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एंटीबायोटिक प्रतिरोध 21वीं सदी का एक नया महामारी खतरा

एंटीबायोटिक प्रतिरोध 21वीं सदी का एक नया महामारी खतरा

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एंटीबायोटिक प्रतिरोध के प्रसार को रोकने और नियंत्रित करने के लिए, व्यक्तियों को केवल प्रमाणित स्वास्थ्य पेशेवर द्वारा निर्धारित किए जाने पर ही एंटीबायोटिक्स का उपयोग करना चाहिए। यदि आपका स्वास्थ्य कार्यकर्ता कहता है कि आपको एंटीबायोटिक्स की आवश्यकता नहीं है, तो कभी भी एंटीबायोटिक्स की मांग न करें। एंटीबायोटिक्स का उपयोग करते समय हमेशा अपने स्वास्थ्य कार्यकर्ता की सलाह का पालन करें। कभी भी बची हुई एंटीबायोटिक्स को साझा या उपयोग न करें। विकास को बढ़ावा देने या स्वस्थ पशुओं में बीमारियों को रोकने के लिए एंटीबायोटिक्स का उपयोग न करें। एंटीबायोटिक्स की आवश्यकता को कम करने के लिए पशुओं का टीकाकरण करें और उपलब्ध होने पर एंटीबायोटिक्स के विकल्प का उपयोग करें। पशु और पौधों के स्रोतों से खाद्य पदार्थों के उत्पादन और प्रसंस्करण के सभी चरणों में अच्छे तरीकों को बढ़ावा दें और लागू करें। खेतों पर जैव स...
जब रिश्ते हैं टूटते, होते विफल विधान।

जब रिश्ते हैं टूटते, होते विफल विधान।

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जब रिश्ते हैं टूटते, होते विफल विधान।गुरुवर तब सम्बल बने, होते बड़े महान।। बच्चों के विकास में, शिक्षकों की आदर्श भूमिका सही मूल्यों और गुणों के प्रवर्तक और प्रेरक की होनी चाहिए। इस प्रकार, छात्रों को ज्ञान सीधे चम्मच खिलाने के बजाय, उन्हें बच्चों में पूछताछ, तर्कसंगतता की भावना विकसित करने का प्रयास करना चाहिए, ताकि वे अपने दम पर, जुनून के साथ सीखने के लिए सशक्त महसूस करें। साथ ही, शिक्षकों को अच्छे नैतिक मूल्यों जैसे सत्य, ईमानदारी, अनुशासन, नम्रता, धार्मिक सहिष्णुता, लिंग समानता आदि को बच्चों में विकसित करने का प्रयास करना चाहिए ताकि अच्छे इंसानों की नींव रखी जा सके। यह हमारे समाज का कड़वा सच है कि कुछ शिक्षकों में वास्तव में पढ़ाने के लिए जुनून और ज्ञान नहीं है, ऐसे कई उदाहरण हैं जैसे बिहार के स्कूलों में क्या हो रहा है, अगर शिक्षक में शिक्षण की गुणवत्ता की कमी है तो हम छात्रों से ...
चीन से व्यपार : यह उलझा समीकरण

चीन से व्यपार : यह उलझा समीकरण

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थिंक टैंक ग्लोबल ट्रेड रिसर्च इनिशिएटिव (जीटीआरआई)के द्वारा प्रकाशित ताज़ा रिपोर्ट के मुताबिक इस वर्ष 2024 के पहले छह महीनों (जनवरी से जून 2024) के दौरान भारत का चीन के साथ अब तक का सर्वाधिक व्यापार घाटा दर्ज किया गया है, जो 41.6 अरब डॉलर है। इस अवधि में चीन से आयात बढक़र 50.1 अरब डॉलर हो गया। जबकि चीन को सिर्फ 8.5 अरब डॉलर का निर्यात किया गया। पिछले संपूर्ण वित्त वर्ष 2023-24 में चीन के साथ भारत के व्यापार को देखें तो पाते हैं कि चीन से आयात 101.75 अरब डॉलर हुआ था। जबकि चीन को निर्यात 16.66 अरब डॉलर रहा तथा चीन के साथ व्यापार घाटा 85.09 अरब डॉलर रहा है। निश्चित रूप से चीन के साथ बढ़ता हुआ व्यापार घाटा देश के सामने एक बड़ी चुनौती है। उद्योग एवं वाणिज्य मंत्री पीयूष गोयल के मुताबिक प्रोत्साहन आधारित उत्पादन (पीएलआई) के तहत एपीआई का उत्पादन बढ़ाकर इसके चीन से बढ़े पैमाने पर होने व...
क्या दुनिया को है सन्देश, जलता हुआ बांग्लादेश?

क्या दुनिया को है सन्देश, जलता हुआ बांग्लादेश?

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आरक्षण के मुद्दे पर बांग्लादेश में तख्तापलट हो गया, वहाँ की प्रधानमंत्री शेख हसीना को देश छोड़कर भागना पड़ा। अपने देश भारत में भी इन दिनों जाति को लेकर घमासान मचा हुआ है। बांग्लादेश हिंसा की आग में सुलग रहा है। हिंसा के बीच हालात बेहद खराब हो गए हैं। हजारों लोग सड़कों पर उतरकर सरकारी संपत्ति को आग के हवाले कर दिया है। बांग्लादेश संसद में वाद विवाद संवाद व्यवस्थित नही रहा, बांग्लादेश संसद ने जनता का यक़ीन खो दिया, बांग्लादेश में जो हालात बेकाबू हुए इससे साबित होता देश में जनता से बड़ा कोई नही, कुछ गलत निर्णय देश को सालों साल पीछे धकेल देते । गलत निर्णय कितने भारी पड़ गए बांग्लादेश को। -प्रियंका सौरभ किसी देश में तख्तापलट की संभावना आमतौर पर तब बनती है जब देश के तमाम लोग सरकार की नीतियों के खिलाफ होते हैं या फिर सरकारें तानाशाह बन जाती हैं यानी सरकारों को जनता के हितों से कोई मतलब न...
डियर आईएएस एस्पिरेंट ! आप भेड़ – बकरी नहीं हो !

डियर आईएएस एस्पिरेंट ! आप भेड़ – बकरी नहीं हो !

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अनुज अग्रवाल, निदेशक करियर प्लसमैं पिछले 27 सालों करियर प्लस कोचिंग के माध्यम से सिविल सेवाओं की कोचिंग से जुड़ा हूँ। हज़ारों विद्यार्थी मेरी संस्था करियर प्लस से जुड़कर सिविल, इंजीनियरिंग सेवा, वन सेवा और राज्य सेवाओं की परीक्षाओं में न केवल सफल हुए बल्कि टॉपर्स भी रहे। हमारे विधार्थी और अध्यापकों में दृष्टि कोचिंग के निदेशक विकास दिव्यकीर्ति और मेड ईज़ी व नेक्स्ट आईएएस के निदेशक बी सिंह भी रहे हैं।आज जब तथाकथित बड़े कोचिंग संस्थानों के बड़े बड़े हॉल में ठूँसे हुए पाँच सात सौ या हज़ार बच्चों को एक साथ पढ़ते व पढ़ाते देखता हूँ तो मुझे इन कोचिंग संस्थाओं की मार्केटिंग की प्रशंसा करने पर मजबूर होना पड़ता है किंतु उसके साथ ही इनमें पढ़ रहे विद्यार्थियों की बौद्धिक क्षमता पर शंका होने लगती है। १) प्रशासनिक सेवाओं की तैयारी करने वाले विद्यार्थी अगर मार्केट गिमिक का शिकार हो जाए तो हम कै...
बढ़ती आबादी के बीच गंभीर होती पर्यावरण चुनौतियां

बढ़ती आबादी के बीच गंभीर होती पर्यावरण चुनौतियां

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-ः ललित गर्ग:- संयुक्त राष्ट्र द्वारा हाल ही में जारी एक रिपोर्ट के अनुसार भारत की आबादी 2060 के दशक में 1 अरब 70 करोड़ तक पहुंच जाने का अनुमान है, जैसे-जैसे आबादी बढ़ती जा रही है, पर्यावरण से जुड़ी समस्याएं गंभीर चुनौती बनती जा रही है। हमें संसाधनों के विस्तार एवं विकास की योजनाओं के बीच पर्यावरण संरक्षण को सर्वोच्च प्राथमिकता देनी होगी। शिक्षा, रोजगार, स्वास्थ्य, आवास, उद्योग, परिवहन आदि विकास योजनाओं को लागू करते हुए प्रकृति, पर्यावरण एवं जलवायु पर ध्यान केन्द्रित करना होगा। हर विकास के अपने सकारात्मक और नकारात्मक नतीजे होते हैं। सभी विकास योजनाओं में पर्यावरण का ख्याल रखना जरूरी है। अगर बिना पर्यावरण की परवाह किये विकास किया गया तो यह मनुष्य के लिये विनाश एवं विध्वंस का कारण बनेगी। वर्तमान में भारत दुनिया की सबसे बड़ी आबादी के साथ-साथ तीसरी बड़ी अर्थ-व्यवस्था बनने की ओर अग्रसर होते...
भारत में समान नागरिक संहिता

भारत में समान नागरिक संहिता

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भारत में समान नागरिक संहिता* सर्वोच्च अदालत ने एक बार फिर इसका आग्रह किया है कि देश में समान नागरिक संहिता लागू की जाए। । संविधान में इसका प्रावधान है। संसद और भारत सरकार यह भी स्पष्ट करना चाहिए कि देश संविधान से चलेगा अथवा शरिया कानून भी संवैधानिक माना जाता रहेगा? मुसलमानों के पर्सनल लॉ पर प्रहार करने की नीयत और मानसिकता किसी की नहीं है। पर्सनल लॉ तो सिख, ईसाई, पारसी, जैन, बौद्ध आदि समुदायों के भी हैं। आदिवासी कबीलों से तुलना नहीं की जा सकती, क्योंकि मुस्लिम देश की दूसरी बहुसंख्यक आबादी हैं। जो मुद्दे सामुदायिक और राष्ट्रीय किस्म के हैं, धर्म, मजहब, जाति से ऊपर हैं, कमोबेश उनके संदर्भ में अब ‘भारतीय नागरिक सुरक्षा संहिता’ (बीएनएसएस) की धाराएं लागू होनी चाहिए। वे हिंदू-मुस्लिम समेत सभी समुदायों पर, समान रूप से, प्रभावी होनी चाहिए। यही समान नागरिक संहिता का निष्कर्ष है। मुद्दे की बात...
भारतीय आर्थिक दर्शन के अनुरूप हो इस वर्ष का बजट

भारतीय आर्थिक दर्शन के अनुरूप हो इस वर्ष का बजट

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वित्तीय वर्ष 2024-25 का पूर्णकालिक बजट माननीय वित्तमंत्री श्रीमती निर्मला सीतारमण द्वारा भारतीय संसद में 23 जुलाई 2024 को पेश किया जा रहा है। वर्तमान में भारत सहित विश्व के लगभग समस्त देशों में पूंजीवादी नीतियों का अनुसरण करते हुए अर्थव्यवस्थाएं आगे बढ़ रही हैं। परंतु, हाल ही के वर्षों में पूंजीवादी नीतियों के अनुसरण के कारण, विशेष रूप से विकसित देशों को, आर्थिक क्षेत्र में बहुत भारी परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है और यह देश इन समस्याओं का हल निकाल ही नहीं पा रहे हैं। नियंत्रण से बाहर होती मुद्रा स्फीति की दर, लगातार बढ़ता कर्ज का बोझ, प्रौढ़ नागरिकों की बढ़ती जनसंख्या के चलते सरकार के खजाने पर बढ़ता आर्थिक बोझ, बजट में वित्तीय घाटे की समस्या, बेरोजगारी की समस्या, आदि कुछ ऐसी आर्थिक समस्याएं हैं जिनका हल विकसित देश बहुत अधिक प्रयास करने के बावजूद भी नहीं निकाल पा रहे हैं एवं इन दे...
इन मौतों का कसूरवार कौन है?

इन मौतों का कसूरवार कौन है?

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हाथरस में मंगलवार को एक सत्संग के समापन के बाद मची भगदड़ में सौ से अधिक लोगों के मरने की घटना ने पूरे देश को विचलित किया है । सिकंदराराऊ के निकट फुलरई के एक खेत में कथित हरि बाबा का एक दिवसीय सत्संग चल रहा था। बताते हैं जब बाबा का काफिला जाने लगा तो सेवादारों ने करीब पचास हजार से अधिक श्रद्धालुओं को रोक दिया। गर्मी व उमस वाली भरी दोपहर में सत्संग सुनने के बाद श्रद्धालु घर जाने को बेताब थे। फिर भगदड़ मच गई और जो गिरा वो उठ न सका। लोगों की चीख-पुकार को सुनने के लिये वहां पुलिस-प्रशासन की कोई व्यवस्था नहीं थी। नजदीकी जनपद एटा के अस्पतालों के बाहर लगे लाशों के अंबार हृदयविदारक थे। चारों तरफ करुण क्रंदन और अपनों को तलाशने की बेबसी थी। सौ से अधिक लाशों का ढेर देखकर आहत एक पुलिस कांस्टेबल का हार्टफेल होने से निधन हो गया। मरने वालों में अधिकांश महिलाएं थीं, वहीं कुछ पुरुष व बच्चे भी शामिल ...
संसद में कांग्रेस का हिंदू व संविधान विरोधी चेहरा बेनकाब हुआ

संसद में कांग्रेस का हिंदू व संविधान विरोधी चेहरा बेनकाब हुआ

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संसद में कांग्रेस का हिंदू व संविधान विरोधी चेहरा बेनकाब हुआराहुल गांधी का बयान हिंदुओं के विरुद्ध बड़े षड्यंत्र का संकेत !मृत्युंजय दीक्षितप्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में राजग गठबंध सरकार के तीसरे कार्यकाल के प्रथम संक्षिप्त संसद सत्र का समापन हो चुका है । नियमानुसार इस सत्र में माननीय राष्ट्रपति जी ने लोकसभा और राज्यसभा दोनों सदनों को संयुक्त रूप से संबोधित किया । ये सत्र विपक्ष और मुख्यतः कांग्रेस के लिए अत्यंत महत्वपूर्ण था। दस वर्षों के बाद कांग्रेस को नेता प्रतिपक्ष बनने का अवसर मिला है। संसदीय परम्परा में लोकसभा में नेता प्रतिपक्ष का पद एक बहुत ही जिम्मेदरी का पद होता है और कांग्रेस ने ये जिम्मेदारी अपने नेता राहुल गांधी को दी । राजनैतिक विश्लेषकों का अनुमान था कि अब राहुल गांधी एक सदन के अंदर और बाहर एक परिपक्व राजनेता की तरह व्यहार करेंगे विभिन्न मुद्दों पर गम्भीरता के स...