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RENAMING AURANGZEB ROAD THE CONTROVERSY

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HIS ISSUE WAS RAISED TWO YEARS AGO BY ME AND AGAIN RAISED AFTER A ROAD WAS RENAME ABDUL KALAM MARG I FEEL IT IS TIME TRUE INDIANS STAND TOGETHER AND RECLAIM OUR RICH ANCIENT HERITAGE DESTROYED BY MUGALS N THE BRITISH . 1) NOW THAT BJP IS IN UP FIRSTLY RETURN ILLAHABAD TO ITS ORIGINAL NAME PRAYAG SANGAM 2) TRIPPLE TALAQ MUST BE ABOLISHED FORTHWITH 3) FAMILY PLANNING BE INSTITUTED NOT MORE THAN 2+1 CHILD PER COUPLE AND HELP THOSE WHO WANT A BOY OR GIRL AFTER SECOND CHILD WITH VITRIO/UTERO FERTILIZATION. IF NOT DONE THERE WOULD BE NO LAND FOR PEOPLE TO LIVE ON NOR AGRICULTURE TO FEED A NATION 4) POLYGAMOUS MARIAGE MUST BE OUTLAWED = NO ADHAR CARD FOR SECOND THIRD OR FOURTH WIVES 5) TAJ MAHAL MUST BE FULLY EXAMINED BY A PUBLIC AUTHORITY TO ESTABLISH ITS TRUE HERITAGE 6) ARTICLE ...
EVM Tampering  & Election Rigging Alleged in U P Elections

EVM Tampering & Election Rigging Alleged in U P Elections

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As Bharatiya Janata Party Registers  an Extra Ordinary Victory in the State Elections Winning 325   out of   403 Seats   in the Polls, BSP Supremo Mayavati  has alleged that the Electronic Voting Machines  used to collect votes were tampered in such a way that  whatever button was used by the Voters the Votes were Shown in the Tally of the BJP. This Charge made by  Mayavati has been Backed by all the Parties who participated in the Elections thereby questioning whether the Assembly Elections Conducted in the Indian State of Uttar Pradesh were free and Fair Backing Mayawati, Akhilesh Yadav the Leader of the Ruling Samajwadi Party in U P said that there should be a probe in the matter. "Either the EVMs did not accept votes other than BJP, or the votes of other parties have gone to B...
संसार के कुछ सुलझे तथा अनसुलझे प्रश्न?

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भारत में भ्रष्टाचार उन्मूलन और पारदर्शिता के भले ही कड़े कदम उठाए गए हों, लेकिन रिश्वतखोरी कम नहीं हुई है। ट्रांसपेरेंसी इंटरनेशनल रिपोर्ट में कहा गया है कि एशिया प्रशांत क्षेत्र में रिश्वत के मामले में भारत शीर्ष पर है। रिपोर्ट के अनुसार, 2016 में दो तिहाई अर्थात 67 प्रतिशत से ज्यादा भारतीयों को सरकारी सेवाओं के बदले किसी न किसी रूप में रिश्वत देनी पड़ती है। चीन में 73 प्रतिशत लोगों ने कहा कि तीन वर्षों में उनके देश में रिश्वत का चलन बढ़ा है। रिश्वत देने की दर जापान में सबसे कम 0.2 प्रतिशत और दक्षिण कोरिया में केवल तीन प्रतिशत पाई गई। ट्रांसपेरेंसी इंटरनेशनल के अध्यक्ष श्री जोस उगाज के कहना है कि सरकारों को भ्रष्टाचार रोधी कानूनों को हकीकत में बदलने के प्रयास करने चाहिए। करोड़ों लोग रिश्वत देने के लिए बाध्य हैं और इसका सबसे बुरा असर गरीबों पर पड़ता है। किसी महापुरूष ने कहा है कि अपना अपना करो ...
जिससे पता चलता है ईवीएम फुलप्रूफ है।_

जिससे पता चलता है ईवीएम फुलप्रूफ है।_

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_ईवीएम में छेड़छाड़ कर यूपी और उत्तराखंड में चुनाव जीतने के आरोपों को चुनाव आयोग ने बेबुनियाद बताते हुए आठ कारण गिनाए हैं। जिससे पता चलता है ईवीएम फुलप्रूफ है।_    *साइबर खबर न्यूज़ ब्यूरो**नई दिल्लीः* ईवीएम की साख पर उठे सवालों के बीच चुनाव आयोग ने सफाई दी है। हार के बाद अफवाह फैला रहे पार्टी समर्थकों को यह आठ कारण पढ़ना चाहिए। जिससे साफ पता चलता है कि ईवीएम से किसी भी दशा में छेड़छाड़ संभव ही नहीं है। अगर आप यह आठ कारण पढ़ते हैं तो सोशल मीडिया पर अफवाह फैलाती पोस्ट शेयर करने के भेड़चाल से बच सकेंगे। पेश है एनडीटीवी की खबर का अंश। यूं तो ये आठ कारण आयोग की ओर से बताए गए हैं, सभी जगह ये खबर चल रही, मगर एनडीटीवी का जिक्र इसलिए कि भाजपा आलोचकों की नजर में इस चैनल की साख है।1-आयोग का कहना है कि ईवीएम में इंटरनेट से जुड़ा नहीं होता। इसलिए इसे किसी भी दशा में ऑनलाइन हैक नहीं किया जा सकता.2. किस ...
जवाहर लाल नेहरू थे भारत में पहली बूथ केप्चरिंग के मास्टरमाइण्ड प्रधानमन्त्री

जवाहर लाल नेहरू थे भारत में पहली बूथ केप्चरिंग के मास्टरमाइण्ड प्रधानमन्त्री

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जवाहर लाल नेहरू देश में हुए प्रथम आम चुनाव में उत्तर प्रदेश की रामपुर सीट से पराजित घोषित हो चुके कांग्रेसी प्रत्याशी मौलाना अबुल कलाम आज़ाद को किसी भी कीमत पर ज़बरदस्ती जिताने के आदेश दिये थे। उनके आदेश पर उत्तर प्रदेश के तत्कालीन मुख्यमन्त्री पं. गोविन्द वल्लभ पन्त ने रामपुर के जिलाधिकारी पर घोषित हो चुके परिणाम बदलने का दबाव डाला और इस दबाव के कारण प्रशासन ने जीते हुए प्रत्याशी विशनचन्द्र सेठ की मतपेटी के वोट मौलाना अबुल कलाम की पेटी में डलवा कर दुबारा मतगणना करवायी और मौलाना अबुल कलाम को जिता दिया।यह रहस्योदघाटन उत्तर प्रदेश के तत्कालीन सूचना निदेशक शम्भूनाथ टण्डन ने अपने एक लेख में किया है।उन्होंने अपने लेख "जब विशनचन्द सेठ ने मौलाना आज़ाद को धूल चटाई थी भारतीय इतिहास की एक अनजान घटना" में लिखा है कि भारत में नेहरू ही बूथ कैप्चरिंग के पहले मास्टर माइंड थे। उस ज़माने में भी बूथ पर कब्ज़...
जवाहरलाल नेहरू की गलतियां* जो हम आज तक भुगत रहे हैं ।

जवाहरलाल नेहरू की गलतियां* जो हम आज तक भुगत रहे हैं ।

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*1) कोको आइसलैंड* - 1950 में नेहरू ने भारत का ' कोको द्वीप समूह' ( Google Map location -14.100000, 93.365000 ) बर्मा को गिफ्ट दे दिया। यह द्वीप समूह कोलकाता से 900 KM दूर समंदर में है।बाद में बर्मा ने कोको द्वीप समूह चीन को दे दिया, जहाँ से आज चीन भारत पर नजर रखता है।*2) काबू व्हेली मनिपुर -* पंडित नेहरू ने 13 Jan 1954 को भारत के मणिपुर प्रांत की काबू व्हेली दोस्ती के तौर पर बर्मा को दे दिया। काबू व्हेली का लगभग क्षेत्रफल 11000 वर्ग किमी है और कहते हैं कि यह कश्मीर से भी अधिक खूबसरत है।आज बर्मा ने काबू व्हेली का कुछ हिस्सा चीन को दे रखा है। चीन यहां से भी भारत पर नजर रखता है।*3) भारत - नेपाल विलय -* 1952 में नेपाल के तत्कालीन राजा त्रिभुवन विक्रम शाह ने नेपाल को भारत में विलय कर लेने की बात पंडित नेहरू से कही थी, लेकिन नेहरू ने ये कहकर उनकी बात टाल दी की भारत में नेपाल के विलय से दोनों देश...
कौन जीता कौन हारा

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उत्तर प्रदेश, उत्तराखण्ड, पंजाब, मणिपुर और गोवा की पांचों विधानसभाओं के चुनाव परिणाम आ गये हैं। इनमें से उत्तर प्रदेश विधानसभा के 403, उत्तराखण्ड के 70, पंजाब विधानसभा के 117, मणिपुर के 60 और गोवा के 40 सदस्यों को जनता ने चुना है। चुनाव परिणामों पर यदि दृष्टिपात किया जाए तो स्पष्ट होता है कि जनता ने बहुत परिपक्व निर्णय दिया है। साथ ही अपवाद स्वरूप यदि पंजाब को छोड़ दें तो हर प्रदेश की जनता ने प्रधानमंत्री मोदी की नीतियों में अपना विश्वास व्यक्त किया है। इन चुनाव परिणामों की गंभीरता से समीक्षा की जानी अपेक्षित है। सर्वप्रथम हम उत्तर प्रदेश पर आते हैं, यहां की जनता ने सपा के परिवारवाद, पारिवारिक कलह, साम्प्रदायिक तुष्टिकरण की नीति, शासन प्रमुख का जातिवादी दृष्टिकोण पर अपना नकारात्मक दृष्टिकोण स्पष्ट कर दिया है। इसी प्रकार बसपा के खुरपा व बुरका के समीकरण को सिरे से नकार दिया है। कुमारी माय...
संकट में भारत का पहला नदी द्वीप ज़िला – माजुली

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ब्रह्यपुत्र - एक नद्य है, बु्रहीदिहिंग - एक नदी। एक नर और एक नारी; दोनो ने मीलों समानान्तर यात्रा की। अतंतः लखू में आकर सहमति बनी। लखू में आकर दोनो एकाकार हो गये। एकाकार होने से पूर्व एक नदी द्वीप बनाया। असमिया लोगों को मिलन और मिलन से पूर्व की रचा यह नदी द्वीप इतना पसंद आया कि उन्होने इसे अपना आशियाना ही बना लिया। असमिया भाषा भी क्योंकर पीछे रहती। वह भी कुहूक उठी - 'माजुली'। बस, यही नाम मशहूर हो गया। 1661 से 1669 के बीच माजुली में कई भूकम्प आये। लगातार आये इन भूकम्पों के बाद 15 दिन लंबी बाढ़ आई। वर्ष था - 1750। इस लंबी बाढ़ के बाद ब्रह्मपुत्र नदी दो उपशाखाओं में बंट गई - लुइत खूटी और ब्रुही खूटी। ब्रह्यपुत्र की ओर की उपशाखा को लुइत खूटी, तो ब्रुहीदिहिंग की ओर की ओर उपशाखा को ब्रुही खूटी कहा गया। द्वीप और छोटा हो गया। कालांतर में ब्रुही खूटी का प्रवाह घटा, तो लोगों ने इसका नाम भी बदल दिया। ब...
“वैदिक काल” का अध्ययन

“वैदिक काल” का अध्ययन

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वैदिक सभ्यता को भारतीय संस्कृति का आधार स्तंभ माना जाता हैं। वैदिक काल 1500 ई.पू से 600 ई.पू  तक माना जाता हैं। वैदिक काल को भी दो भागों में विभाजित किया गया है पहला 1500 ई. पू. से 1000 ई. पू. तक के काल को ऋग्वेदिक काल जाता है, इस काल में ही विश्व के सबसे प्राचीन माने जाने वाला ग्रंथ ऋग्वेद की रचना हुई थी तथा बाकी के तीन वेद यजुर्वेद, सामवेद तथा अथर्ववेद की रचना उत्तरवैदिक काल में हुई थी जिसका काल 1000 ई.पू. से 600 ई.पू. माना जाता हैं ऋग्वेदिक काल( 1500 ई. पू. से 1000 ई. पू.) इस काल की जानकारी ऋग्वेद से प्राप्त होती हैं   मैक्स मूलर के अनुसार आर्यों का मूल निवास स्थान मध्य एशिया था। आर्य प्रारंभ में ईरान गए वहाँ से भारत आए।आर्यों द्वारा निर्मित सभ्यता ग्रामीण थी तथा उनकी भाषा संस्कृत थी।इस काल की सबसे पवित्र नदी सरस्वती नदी थी जिसे नदियों की माता कहा जाता था। ऋग्वेदिक काल में प्रशासनिक...
स्त्रियों को मनचाहा लिखने की स्वतंत्रता नहीं मिल सकी है – गीताश्री

स्त्रियों को मनचाहा लिखने की स्वतंत्रता नहीं मिल सकी है – गीताश्री

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हिंदी कहानी और पत्रकारिता में गीताश्री का नाम किसी के लिए भी नया नहीं हैं। गीताश्री की कहानियां आज हिंदी कहानी क्षेत्र के आकाश पर छाई हुई हैं। उनकी कहानियों में स्त्री विमर्श अपने हर रूप में है। कभी वह 'गोरिल्ला प्यार’ के रूप में है तो हालिया प्रकाशित 'डाउनलोड होते हैं सपने’ में सपनों की नई परिभाषा के रूप में। गीताश्री के पास पत्रकारिता के अनुभवों के साथ स्त्री अनुभवों का भी अथाह संसार है। गीताश्री के विचार कभी आराम नहीं करते, वे विराम नहीं लेते हैं। गीताश्री चलते रहने में भरोसा करती हैं। गीताश्री की कविता 'जितना हक’, 'औरत की बोली’, 'स्त्री आकांक्षा के मानचित्र’, 'नागपाश में स्त्री’, 'सपनों की मंडी’ (आदिवासी लड़कियों की तस्करी पर आधारित), '23 लेखिकाएं और राजेन्द्र यादव’ (सम्पादन), 'प्रार्थना के बाहर और अन्य कहानियां’, 'स्वप्न साजि़श और स्त्री’ तथा 'डाउनलोड होते हैं सपने’ पुस्तकें बाज़ार मे...