सुप्रीम कोर्ट के फैसले के बाद का बीसीसीआई
आईपीएल के दसवें संस्करण से ठीक पहले बीसीसीआई के आला पदाधिकारियों के रहने की जरूरत का न तो अहसास हो रहा है न ये लग रहा है कि अगर वो होते कुछ अनूठा कर बैठते। हां, ये जरूर है कि 20 फरवरी को जब आईपीएल के लिए खिलाडिय़ों की नीलामी हुई तो न ज्यादा ग्लैमर था और न ही क्रिकेट बोर्ड अधिकारियों की फोटो खिंचवाती हुई पलटन। लेकिन ये सबकुछ बहुत ही सुव्यवस्थित तरीके से हो गया। बीसीसीआई के वो सूरमा, जो लगातार खबरों में रहते थे, अपने पॉवर पर इतराते थे। वो सभी अपने घरों में बैठे हुए हैं। वो पदाधिकारी, जिन्होंने सुप्रीम कोर्ट में दावे किए थे कि लोढ़ा कमेटी की सिफारिशें बीसीसीआई के लिए अहितकारक होंगी, अब खुद देख रहे होंगे कि बीसीसीआई को उनके नहीं रहने से कोई झटका नहीं लगा है और न ही उसका काम उनके नहीं होने से प्रभावित हुआ है। ज्यों ज्यों सुप्रीम कोर्ट द्वारा नियुक्त प्रशासक क्रिकेट बोर्ड की प्रणाली और संरचना को ...