तालिबानी हिंसा से कैसे बचेगी देवभूमि
सभ्य देश में हलद्वानी जैसी हिंसा है अस्वीकार्य
आचार्य विष्णु हरि सरस्वती
हलद्वानी हिंसा के संदेश बहुत ही डरावने हैं, अमानवीय है, विखंडनकारी है, संविधान और कानून के शासन के लिए प्रतिकूल है, सामानंतर सरकार के प्रतीक है, गुडागर्दी के प्रतीक है, चोरी और सीनाजारी की कहानी कहती है, तालिबानी हिंसा की कॉपी लगती है, तालिबानी हिंसा की आहट सुनाई देती है। ऐसी हिंसा पर सिर्फ उत्तराखंड की सरकार को ही चिंतन की जरूरत नहीं है, ऐसी हिंसा पर पूरे देश को चिंता करने की जरूरत है, न्यायालयों को भी चिंता करने की जरूरत है। ऐसी हिंसा के नियंत्रण पर ठोस नीति बनाने की जरूरत है। सबसे बडी बात यह है कि ऐसी हिंसा सिर्फ अचानक घटती नहीं है बल्कि इसके पीछे साजिश होती है, तैयारी होती है, हिंसा के लिए जरूरी हथियार और ज्वलनशील पदार्थ एकत्रित किये जाते हैं, हिंसक मानसिकता का बीजारोपण कर हिंसा के लिए वातावरण तैयार...