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वरिष्ठ पत्रकार डॉ. वेद प्रताप वैदिक का निधन डायलॉग इंडिया की ओर से विनम्र श्रद्धांजलि।

वरिष्ठ पत्रकार डॉ. वेद प्रताप वैदिक का निधन डायलॉग इंडिया की ओर से विनम्र श्रद्धांजलि।

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नई दिल्ली, 14 मार्च 2023: वरिष्ठ पत्रकार डॉ. वेद प्रताप वैदिक का हृदय गति रूक जाने से सुबह निधन हो गया। उनकी आयु 79 वर्ष थी। कल 15 मार्च सुबह 9 बजे से 1 बजे तक उनका पार्थिव शरीर अंतिम दर्शन के लिए उनके निवास स्थान गुड़गांव में रखा जाएगा। अंतिम संस्कार लोधी  क्रेमेटोरियम, नई दिल्ली में बुधवार, शाम 4 बजे होगा।  डॉ. वेदप्रताप वैदिक की गणना उन राष्ट्रीय अग्रदूतों में होती है, जिन्होंने हिंदी को मौलिक चिंतन की भाषा बनाया और भारतीय भाषाओं को उनका उचित स्थान दिलवाने के लिए सतत संघर्ष और त्याग किया। महर्षि दयानंद, महात्मा गांधी और डॉ. राममनोहर लोहिया की महान परंपरा को आगे बढ़ानेवाले योद्धाओं में वैदिकजी का नाम अग्रणी है। पत्रकारिता, राजनीतिक चिंतन, अंतरराष्ट्रीय राजनीति, हिंदी के लिए अपूर्व संघर्ष, विश्व यायावरी, प्रभावशाली वक्तृत्व, संगठन-कौशल आदि अनेक क्षेत्रों में एक साथ मू...
क्या आगामी लोकसभा चुनाव में नरेन्द्र मोदी से बेहतर विकल्प है ?

क्या आगामी लोकसभा चुनाव में नरेन्द्र मोदी से बेहतर विकल्प है ?

Today News, राज्य
डॉ. अजय कुमार मिश्रादेश की राजनैतिक स्थिति अब ऐसी हो गयी है की जहाँ विकास और आम आदमी की जमीनी जरूरतों पर खुली बहस करने के बजाय, नरेन्द्र मोदी को हराने के लिए विपक्ष के कई दल एक साथ एकजुट होना चाह रहें है | सभी के पास राजनैतिक अनुभव और अपने दांव है जिसके लिए एक पार्टी दुसरें से एक जुट होने की अपील कर रही है | अधिकांश राजनैतिक पार्टियों की यह पहली प्राथमिकता है की नरेन्द्र मोदी को हराना है | पर क्या किसी पार्टी के पास नरेन्द्र मोदी की कार्य प्रणाली से बेहतर नीतियाँ और कार्य विधि है ? कोई भी सीधा और सटीक जबाब नहीं देगा | जिन्होंने दशकों देश पर शासन किया और वो पार्टियाँ जो राज्य स्तर पर शासन करके जनता के मंसूबो पर फेल हो चुकी है उन्हें भी नरेन्द्र मोदी को हराना है | भारत ही नहीं बल्किवैश्विक राजनैतिक इतिहास को टटोलने पर आपको चुनिन्दा लोग ही मिलेगे जिनका प्रभाव पार्टी से बड़ा और लोकप्रिय, स...
अमेरिकन बैंक का डूबना..!

अमेरिकन बैंक का डूबना..!

EXCLUSIVE NEWS, Today News, TOP STORIES, आर्थिक, विश्लेषण
अमेरिकन बैंक का डूबना - प्रशांत पोळ शुक्रवार १० मार्च को अमेरिका की सोलहवी सबसे बडी बैंक, 'सिलिकॉन व्हॅली बैंक' (SVB) डूब गई. डीफंक्ट हो गई. एक ही दिन मे, बैंक पर रन आकर, इतनी बडी बैंक डूबने का शायद यह अनूठा उदाहरण हैं. अमेरिकन अर्थव्यवस्था (financial system इस संदर्भ मे) कितनी खोखली हैं, इसका यह उदाहरण हैं. *इसका परिणाम कल से, अर्थात सोमवार से, दिखना शुरु होगा.* इस बैंक के ग्राहक मुख्यतः स्टार्ट - अप कंपनीज और टेक कंपनीज थे. अमेरिका मे आई टी और टेक कंपनीज मे महिने मे दो बार वेतन बटता हैं. दिनांक १ को और दिनांक १५ को. जब १५ मार्च को वेतन बांटने का समय आएगा तो अनेक कंपनियों को समस्या होगी. उनकी बैंक ही डूब गई हैं, जिसमे उनका पैसा था. अब वेतन कहां से करेंगे? चालीस वर्ष पुरानी यह बैंक अचानक नही डूबी हैं. पिछले दो वर्षों से इसके लक्षण ठीक नही दिख रहे थे. अपने यहां जैसी आरबीआई रेग...
इंटरनेट बंदी – आदेशों की समीक्षा ज़रूरी

इंटरनेट बंदी – आदेशों की समीक्षा ज़रूरी

BREAKING NEWS, Today News, TOP STORIES, राष्ट्रीय
विश्व का सबसे बड़ा लोकतंत्र भारत, इंटरनेट बंद करने के मामले में भी सिरमौर हो गया है। यह लगातार 5 भारत लगातार ५ वाँ वर्ष है जब भारत इंटरनेट बंद करने के मामले में वैश्विक सूची में शीर्ष पर बना हुआ है।यह आकलन डिजिटल अधिकार संस्थान “एक्सेस नाउ” ने “कीप इट ऑन” के साथ गठजोड़ में जारी वार्षिक रिपोर्ट में किया है । इस रिपोर्ट के अनुसार वर्ष 2022 में भारत में आधिकारिक तौर पर 84 बार इंटरनेट बंद किया गया। आँकड़े कहते हैं सन 2016 से अब तक दुनियाभर में इंटरनेट पर बंदी लगाने की जितनी घटनाओं का दस्तावेजीकरण हुआ उनमें से 58 प्रतिशत भारत से जुड़ी हैं। इंटरनेट पर पूरी बंदी के अलावा 2015 से 2022 के बीच भारतीय अधिकारियों ने 55 हजार से अधिक वेबसाइट को ब्लॉक किया। अकेले 2022 में ऐसी 6,700 वेबसाइट और प्लेटफार्म को ब्लॉक किया गया। इंटरनेट पर ऐसी पाबंदी और सेंसरशिप अभिव्यक्ति की आजादी के मूल अधिकार का हनन ह...
पूर्वोत्तर के चुनावी परिणामों के संकेत

पूर्वोत्तर के चुनावी परिणामों के संकेत

BREAKING NEWS, Today News, TOP STORIES, राज्य
त्रिपुरा और नगालैंड में भाजपा को पूर्ण बहुमत मिल चुका है, जबकि मेघालय की त्रिशंकु सरकार में वह भागीदारी करेगी. पूर्वोत्तर के तीन राज्यों त्रिपुरा, मेघालय और नगालैंड के चुनावी नतीजों से देश की राजनीति पर बहुत ज्यादा प्रभाव नहीं पड़ता है. तीनों छोटे-छोटे राज्य हैं, जिनमें लोकसभा की सीटें भी बहुत ज्यादा नहीं है. इसके बावजूद बृहस्पतिवार को इन चुनाव परिणामों पर पूरे देश की नजर लगी हुई थी. इसका कारण इन चुनावों में वैचारिक तौर पर एक-दूसरे की धुर विरोधी कांग्रेस और वामपंथी दलों का आपस में गठबंधन बनाना, हिंदुत्व की राजनीति करने वाली भाजपा का ईसाई बहुल मेघालय में अकेले दम पर उतरना और ममता बनर्जी की तृणमूल कांग्रेस का त्रिपुरा और मेघालय के जरिये पूर्वोत्तर की राजनीति में दस्तक देने का प्रयास था. चुनावी नतीजे अब घोषित हो चुके हैं. भाजपा ने त्रिपुरा और नगालैंड में अपनी सरकार बरकरार रखना तय कर ल...
जी – 20 विदेश मंत्रियों की बैठक 

जी – 20 विदेश मंत्रियों की बैठक 

Today News
जी 20 देशों की बहुत महत्वपूर्ण बैठक आज से दिल्ली में शुरू हो रही है !अमेरिका , रूस , फ्रांस , ब्रिटेन , जर्मनी और चीन सहित बीस देशों के विदेश मंत्री इस बैठक में भाग ले रहे हैं !रूस यूक्रेन युद्ध को रोकने , कईं देशों के बीच सीमा विवाद का अंतहीन तनाव समाप्त कराने के लिए इस बैठक का बहुत महत्व है ! कूटनीति बनाने और चलाने में माहिर भारत के मेधावी विदेशमंत्री एस जयशंकर इस बैठक के शानदार परिणाम लाने के लिए जी जान से जुटे हुए हैं !यह बैठक अमेरिका , चीन और भारत के त्रिपक्षीय संबंधों को सुधारने की राह में कारगर प्रयास कर सकती है ! सब जानते हैं की जी 20 का अध्यक्ष पद इस वर्ष भारत के पास है । भारत इसे एक मैगा इवेंट के रूप में ले रहा है । खबर है कि अंतरराष्ट्रीय पॉवर ग्रुप जी 20 की अध्यक्षता का वर्ष समाप्त होने तक भारत में जी 20 के अनेक अनुसंगिक संगठनों की करीब 75 बैठकें भारत में हो चुकी होंगी ।...
दिल्ली दंगों का तीसरा साल, जख्म जो अब तक नहीं भरा

दिल्ली दंगों का तीसरा साल, जख्म जो अब तक नहीं भरा

EXCLUSIVE NEWS, Today News, TOP STORIES, विश्लेषण
आशीष कुमार 'अंशु' यह दिल्ली दंगे का तीसरा साल है। अब लोग धीरे धीरे उसे भूलने लगे हैं लेकिन जिन परिवारों को इस दंगे ने जख्म दिए हैं। वे भूलने की कोशिश करते हैं और फरवरी का महीना हर साल सबकुछ फिर से याद दिला देता है। 22 फरवरी 2020 तक सबकुछ सामान्य था और 23 तारीख से पूर्वनियोजित योजना बनाकर दिल्ली को आग में झोंक देने की साजिश रची गई। सामने आए कथित तौर पर साजिश रचने वाले दर्जनों नाम अब जमानत पर रिहा हैं। दिल्ली के इतिहास पर यह दंगा एक बदनुमा दाग बन कर छप गया है। जहां कुछ राजनीतिक चेहरे भी बेनकाब हुए जो यहां के दलितों और पीछड़ों को भरोसा दे रहे थे कि वे उनकी लड़ाई लड़ रहे हैं। ऐसा कोई कथित अम्बेडकरवादी पीड़ित परिवारों से मिलने नहीं आया। देखा गया कि भीम आर्मी के लोग इस मुद्दे पर अपना मुंह छुपाते रहे। इस पूरे मामले में आरोपियों में मुसलमानों का नाम शामिल था, संभव है कि भीम आर्मी के नेता यद...
नशीला गांधीवाद और सिसोदिया

नशीला गांधीवाद और सिसोदिया

Today News, घोटाला
सिसोदिया को पता था कि व्यक्ति शराब पीकर सत्य बोलता है और चूँकि वे गांधी जी के शिष्य थे व दिल्ली के लोगों को सत्यवादी बनाना चाहते थे इसीलिए उन्होंने शराब की खपत बढ़ाने का निर्णय किया,जिसको सीबीआई शराब घोटाले के रूप में प्रस्तुत कर खामाँखां उनको बदनाम कर रही है। सोमरस के गुणों का तो वेदों में भी वर्णन है। नशीले शिक्षामंत्री के इसी कार्य के लिए केजरीवाल उनको भारत रत्न देने की माँग करते रहे हैं जिस पर मोदी सरकार कान नहीं धर रही। भाजपाई नहीं चाहते कि दिल्ली के विद्यालयों में सत्य का बोलबाला हो और झूठो का मुँह काला हो।नई पीढ़ी के नशीले सत्यवादी भविष्य के निर्माण में लगी दिल्ली की आम आदमी पार्टी की सरकार का सभी को साथ देना चाहिए ताकि वे सत्तावादी बने रहें और उनका व उनके नशीले गांधीवाद का विस्तार पूरे देश में हो। ...
लिथियम की प्राप्ति, आधार विरोधाभासी

लिथियम की प्राप्ति, आधार विरोधाभासी

EXCLUSIVE NEWS, Today News, TOP STORIES, आर्थिक
और भारत के खदान मंत्रालय ने इस बात की पुष्टि कर दी है कि भारतीय भूवैज्ञानिक सर्वेक्षण (जीएसआई) ने देश में लीथियम और सोने के भंडार खोज निकाले हैं और ऐसे लगभग 51 खनिज ब्लॉक राज्य सरकारों को भी सौंप दिए गए हैं। लीथियम की महत्ता के कारण यह सूचना भारतीय ही नहीं विदेशी समाचारपत्रों में भी छपा। यह खनिज लीथियम-ऑयन बैटरियों का सबसे महत्वपूर्ण घटक है, और स्मार्टफोन से लेकर इलेक्ट्रिक वाहन तक अनेकानेक बैटरियों में प्रयुक्त होता है। दुनिया जीवाश्म ईंधन से हटकर सतत एवं स्वच्छ ऊर्जा की ओर पहल कर रही है और इस परिवर्तन में एक बड़ी भूमिका लीथियम बैटरियों की है, जो बारम्बार चार्ज होने और लंबे समय तक ऊर्जा का भंडारण करने में सक्षम हैं। इसीलिए लीथियम को अक्सर ‘श्वेत सोना’ या ‘नवीन-तेल’ भी कहा जाता है। देश के भंडारों में जिस भारी मात्रा में लीथियम (5.9 मिलियन टन) होने का संकेत मिला है, उसने विश्वभर को हैरा...
कांग्रेस क्या करे तो बचे ?

कांग्रेस क्या करे तो बचे ?

BREAKING NEWS, Today News, राष्ट्रीय
डॉ. वेदप्रताप वैदिक कांग्रेस पार्टी का वृहद अधिवेशन रायपुर में होने जा रहा है। इसमें कांग्रेस कमेटी के 1800 सदस्य और लगभग 15 हजार प्रतिनिधि भाग लेंगे। इस अधिवेशन में 2024 के आम चुनाव की रणनीति तय होगी। इस रणनीति का पहला बिंदु यही है कि कांग्रेस और बाकी सभी विरोधी दल एक होकर भाजपा का विरोध करें, जैसा कि 1967 के आम चुनाव में डाॅ. राममनोहर लोहिया की पहल पर हुआ था। उस समय सभी कांग्रेस-विरोधी दल एक हो गए थे। न तो नेताओं की व्यक्तिगत महत्वाकांक्षाएं आड़े आईं और न ही विचारधारा की बाधाएँ खड़ी हुईं। इस एकता को कुछ राज्यों में सफलता जरूर मिल गई लेकिन वे सरकारें कितने दिन टिकीं। यह अनुभव 1977 में भी हुआ, जब आपात्काल के बाद मोरारजी देसाई और चरणसिंह की सरकारें बनीं। इससे भी कटु हादसा हुआ, विश्वनाथ प्रतापसिंह और चंद्रशेखर की सरकारों के दिनों में। विरोधी दलों की इस अस्वाभाविक एकता के दुष्परिणाम इतने ...