
संगीन आर्थिक अपराध के आरोपियों को गिरफ़्तार करने से क्यों बच रही है नॉएडा की पुलिस ?
संगीन आर्थिक अपराध के आरोपियों को गिरफ़्तार करने से क्यों बच रही है नॉएडा की पुलिस ?
*रजनीश कपूर
भाजपा नेता तज़िंदेर बग्गा का मामला हो या नॉएडा की एक आईएएस अधिकारी का मामला हो। यदि
किसी पर भी कोई आरोप लगता है और उसकी जाँच के लिए पुलिस उससे सहयोग की अपेक्षा करती है,
तो एक ज़िम्मेदार नागरिक होने के नाते उसका फ़र्ज़ है कि वह व्यक्ति पुलिस का सहयोग करें। पुलिस के
दृष्टिकोण से, एफ़आइआर का अर्थ उस कथित अपराध के बारे में पूरी जानकारी एकत्र करना होता है। यदि
किसी के ख़िलाफ़ कोई एफ़आइआर दर्ज हो जाती है तो पुलिस उसे पूछताछ के लिए थाने में बुलाती है और
यदि एफ़आइआर में मामला संगीन हो तो उसको गिरफ़्तार भी किया जा सकता है। अपराध की धारा पर
निर्भर करेगा कि उसे ज़मानत थाने में ही मिल जाएगी या उसे अदालत का रुख़ करना पड़ेगा।
यदि किसी को पता है कि उससे कोई जुर्म हुआ है तो उसके क़ानूनी सलाहकार उसको ज...