देश को तोड़ने की मांग करने वाले कौन
आर.के.सिन्हानिस्संदेह बजट प्रस्तावों की तीखी आलोचना करने में कोई बुराई भी नहीं है। आप देश के सामान्य नागरिक हों या फिर सांसद,आपको केन्द्रीय बजट पर अपनी बेबाक राय रखने का पूरा हक है। पर इस बात को देश का कोई नागरिक कैसे स्वीकार कर सकता है कि कोई इंसान सिर्फ इसलिए ही अलग देश बनाने की मांग करने लगे , क्योंकि उसे बजट प्रस्ताव पसंद नहीं आए। यह पूर्णतः अस्वीकार्य है।
कांग्रेस सांसद डी. के. सुरेश ने यही किया। केन्द्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण द्वारा पेश किए गए अंतरिम बजट पर सुरेश ने दक्षिण भारत के लिए ‘अलग देश’ बनाने की ही मांग कर डाली। धिक्कार है ऐसे सांसद का ! अपमान है भारतीय संविधान का जिसकी शपथ लेकर वे चुने गये और पुनः संसद में वही शपथ लेकर बैठे । उन्होंने कहा है कि अगर विभिन्न करों से एकत्रित धनराशि के वितरण के मामले में दक्षिणी राज्यों के साथ हो रहे ‘अन्याय’ को ठीक नहीं किया गया...