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अखिलेश के सपा अध्यक्ष होने का अर्थ

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अखिलेश यादव का समाजवादी पार्टी का अध्यक्ष बनना सपा के नेताओं और समर्थक जनाधार द्वारा युवा नेतृत्व की स्वीकृति है। कुछ लोग सोच रहे थे कि सपा दो भागों में विभक्तहो जाएगी पर ऐसा हुआ नहीं। विवाद में संसद सदस्यों, विधायकों एवं राष्ट्रीय परिषद् के सदस्यों का प्रबल बहुमत चुनाव आयोग पहुंच गया । पार्टियों में विवाद की स्थिति में अपना स्थान सुनिश्चित करने के लिए लोग गुटों का सहारा लेते हैं, लेकिन इस अवधारणा के विरूद्ध सभी के सभी अखिलेश के पास पहुंच गए। ऐसा इसलिए हुआ कि सभी को अखिलेश के अलावा कोई विकल्प दिखाई नहीं दिया। मुलायम सिंह परिस्थितियों को भांप कर नरम हो गए । पिता-पुत्र की इस नरमी में राष्ट्रीय जनता दल अध्यक्ष लालू प्रसाद यादव ने अहम भूमिका निभाई। लालू की यह भूमिका अखिलेश के लिए पार्टी एवं नेतृत्व विस्तार में सहायक होने का संकेत है। लालू बूढ़े हो रहे हैं, उनका जनाधार राष्ट्रीय पार्टी का भा...
यूपी में गठबंधन : फायदे में सपा, भाजपा को नफा, बसपा सफा

यूपी में गठबंधन : फायदे में सपा, भाजपा को नफा, बसपा सफा

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उत्तर प्रदेश में अब सियासत की महाभारत का मैदान सज चुका है। सभी दलों के योद्धा निर्धारित हो चुके हैं। सब के सब अपने अपने निर्धारित चुनाव क्षेत्रों में जीत के दावे करने लगे हैं। कई महीनों की नूरा कुश्ती के बाद सपा के चाल, चरित्र और चेहरे को नया रंग रोगन करके बाज़ार में लाया जा चुका है। अखिलेश यादव अब साढ़े चार मुख्यमंत्री में आधे नहीं बल्कि पूरे सेनापति बनाके पेश किये जा चुके हैं। नेताजी के द्वारा जिस तरह से अपने बेटे को विरासत सौंपी गयी है उसमें पूरे देश को मज़ा आया। एक सामान्य बुद्धि का व्यक्ति भी यह समझ रहा है कि यह सब एक पिता द्वारा पुत्र के व्यक्तित्व को चमकाने की कवायद थी। जिस तरह फिल्म में खलनायक जितना बड़ा होता है, नायक उतना ही बड़ा बनकर उभरता है ठीक वैसे ही शिवपाल को बड़ा खलनायक बना कर पेश किया गया। पर एक बात समझ में किसी को नहीं आयी कि शिवपाल को खलनायक बनाने के नेताजी के जिस दांव क...
जयपुर की दो बालिकाएं बनीं स्वस्थ बालिका स्वस्थ समाज की गुडविल अम्बेसडर

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जयपुर स्थित किड्स ओरिजिन पब्लिक स्कूल की दो छात्राओं को स्वस्थ भारत (न्यास) ने स्वस्थ बालिका स्वस्थ समाज कैम्पेन का गुडविल अम्बेसडर मनोनीत किया है. इस कैम्पेन को पूरे देश में फ़ैलाने के मकसद से निकली स्वस्थ भारत यात्रा दल ने अपने 2 दिवसीय जयपुर प्रवास के दौरान दिया गर्ग और नीलम शर्मा को गुडविल अम्बेसडर के लिए चुना. इन दोनों बालिकाओं को यह सम्मान स्कूल के वार्षिक उत्सव में दिया जायेगा. बसंतपंचमी के दिन स्वस्थ भारत यात्रा दल ने किड्स ओरिजिन स्कूल की बचियों से स्वास्थ्य चर्चा की. यात्रा दल के सदस्य एवं न्यास के चेरमैन आशुतोष कुमार सिंह ने छात्र-छात्राओं से संवाद करते हुए कहा कि अगर उन्हें आगे बढ़ना है, खूब सफलता प्राप्त करनी है तो स्वस्थ रहना पड़ेगा. इसके लिए जरूरी है की हम साफ सफाई पर ध्यान दें. घर के अंदर ही नहीं बल्कि बाहर की सफाई पर भी ध्यान देना अति आवश्यक है. उन्होंने बालिकाओ एवं बालकों स...
Need for AFSPA in West Bengal

Need for AFSPA in West Bengal

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The ideological-communal polarisation of West Bengal by Chief Minister Mamata Banerjee and the Trinamool Congress has bought the State to the brink of another Direct Action Day, with incidents of organised and planned violence occurring regularly against the hapless Hindu community.   Banerjee has polarised the State in an unprecedented manner, ripping apart the social fabric. Her form of communal (read Islamic) politics could bring the Jamaat e Islami cadres to shame.   Under her rule, even Durga Puja celebrations have been endangered in some places where Islamists objected to them.   A village in Birbhum district has been unable to celebrate and engage in festivities in order to “not antagonise the Muslims” for four years now.   Mamata’s hunger for power has made her res...
Resignation of Meghalaya Governor not enough

Resignation of Meghalaya Governor not enough

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It refers to Meghalaya Governor V Shanmuganathan resigning after about 100 staffers of Raj-Bhawan made complaints to President and Prime Minister about state-governor virtually turning Governor-House into a club of young ladies, further adding to serious charge about undignified gestures of the state-governor towards a young lady coming for a job at Raj-Bhawan. Media-reports indicate that staffers complaining against V Shanmuganathan are armed with photos and videos of his undignified behavior towards ladies. Mere accepting resignation of V Shanmuganathan should not close the matter. Enquiry should be made by a Supreme Court appointed committee under various provisions of law including Vishakha Committee guidelines and The Criminal Law (Amendment) Act, 2013 legislated subsequent to infamo...
WHAT SAFETY IN TAMIL NADU – CONCERN OF CITIZENS

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WHAT SAFETY IN TAMIL NADU - CONCERN OF CITIZENS प्रिय दोस्तों, सूचना क्रांति के इस युग में जबकि घटना घटित होने से पूर्व ही विश्लेषण एवं निष्कर्र्ष संभव होने के दावे किये जा रहे हैं, एक नयी मासिक पत्रिका का प्रकाशक चौकाता तो है ही, साथ ही इससे स्पष्ट हो जाता है कि या तो प्रकाशक भावावेशी है अथवा एक सुनियोजित मस्तिष्क, किन्तु व्यवसायिक बिल्कुल भी नहीं। निश्चय ही यह कदम एक सुनियोजित योजना का प्रथम पग है। सैंकड़ो राजनीतिक, आर्थिक व सामाजिक पत्र-पत्रिकाओं, चैनलों, प्रकाशनों, सेमिनारों, जनर्लों व पुस्तकों आदि के बाद भी अगर ‘डॉयलाग’ की आवश्यकता है तो क्यों? क्या अब तक के डॉयलाग अधुरे थे? अथवा उनके निष्कर्ष अप्रभावी? शायद ऐसा नहीं है। हमारा उद्देश्य किसी वाद, विचारधारा, दर्शन अथवा मत को बड़ा या छोटा करना नहीं है, न ही उसे नकारना अथवा उसको महत्वहीन या महत्वपूर्ण साबित करना। हम सब मतों, विचा...
WHITHER WOMEN IN TAMIL NADU?

WHITHER WOMEN IN TAMIL NADU?

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WHITHER WOMEN IN TAMIL NADU? प्रिय दोस्तों, सूचना क्रांति के इस युग में जबकि घटना घटित होने से पूर्व ही विश्लेषण एवं निष्कर्र्ष संभव होने के दावे किये जा रहे हैं, एक नयी मासिक पत्रिका का प्रकाशक चौकाता तो है ही, साथ ही इससे स्पष्ट हो जाता है कि या तो प्रकाशक भावावेशी है अथवा एक सुनियोजित मस्तिष्क, किन्तु व्यवसायिक बिल्कुल भी नहीं। निश्चय ही यह कदम एक सुनियोजित योजना का प्रथम पग है। सैंकड़ो राजनीतिक, आर्थिक व सामाजिक पत्र-पत्रिकाओं, चैनलों, प्रकाशनों, सेमिनारों, जनर्लों व पुस्तकों आदि के बाद भी अगर ‘डॉयलाग’ की आवश्यकता है तो क्यों? क्या अब तक के डॉयलाग अधुरे थे? अथवा उनके निष्कर्ष अप्रभावी? शायद ऐसा नहीं है। हमारा उद्देश्य किसी वाद, विचारधारा, दर्शन अथवा मत को बड़ा या छोटा करना नहीं है, न ही उसे नकारना अथवा उसको महत्वहीन या महत्वपूर्ण साबित करना। हम सब मतों, विचारों, आन्दोलनों दर्श...
सपा जीतेगी 250 से ज़्यादा सीटे – राममूर्ति वर्मा (मंत्री, उत्तर प्रदेश सरकार)

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सपा जीतेगी 250 से ज़्यादा सीटे - राममूर्ति वर्मा (मंत्री, उत्तर प्रदेश सरकार) प्रिय दोस्तों, सूचना क्रांति के इस युग में जबकि घटना घटित होने से पूर्व ही विश्लेषण एवं निष्कर्र्ष संभव होने के दावे किये जा रहे हैं, एक नयी मासिक पत्रिका का प्रकाशक चौकाता तो है ही, साथ ही इससे स्पष्ट हो जाता है कि या तो प्रकाशक भावावेशी है अथवा एक सुनियोजित मस्तिष्क, किन्तु व्यवसायिक बिल्कुल भी नहीं। निश्चय ही यह कदम एक सुनियोजित योजना का प्रथम पग है। सैंकड़ो राजनीतिक, आर्थिक व सामाजिक पत्र-पत्रिकाओं, चैनलों, प्रकाशनों, सेमिनारों, जनर्लों व पुस्तकों आदि के बाद भी अगर ‘डॉयलाग’ की आवश्यकता है तो क्यों? क्या अब तक के डॉयलाग अधुरे थे? अथवा उनके निष्कर्ष अप्रभावी? शायद ऐसा नहीं है। हमारा उद्देश्य किसी वाद, विचारधारा, दर्शन अथवा मत को बड़ा या छोटा करना नहीं है, न ही उसे नकारना अथवा उसको महत्वहीन या महत्वपूर्...
Need to amend RTI rules in Maharashtra?: Rules should be uniform in centre and states

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Need to amend RTI rules in Maharashtra?: Rules should be uniform in centre and states प्रिय दोस्तों, सूचना क्रांति के इस युग में जबकि घटना घटित होने से पूर्व ही विश्लेषण एवं निष्कर्र्ष संभव होने के दावे किये जा रहे हैं, एक नयी मासिक पत्रिका का प्रकाशक चौकाता तो है ही, साथ ही इससे स्पष्ट हो जाता है कि या तो प्रकाशक भावावेशी है अथवा एक सुनियोजित मस्तिष्क, किन्तु व्यवसायिक बिल्कुल भी नहीं। निश्चय ही यह कदम एक सुनियोजित योजना का प्रथम पग है। सैंकड़ो राजनीतिक, आर्थिक व सामाजिक पत्र-पत्रिकाओं, चैनलों, प्रकाशनों, सेमिनारों, जनर्लों व पुस्तकों आदि के बाद भी अगर ‘डॉयलाग’ की आवश्यकता है तो क्यों? क्या अब तक के डॉयलाग अधुरे थे? अथवा उनके निष्कर्ष अप्रभावी? शायद ऐसा नहीं है। हमारा उद्देश्य किसी वाद, विचारधारा, दर्शन अथवा मत को बड़ा या छोटा करना नहीं है, न ही उसे नकारना अथवा उसको महत्वहीन या म...
Selecting Gujarat Chief Minister

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Selecting Gujarat Chief Minister प्रिय दोस्तों, सूचना क्रांति के इस युग में जबकि घटना घटित होने से पूर्व ही विश्लेषण एवं निष्कर्र्ष संभव होने के दावे किये जा रहे हैं, एक नयी मासिक पत्रिका का प्रकाशक चौकाता तो है ही, साथ ही इससे स्पष्ट हो जाता है कि या तो प्रकाशक भावावेशी है अथवा एक सुनियोजित मस्तिष्क, किन्तु व्यवसायिक बिल्कुल भी नहीं। निश्चय ही यह कदम एक सुनियोजित योजना का प्रथम पग है। सैंकड़ो राजनीतिक, आर्थिक व सामाजिक पत्र-पत्रिकाओं, चैनलों, प्रकाशनों, सेमिनारों, जनर्लों व पुस्तकों आदि के बाद भी अगर ‘डॉयलाग’ की आवश्यकता है तो क्यों? क्या अब तक के डॉयलाग अधुरे थे? अथवा उनके निष्कर्ष अप्रभावी? शायद ऐसा नहीं है। हमारा उद्देश्य किसी वाद, विचारधारा, दर्शन अथवा मत को बड़ा या छोटा करना नहीं है, न ही उसे नकारना अथवा उसको महत्वहीन या महत्वपूर्ण साबित करना। हम सब मतों, विचारों, आन्दोलनों ...