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प्रारंभिक शिक्षा तो मातृभाषा में ही हो

प्रारंभिक शिक्षा तो मातृभाषा में ही हो

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निश्चित रूप से भाषा धरती की होती है, न किकिसी धर्म या फिरके की। पर इस छोटे से तथ्य की लम्बे समय से अनदेखी होती रही है। इसके अनेकों घातक परिणामभी सामने आए हैं। इसी तरह से किसी धर्म या वर्ग विशेष के ऊपर कभी कोई भाषा को थोपने की कोशिश नहीं करनी चाहिए।  बल्कि, हर बच्चे को उसकी अपनीमातृभाषा में पढ़ने का स्वाभाविक अधिकार मिलना चाहिए। याद रखा जाना चाहिए कि बच्चा अपनी मातृभाषा में सबसे आराम से किसी भी तरह की पढाई सीखता है,किसी भी तरह के ज्ञान को ग्रहण करता है। अच्छी बात यह है कि भारत में सभी जुबानों के प्रसार- प्रचार में सरकार सक्रिय रहती है। इसलिए भारत में भाषा के सवाल लगभग सर्वमान्य हो गए हैं। पर बीच-बीचमें कुछ राज्यों में कभी –कभी हिन्दी विरोधी स्वर सुनाई देने लगते हैं। हालांकि, हिन्दी को अब कहीं कोई थोप नहीं रहा। हिन्दी स्वाभाविक रूप से सर्वग्राह्य देश कीसर्वमान्य बोलचाल की भाषा के रूप में उभ...
मंदिरों में घूमती है  ब्रज की होली

मंदिरों में घूमती है ब्रज की होली

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यशोदानंद आनंदकंद, श्री कृष्ण चन्द्र की इस क्रीड़ास्थली में जिन स्थलों पर भगवान श्रीकृष्ण ने लीलाएं की वे तीर्थ बन गए । कहीं उसे मंदिर का प्रतीक दिया गया तो कहीं वन और कहीं उपवन का । भगवत् कृपा प्रसाद की प्राप्ति की आशा से ही ब्रज के त्यौहारों के प्रमुख केन्द्र से मंदिर बने हुए हैं । होली भी इसी श्रृंखला मंे मंदिरों के इर्द-गिर्द घूमती है । ब्रज के मंदिरों में वैसे तो होली की शुरूआत बसंत से होती है, जब मंदिरों में गुलाल की होली प्रारंभ हो जाती है, किन्तु होली को गति फाल्गुन की प्रथमा को मिलती है जब मंदिर द्वारिकाधीश में रसिया गायन शुरू हो जाता है । अष्टमी में चैत्रमास प्रारंभ होने तक प्रत्येक दिवस होली की अपनी अलग ही पंखुडी लाता है । प्रकृति ने तो सातों रंगों को प्रधानता दी है किन्तु ब्रज की होली में तो अनगिनत रंग हैं । अनगिनत रंग-बिरंगी पंखुड़ियां बरसाने की लठामार होली से लेकर पुरानी गोकु...
ट्रंप की भारत यात्रा- अब भारत, अमेरिका, इजराईल मिलकर कुचले इस्लामिक आतंकवाद को

ट्रंप की भारत यात्रा- अब भारत, अमेरिका, इजराईल मिलकर कुचले इस्लामिक आतंकवाद को

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अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप की आगामी सप्ताह शुरू हो रही भारत यात्रा के दौरान उनकी  प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी और अन्य भारतीय नेताओं के साथ आपसी और अंतरराष्ट्रीय मुद्दों पर बेबाकी से बात तो होगी ही। तब दोनों देशों को इस्लामिक आतंकवाद से एकजुट होकर लड़ने की रणनीति भी बना लेनी चाहिए। भारत के तो पड़ोस पाकिस्तान में ही आतंकवाद की फैक्ट्री धड़ल्ले से चल रही है। पाकिस्तान में बैठे आतंकियों के इशारों पर मुंबई हमले से लेकर पुलवामा तक का हादसा हुआ था। इसी तरह से अमेरिका भी इस्लामिक आतंकवाद से ही बुरी तरह का मारा हुआ है। डोनाल्ड ट्रंप भी अब यह मानते  हैं  कि नरेंद्र मोदी आतंकवाद से निपटने में पूरी तरह सक्षम हैं। पिछले साल अमेरिका के शहर ह्यूस्टन में 'हाउडी मोदी' इवेंट में मंच साझा करने के बाद प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने आतंकवाद के बढते  खतरों से निपटने के मसले पर...
सर्जिकल स्‍ट्राईक : भारत के नए संकल्‍प और आतंकवाद के खिलाफ नए नजरिए का एक नया अध्‍याय

सर्जिकल स्‍ट्राईक : भारत के नए संकल्‍प और आतंकवाद के खिलाफ नए नजरिए का एक नया अध्‍याय

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बालाकोट सर्जिकल स्‍ट्राईक : भारत का एतेहासिक मोड़ व खोयी हुई ताकत को पहचाना और दिखाया। सर्जिकल स्‍ट्राईक : संशय और भ्रमित माहौल के बीच, नरेंद्र मोदी सरकार ने दशकों पुरानी गहरी नींद से भारत को जगाया। राष्ट्र मौन, स्तब्ध और अवाक रहा। कुछ भयानक हुआ था, जिसने हर भारतीय को झकझोर कर रख दिया था। पुलवामा में 40 सीआरपीएफ कर्मियों की एक बटालियन पर हमला करने का घृणित कार्य वास्तव में मानव जाति के इतिहास में राज्य प्रायोजित आतंकवाद का सबसे निंदनीय उदाहरण है। पुलवामा एक ऐसी नृशंस साजिश है जो देश विरोधी तत्वों द्वारा तैयार की गई थी। और 1989 में आतंकवाद शुरू होने के बाद से यह कश्मीर में भारतीय राज्य पर होने वाले सबसे घातक, भयावह आतंकवादी हमलों में से एक है। हालांकि, यह वह दिन भी था जब प्रत्येक भारतीय ने अपने जवानों के बलिदान का सबसे जवाब देने का संकल्प लिया। यह भारतीय विश्वास के पुनरुत्थान का बि...
“एक सन्यासी का राष्ट्र के गृहमंत्री को संदेश”

“एक सन्यासी का राष्ट्र के गृहमंत्री को संदेश”

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सेवा में श्रीमान अमित शाह जी गृहमंत्री भारत सरकार नई दिल्ली विषय:एक सन्यासी का राष्ट्र के गृहमंत्री को संदेश महोदय, मुझे नही पता की मेरा यह पत्र आपको मिलेगा या नहीं मिलेगा। आप इस पत्र को पढ़ पाएंगे या नहीं पढ़ पायेंगे।मेरे जैसे लाखो साधु इस देश में हैं और आप इस महान राष्ट्र के यशस्वी महानायक हैं जिसके मजबूत कंधो पर सम्पूर्ण सनातन धर्म और भारत राष्ट्र की रक्षा का भार है।इस कारण से मुझे लगता है की ये लगभग असम्भव बात है की मेरा यह पत्र आप तक पहुँचे,फिर भी मैं सनातन धर्म का सन्यासी होने के कर्तव्य को पूरा करने के लिये आपको यह पत्र लिख रहा हूँ। 13 फरवरी 2020 को मैं दिल्ली विधानसभा के भा ज पा की हार को लेकर आपके बयान को सुन रहा था।आपके बयान को सुनकर मेरा दिल बैठ गया क्योंकि आपका बयान बहुत ही निराशाजनक और सच्चाई से परे था।मुझे नहीं लगता की ये आपका बयान हो सकता है।शायद आपके कुछ कायर, कम...
तो जिन्हें जेल में होना चाहिए वे बनेंगे  एम- एमएलए

तो जिन्हें जेल में होना चाहिए वे बनेंगे  एम- एमएलए

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यह कोई पुरानी बात नहीं है जब कत्ल, अपहरण, नरसंहार से लेकर विमान का अपहरण करने वाले भी हमारे यहां लोकसभा, विधानसभा आदि के चुनाव लड़ते ही नहीं थे,बल्कि जीत भी जाते थे। दुर्भाग्य है कि अब यह सिलसिला और भी बढ़ा है। अफसोस तो तब होता है जब हमारे यहां ऐसे कुख्यात अपराधी तत्व  सांसद और विधायक तक बन रहे हैं। पर सुप्रीम कोर्ट के ताजा फैसले के बाद तो यह लगता है कि अब यह सिलसिला बंद हो जायेगा या कम से कम इस पर रोक लगेगी। राजनीति में बढ़ते अपराधीकरण के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट ने सभी सियासी दलों से पूछा कि वे क्रिमिनल बैकग्राउंड वाले उम्मीदवारों को पार्टी कि टिकट क्यों दे रहे हैं? अब उन्हें इसकी वजह बतानी होगी और जानकारी अपने वेबसाइट पर भी देनी होगी। क्या इस फैसले के बाद अब भी कोई दल किसी अपराधी को टिकट देने का साहस करेगा। मीडिया रिपोर्टों के अनुसार, मौजूदा लोकसभा के 542 सांसदों में से 233 यानी 43 फीसदी सां...
ऑस्टियोआर्थराइटिस  : मिनिमली इनवेसिव सर्जरी से इलाज

ऑस्टियोआर्थराइटिस  : मिनिमली इनवेसिव सर्जरी से इलाज

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ऑस्टियोआर्थराइटिस रूमेटॉयड की दूसरी सबसे आम समस्या है, जो भारत में 40 प्रतिशत आबादी को अपना शिकार बनाए हुए है। यह एक प्रकार की गठिया (अर्थराइटिस) की समस्या है, जो एक या ज्यादा जोड़ों के कार्टिलेज के डैमेज होने के कारण होती है। कार्टिलेज प्रोटीन जैसा एक तत्व है जो जोड़ों के बीच कुशन का काम करते हैं। हालांकि, ऑस्टियोआर्थराइटिस किसी भी जोड़े को प्रभावित कर सकता है, लेकिन आमतौर पर यह हाथों, घुटनों, कूल्हों और रीढ़ के जोड़ों को प्रभावित करता है। यह समस्या जोड़ों में दर्द को पैदा करता है और समय के साथ यह दर्द तीव्र होता जाता है। यह समस्या आमतौर पर हड्डियों और जोड़ों का बचाव करने वाले कार्टिलेज के डैमेज होने से होती है। आज के दौर में यह समस्या बहुत ही आम और खतरनाक हो गई है, जो उम्र के साथ गंभीर होती जाती है। ऑस्टियोआर्थराइटिस शरीर के जोड़ों को खराब कर देती है, जैसे हाथ और उंगलियां, घुटने, कूल्हा,...
हिन्दू उत्कर्ष

हिन्दू उत्कर्ष

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  हिन्दू कोई धर्म नहीं है बल्कि भारतीय उपमहाद्वीप की एक जीवन शैली है। इस भूभाग में रहने वाला हर व्यक्ति हिन्दू है। इनमें कुछ सनातन धर्म को मानते हैं तो कुछ अन्य धर्मों को, जिन्हें भारत में अल्पसंख्यक कहा जाता है। इस भूभाग में रहने वाले सभी लोगों के पूर्वज हिन्दू सनातनी ही रहे हैं। विदेशी आक्रांताओं के आक्रमण और उनके शासन के कारण कुछ ने इस्लाम धर्म अपना लिया तो कुछ ने ईसाइयत को स्वीकार कर लिया। पर सभ्यता और संस्कृति के आधार पर सब हिन्दू ही कहे जाएंगे। इसलिए जब भारत के हिन्दू राष्ट्र की बात की जाती है तब इसमें सभी धर्मों के वे सभी लोग शामिल हो जाते हैं जिनके पूर्वज हिन्दू रहे हैं। वामपंथी इतिहासकारों ने अब तक इतिहास को अपने हिसाब से काफी तोड़ मरोड़कर प्रस्तुत किया है। भारत को बांटने के क्रम में इन्होंने अंबेडकर के उन लेखों को तो प्रोत्साहित किया जिसमें उन्होंने हिन्दू धर्म की कमियां ...
विश्वविद्यालयों में हिंसा  बड़े षड्यंत्र का हिस्सा

विश्वविद्यालयों में हिंसा  बड़े षड्यंत्र का हिस्सा

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जब से नरेंद्र मोदी सरकार आई है कांग्रेस, तृणमूल कांग्रेस, समाजवादी पार्टी, राष्ट्रीय जनता दल, भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी, माक्र्सवादी (सीपीएम), भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी (सीपीआई), भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी, माक्र्सवादी, लेनिनवादी (सीपीआई, एम एल) आदि जैसे जातिवादी इस्लामिक सांप्रदायिक (जाइसा) दलों के पेट में भीषण दर्द चल रहा है। इस जाइसा मोर्चे का नेतृत्व कर रहे हैं कांग्रेस और साम्यवादी-नक्सल दल जिनकी दिल्ली मीडिया में अच्छी-खासी पैठ है। कभी ये असहिष्णुता का रोना रोते हैं तो कभी जवाहरलाल नेहरू के 'आईडिया ऑफ इंडिया’ का, जिसमें धर्मनिरपेक्षता का अर्थ है इस्लामिक सांप्रदायिक कट्टरवाद को बढ़ावा देना और उदारवाद का मतलब है देशद्रोही ताकतों को शह देना। साम्यवाद रूझान वाले जवाहरलाल नेहरू के 'आईडिया ऑफ इंडिया’ ने देश को मानसिक स्तर पर ही विषाक्त नहीं किया, इसने भौतिक स्तर पर भी देश तोडऩे वाली देशद्र...
हमारी प्रमुख समस्या नागरिकता की पहचान अथवा गिरती हुई अर्थव्यवस्था?

हमारी प्रमुख समस्या नागरिकता की पहचान अथवा गिरती हुई अर्थव्यवस्था?

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मैं बहुत वर्षों से लिखता रहा हूं कि साम्यवाद दुनियां की सबसे खतरनाक विचारधारा है तथा इस्लाम सबसे अधिक खतरनाक संगठन। साम्यवाद से तो दुनियां धीरे धीरे मुक्त हो रही है किन्तु इस्लाम अभी चर्चा तक सीमित है। इस्लाम सारी दुनियां के लिये खतरनाक है यह बात पूरी तरह प्रमाणित हो गयी है किन्तु इस्लाम की बढ़ी हुई शक्ति और शेष समाज में मानवता की बढ़ी हुई धारणा के बीच दूरी इतनी अधिक है कि या तो लोग इस्लाम को उतना खतरनाक समझ नहीं रहे हैं अथवा उनकी संगठित शक्ति के आगे भयभीत हैं। धर्म के नाम पर आतंक का समर्थन करने वाला दुनियां का एक मात्र संगठन इस्लाम है। अन्य कोई भी संगठन धर्म के नाम पर आतंक को उचित नहीं मानता। इस्लाम अपने विस्तार के लिये हिंसा का भी समर्थन करता है। कुछ इस्लामिक देशों में ईश निंदा कानून जैसे घोर अमानवीय कानून भी खुले आम मान्यता प्राप्त हैं। किन्तु दुनियां की कोई अन्य विचार धारा इस प्रकार के...