अभिमान से परे है हमारे अजर.अमर श्री हनुमानजी
दिनांक 06 अप्रैलए 2023 श्री हनुमान जन्मोत्सव के पावन अवसर पर शिक्षाप्रद लेख
अभिमान से परे है हमारे अजर.अमर श्री हनुमानजी
;सन्दर्भ. गरुड़ए सुदर्शन चक्र एवं सत्यभामा के गर्व भंग की कथाद्ध
लेखक.मानसश्री डॉण् नरेंद्र कुमार मेहता
भगवान् श्रीराम के परमधाम पधारने के पश्चात हनुमान्जी का एक मात्र यही काम रहा है कि भगवान् के नाम, लीला और गुणों का कीर्तन एवं श्रवण करना। आज भी जहाँ श्रीरामकथा तथा सत्संग होता है। वहीं हनुमान्जी किसी भी रूप में आकर बैठकर कथा एवं सत्संग का पूरा-पूरा लाभ लेते हैं। युग पर युग बीत गये, परन्तु एक क्षण के लिये भी उन्हें श्रीराम की विस्मृति न हुई।
सीताजी ने श्रीहनुमान्जी को श्रीराम का संदेश देने पर अशोक वाटिका में अजर-अमर होने का आशीर्वाद भी दिया है -
अजर अमर गुननिधि सुत होहू। करहुँ बहुत रघुनायक छोहू।
करहँु कृपा प्रभु अस सुनि काना। निर्भर प्रेम मगन हनु...