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Land bank needed for solar power projects

Land bank needed for solar power projects

EXCLUSIVE NEWS, TOP STORIES, साहित्य संवाद
Acquiring land for setting up solar power projects is one of the biggestchallenges for solar project developers in India. Solar power project requirelarge track of land and the cost of land is critical in reducing the overallproject costs.To set up solar power project of one megawatt capacity ,around 6000square metre ( around 1.5 acre ) of land is required .By end of December, 2023, India’s installed capacity for solar power wasaround 74 GW and around 45GW of wind power. With the target ofachieving 500GW of renewable power projects by 2030, India has to increasethe installed capacity of solar power projects multifold.To ensure that India would be able to have high solar power installedcapacity by 2030 commensurate with the target of 500 GW for renewableenergy, it is absolutely necessa...
<strong>CLIMATE CHALLENGE – </strong>IS  GLOBAL ZERO EMISSION TARGET

CLIMATE CHALLENGE – IS  GLOBAL ZERO EMISSION TARGET

EXCLUSIVE NEWS, TOP STORIES, राष्ट्रीय
N.S.Venkataraman                                                                         ACHIEVABLE ? The State of the Global Climate report by the World Meteorological Organization (WMO) confirmed that the year 2023 was the warmest year on record., with the  global temperature of 1.4 deg.Celsius above pre industrial 1850 -1900 baseline. In a subsequent report  published in March,2024, the World Meteorological Organization said that while the year 2023  capped off the warmest 10-year period on record ,   even hotter temperatures are expected  in the year 2024. It confirmed its fear   that there is a high probability that 2024 will again break the record of 2023. Global temperature rise would inevitably lead to several adverse consequences ...
लोकसभा चुनावों में नारी शक्ति वंदन

लोकसभा चुनावों में नारी शक्ति वंदन

EXCLUSIVE NEWS, TOP STORIES, विश्लेषण, साहित्य संवाद
राहुल का एक और बयान या फिर एक और सेल्फ गोल ?मृत्युंजय दीक्षितलोकसभा चुनाव 2024 की रणभेरी बज चुकी है, सभी राजनैतिक दलों ने अपनी रणनीतियों को अंतिम रूप देना प्रारम्भ कर दिया है । नेता मतदाताओं को रिझाने के लिए गर्मागर्म बयानबाजियां कर रहे हैं। एक ओर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की गारंटियों और “अबकी बार 400 पार” के नारे के साथ एनडीए गठबंधन ने मनोवैज्ञानिक बढ़त बना ली है तो वहीं दूसरी ओर कांग्रेस के नेतृत्व में इंडी गठबंधन भी मैदान में उतर चुका है। इंडी गठबंधन जैसे ही ताकत लगाकर खड़ा होता है वैसे ही उसके नेता राहुल गाँधी ही उसकी टांग खींचने वाला काम कर देते हैं । मुंबई में राहुल गांधी की “भारत जोड़ो न्याय यात्रा” पार्ट -2 का समापन हुआ जिसमें कई महत्वपूर्ण नेता शामिल हुए लेकिन समापन कार्यक्रम में राहुल के अति उत्साह से भरे बयान ने कांग्रेस और इंडी गठबंधन को एक बार फिर बैकफुट पर धकेल दिया।राहुल ज...
आम चुनाव में अर्जुन की आंख चाहिए

आम चुनाव में अर्जुन की आंख चाहिए

EXCLUSIVE NEWS, TOP STORIES, राष्ट्रीय, सामाजिक
- ललित गर्ग-लोकसभा चुनाव का बिगुल बज चुका है और चुनाव का माहौल गरमा रहा है। चुनावों की तारीखें घोषित किए जाने के साथ ही जैसी कि उम्मीद थी, सत्तापक्ष और विपक्ष के बीच तीखी बयानबाजी और तेज हो गई। कौरव रूपी विपक्षी दल एवं पाण्डव रूपी भाजपा के बीच इस चुनाव में असली जंग सत्य और असत्य के बीच है। सत्ता पक्ष और विपक्ष की यह नोक-झोंक ही तो लोकतंत्र की खूबसूरती है, यह जितनी शालीन एवं उग्र होगी, लोकतंत्र का यह महापर्व कुंभ उतना ही ऐतिहासिक एवं खास होगा। भारत दुनिया का सबसे बड़ा लोकतन्त्र है और उदार बहुदलीय राजनैतिक प्रणाली का जीवन्त उदाहरण है जिसकी वजह से चुनावों का समय एवं प्रचार विविधतापूर्ण, आक्रामक व रंग-रंगीला होना ही है मगर इसमें कहीं भी कड़वापन, उच्छृंखलता और आपसी रंजिश का पुट नहीं आना चाहिए। इस बार के चुनाव में जहां भाजपा नेतृत्व अगले 20 वर्षों का विजन पेश कर रहा है, वहीं कांग्रेस नेतृत्व इस...
यह बांड की राजनीति

यह बांड की राजनीति

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इलेक्ट्रोल बॉन्ड से अडानी अम्बानी का नाम गायब है बस इसी से राहुल सहित पूरे विपक्ष के मुंह पर जूता पड़ गया है-अच्छा डोनेशन हर पार्टी प्राप्त करती है-जो पार्टी सत्ता में रहती है वह अधिक पाती है, और जो विपक्ष में है उसे कम मिलता है —और यह कोई गुप्त रहस्य नहीं बल्कि राजनीति का आदिकालीन सुस्थापित सत्य है,जिस इंडीविजुअल या कंपनी का जिस पार्टी को सपोर्ट करने का मन हुआ उसने उसे इलेक्टोरल बाँड्स के माध्यम से पैसा दिया-यहाँ प्रश्न यह है कि मेरी धनसंपदा सिर्फ मेरी है - मैं जिसे मर्जी उसे दूँ. . . इसमे अनुचित क्या है-?कि कोई इसे “स्कैम” कहने की मूर्खतापूर्ण हेकड़ी दिखाये-??? लेकिन युवराज न केवल इसे स्कैम कह रहा हैं, बल्कि खुलेआम उन उद्योगपतियों / उद्योग-समूहों को धमका भी रहा हैं कि जिस दिन हम पॉवर में आ गये उस दिन तुम्हारा जीना हराम कर देंगे- और धमकी देने की क्या वजह है? वजह है खुद को कम और भा...
सोने की कीमत में अभूतपूर्व वृद्धि

सोने की कीमत में अभूतपूर्व वृद्धि

EXCLUSIVE NEWS, TOP STORIES, आर्थिक, विश्लेषण, समाचार
सोना उछल रहा है, अंतरराष्ट्रीय बाजार में सोने की कीमत बढ़ने से भारत में भी दाम में वृद्धि हुई है. बीते पांच मार्च को ही 24 कैरेट सोने की कीमत 66,000 रुपये प्रति 10 ग्राम के स्तर को पार कर गयी, जो अब तक की अधिकतम कीमत है. बाजार के बंद होने से आठ मार्च से दस मार्च तक यह कीमत 66,021 रुपये बनी रही. अंतरराष्ट्रीय बाजार में पांच मार्च को एक औंस सोने की कीमत 2,126 डॉलर हो गयी. वर्ष 2024 के दो महीनों में मूल्य में 2.5 प्रतिशत की बढ़ोतरी हुई. ऐसे में 14 से 18 फरवरी के दौरान 12.8 टन सोने की कीमत के बराबर सॉवरन गोल्ड बॉन्ड की खरीद हुई क्योंकि इसमें निवेशकों को सोने से ज्यादा फायदा हुआ. सोने की कीमत का अनुमान लगाने वाली कुछ प्रमुख एजेंसियों में एक एबीएन एमरो के अनुसार 2024 में सोने की कीमत 2,000 डॉलर प्रति औंस रह सकती है, वहीं डीबीएस का अनुमान 2,050 डॉलर प्रति औंस है. टीडी सिक्योरिटीज का अनुमान ह...
<strong>इंडिया गठबन्धन की उलझनों से भाजपा की राह आसान</strong>

इंडिया गठबन्धन की उलझनों से भाजपा की राह आसान

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-ललित गर्ग-इंडिया गठबन्धन लगातार कमजोर होता हुआ दिखाई दे रहा है जबकि केंद्र की सत्ता पर काबिज राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन-एनडीए में नये दलों के जुड़ने की खबरों से उसके बड़े लक्ष्य के साथ जीत की राह आसान होती जा रही है। लोकसभा चुनाव में भारतीय जनता पार्टी ने अपने सहयोगी दलों के साथ 400 सीटें जीतने का लक्ष्य निश्चित किया है। भाजपा जहां इस बडे़ लक्ष्य तक पहुंचने के लिए पुराने सहयोगियों को फिर से साध रही है तो दूसरे दलों के नेताओं को अपने पाले में करने पर भी पार्टी का जोर है और वह इसमें बड़ी सफलताओं को प्राप्त कर रही है। ओडिशा में बीजेडी और आंध्र में टीडीपी से गठबंधन पक्का माना जा रहा है। त्रिपुरा का मुख्य विपक्षी दल टिपरा मोथा भी अब भाजपा सरकार में शामिल हो गया है। भाजपा पूरब से पश्चिम और उत्तर से दक्षिण तक चुनावी समीकरण सेट करने एवं विभिन्न दलों को एनडीए में शामिल करने की रणनीति में जुट...
मजबूर होती कांग्रेस

मजबूर होती कांग्रेस

EXCLUSIVE NEWS, TOP STORIES, विश्लेषण
कमलनाथ और उनके सांसद बेटे नकुल नाथ के खंडन को भले ही स्वीकार कर लें परंतु भाजपा के बढ़ते प्रभाव और कांग्रेस की कमजोर पड़ती सत्ता से कांग्रेसियों में भगदड़ मची हुई है। दरअसल कांग्रेस के राजनीतिक जहाज में सवार नेताओं को अपना भविष्य डूबने का खतरा सता रहा है। यही वजह है कि कांग्रेस की हालत आयाराम-गयाराम जैसी हो गई है। लोकसभा चुनाव से पहले कांग्रेस छोडऩे वाले नेताओं की लंबी फेहरिस्त सामने आ चुकी है। यह सिलसिला लोकसभा चुनाव तक चलते रहने की उम्मीद है। कांग्रेस में बदहवासी का आलम यह है कि हिमाचल प्रदेश में कांग्रेस की सरकार गिरते-गिरते बची है। राज्यसभा के निर्वाचन में हुई क्रास वोटिंग का सर्वाधिक खामियाजा कांग्रेस ने भुगता है। क्रास वोटिंग करने वाले नेताओं को इस बात का अंदाजा लग गया कि इस राजनीतिक पार्टी में भविष्य सुरक्षित नहीं है। यही वजह रही कि बहती गंगा में हाथ धोने से कांग्रेस के नेता...
<strong>कौन करता है नौकरीपेशा औरतों को परेशान</strong>

कौन करता है नौकरीपेशा औरतों को परेशान

EXCLUSIVE NEWS, TOP STORIES, विश्लेषण, साहित्य संवाद
आर.के. सिन्हा अब सामाजिक, व्यापारिक, संस्थागत जीवन का शायद ही कोई इस तरह का क्षेत्र बचा हो, जिधर महिलाएं नौकरी के लिए न जाती हों। खेत-खलिहानों, बैंकों,सरकारी और निजी दफ्तरों से लेकर घरों में चूल्हा-चौका करके अपने परिवार की आर्थिक मदद करने में आधी दुनिया किसी भी तरह से मर्दों से पीछे नहीं हैं। कहा जा सकता है कि अब देश में करोड़ों महिलाएं कार्यशील हैं। देश में बढ़ती साक्षरता के चलते नौकरीपेशा औरतों की संख्या लगातार बढ़ती ही जा रही है। जाहिर है, उन्हें घरों से निकलकर अपने दफ्तरों और फैक्ट्रियों में तो जाना होता ही है। आपको हजारों औरतें विभिन्न संस्थानों में नाइट ड्यूटी करते हुए भी मिलेंगी। पर अपने दफ्तर या फिर स्कूलों-कालेजों में जाने वाली लड़कियों और महिलाओं को कुछ विक्षिप्त मानसिकता के लोग परेशान करते रहते हैं। वे उनके (महिलाओं) के पीछे पड़ ही जाते हैं। उन्हें वे ...
<strong>बिहारी क्रिकेटर कब खेलेंगे टीम इंडिया से</strong>

बिहारी क्रिकेटर कब खेलेंगे टीम इंडिया से

EXCLUSIVE NEWS, TOP STORIES, राज्य
आर.के. सिन्हा   मौजूदा भारत और इंग्लैंड के बीच चल रही पांच टेस्ट मैचों की सीरीज में बिहार के दो नव युवा खिलाड़ी –आकाशदीप और मुकेश कुमार ने शानदार प्रदर्शन करके अपनी प्रतिभा से क्रिकेट प्रेमियों का दिल जीत लिया। पर यह बिहार का दुर्भाग्य ही कहा जायेगा कि दोनों खिलाड़ी बिहार की टीम से नहीं खेलते। यह दोनों खेलते हैं बंगाल की टीम से रणजी ट्रॉफी में। इसकी वजह यह है कि बिहार में क्रिकेट मैनेजमेंट तार-तार हो चुका है। आकाशदीप का संबंध बिहार के रोहतास जिले से है। आकाशदीप ने रांची टेस्ट मैच में अपनी सधी हुई गेंदबाजी की बदौलत इंग्लैंड टीम के तीन खिलाड़ियों को आउट करके सनसनी मचा दी थी। उनके दादा निशान सिंह स्वाधीनता सेनानी थे। अब आकाशदीप 7 मार्च से शुरू होने वाले पांचवें और आखिरी टेस्ट मैच के लिए हिमाचल प्रदेश जाएंगे और भारतीय क्रिकेट टेस्ट टीम का हिस्सा बनेंगे। उनकी तरह ही ...