the report, “there has been a slowdown in capacity addition and auctions due to emerging risks and unaddressed structural issues.” Annual additions to solar capacity have dipped drastically to 6.5 GW in 2018-19, from 9.4 GW in...
CSE releases new report on tracking and reporting air pollution under the National Clean Air Action Plan (NCAP) at Anil Agarwal Dialogue 2020

CSE releases new report on tracking and reporting air pollution under the National Clean Air Action Plan (NCAP) at Anil Agarwal Dialogue 2020

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The National Clean Air Programme (NCAP) has completed a year, at the end of which 122 non-attainment cities have been asked to reduce particulate pollution by 20-30 per cent by 2024 from 2017 levels – they are expected to achieve an annual reduction of at least 6 per cent per year to meet the target. Says Anumita Roychowdhury, executive director, research and advocacy, CSE: “The cities are expected to immediately begin reporting on their annual progress; but for that, they must know the methods and standard operating procedures for such reporting. How will cities know if their pollution levels are rising or declining? This is what our report tries to address.” Roychowdhury was speaking at the release of CSE’s new report -- Breathing Space: How to track and report air pollution under ...