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क्या है कृत्रिम बुद्धि अथवा आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस या ए.आई?

क्या है कृत्रिम बुद्धि अथवा आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस या ए.आई?

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आजकल जीवन के प्रत्येक क्षेत्र में ए.आई. का उपयोग किये जाने की चर्चा हो रही है तो स्वाभाविक रूप से हम सभी के मन में प्रश्न उठता है कि ये ए.आई या आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस या कृत्रिम बुद्धि वास्तव में है क्या और बुद्धि कृत्रिम कैसे हो सकती है?हिंदी के कृत्रिम शब्द का अर्थ है बनावटी यानि जो मूल नहीं है नक़ल है, यही अर्थ आंग्ल भाषा के शब्द आर्टिफिशियल का भी है अतः स्पष्ट है कि कृत्रिम रूप से विकसित की गई बौद्धिक क्षमता ही कृत्रिम बुद्धि अथवा आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस है जिसे संक्षेप में ए.आई कहते हैं। ए.आई. के माध्यम से कंप्यूटर सिस्टम या रोबोटिक सिस्टम तैयार किया जाता है, जिसे उन्हीं तर्कों के आधार पर चलाने का प्रयास किया जाता है जिसके आधार पर मानव मस्तिष्क काम करता है।आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस का आरम्भ 1950 के दशक में हुआ था इसका जनक जॉन मैकार्थी को माना जाता है उनके अनुसार ए.आई. बुद्धिमान मशीनों, वि...
<strong>Why Delhi, Mumbai, </strong>Bengaluru<strong>  infrastructure is in tatters</strong>

Why Delhi, Mumbai, Bengaluru  infrastructure is in tatters

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 Time to save big cities Vivek Shukla Barely two months before New Delhi has to host a prestigious G-20 summit that would be attended by heads of states of 20 most powerful nations of the world, the national capital is in tatters due to flooding in river Yamuna and heavy rains. If the flood waters have entered the houses of rich and poor, the water logging across the capital has exposed the callous attitude of all those who are supposed to look after the civic affairs of the city. Imagine the flood waters of Yamuna have entered the plush houses of the rich and famous in the Civil Lines area. This place is at a shouting distance from the official residence of Delhi’s Chief Minister Arvind Kejriwal. Even the Managing Director of famous Sadhna TV Rakesh Gupta and his family was ...
बिखरने की विवशता भोगती विपक्षी एकता

बिखरने की विवशता भोगती विपक्षी एकता

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 ललित गर्ग  जब-जब विपक्षी दलों की एकता की बात जितनी तीव्रता से हुई, तब-तब वह अधिक बिखरी। विपक्षी दलों की पटना की बैठक से लेकर बैंगलोर बैठक के बीच काफी कुछ बदल चुका है। विपक्षी एकता से पहले ही बिखराव एवं टूटन के स्वर ज्यादा उभरे हैं। भले ही पटना की बैठक में शामिल 16-17 दलों की संख्या बेंगलुरु में 26 हो रही हैं। लेकिन अभी हाल तक जो नेता विपक्षी एकता की पैरवी कर रहे थे या फिर भाजपा से दूरी बनाए थे, उनमें से कुछ पाला बदल चुके हैं। इनमें प्रमुख हैं जीतनराम मांझी और ओमप्रकाश राजभर। महाराष्ट्र में राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी यानी राकांपा में विभाजन हो चुका है और विपक्षी एकता के सबसे बड़े पैरोकार नीतीश कुमार अपने दल में टूट की आशंका से ग्रस्त दिखने लगे हैं। आने वाले दिनों में ऐसे नेताओं की संख्या बढ़ सकती है, क्योंकि भाजपा भी अपने नेतृत्व वाले राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन को विस्तार देने के ल...
गुरु गोलवलकर के नाम पर झूठ

गुरु गोलवलकर के नाम पर झूठ

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अवधेश कुमारइस समय सोशल मीडिया पर कांग्रेस के वरिष्ठ नेता दिग्विजय सिंह का एक ट्वीट वायरल है। इसमें राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के द्वितीय सरसंघचालक माधव सदाशिव गोलवलकर के नाम से कुछ पंक्तियां लिखी हुईं हैं। 'मैं सारी जिंदगी अंग्रेजों की गुलामी करने के लिए तैयार हूं लेकिन जो दलित, पिछड़ों और मुसलमानों को बराबरी का अधिकार देती हो ऐसी आजादी मुझे नहीं चाहिए।' इसमें कहा गया है कि गुरु गोलवलकर ने 1940 में यह बात कही थी। इसी तरह एक पंक्ति और है-'जब भी सत्ता हाथ लगे तो सबसे पहले सरकार की धन संपत्ति, राज्यों की जमीन और जंगल पर अपने दो-तीन विश्वसनीय धनी लोगों को सौंप दें , 95 प्रतिशत जनता को भिखारी बना दें उसके बाद सात जन्मों तक सत्ता हाथ से नहीं जाएगी।' यह भी कहा गया है कि गुरु गोलवलकर की पुस्तक वी एंड आवर नेशनहुड आईडेंटिफाइड में ये पंक्तियां लिखी हुई है। वैसे उस पुस्तक का नाम वी एंड आवर नेशनहुड डिफाइ...
प्रदेश में दिखने लगा योगीराज के सुशासन का असर

प्रदेश में दिखने लगा योगीराज के सुशासन का असर

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माफिया से मुक्त भूमि और गरीबों को आवासमृत्युंजय दीक्षितप्रदेश में मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के नेतृत्व में मफियाओं के खिलाफ बड़े अभियान चलाये जा रहे हैं, उनके अवैध कब्ज़े से सरकारी तथा गैर सरकारी भूमि मुक्त हो रही है, इस मुक्त भूमि पर आवास बनाकर गरीबों को दिए जा रहे हैं, अपना घर मिलने पर इन गरीबों की आंखों में खुशीके आंसू हैं और होठों पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी व मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के लिए प्रशंसा और प्रार्थना।प्रयागराज के लूकरगंज में 1731 वर्गमीटर की नजूल की जमीन माफिया अतीक के कब्जे में थी जिसकी कीमत लगभग दस करोड़ रुपये थी, इस ज़मीन को 13 सितंबर 2020 को अतीक के अवैध कब्ज़े से मुक्त कराया गया था, वर्ष 2021 में 26 सितंबर को मुख्यमंत्री ने यहाँ गरीबों के आवासीय फ्लैट्स की आधारशिला रखी और मात्र 18 माह में यह आवासीय योजना पूरी हो गयी जिस पर 5.68 करोड़ रूपये खर्च हुए।आवासीय योजना 1731 वर्...
बारिश और बाढ़ से सतर्क रहने की आवश्यकता !

बारिश और बाढ़ से सतर्क रहने की आवश्यकता !

BREAKING NEWS, TOP STORIES, राज्य, समाचार, सामाजिक
इन दिनों भारत में मानसून अपने परवान पर है और बहुत से स्थानों पर मानसून के कारण भारी बरसात देखने को मिल रही है। भारत को मानसून का जुआ कहा जाता है, क्यों कि यहां मानसून के कारण कभी अधिक तो कभी कम बारिश देखने को मिलती है। जानकारी देना चाहूंगा कि मानसून या पावस, मूलतः एवं अरब सागर की ओर से भारत के दक्षिण-पश्चिम तट पर आने वाली हवाओं को कहते हैं जो भारत, पाकिस्तान, बांग्लादेश आदि में भारी वर्षा करातीं हैं। ये ऐसी मौसमी पवन होती हैं, जो दक्षिणी एशिया क्षेत्र में जून से सितंबर तक, प्रायः चार माह सक्रिय रहती है। जब यह आर्टिकल लिखा जा रहा है तब जून का अंतिम सप्ताह जारी है। बहुत बार मानसूनी बारिश के कारण मानव को बहुत सी समस्याओं का सामना करना पड़ता है। हम देखते हैं कि पहाड़ी क्षेत्रों में अधिक बारिश के कारण आज जगह जगह पहाड़ टूटते हैं। आज हम देखते हैं कि बारिश के सीजन में पहाड़ों में अनेक स्थानों पर ...
भारत में किसानों की आय हो रही है दोगुनी

भारत में किसानों की आय हो रही है दोगुनी

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भारत में लगभग 60 प्रतिशत आबादी आज भी ग्रामीण इलाकों में रहती है एवं इसमें से बहुत बड़ा भाग अपनी आजीविका के लिए कृषि क्षेत्र पर निर्भर है। यदि ग्रामीण इलाकों में निवास कर रहे नागरिकों की आय में वृद्धि होने लगे तो भारत के आर्थिक विकास की दर को चार चांद लगाते हुए इसे प्रतिवर्ष 10 प्रतिशत से भी अधिक किया जा सकता है। इसी दृष्टि से केंद्र सरकार लगातार यह प्रयास करती रही है किसानों की आय को किस प्रकार दुगुना किया जाय। इस संदर्भ में कई नीतियों एवं सुधार कार्यक्रम लागू करते हुए किसानों की आय को दुगुना किये जाने के प्रयास किए जा रहे हैं। अप्रेल 2016 में इस सम्बंध में एक मंत्रालय समिति का गठन भी केंद्र सरकार द्वारा किया गया था एवं किसानों की आय बढ़ाने के लिए सात स्त्रोतों की पहचान की गई थी, इनमे शामिल हैं, फसलों की उत्पादकता में वृद्धि करना, पशुधन की उत्पादकता में वृद्धि करना, संसाधन के उपयोग मे...
डा श्यामा प्रसाद मुखर्जी का बलिदान

डा श्यामा प्रसाद मुखर्जी का बलिदान

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23 जून 1953 सुप्रसिद्ध स्वतंत्रता संग्राम सेनानी डा श्यामा प्रसाद मुखर्जी का बलिदान बंगाल से लेकर कश्मीर तक राष्ट्र रक्षा आदोलनों की लंबी श्रृंखला --रमेश शर्मा सुप्रसिद्ध स्वतंत्रता संग्राम सेनानी और क्राँतिकारी विचारक डाक्टर श्यामा प्रसाद मुखर्जी का जन्म 23 जुलाई 1901 को बंगाल के अति प्रतिष्ठित परिवार में हुआ था । उनके पिता आशुतोष मुखर्जी सुप्रसिद्ध शिक्षाविद् और बहुमुखी प्रतिभा के धनी थे । उन्हे अंग्रेजों ने "सर" की उपाधि से सम्मानित किया था । श्यामाप्रसाद जी की अधिकांश शिक्षा कलकत्ता में ही हुई । उन्होंने 1917 में मैट्रिक एवं 1921 में स्नातक परीक्षा उत्तीर्ण की । 1923 में लॉ की उपाधि अर्जित करके वे विदेश चले गये और 1926 में लंदन से बैरिस्टर बनकर भारत लौटे। अपने पिता का अनुसरण करते हुए उन्होंने भी अल्पायु में ही विद्याध्ययन के क्षेत्र में उल्लेखनीय सफलताएँ अर्जित कीं।...
समान नागरिक संहिता का विरोध अनुचित

समान नागरिक संहिता का विरोध अनुचित

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अवधेश कुमारविधि आयोग द्वारा समान नागरिक संहिता या कॉमन सिविल कोड पर फिर से आम लोगों और धार्मिक संस्थाओं आदि का सुझाव मांगना स्पष्ट करता है कि अब इसके साकार होने का समय आ गया है। पिछले वर्ष ही गृह मंत्री अमित शाह ने कहा था कि अब कॉमन सिविल कोड की बारी है। उसी समय लग गया था कि केंद्र सरकार इस दिशा में आगे बढ़ चुकी है। उत्तराखंड सरकार ने इसके लिए एक समिति का गठन किया था। उत्तर प्रदेश के उपमुख्यमंत्री केशव प्रसाद मौर्या ने भी समान नागरिक संहिता की बात की।फिर असम सरकार ने भी इसकी घोषणा की। कुल मिलाकर केंद्र और प्रदेश की भाजपा सरकारों की ओर से धीरे-धीरे यह संदेश दिया जाता रहा है कि हमारे संविधान निर्माताओं ने भारत के लिए जिस समान नागरिक कानून का सपना देखा और संविधान में उसे शामिल किया उसको साकार करने का कार्य नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में केंद्र सरकार भीऔर प्रदेश की भाजपा सरकार है करने जा रही है।...
क्या पंजाब के ‘टीचिंग फेलो’ घोटाले में बड़ी मछलियां पकड़ी जाएँगी?

क्या पंजाब के ‘टीचिंग फेलो’ घोटाले में बड़ी मछलियां पकड़ी जाएँगी?

TOP STORIES, घोटाला, राज्य
*रजनीश कपूरजब भी कोई बड़ा घोटाला सामने आता है तो आम जनता को इस बात का भरोसा नहीं होता कि घोटाले में लिप्तबड़ी मछलियाँ क़ानून के शिकंजे में क़ैद हो पायेंगी। इस बात के सैंकड़ों उदाहरण आपको बड़ी आसानी से मिलजाएँगे। ऐसा इसलिए होता है क्योंकि प्राथमिक जाँच क्रेन वाले अधिकारी ही जाँच का रुख़ ग़लत दिशा में मोड़ देतेहैं। नतीजतन घोटाले में लिप्त केवल छोटों मछलियों को ही सज़ा मिलती है और बड़ी मछलियाँ निडर हो करखुलेआम घूमती हैं। ऐसा ही कुछ हुआ 2007 के पंजाब के ‘टीचिंग फेलो’ भर्ती घोटाले में।‘टीचिंग फेलो’ घोटाला पिछले कई दिनों से पंजाब में चर्चा में है। कारण है, इस घोटाले में पंजाब विजिलेंस विभागद्वारा कार्यवाही करना। विजिलेंस विभाग ने ‘टीचिंग फेलो’ घोटाले में लिप्त शिक्षा विभाग के 5 कर्मचारियों कोरिमांड पर लेने के बाद जेल भेज दिया। ग़ौरतलब है कि कि चार साल पहले शुरू हुई विजिलेंस की जांच टीम आजतक माम...