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केरल में भारत माता का अपमान यह केवल चित्र नहीं देश की आत्मा पर चोट है!

केरल में भारत माता का अपमान यह केवल चित्र नहीं देश की आत्मा पर चोट है!

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केरल में भारत माता का अपमान यह केवल चित्र नहीं देश की आत्मा पर चोट है! अजय कुमार,वरिष्ठ पत्रकार भारत माता… एक ऐसा नाम, एक ऐसा भाव, जो करोड़ों भारतीयों के दिल की धड़कन है। जब कोई "भारत माता की जय" बोलता है, तो ये केवल एक नारा नहीं होता, बल्कि एक ऐसी पुकार होती है, जिसमें देशभक्ति, श्रद्धा और मातृत्व का गहरा बोध समाहित होता है। लेकिन दुर्भाग्य देखिए, उसी भारत माता की तस्वीर अब देश के भीतर विवाद की जड़ बन रही है। जिस तस्वीर के सामने स्वतंत्रता सेनानी सिर झुकाकर बलिदान की प्रेरणा लेते थे, उसे देखकर अब केरल के एक मंत्री की आंखें चुभने लगी हैं। केरल के कृषि मंत्री पी प्रसाद ने पर्यावरण दिवस पर राजभवन में आयोजित कार्यक्रम का सिर्फ इसलिए बहिष्कार कर दिया क्योंकि मंच पर भारत माता की तस्वीर लगी थी। यह घटना एक प्रतीक भर नहीं है, यह उस वैचारिक युद्ध की प्रत्यक्ष झलक है जो अब भारत की आत्मा से टक...
भारतीय अध्यात्म जगत के महासूर्य हैं कबीर | संत कबीर जन्म जयन्ती- 11 जून, 2025

भारतीय अध्यात्म जगत के महासूर्य हैं कबीर | संत कबीर जन्म जयन्ती- 11 जून, 2025

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संत कबीर जन्म जयन्ती- 11 जून, 2025 भारतीय अध्यात्म जगत के महासूर्य हैं कबीर- ललित गर्ग - भारतीय संत परम्परा और संत-साहित्य में संत कबीर एक महान् हस्ताक्षर, समाज-सुधारक, अध्यात्म की सुदृढ़ परम्परा के संवाहक एवं अनूठे संत हैं। जब भारतीय समाज और धर्म का स्वरूप रूढ़ियों एवं आडम्बरों में जकड़ा एवं अधंकारमय था, एक तरफ मुसलमान शासकों की धर्मांधता से जनता त्राहि-त्राहि कर रही थी और दूसरी तरफ हिंदूओं के कर्मकांडों, विधानों एवं पाखंडों से धर्म-बल का हृास हो रहा था, तब संत कबीर एक रोशनी बनकर समाज को दिशा दी। कबीर ने मानव चेतना के विकास के हर पहलू को उजागर किया। श्रीकृष्ण, श्रीराम, महावीर, बुद्ध, जीसस के साथ-ही-साथ भारतीय अध्यात्म आकाश के अनेक संतों-आदि शंकराचार्य, नानक, रैदास, मीरा आदि की परंपरा में कबीर ने धर्म की त्रासदी एवं उसकी चुनौतियों को समाहित करने का अनूठा कार्य किया। जीवन का ऐसा कोई ...
भारत में लगातार घटती गरीबी एवं बढ़ती धनाडयों की संख्या

भारत में लगातार घटती गरीबी एवं बढ़ती धनाडयों की संख्या

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भारत में लगातार घटती गरीबी एवं बढ़ती धनाडयों की संख्या वैश्विक स्तर पर वित्तीय संस्थान अब यह स्पष्ट रूप से मानने लगे हैं कि विश्व में भारत की आर्थिक ताकत बहुत तेजी से बढ़ रही है। हाल ही में जारी किए गए एक सर्वे रिपोर्ट में यह बताया गया है कि भारत में पिछले बीते वर्ष में उच्च नेटवर्थ व्यक्तियों की संख्या एवं उनकी संपतियों में अतुलनीय वृद्धि दर्ज हुई है। जबकि विश्व के कई देशों विशेष रूप से विकसित देशों में उच्च नेटवर्थ व्यक्तियों की संख्या एवं इनकी सम्पत्ति में वृद्धि दर लगातार नीचे गिर रही है। इसका आश्य तो अब यही लगाया जा सकता है विश्व में आर्थिक शक्ति अब पश्चिम से पूर्व की ओर स्थानांतरित हो रही है। भारत में जिस व्यक्ति की शुद्ध सम्पत्ति 5 करोड़ रुपए या उससे अधिक होती है उसे उच्च नेटवर्थ व्यक्ति (HNWI) कहा जाता है। पिछले वर्ष भारत में उच्च नेटवर्थ व्यक्तियों की औसत सम्पत्ति 8.8 प्रति...
“Start Strong, Dream Big – Build Your Future with Career Plus Foundation Courses!”

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आईएएस अधिकारी: ड्यूटी या डिजिटल स्टारडम?

आईएएस अधिकारी: ड्यूटी या डिजिटल स्टारडम?

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आईएएस अधिकारी: ड्यूटी या डिजिटल स्टारडम?"प्रशासन से पॉपुलैरिटी तक: आईएएस अधिकारियों का डिजिटल सफर""आईएएस अधिकारी: सोशल मीडिया स्टार या सच्चे सेवक?" आईएएस अधिकारियों का सोशल मीडिया पर बढ़ता रुझान एक नई चुनौती बनता जा रहा है। वे इंस्टाग्राम, यूट्यूब और ट्विटर पर नीतियों से जुड़ी जानकारियाँ और प्रेरणादायक कहानियाँ साझा कर रहे हैं, जो जागरूकता बढ़ा सकती हैं। लेकिन क्या यह डिजिटल स्टारडम उनकी वास्तविक प्रशासनिक जिम्मेदारियों से समझौता है? व्यक्तिगत छवि बनाने की होड़ में पारदर्शिता और निष्पक्षता प्रभावित हो सकती है। ऐसे में एक संतुलन जरूरी है, जहां अधिकारी डिजिटल दुनिया में सक्रिय रहते हुए भी जनता की सेवा को प्राथमिकता दें। आईएएस अधिकारी: ड्यूटी या डिजिटल स्टारडम? भारत में सिविल सेवा हमेशा से ही सम्मान और प्रतिष्ठा का प्रतीक रही है। एक आईएएस अधिकारी का दायित्व न केवल नीतियों को लागू कर...
ऑपरेशन सिंदूर पर प्रधानमंत्री का राष्ट्र को संबोधन

ऑपरेशन सिंदूर पर प्रधानमंत्री का राष्ट्र को संबोधन

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ऑपरेशन सिंदूर पर प्रधानमंत्री का राष्ट्र को संबोधनऑपरेशन सिन्दूर न्याय की अखंड प्रतिज्ञा हैआतंकवाद व उसको पोषित करने वालों को कड़ा संदेशमृत्युंजय दीक्षितपहलगाम की वीभत्स घटना और आपरेशन सिंदूर के बाद प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने 12 मई –बुद्ध पूर्णिमा के दिन देश को पहली बार संबोधित किया । पूरा देश इस संबोधन की सांस थामे प्रतीक्षा कर रहा था क्योंकि अचानक सीज फायर सुनकर सब हतप्रभ थे – ये क्या हुआ ? हम तो पाकिस्तान को जीत रहे थे? देश में अजीब सी छटपटाहट फ़ैल गई थी। प्रधानमंत्री आए, भारतवासियों से बात की और सब कुछ शीशे की तरह स्पष्ट हो गया। प्रधानमंत्री ने आतंकवाद व पाकिस्तान पर भारत की रणनीति स्पष्ट करते हुए अपने देशवासियों के साथ साथ वैश्विक समुदाय को भी संबोधित किया और कुछ राष्ट्रों को उनके दोहरे रवैये पर कड़ा संदेश दिया।प्रधानमंत्री मोदी ने सर्वप्रथम ऑपरेशन सिंदूर की अभूतपूर्व सफलता पर देशव...
युद्धविराम के पीछे का सच

युद्धविराम के पीछे का सच

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युद्धविराम के पीछे का सच-डॉ.सत्यवान सौरभ युद्धविराम पर चर्चा से पहले यह समझना जरूरी है कि किसी भी देश का प्रमुख उद्देश्य अपने नागरिकों की सुरक्षा और संप्रभुता की रक्षा होता है। भारत के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की प्राथमिकता भी यही है – देश की अखंडता और जनता की सुरक्षा। लेकिन जब कोई युद्धविराम होता है, तो उसके पीछे केवल सैन्य कारण नहीं, बल्कि कई कूटनीतिक, सांस्कृतिक और मानवीय कारक भी काम कर रहे होते हैं। कुछ आलोचक पिछले कुछ दिनों से प्रधानमंत्री मोदी पर युद्धविराम के फैसले को लेकर सवाल उठा रहे हैं। यह स्वाभाविक है कि लोग भावनात्मक रूप से आहत हों, खासकर जब हाल ही में पहलगाम में हुए हमले जैसे घटनाक्रम सामने आए हों। लेकिन क्या यह उचित है कि केवल आवेश में आकर किसी निर्णय की निंदा की जाए? आइए, इस पूरी स्थिति को थोड़े गहराई से समझते हैं। 1. परमाणु हमले का संभावित खतरा: पिछले कुछ दि...
कोहली का टेस्ट संन्यास: क्रिकेट के सबसे महान अध्यायों में से एक

कोहली का टेस्ट संन्यास: क्रिकेट के सबसे महान अध्यायों में से एक

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कोहली का टेस्ट संन्यास: क्रिकेट के सबसे महान अध्यायों में से एक -डॉ सत्यवान सौरभ भारतीय क्रिकेट के महान इतिहास में विराट कोहली का नाम ऐसे चमकता है जैसे कोई सितारा। पिछले चौदह वर्षों में कोहली ने एक ऐसी धरोहर बनाई है, जो न केवल उनके अभूतपूर्व आंकड़ों के लिए बल्कि खेल के प्रति उनकी जुनून, तीव्रता और नेतृत्व क्षमता के लिए भी याद रखी जाएगी। जैसे ही वे टेस्ट क्रिकेट से विदा लेते हैं, यह केवल एक खिलाड़ी का नहीं, बल्कि क्रिकेट के इतिहास का एक ऐसा अध्याय है जो आने वाली पीढ़ियों तक चर्चा का विषय रहेगा। विराट कोहली, जिन्हें आधुनिक क्रिकेट के महानतम खिलाड़ियों में से एक माना जाता है, ने 21वीं सदी में क्रिकेट खेलने का तरीका ही बदल दिया। उनके आक्रामक बल्लेबाजी, प्रेरणादायक नेतृत्व और खेल के प्रति निष्ठा ने क्रिकेट को एक नई दिशा दी। उनकी यात्रा केवल व्यक्तिगत उपलब्धियों की नहीं बल्कि भारती...
संपूर्ण सनातन भारत ही ‘चेतना’ का लक्ष्य: राजेश चेतन

संपूर्ण सनातन भारत ही ‘चेतना’ का लक्ष्य: राजेश चेतन

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धरती को जहन्नुम बना कर जन्नत के जो सपने दिखाए वो 'काफिर' 'इस्लाम और विश्व शांति' व्याख्यान का आयोजन गले-सड़े कानूनों को तत्काल बदलने की जरूरत संपूर्ण सनातन भारत ही 'चेतना' का लक्ष्य: राजेश चेतन नई दिल्ली। संस्कार को अपनी वास्तविक धरोहर और संपूर्ण सनातन भारत को ही मूल लक्ष्य मानने वाली संस्था चेतना ने राष्ट्रवाद की लौ को और प्रखर करने के लिए रोहिणी में 'इस्लाम और विश्व शांति' व्याख्यान का आयोजन किया। लाला पन्ना लाल सिंघल स्मृति व्याख्यानमाला की यह नौवीं कड़ी थी। जाने माने उद्योगपति अनिल सिंघल व्याख्यान के स्वागताध्यक्ष रहे।ज्वलंत विषय पर वक्ताओं के तथ्यपूर्ण व तार्किक संबोधन से राष्ट्रवाद की भावनाओं का ऐसा सैलाब आया जो सभागार में मौजूद हर किसी को अपने साथ बहा ले गया।वक्ताओं का ओज, आक्रोश और आक्रामक तेवर इस कदर हावी हुए कि बार-बार भारत माता की जय, वंदेमातरम के नारे गूंजते रहे।वक...
सनातन हिंदू धर्म एवं भारत में उत्पन्न समस्त मत पंथ विश्व में शांति चाहते हैं |

सनातन हिंदू धर्म एवं भारत में उत्पन्न समस्त मत पंथ विश्व में शांति चाहते हैं |

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सनातन हिंदू धर्म एवं भारत में उत्पन्न समस्त मत पंथ विश्व में शांति चाहते हैं प्रहलाद सबनानी भारत में सनातन हिंदू धर्म तो अनादि एवं अनंत काल से चला आ रहा है परंतु बाद के खंडकाल में भारत में कई अन्य प्रकार के मत पंथ भी विकसित हुए हैं जैसे बौद्ध धर्म, जैन धर्म, सिख धर्म आदि। भारत में विकसित विभिन्न मत पंथ मूलतः सनातन हिंदू संस्कृति का ही अनुपालन करते हुए दिखाई देते हैं और ऐसा कहा जाता है कि यह समस्त मत पंथ सनातन हिंदू धर्म की विभिन्न धाराएं ही हैं। भारत में विकसित मत पंथ सामान्यतः अपने दर्शन, कर्मकांड एवं सामाजिक ताने बाने के दायरे में अपने धर्म का अनुपालन करते हैं। भारत में हिंदू धर्म के सिद्धांतों पर चलने वाले नागरिकों की संख्या सबसे अधिक हैं एवं यह भारत का सबसे बड़ा धर्म है, जिसमें विभिन्न देवी देवताओं और पूजा प्रथाओं की एक विस्तृत प्रणाली शामिल है। भारत में विकसित हुए मत पंथों म...