Shadow

addtop

पर्यावरण एवं विस्थापन राजनैतिक पार्टियों का मुद्दो से गायब है!

पर्यावरण एवं विस्थापन राजनैतिक पार्टियों का मुद्दो से गायब है!

addtop, BREAKING NEWS, TOP STORIES, प्रेस विज्ञप्ति, राज्य
उत्तराखंड के लोग अपना पांचवा राज्य विधानसभा चुनने जा रहे है। हमने पाया कि बांध व अन्य बड़ी परियोजनायें, खदान, शराब, बेरोजगारी, पर्यटन, इत्यादि के कारण हो रहा विस्थापन का वास्तविक मुद्दे है। ये सब राजनैतिक पार्टियों के एजेंडा में शामिल नहीं है। जून 2013 की त्रासदी से प्रभावित लोग अभी भी ठीक तरीके से ना बसाये गये है ना ही सभी को क्षतिपूर्ति मिली है। इन सब  मुद्दों के अलावा, वे उन मुद्दों को उठा रहे है जो की अस्तित्व में ही नहीं है और न ही उत्तराखंड के लोगों एवं हरे-भरे वातावरण संबघी रोजाना की समस्याओं को हल कर सकेंगें। उत्तराखंड एक हरा-भरा, नदियों खासतौर से राष्ट्रीय नदी गंगा और पांचधाम (बद्रीनाथ, केदारनाथ, गंगोत्री, यमुनोत्री, और हेमकुंड साहिब) वाला हिमालयी राज्य है। कोई भी राजनैतिक पार्टी, यहाँ के स्रोतों से बड़े लोगों को छोड़कर, स्थानीय लोगो का भला करने वाले, विकास के रोडमैप के साथ नहीं ...
चुनावी अनुष्ठान में अनिवार्य मतदान जरूरी क्यों?

चुनावी अनुष्ठान में अनिवार्य मतदान जरूरी क्यों?

addtop, EXCLUSIVE NEWS, TOP STORIES, राष्ट्रीय
उत्तर प्रदेश, उत्तराखंड, पंजाब, गोवा, मणिपुर के विधानसभा चुनावों में एक बार फिर मतदाता को अपने भाग्य का फैसला करने का अधिकार मिला है। यदि मतदाता सशक्त  और स्वस्थ लोकतंत्र चाहता है तो उसे कम-से-कम मतदान में उत्साह का प्रदर्शन करना होगा और अधिकतम मतदान को संभव बनाना होगा। मतदान के प्रति मतदाता की उदासीनता ने ही लोकतंत्र को कमजोर बनाया है। अनेक मोर्चाें पर अधिकतम मतदान के लिये प्रयास किये जा रहे हैं, विशेषतः युवापीढ़ी इसके लिये जागरूक हुई है यह एक शुभ संकेत है। यही कारण है कि विधानसभा चुनावों के पहले चरण में पंजाब और गोवा में क्रमशः 78.6 और 83 प्रतिशत मतदान हुआ। इसके लिए चुनाव आयोग और ‘आओ मतदान करे’-अभियान से जुडे़ विभिन्न पक्ष बधाई के पात्र है। चुनाव आयोग को तो इसके लिये व्यापक प्रयत्न करने ही होंगे, जैसाकि इस बार उसने गोवा में पहली बार मतदान करने वाली लड़कियों को टैडी बियर और लड़कों को पेन बां...
हिंदू फारसी तो दलित गैर संवैधानिक शब्द

हिंदू फारसी तो दलित गैर संवैधानिक शब्द

addtop, EXCLUSIVE NEWS, राष्ट्रीय
आज हमारे देश में दो शब्दों को लेकर समाज में एक बड़ी भ्रांति फैली हुई है। पहला हिंदू और दूसरा दलित। ये दोनों शब्द समाज की संरचना में दो विपरित ध्रुव के वाहक के रूप में अपनी पहचान बनाए हुए है। दो अलग-अलग ध्रुवों की पहचान के चलते ही ये दोनों शब्द न केवल समाजगत बाधाओं में उलझे हुए है बल्कि समय-समय पर विवाद के रूप में भी सामने आए है। इसके इतर इन शब्दों की समाज के अलग- अलग वर्ग और दायरों में (दलित-गैर दलित ) अपना स्थान है। दलित शब्द की पहचान भारत के संदर्भ में ख्यात है तो हिंदू शब्द की पहचान हिंदुस्तानी संदर्भ। ऐसा मेरा मानना नही है बल्कि यह समाज में प्रचलित मान्यताओं के आधार पर अपनी पहचान बनाए हुए है। हालाकि यह एक सच भी हो सकता है क्योंकि आज हमारा देश दो वर्ग व दो विचारधाराओं में बट़ा हुआ है। एक विचारधारा उस भारत की पक्षधर है जो गरीबी, गैर बराबरी, सामाजिक समानता और सामाजिक न्याय की पक्षधर है वो...
माँ त्रिपुरा कॉलेज ऑफ़ नर्सिंग की छात्राओं के बीच पहुँची स्वस्थ भारत यात्रा टीम

माँ त्रिपुरा कॉलेज ऑफ़ नर्सिंग की छात्राओं के बीच पहुँची स्वस्थ भारत यात्रा टीम

addtop, BREAKING NEWS, प्रेस विज्ञप्ति
भारत छोड़ो आंदोलन के 75 वर्ष पूरे होने के अवसर पर गंधिस्मृति एवं दर्शन समिति के मार्गदर्शन में निकली स्वस्थ भारत यात्रा टीम ने आज माँ त्रिपुरा कॉलेज ऑफ़ नर्सिंग की बालिकाओं को स्वस्थ बालिका स्वस्थ समाज का सन्देश दिया. छात्राओं को संबोधित करते हुए स्वस्थ भारत न्यास के चेयरमैन आशुतोष कुमार सिंह ने कहा कि आपलोग नर्सिंग की छात्रा हैं, आप के ऊपर देश के स्वास्थ्य की बड़ी जिम्मेदारी हैं. सही मायने में स्वस्थ भारत की सिपाही आप ही लोग हैं. छात्राओं को उन्होंने antibaiotic के दुरूपयोग को लेकर भी जागरुक किया. साथ ही उनसे शुभ लाभ की अवधारणा पर इलाज करने का संकल्प कराया. इस अवसर पर गांधीवादी चिंतक कुमार कृष्णन ने भी अपनी बात रखी. स्वस्थ भारत यात्री दल ने कॉलेज की तीन छात्राओं को स्वस्थ भारत की ओर से स्वस्थ बालिका स्वस्थ समाज का गूडविल अम्बेसडर मनोनीत किया. गौरतलब है की झाबुआ प्रवास के प्रथम दिन भी उत्क...
धर्म परिवर्तन कराने वाली सबसे बड़ी एजेंसी देश छोड़ कर भागी

धर्म परिवर्तन कराने वाली सबसे बड़ी एजेंसी देश छोड़ कर भागी

addtop, BREAKING NEWS, राष्ट्रीय
धर्म परिवर्तन के खिलाफ मोदी सरकार के प्रयत्नों का बड़ा नतीजा सामने आया है। दुनिया भर में ईसाई धर्मांतरण कराने वाली सबसे बड़ी अमेरिकी एजेंसी ‘कंपैशन’ ने भारत में अपना दफ्तर और सारे ऑपरेशन बंद करने का ऐलान किया है। ये एजेंसी कंपैशन इंडिया नाम के एनजीओ की शक्ल में भारत में बड़े पैमाने पर गरीबों और आदिवासियों को ईसाई बना रही थी। 10 माह पूर्व मोदी सरकार ने इसके विदेश से फंड लेने पर पहले से इजाज़त लेने की शर्त लगा दी थी। मोदी सरकार बनने के बाद जब देश में काम कर रहे तमाम एनजीओ का ऑडिट कराया गया था, तभी यह बात सामने आई थी कि अमेरिकी एनजीओ कंपैशनेट भारत में सबसे ज्यादा पैसे भेज रहा है और ये सारा पैसा ईसाई धर्म के प्रचार-प्रसार में लग रहा है। कंपैशन इंडिया भारत में बीते 30 साल से काम कर रही थी। ये हर साल भारत में 292 करोड़ रुपये विदेशों से लाती थी और इसे 344 छोटे-बड़े एनजीओ में बांटा जाता था। ये सभ...

राजनीति को पावन करें

addtop, राष्ट्रीय
देश की वर्तमान स्थिति में प्रायः सभी राजनैतिक दलो के नेताओं में 5 विधान सभाओं में होने वाले चुनावों की सनसनाहट धीरे धीरे बढ़ती जा रही है।उत्तर प्रदेश में सबसे अधिक असमंजस का वातावरण बना हुआ है।  मुख्य बिंदू यह है कि 2019 के लोकसभा चुनावों में बीजेपी की संभावित जीत पर अंकुश कैसे लगाया जायें ? इसके लिए अपने सिद्धांतों को त्याग कर गठबंधन को स्वीकारना राष्ट्र की सबसे बड़ी व पुरानी कांग्रेस पार्टी की विवशता बन गयी । समाजवादी व कांग्रेस का यह गठबंधन प्रदेश में कितना सफल होगा इससे भविष्य की राजनीति का एक रोडमेप अवश्य बन सकता है। परंतु क्या यह अपने आप में कांग्रेस की एक बड़ी हार नही कि उसने 403 सदस्यों वाली उ.प्र. की विधान सभा में अपने केवल 102 उम्मीदवार खड़े किये है। जबकि पारिवारिक कलह से ग्रस्त समाजवादी को गठबंधन में 301 स्थान दिए गये। क्या कांग्रेस को अपने स्टार प्रचारक राहुल और प्रियंका पर भरोसा न...
विकास और सुरक्षा की दृष्टि से ज़रूरी है मणिपुर में बदलाव

विकास और सुरक्षा की दृष्टि से ज़रूरी है मणिपुर में बदलाव

addtop, BREAKING NEWS, EXCLUSIVE NEWS, राज्य
मणिपुर पूर्वोत्तर में म्यांमार का सीमावर्ती राज्य है। देश की अखंडता को बरकरार रखने के लिए सुदूर सीमावर्ती राज्य का मजबूत होना एक आवश्यक अहम शर्त होती है। हालांकि, 2017 में हो रहे सभी पांच राज्यों की सीमा अन्तर्राष्ट्रीय सीमा से लगी है किन्तु एक सुदूर प्रदेश होने के कारण मणिपुर की सीमा का महत्व बढ़ जाता है। जिस तरह हृदय से सुदूर अंगों को रक्त पहुंचाने का काम धमनी और शिराओं के माध्यम से होता है वैसा ही सुदूर प्रदेशों में विकास का मॉडल पहुंचाने का काम केंद्र और राज्य सरकारों का होता है। प्रधानमंत्री मोदी ने सत्ता संभालने के बाद से ही पूर्वोत्तर के राज्यों पर विशेष ध्यान दिया है। असम के बाद अब मणिपुर पर उनकी निगाह है। मणिपुर की भौगोलिक परिस्थिति के अनुसार मणिपुर के चुनाव का महत्व समझा रहे हैं विशेष संवाददाता अमित त्यागी। मणिपुर में पिछले पंद्रह सालों से कांग्रेस का शासन रहा है। ओकराम इबोबी ...
स्वस्थ भारत के यात्रियों ने दिया स्वस्थ बालिका स्वस्थ समाज का संदेश

स्वस्थ भारत के यात्रियों ने दिया स्वस्थ बालिका स्वस्थ समाज का संदेश

addtop, BREAKING NEWS, TOP STORIES, प्रेस विज्ञप्ति
बालिकाओं की प्रबंधकीय क्षमता बेहतर होती है। एक समय था जब पत्रकारिता में बालिकाओं की संख्या कम थी लेकिन आज बढ़ी है। बदलाव हो रहा है लेकिन शायद समाज उतना नहीं बदला है जितना उसे बदलने की जरूरत है। नहीं तो स्वस्थ भारत यात्रा की जरूरत नहीं पड़ती। यह कहना था प्रो. बीके कुठियाला का। वे आज शहर में स्वस्थ बालिका स्वस्थ समाज एक परिसंवाद में अपनी बात रख रहे थे. उन्होंने कहा कि भारत छोड़ो आंदोलन के 75 वर्ष को याद करते हुए निकली स्वस्थ भारत की टीम एक बहुत ही ज्वलंत मुद्दे को समाज के सामने रखने का प्रयास कर रही हैं। उन्होंने आगे कहा कि अगर बेटियों को पहले जैसा सम्मान मिल जाए तो शायद आशुतोष कुमार सिंह और उनकी टीम को सड़क पर भटक कर इस तरह के संदेश देने की जरूरत न पड़े। भोपाल की चार बालिकाएं बनी स्वस्थ बालिका स्वस्थ समाज की गुडविल एम्बेसडर मध्यप्रदेश जनजातीय संग्रहालय में आयोजित स्वस्थ बालिका स्वस्थ समाज...

क्या अब विश्व की एक आर्थिक एवं राजनैतिक व्यवस्था बनानी चाहिए?

addtop, विश्लेषण
चीन के राष्ट्रपति शी जिनपिंग ने साल भर पहले जब पश्चिम एशिया का दौरा किया था। जिनपिंग ने अपनी इस यात्रा के पड़ावों में रियाद और तेहरान के अलावा काहिरा में अरब लीग की बैठक मंे भी वह शामिल हुए थे। चीन अभी तक अपने व्यापारिक हितों के जरिये ही अपनी विदेश नीति को शक्ल देता रहा है। अंतर्राष्ट्रीय राजनीतिक अखाड़े में उतरने के पीछे दरअसल उसकी आर्थिक मजबूरियां हैं। दलील यह दी गई कि चीन पश्चिम एशिया के तेल व गैस पर बड़े पैमाने पर निर्भर है और इनकी अबाध आपूर्ति के लिए इस क्षेत्र की स्थिरता जरूरी है। यह स्थिरता अब तक अमेरिका की निगरानी की वजह से कायम रही है, और अब चूंकि अमेरिका वहां ग्लोबल पुलिस वाले की भूमिका निभाने को इच्छुक नहीं है, तो चीन को शायद यह लगता है कि उसे अपने आर्थिक हितों के लिए अपनी राजनीतिक उदासीनता छोड़नी ही पड़ेगी। चीन ने कहा कि वह वैश्वीकरण के लक्ष्यों की रक्षा करेगा। वहीं अमेरिका के नये र...
काश! पंच महाभूत भी होते वोटर

काश! पंच महाभूत भी होते वोटर

addtop, BREAKING NEWS, Today News, TOP STORIES, विश्लेषण
पंजाब, उत्तराखण्ड, उत्तर प्रदेश, गोवा और मणिपुर - पांच राज्य, एक से सात चरणों में चुनाव। 04 फरवरी से 08 मार्च के बीच मतदान; 11 मार्च को वोटों की गिनती और 15 मार्च तक चुनाव प्रक्रिया संपन्न। मीडिया कह रहा है - बिगुल बज चुका है। दल से लेकर उम्मीदवार तक वार पर वार कर रहे हैं। रिश्ते, नाते, नैतिकता, आदर्श.. सब ताक पर हैं। कहीं चोर-चैर मौसरे भाई हो गये हैं, तो कोई दुश्मन का दुश्मन का दोस्त वाली कहावत चरितार्थ करने में लगे हैं। कौन जीतेगा ? कौन हारेगा ? रार-तकरार इस पर भी कम नहीं। गोया जनप्रतिनिधियों का चुनाव न होकर युद्ध हो। सारी लड़ाई, सारे वार-तकरार.. षडयंत्र, वोट के लिए है। किंतु वोटर के लिए यह युद्ध नहीं, शादी है। तरह-तरह के वोटर है। जातियां भी वोटर हैं, उपजातियां भी। संप्रदाय, इलाका, गरीबी, अमीरी, जवानी, बुढ़ापा, भ्रष्टाचार.. सभी वोटर की लिस्ट मंे है। पांच साल बाद वोटर का एक बार फिर नंबर आय...