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My-Stamp of India Post being misused – Should be replaced by Sponsored Postage Stamps

My-Stamp of India Post being misused – Should be replaced by Sponsored Postage Stamps

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It refers to media-reports depicting that some notorious ones from the under-world have managed to get issued postage-stamps with their photos printed under My-Stamp concept launched by India Posts where individuals can get their photos printed on postage-stamps to be used towards postal-tariff on payment of extra cost. There is no provision whereby My-Stamp concept may not be available for tax-defaulters and persons with criminal background. India Posts should immediately discontinue My-Stamp concept because practically there can be no provision whereby persons with such notorious background may not be able to get their photos printed on postage-stamps officially issued by India Posts. Instead India Posts should come up with sponsored postage-stamps with advertisements printed on posta...
ख़बरों के पीछे दौड़ती पत्रकारिता को थोड़ी रैड लाइट की जरूरत है।

ख़बरों के पीछे दौड़ती पत्रकारिता को थोड़ी रैड लाइट की जरूरत है।

BREAKING NEWS, CURRENT ISSUE, EXCLUSIVE NEWS, राज्य
( किसी भी मीडिया संस्थान की पहली खबर से अगर लोगों के चेहरे पर मुस्कान न आये तो वह कैसी पत्रकारिता ? आज देश भर के चैनलों और अख़बारों में खबर जहां जल्दी पहुंचाने पर जोर है, वहीं समाचार में वस्‍तुनिष्‍ठता, निष्पक्षता और सटीकता बनाए रखना भी बेहद जरूरी है। फेसबुक, व्हाट्सएप और ट्विटर जैसे सोशल नेटवर्क लोगों के लिए खबर का स्रोत बन गए हैं, लेकिन इनका कोई पत्रकारिता मानदंड नहीं है। ) आज  के दौर में सोशल मीडिया के बढ़ते प्रभाव के बीच मीडिया के लिए विश्वसनियता की अहमियत पहले से ज्यादा बढ़ गई है। आज देश भर के चैनलों और अख़बारों में खबर जहां जल्दी पहुंचाने पर जोर है, वहीं समाचार में वस्‍तुनिष्‍ठता, निष्पक्षता और सटीकता बनाए रखना भी बेहद जरूरी है। इंटरनेट और सूचना के आधिकार (आर.टी.आई.) ने आज की पत्रकारिता को बहुआयामी और अनंत बना दिया है। आज कोई भी जानकारी पलक झपकते उपलब्ध की और कराई जा सकती है। मी...
राजनीति में प्रतिभाशाली युवाओं की कमी लोकतंत्र के लिए खतरे की घंटी

राजनीति में प्रतिभाशाली युवाओं की कमी लोकतंत्र के लिए खतरे की घंटी

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( वर्तमान समय चिंताजनक स्थिति को दर्शाता है जहाँ युवाओं का राजनीति में भाग गिरता जा रहा है | आज हमारी संसद में 35 वर्ष से कम उम्र के मात्र 20% नेता ही है और उनमे से 70 से 90 प्रतिशत केवल पारिवारिक संबंधों द्वारा ही राजनीति में आये हैं | हार्दिक पटेल और कन्हैया कुमार जैसे युवा सक्रिय राजनीति में बहुत कम हिस्सा लेते हैं | ) एक देश का भविष्य इस बात पर निर्भर करता है कि वह कितना युवा है। 15-24 वर्ष के बीच के सभी  युवा, आमतौर पर कॉलेज जाने वाले छात्र होते हैं। उनके करियर विकल्प में इंजीनियर, डॉक्टर, शिक्षक, खेल, रक्षा और कुछ उद्यमी शामिल हैं। विशेष रूप से भारत के संदर्भ में, राजनीति को कैरियर विकल्प के रूप में बहुत कम लिया जाता हैं। इस प्रकार दुनिया के सबसे बड़े लोकतंत्र को परिभाषित करने और नेतृत्व करने के लिए राजनीति में युवा प्रतिभाशाली दिमागों की भारी कमी है। यह स्थान उन लोगों द्वारा लिया...
क्या MSP किसानों की सब सब समस्याओं की जड़ है ?

क्या MSP किसानों की सब सब समस्याओं की जड़ है ?

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नमष्कार मित्रों आज हम चर्चा करेंगे ।कि कैसे सनातन मिश्रित खेती पूंजीवादी खेती से हरेक पैमाने पर अच्छी है ।पूंजीवादी खेती की तुलना में मिश्रित खेती किसान के लिए भी अधिक उपयोगी है ।और उपभोक्ता के लिए भी अधिक उपयोगी है। हम चर्चा करेंगे कि क्यों और कैसे पूंजीवादी खेती के कारण किसान केवल और केवल सरकार और पूंजीवादी कम्पनीओं पर निर्भर हो रहा है। और मिश्रित खेती किसान को  कैसे आत्महत्या से  बचा सकती है। और मिश्रित खेती से उपभोक्ता को कैसे सही दाम पर रसायन रहित उत्पादन मिल सकता है | आजकल जो खेती की जा रही है। उसमें एक स्थान पर केवल एक ही तरह की फसल उगाई जाती है ।जैसे कि पंजाब में केवल धान और गेहूं की फसल ही उगाई जाती है ।पूंजीवादी खेती का मूल मंत्र है ।कि किसान अपनी सारी की सारी फसल बाजार में बेचे ।और अपनी जरूरत का सारा समान बाजार से खरीदे ।जैसे कि अगर किसान धान और गेहूं बेचता है। तो उसको सब्जी,...
कैसे कुचला जाए उमर खालिद-शेहला रशीद जैसे राष्ट्रद्रोहियों को

कैसे कुचला जाए उमर खालिद-शेहला रशीद जैसे राष्ट्रद्रोहियों को

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कुछ हफ्ते पहले ही राजधानी के अखबारों में तिहाड़ जेल की तरफ जाते हुए दिल्ली में  इस साल के शुरू में भड़के दंगों के मुख्य अभियुक्त उमर खालिद के माता-पिता और बहन को दिखाया गया था। सच में उस चित्र को देखकर किसी भी संवेदनशील इंसान का मन उदास हो गया था कि किस तरह से एक पुत्र के कुकृत्यों के कारण उसके पूरे परिवार वाले धक्के खाते फिरते हैं।  अब एक महत्वपूर्ण खबर कश्मीर से आ रही है कि उमर खालिद की तरह ही जेएनयू की पूर्व छात्र नेता शेहला रशीद के पिता अब्दुल राशिद शोरा ने जम्मू-कश्मीर के डीजीपी को पत्र लिखकर यह दावा किया है कि उन्हें अपनी बेटी से ही जान का खतरा है। अब्दुल राशिद शोरा ने जम्मू-कश्मीर के पुलिस महानिदेशक को लिखे गए पत्र में अपनी बेटी पर यह संगीन आरोप लगाया कि शेहला रशीद देश विरोधी गतिविधियों में पूरी तरह शामिल है। जरा सोचिए कि किसी पिता पर अपनी पुत्री पर इतने गंभीर आरोप लगाते हुए क्या ग...
Unfair and anti-constitutional stand of Shiv Sena on setting up film-industry in Noida (UP)

Unfair and anti-constitutional stand of Shiv Sena on setting up film-industry in Noida (UP)

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It refers to opposition by Shiv Sena to decision of UP government to set a big film-industry with all facilities at Greater Noida (near Yamuna expressway) in size double the area presently Bollywood film-industry has available for shooting films and TV serials. India is one nation, and every state has right to take decisions on starting new innovative projects of larger public-interest. As such UP is not snatching anything from Mumbai or Maharashtra. Such opposition was not even witnessed in Jammu and Kashmir when it was full state before abolishing article 370 and 35-A of the constitution. Film-industry is not monopoly of any particular city or state as is being claimed by Shiv Sena. It would have been better if Shiv Sena through its hold on Maharashtra legislature and Bombay civic bod...
रेलवे की मनमानी

रेलवे की मनमानी

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चुनावों रैलियों की भीड़ से कोरोना नहीं हो रहा.. दारू की दुकानों से कोरोना नहीं हो रहा... अहमद पटेल के जनाजे में उमड़ी भीड़ से कोरोना नहीं हुआ.. लेकिन रेलवे को *जानबूझकर* बंद रखा गया है... इसी सम्बन्ध में कुछ जायज़ सवाल हैं.. गौर कीजिए.. कोई पूछ नही रहा है कि रेलवे आखिर रेगुलर ट्रेन वापस कब चलाएगा ?...........पूरे 10 महीने होने को आए हैं कोरोना की वजह से सामान्य ट्रेनों का संचालन जो बन्द किया गया था उसे अब तक शुरू नही किया गया है थोड़ी बहुत स्पेशल ट्रेनें चला दी गयी है उसमे भी किराया 20 से 30 प्रतिशत बढ़ा कर लिया जा रहा है रेलवे ने पहले 12 अगस्त तक रेगुलर ट्रेन सेवा बंद करने का फैसला लिया था फिर उसे कोरोना केसेस की बढ़ती संख्या के नाम पर 30 सितंबर तक बढ़ाया ............30 सितंबर के बाद अब तक कोरोना केसेस मिलने की रफ्तार आधी रह गयी है लेकिन रेगुलर ट्रेनों का संचालन अब भी बन्द है......... आम जन...
एमएसपी की जगह किसान को अगर अपनी फसल का मनमाना दाम चाहिए तो उनको ये काम करने पड़ेंगे

एमएसपी की जगह किसान को अगर अपनी फसल का मनमाना दाम चाहिए तो उनको ये काम करने पड़ेंगे

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१) सामान्यतः देश को जितनी आवश्यकता है उससे दोगुना अनाज उगाया जा रहा है। ऐसे में अनाज गोदामों में सड़ता है व शराब बनाने वाली कम्पनियाँ उनको सस्ते में ख़रीद लेती हैं। बेहतर हो कि किसान कम मात्रा में उगाए किंतु अच्छी गुणवत्ता का अनाज उगाए व ज़ेविक कृषि की ओर बढ़े तो उसको अपनी फसल के दाम मनचाहे मिलने शुरू हो जाएँगे। क्योंकि ऐसे अनाज की माँग अधिक होगी व आपूर्ति काम तो दाम बढ़ेंगे। २) किसान देश में मांसाहार पर प्रतिबंध लगाने अथवा सीमित करने की माँग करे क्योंकि इसके कारण लोग अनाज कम खाते हैं व किसान का अनाज सस्ते में बिकता है। मांसाहार पर प्रतिबंध लगने से अनाज की माँग बढ़ जाएगी व दाम भी। ३) किसान नक़दी फसलें, फल व सब्ज़ी का उत्पादन बढ़ाए जो उसको अतिरिक्त आमदनी करवाएँगे। इसके साथ ही पूर्व की तरह गाय , भेंस आदि दूध देने वाले पशुओं का पालन पुन शुरू करें जो उनकी सेहत भी सुधरेगा और आमदनी भी। ४) छोट...
काश्मीर में स्वस्थ राजनीति का दौर चले

काश्मीर में स्वस्थ राजनीति का दौर चले

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केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह ने हाल ही में नैशनल कॉन्फ्रेंस, पीडीपी, पीपल्स कॉन्फ्रेंस और सीपीआईएम रूपी पीपल्स अलायंस फॉर गुपकार डिक्लेरेशन (पीएजीडी) नामक राजनीतिक मोर्चा पर तीखा हमला बोलते कहा कि गुपकार गैंग जम्मू-कश्मीर को फिर से आतंक, हिंसा, अशांति और उत्पात के दौर में ले जाना चाहता है। यह गुपकार राजनीतिक दल राज्य में स्थानीय निकायों के चुनाव लड़ रहा है। अभी तक कांग्रेस का इनके साथ घोषित तौर पर कोई समझौता नहीं है, लेकिन स्थानीय स्तर पर सीटों का तालमेल होने की चर्चा है। गुपकार की बढ़ती सक्रियता से कहीं कश्मीर में शांति, अमन एवं लोकतांत्रिक प्रक्रिया पर फिर से अंधेरे ना छाये? गृहमंत्री ने गुपकार को एक राजनीतिक दल की बजाय एक गैंग कहकर संबोधित किया है, इससे भले ही कुछ लोग सहमत न हो, लेकिन इसे गैंग कहने के कुछ तो कारण रहे होंगे। एक पूरा वातावरण जो मिल रहा है, परिवेश निर्मित किया जा र...
बिडेन, मोदी और भारत-अमेरिका संबंधों के बदलते आयाम

बिडेन, मोदी और भारत-अमेरिका संबंधों के बदलते आयाम

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बड़वा (सिवानी) भिवानी, हरियाणा – 127045 मोबाइल :9466526148,01255281381 जो बिडेन संयुक्त राज्य अमेरिका के अगले राष्ट्रपति बन गए हैं। उन्होंने रिपब्लिकन उम्मीदवार और पूर्व राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प को हराया है। वर्तमान दुनिया में अमेरिका सबसे प्रभावशाली देश है, इसलिए अमेरिका में सत्ता परिवर्तन का दुनिया के अधिकांश देशों पर प्रभाव पड़ेगा। भारत कुछ समय के लिए अमेरिका के महत्वपूर्ण सहयोगी के रूप में सामने आ रहा था। अमेरिका में हाउडी मोदी और भारत में नमस्ते ट्रम्प दोनों देशों के नेताओं के बीच घनिष्ठ अंतरंगता का परिणाम थे। इस स्थिति में, अमेरिका में सत्ता परिवर्तन से भारत और अमेरिका के संबंधों के आयाम भी बदल जाएंगे। अपने विजय भाषण में, उन्होंने एकता के एक संदेश पर जोर दिया और कहा कि अब समय आ गया है कि "अमेरिका की आत्मा को ठीक करो और पुनर्स्थापित करो।" मैं एक ...