क्या कश्मीर में बदलते हालात जंग की आहट है?- ललित गर्ग
लम्बे समय की शांति, अमन-चैन एवं खुशहाली के बाद एक बार फिर कश्मीर में अशांति एवं आतंक के बादल मंडराने लगे हैं। धरती के स्वर्ग की आभा पर लगे ग्रहण के बादल छंटने लगे थे कि एक बार फिर कश्मीर के पुलवामा के अचन गांव में एक कश्मीरी पंडित की हत्या ने अनेक सवाल खडे़ कर दिये हैं। सवाल अनेक हैं लेकिन एक ज्वलंत सवाल है कि क्या कश्मीरी पंडितों की हत्याओं के सिलसिले का कभी अंत हो पाएगा? क्या अचन गांव में एक और कश्मीरी पंडित की हत्या भी अखबारों और टीवी चैनलों की सुर्खियां बनकर ही रह जाएगा? क्या कश्मीर घाटी का अमन-चैन वापस लौटेगा? कश्मीर पहले की तरह धरती का स्वर्ग नजर आएगा? इन सवालों का जवाब सिर्फ कश्मीर की जनता ही नहीं, बल्कि देश के साथ पूरी दुनिया भी जानने को उत्सुक है। यह सही है कि घाटी में सुरक्षा बलों और सैन्य ठिकानों पर हमले अब काफी कम हो गए हैं, लेकिन आम नागरिकों और खासकर कश्मीरी पंडितों और प्रवास...