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सशक्त लोकतंत्र के लिये सशक्त विपक्ष जरूरी

सशक्त लोकतंत्र के लिये सशक्त विपक्ष जरूरी

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सशक्त लोकतंत्र के लिये सशक्त विपक्ष जरूरी ललित गर्ग उत्तरप्रदेश सहित पांच राज्यों में हुए विधानसभा चुनावों परिणामों के बाद एक बात विशेष रूप से उभर कर सामने आयी है कि सशक्त लोकतंत्र के लिये सशक्त विपक्ष बहुत जरूरी है। पंजाब में दिल्ली की ही भांति आम आदमी पार्टी की जो आंधी चली और नगण्य विपक्ष के रूप में आप की सरकार बनने जा रही है, उस तरह की सरकारें बनना एवं प्रचंड बहुमत मिलना लोकतंत्र के लिये गंभीर खतरा है। देश में लोकतंत्र को मजबूत बनाये रखना है तो जितना आवश्यक सत्ता धारी दल का स्पष्ट बहुमत के साथ सरकार बनाना है, उतना ही आवश्यक है सशक्त विपक्ष का होना ताकि सरकार के कामों पर निगरानी रखी जा सके एवं उसकी गलत नीतियों का विरोध किया जा सके। मजबूत विपक्ष होने से ही सत्तारूढ़ दल भी अपने कार्यों को मर्यादा में रहते हुए जनता के हित में कार्य करता रहेगा अन्यथा सत्ताधारी पार्टी क...
जीत के नये मानक गढ़ती भाजपा

जीत के नये मानक गढ़ती भाजपा

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जीत के नये मानक गढ़ती भाजपा -ललित गर्ग - पांच राज्यों के विधानसभा चुनाव परिणामों में स्पष्ट हो चुका है कि भारतीय जनता पार्टी उत्तर प्रदेश, उत्तराखंड, गोवा और मणिपुर में अपनी सरकारें बचाने में कामयाब रही है, बल्कि उसने अपने प्रभावी एवं चमत्कारी प्रदर्शन से जनता का दिल जीता है। लेकिन कांग्रेस पार्टी तो पांचों राज्यों में ही जर्जर एवं निस्तेज हुई है, बल्कि पंजाब में अपनी सरकार को बचाने में नाकाम रही है, आम आदमी पार्टी जैसे प्रांतीय दल ने उसे करारी मात दी है। वहां आप की आंधी चली है लेकिन कांग्रेस की उम्मीद का एकमात्र यह सहारा भी टूट गया। आप दिल्ली से निकलकर पहली बार पंजाब प्रांत में सरकार बनाएगी। इस लिहाज से पांच राज्यों में हुआ चुनाव आप के लिए बहुत महत्वपूर्ण साबित हुआ। भाजपा ने भी उत्तर प्रदेश और उत्तराखंड की दशकों से चली आ रही परंपरा तोड़ दी है। इन दोनों राज्यों में पिछले कई दशकों से किसी भी ...
आपरेशन गंगा के उजालों पर कालिख न पोते

आपरेशन गंगा के उजालों पर कालिख न पोते

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आपरेशन गंगा के उजालों पर कालिख न पोते -ललित गर्ग -प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी एवं उनकी भाजपा सरकार ने एक बार फिर यह साबित कर दिया कि उसके लिये सत्ता से ज्यादा महत्वपूर्ण जनता का हित एवं उसकी रक्षा है। उसने रूस एवं यूक्रेन बीच चल रहे घमासान युद्ध एवं आपदा में फंसे अपने नागरिकों को सुरक्षित निकालने में कोई कसर नहीं छोड़ी। सबसे बड़ी राहत की खबर है कि यूक्रेन के घमासान वाले शहर सूमी में फंसे करीब सात सौ भारतीय छात्रों को सुरक्षित निकालने में उसे सफलता मिली है, इससे पूर्व सतरह हजार भारतीयों को सुरक्षित स्वदेश लाया जा चुका है। आपरेशन गंगा के तहत चले इस अभियान में उसे यह अभूतपूर्व सफलता मिली है और वह भी तब, जब कई देशों ने अपने लोगों को वहां से निकालने के मामले में हाथ खड़े कर दिए थे। यह भारत की विदेश नीति, मोदी की अन्तर्राष्ट्रीय छवि एवं भारत की लगातार बढ़ती साख एवं शक्ति का परिणाम है। इसलिये आपरेशन...
तो क्या आधी दुनिया को मिला पाया बोर्ड रूम में वाजिब हक

तो क्या आधी दुनिया को मिला पाया बोर्ड रूम में वाजिब हक

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तो क्या आधी दुनिया को मिला पाया बोर्ड रूम में वाजिब हक पिछली 8 मार्च को विश्व महिला दिवस के मौके पर आधी दुनिया के अपने हिस्से के आसमान को छूने को लेकर तमाम तरह की बातें सामने आईं। इन्हें देख-पढ़कर सुखद अनुभूति हुई। पर यह पक्ष शायद ठीक से सामने नहीं आया कि आधी दुनिया कॉरपोरेट संसार में भी शिखर के पदों पर पहुंच रही है। सरकारी क्षेत्र के उपक्रम हिन्दुस्तान पेट्रोलियम कॉरपोरेशन लिमिटेड(एचपीसीएल) में निशि वासुदेवा की अध्यक्ष और प्रबंध निदेशक तथा ऑयल एंड नैचुरल गैस कॉरपोरेशन (ओएनजीसी) में अलका मित्तल का अंतरिम चेयरमैन और प्रबंध निदेशक नियुक्त किया जाना इस तरफ इशारा कर रहा है कि अब महिलाओं को विशाल सरकारी नवरत्न कहे जाने वाले प्रतिष्ठित उपक्रमों के सबसे ऊंचे पायदान पर काम करने का मौका मिल रहा है। यह पहली बार हुआ है कि किसी महिला को देश की सबसे बड़ी तेल और गैस उत्पादक कंपनी का प्रमुख बनाया गय...
क्रांतिकारी व आमूलचूल बदलाव लाने वाले हैं विधानसभा चुनावों के परिणाम – अनुज अग्रवाल

क्रांतिकारी व आमूलचूल बदलाव लाने वाले हैं विधानसभा चुनावों के परिणाम – अनुज अग्रवाल

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छद्म हिंदुत्ववादियों, पत्तलकारों, कुबुद्धिजीवियों और अल्पसंख्यकवाद व जाति की राजनीति करने वाले दलों के प्रपंच और षड्यंत्रों को धता बताकर अंतत पाँच राज्यों के विधानसभा चुनावों में सनातन संस्कृति, राष्ट्रवाद, हिंदुत्व , डबल इंजन की सरकार, लाभार्थी जाति के समर्थन और विकास के एजेंडे पर काम कर रही भाजपा चार राज्यों में फिर से अपनी सरकार बनाने में सफल हो गयी है तो दूसरी ओर सत्तारूढ़ कांग्रेस की अंतर्कलह , कुशासन , अकाली दल के सिरमौर बादल परिवार के भ्रष्टाचार से तंग, भाजपा के देर से सक्रिय होने के कारण व किसान आंदोलन और खालिस्तान आंदोलन व मुफ्त योजनाओं के लालच में पंजाब की जनता नए चेहरों वाली आम आदमी पार्टी को भारी बहुमत से सरकार की डोर थमा बैठी। सन 2024 के लोकसभा चुनावों के लिए लिटमस टेस्ट माने जाने वाले इन चुनावों के परिणामों ने कोरोना संकट के कारण अतिशय दबाव व चुनौती झेल रही केंद्र में...
रूस.यूक्रेन युद्ध के भारत पर परिणाम

रूस.यूक्रेन युद्ध के भारत पर परिणाम

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रूस.यूक्रेन युद्ध के भारत पर परिणाम विनीत नारायण पूरी दुनिया यूक्रेन रूस के युद्ध को लेकर बेचैन है। भारत की बड़ी चिंता उन विद्यार्थियों को लेकर है जो यूक्रेन में अभी फँसे हुए हैं। जो विद्यार्थी जोखिम उठा करए तकलीफ़ सहकरए भूखे प्यासे रह कर यूक्रेन की सीमाओं को पार कर पा रहे हैंए उन्हें ही भारत लाने का काम भारत सरकार कर रही है। पर जो युद्धग्रस्त यूक्रेन के शहरों में फँसे हैंए ख़ासकर वो जो सीमा से कई सौ किलोमीटर दूर हैंए उनकी हालात बहुत नाज़ुक है। वे बार.बार सरकार से गुहार लगा रहे हैं कि उन्हें जल्दी से जल्दी वहाँ से सुरक्षित निकाला जाए अन्यथा वे ज़िंदा नहीं बचेंगे। चूँकि इस युद्ध में भारत रूस के साथ खड़ा हैए इसलिए यूक्रेन की सेना और नागरिक भारतीयों से नाराज़ है और मदद करना तो दूर छात्रों को यातनाएँ दे रहे हैं। ऐसा उन विद्यार्थियों के वायरल होते विडीयो में देखा जा रहा है। इसके साथ ही इस युद...
सामाजिक सरोकार और लोकतांत्रिक मूल्य

सामाजिक सरोकार और लोकतांत्रिक मूल्य

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सामाजिक सरोकार और लोकतांत्रिक मूल्य भारतीय राजनीति का महत्वपूर्ण पहलू स्वतंत्रता आंदोलन के महान आदर्शवाद से उस स्थिति में परिवर्तन है जिसमें वह वर्तमान में खुद को पाता है। प्रत्येक व्यक्ति समाज के साथ अपने व्यवहार में स्वार्थ से शासित होता है। लेकिन जब इस स्वार्थ को बड़े पैमाने पर देश के हितों से ऊपर रखा जाता है, तो यह लोकतंत्र के अस्तित्व और देश की एकता और अखंडता के लिए एक संभावित खतरा बन जाता है। इसके अलावा, यदि जाति, समुदाय, धर्म, भाषा और क्षेत्र के आधार पर सांप्रदायिक वैमनस्य और कृत्रिम अवरोध पैदा किए जाते हैं और अगर संवैधानिक रूपों को प्राथमिकता देने के लिए आंदोलन का इस्तेमाल किया जाता है, तो ये सार्वजनिक जीवन में अनुशासनहीनता का कारण बनते हैं। जबकि संवैधानिक प्रावधान स्पष्ट रूप से नागरिकों को प्रोत्साहित करते हैं और उन्हें खुद को शालीनता से आचरण करने के लिए प्रेरित करते हैं, यह दु...
संसदीय लोकतंत्र में “प्रश्न पूछने” का महत्व

संसदीय लोकतंत्र में “प्रश्न पूछने” का महत्व

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संसदीय लोकतंत्र में "प्रश्न पूछने" का महत्व संसदीय लोकतंत्र के बारे में सबसे महत्वपूर्ण धारणा यह है कि संसद सरकार और लोगों के बीच एक कड़ी है। सरकार जनता के प्रति जवाबदेह है और यह जवाबदेही जनता द्वारा संसद में अपने प्रतिनिधियों के माध्यम से सुरक्षित की जाती है। लोकतंत्र के स्वरूप की परवाह किए बिना जवाबदेही सरकार का एक महत्वपूर्ण सहायक है। हमारे संविधान में विभिन्न तरीकों से जिम्मेदारी और जवाबदेही सुनिश्चित की गई है। ऐसी संस्थाएँ स्थापित की गई हैं जो सरकार के कामकाज पर नज़र रखती हैं और उसकी निगरानी करती हैं। यह देखने के लिए कि क्या सरकार ठीक से काम कर रही है, सवाल पूछने के अलावा कोई अन्य मजबूत रास्ता नहीं है। संसदीय लोकतंत्र की सफलता के लिए सबसे महत्वपूर्ण आवश्यकता संसद में प्रश्न पूछने की स्वतंत्रता को बनाए रखना है। यदि उस स्वतंत्रता को सीमित कर दिया जाए तो प्रश्न का महत्व कम हो ...
नारी’ की पूजा तो फिर अत्याचार क्यों?

नारी’ की पूजा तो फिर अत्याचार क्यों?

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‘नारी’ की पूजा तो फिर अत्याचार क्यों? -ललित गर्ग - नारी के प्रति कृतज्ञता ज्ञापन तथा मातृशक्ति की अभिवंदना का एक स्वर्णिम अवसर है विश्व नारी दिवस, यह नारी की महिमा को उजागर करने वाला ऐतिहासिक दिन है। आखिर नारी को ही ‘माँ’ का महत्त्वपूर्ण पद और संबोधन मिला। कारण की मीमांसा करते हुए अनुभवविदों ने बताया-हमारी भारतीय परंपरा में भारतमाता, राजमाता, गौमाता की तरह धरती को भी माता कहा जाता है। वह इसलिए कि धरती पैदा करती है। वह निर्मात्री है, सृष्टा है, संरक्षण देती है, पोषण करती है, बीज को विस्तार देती है, अनाम उत्सर्ग करती है, समर्पण का सितार बजाती है, आश्रम देती है, ममता के आँचल में सबको समेट लेती है और सब कुछ चुपचाप सह लेती है। इसीलिए उसे ‘माता’ का गौरवपूर्ण पद मिला। माँ की भूमिका यही है।‘मातृदेवो भवः’ यह सूक्त भारतीय संस्कृति का परिचय-पत्र है।  ऋषि-महर्षियों की तपः पूत स...
आत्मनिर्भरता का प्रतीक है वैज्ञानिक कुशलता

आत्मनिर्भरता का प्रतीक है वैज्ञानिक कुशलता

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आत्मनिर्भरता का प्रतीक है वैज्ञानिक कुशलता या वैज्ञानिक कुशलता का परिचायक है एकीकृत दृष्टिकोण डॉ. शंकर सुवन सिंह वास्तविक ज्ञान ही विज्ञान है। प्राकृतिक विज्ञान प्रकृति और भौतिक दुनिया का व्यवस्थित ज्ञान होता है,या फ़िर इसका अध्ययन करने वाली इसकी कोई शाखा। असल में विज्ञान शब्द का उपयोग लगभग हमेशा प्राकृतिक विज्ञानों के लिये ही किया जाता है। इसकी तीन मुख्य शाखाएँ हैं : भौतिकी, रसायन शास्त्र और जीव विज्ञान। रसायन का वास्तविक ज्ञान, रसायन विज्ञान है। भौतिकी का वास्तविक ज्ञान, भौतिक विज्ञान है। जीव का वास्तविक ज्ञान, जीव विज्ञान है। कृषि का वास्तविक ज्ञान, कृषि विज्ञान है। खाद्य का वास्तविक ज्ञान, खाद्य विज्ञान है। दुग्ध का वास्तविक ज्ञान दुग्ध विज्ञान है। आदि ऐसे अनेक क्षेत्रों में विज्ञान है। रसायन, भौतिकी, जीव-जंतु, कृषि, खाद्य, दुग्ध, आदि अनेक क्षेत्रों के वास्तविक ज्ञान से राष्ट्रहि...