
कोरोना कहर से बदली जिन्दगी को स्वीकारें
कोरोना महासंकट ने हमारी सोच एवं संवेदना ही नहीं बदली बल्कि हमारा सम्पूर्ण जीवन बदल दिया है। जनसंख्या की दृष्टि से विश्व का दूसरा सबसे बड़ा और लोकतंत्र व्यवस्था में सबसे बड़ा राष्ट्र, कोरोना महामारी को नियंत्रित करने में अब तक सफल रहा हैं। हमने भी देशव्यापी लाॅकडाउन, सोशल डिस्टेंसिग, निजी स्वच्छता, संयम, आत्मबल जैसे उपायों से कोरोना वायरस के भयावह प्रसार को रोकने की कोशिश की है। सामुदायिक व्यवहार में इस संयम, स्व-विवेक, सादगी एवं अनुशासन के अभीष्ट परिणाम भी मिले हैं। जहां-जहां इन उपायों का कड़ाई से पालन किया गया है, वहां पर रोगियों की संख्या तथा मृत्यु दर में कमी दर्ज की गई है। इसके विपरीत जहां इन उपायों का उल्लंघन या उनके पालन में ढिलाई बरती गई, वहां पर रोगियों की संख्या में तेजी देखी गई है। अब कोरोना असली चुनौती बन रहा है। अभी हमें पूरी सावधानी एवं सतर्कता बरतनी होगी, अन्यथा कोरोना क...