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देश को तोड़ने की मांग करने वाले कौन

देश को तोड़ने की मांग करने वाले कौन

BREAKING NEWS, TOP STORIES, विश्लेषण, सामाजिक
आर.के.सिन्हानिस्संदेह बजट प्रस्तावों की तीखी आलोचना करने में कोई बुराई भी नहीं है। आप देश के सामान्य नागरिक हों या फिर सांसद,आपको केन्द्रीय बजट पर अपनी बेबाक राय रखने का पूरा हक है। पर इस बात को देश का कोई नागरिक कैसे स्वीकार कर सकता है कि कोई इंसान सिर्फ इसलिए ही अलग देश बनाने की मांग करने लगे , क्योंकि उसे बजट प्रस्ताव पसंद नहीं आए। यह पूर्णतः अस्वीकार्य है। कांग्रेस सांसद डी. के. सुरेश ने यही किया। केन्द्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण द्वारा पेश किए गए अंतरिम बजट पर सुरेश ने दक्षिण भारत के लिए ‘अलग देश’ बनाने की ही मांग कर डाली। धिक्कार है ऐसे सांसद का ! अपमान है भारतीय संविधान का जिसकी शपथ लेकर वे चुने गये और पुनः संसद में वही शपथ लेकर बैठे । उन्होंने कहा है कि अगर विभिन्न करों से एकत्रित धनराशि के वितरण के मामले में दक्षिणी राज्यों के साथ हो रहे ‘अन्याय’ को ठीक नहीं किया गया...
भ्रष्टता निवारण है सशक्त लोकतंत्र का आधार

भ्रष्टता निवारण है सशक्त लोकतंत्र का आधार

TOP STORIES, घोटाला, राज्य
 -ः ललित गर्ग :- झारखंड राज्य में जमीन खरीद में गड़बड़ी, अवैध खनन और मनी लॉन्ड्रिंग के कथित पुराने मामलों की जांच कर रही प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन को गिरफ्तार कर लिया है। इस कार्रवाई से झारखंड की सरकार संकट में आ गयी और उन्हें मुख्यमंत्री पद से इस्तीफा देना पड़ा। भाजपा सरकार ने भ्रष्टाचार के खिलाफ केन्द्रीय एजेंसियों की कार्रवाई का बुगल बजाय हुए है, जिससे राजनीति में बढ़ रहे भ्रष्टाचार पर नियंत्रण का नया सूरज उदित होता हुआ दिखाई दे रहा है, जो दुनिया के सबसे बड़े भारत लोकतंत्र के आदर्श एवं सशक्त होने की बड़ी अपेक्षा है। आजादी के अमृत काल में राजनीति का शु़िद्धकरण एवं अपराध मुक्ति ही भारत को सशक्त एवं विकसित राष्ट्र बना सकेगा। हेमंत सोरेन के बाद अब अगला नम्बर दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविन्द केजरीवाल का है। स्पष्ट है कि अब भ्रष्टाचारियों की नैया पार होने वाली नहीं ह...
खाली हाथ बजट …..

खाली हाथ बजट …..

EXCLUSIVE NEWS, TOP STORIES, आर्थिक, समाचार
 स्वास्थ्य, शिक्षा और सामाजिक क्षेत्रों में व्यापक सुधार की जरूरत। 2024 का अंतरिम बजट प्रशासनिक रवायत है क्योंकि पूर्ण बजट तो जुलाई में आएगा‚ जिस पर नई सरकार का रिपोर्ट कार्ड़ स्पष्ट नजर आएगा। व्यवसायों को फलने-फूलने के लिए एक सक्षम वातावरण बनाने, पर्यावरण से संबंधित मुद्दों पर ध्यान केंद्रित करने और समाज के हाशिए पर रहने वाले वर्ग के उत्थान की आवश्यकता है। यह सुनिश्चित करने के लिए कि विकास न्यायसंगत, टिकाऊ और हरित हो, विकास की गुणवत्ता पर ध्यान दें। सरकार को बड़ी-बड़ी योजनाओं पर ध्यान देने की बजाय स्वास्थ्य, शिक्षा और सामाजिक क्षेत्रों में व्यापक सुधार पर ध्यान देने की जरूरत है। हालांकि ये गरीबों के लिए महत्वपूर्ण योजनाएं हैं, लेकिन यह इस तथ्य से दूर नहीं है कि स्वास्थ्य, शिक्षा और सामाजिक सुरक्षा बजट बेहद अपर्याप्त हैं, भले ही ये सेवाएं खराब बुनियादी ढांचे, भारी रिक्तियों और अपर्याप्...
विश्व कैंसर दिवस 4 फरवरी पर विशेष

विश्व कैंसर दिवस 4 फरवरी पर विशेष

TOP STORIES, राष्ट्रीय
विश्व कैंसर दिवस 4 फरवरी पर विशेष कैंसर नियंत्रण की दिशा में उठाने होंगे बड़े कदम रमेश सर्राफ धमोरा कैंसर एक ऐसी बीमारी है जिसका नाम सुनते ही घबराहट होने लगती है। कैंसर से पीड़ित व्यक्ति बीमारी से अधिक तो कैंसर के नाम से डर जाता है। जिस व्यक्ति को कैंसर होता है वह तो गंभीर यातना से गुजरता ही है उसके साथ ही उसका परिवार को भी बहुत कष्टमय स्थिति में गुजरना पड़ता है। जानलेवा होने के साथ ही कैंसर की बीमारी में मरीज को बहुत अधिक शारीरिक पीड़ा भी झेलनी पड़ती है। कैंसर की बीमारी इतनी भयावह होती है जिसमें मरीज की मौत सुनिश्चित मानी जाती है। बीमारी की पीड़ा व मौत के डर से मैरिज घुट-घुट कर मरता है।  कैंसर के बारे में जागरूकता बढ़ाने और इसकी रोकथाम, पहचान और उपचार को प्रोत्साहित करने के लिए 4 फरवरी को विश्व कैंसर दिवस मनाया जाता है। विश्व कैंसर दिवस का जन्म 4 फरवरी 2000 को पेरिस में ...
<strong>दशकों बाद देश की बजट में रक्षा क्षेत्र के साथ हुआ न्याय</strong>

दशकों बाद देश की बजट में रक्षा क्षेत्र के साथ हुआ न्याय

BREAKING NEWS, TOP STORIES, समाचार
आर.के. सिन्हा भारत ने एक बार फिर से शत्रुओं को साफ संकेत और सख़्त संदेश दे दिया कि वह अपनी सरहदों की निगाहबानी करने में कभी भी पीछे नहीं रहेगा। भारत अपने  रक्षा क्षेत्र को निरंतर मजबूत करता रहेगा। केन्द्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने गुरुवार को लोकसभा चुनाव से पहले मोदी सरकार के अंतरिम बजट को देश के सामने पेश किया। उन्होंने बजट प्रस्तावों में रक्षा क्षेत्र के लिए पिछले वित्त साल की तुलना में 11.1 फीसद अधिक धन की व्यवस्था की। यह राशि देश के जीडीपी के कुल 3.4 फीसद होगी।यह एक स्पष्ट और सख़्त संदेश है कि चीन और पाकिस्तान जैसे दो घोषित शत्रुओं के साथ भारत कभी भी अपनी सीमाओं की रखवाली करने में कमजोर रहने वाला नहीं है। यह दोनों दी देश घनघोर रूप से धूर्त हैं। इनसे भारत कई बार जंग भी कर चुका है। अगर एक 1962 की जंग को छोड़ दिया जाए तो भारत ने हरेक बार ...
हैपी हार्मोंस स्राव कैसे नियमित हो?

हैपी हार्मोंस स्राव कैसे नियमित हो?

TOP STORIES, राष्ट्रीय, सामाजिक
राकेश दुबे *हैपी हार्मोंस स्राव कैसे नियमित हो?* यूँ तो डोपामाइन, सेरोटोनिन, ऑक्सीटोसिन और एंडोर्फिन हार्मोन हैं । हार्मोन शरीर में बनने वाले एक तरह के केमिकल होते हैं। ये रक्त के जरिये शरीर के विभिन्न अंगों और ऊतकों तक पहुंचते हैं। हार्मोन हमारे शरीर की सभी तरह की गतिविधियों को तो प्रभावित करते ही हैं, ये हमारी मानसिक और भावनात्मक अवस्थाओं को भी पैदा करते हैं या उनकी प्रकृति के लिए जिम्मेदार होते हैं। ऊपर हमने जिन चार हार्मोंस का जिक्र किया है, इन सबको हैपी हार्मोंस कहते हैं। इनके नियमित और संतुलित स्राव से हम खुश रहते हैं, हमारा मूड अच्छा रहता है। जैसे - एंडोर्फिन जब पर्याप्त रूप से और नियमित स्रावित होता है तो हमारा दिमाग शांत और स्वस्थ रहता है। ये हमें कई तरह के दर्द से राहत दिलाता है, जबकि सेरोटोनिन हमारे मूड को स्थिर रखता है और डोपामाइन हमारे मस्तिष्क की कार्यप्रणाली का एक ...
<em>कैरियर द्वन्द : युवा मौत का मार्ग</em>

कैरियर द्वन्द : युवा मौत का मार्ग

EXCLUSIVE NEWS, TOP STORIES, घोटाला, सामाजिक
राकेश दुबे *कैरियर द्वन्द : युवा मौत का मार्ग* भारत के सामने इससे बड़ा विरोधाभास नहीं हो सकता।जब देश के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ‘परीक्षा पर चर्चा’ कार्यक्रम में देश के करोड़ों छात्र-छात्राओं, शिक्षकों व अभिभावकों से दिल्ली में आयोजित एक कार्यक्रम व वर्चुअल संवाद के जरिये परीक्षा भय से मुक्त होने की बात कर रहे थे, देश के कई भागों से छात्रों के आत्महत्या करने की खबरें आ रही थीं। जाहिर है अभिभावक व शिक्षक इन बच्चों के मानसिक द्वंद्व व वास्तविक दिक्कतों को नहीं समझ पा रहे हैं, जिसके चलते इन बच्चों को मौत को गले लगाना अंतिम विकल्प नजर आ रहा है। निश्चित रूप से परीक्षा का भय इस कदर बच्चों पर हावी है कि उन्हें लगने लगता है कि परीक्षा में असफलता के बाद जीवन में कुछ शेष नहीं रहेगा। प्रधानमंत्री ने अपने संबोधन में इन तमाम चुनौतियों को संबोधित किया। उन्होंने गहरी बात कही कि– ‘बच्चों के रिप...
गैर हिन्दुओं का मंदिरों में प्रवेश बंद

गैर हिन्दुओं का मंदिरों में प्रवेश बंद

BREAKING NEWS, TOP STORIES, विश्लेषण, संस्कृति और अध्यात्म
गैर हिन्दुओं का मंदिरों में प्रवेश बंद -मद्रास हाई कोर्ट के आदेश को“सेकुलर” सुप्रीम कोर्ट कैसे बर्दाश्त करेगा? मद्रास हाई कोर्ट की जस्टिस एस श्रीमथी ने आज एक ऐतिहासिक निर्णय देते हुए तमिलनाडु सरकार और HR&CE department को निर्देश दिए कि राज्य के सभी मंदिरों में गैर हिंदुओं के प्रवेश पर रोक लगाई जाए और उन्हें Kodimaram (Flagpole) के आगे जाने की अनुमति न दी जाए जहां नोटिस बोर्ड लगाए जाएं कि गैर हिन्दुओं का प्रवेश वर्जित है - जस्टिस श्रीमथी ने स्पष्ट आदेश में कहा कि “मंदिर कोई पिकनिक स्पॉट नहीं हैं; सरकार मंदिरों में उन गैर - हिन्दुओं को अनुमति न दे जो हिंदू धर्म में विश्वास नहीं रखते; यदि कोई गैर - हिंदू मंदिर में दर्शन करना चाहता है तो उससे वचन लेना होगा कि उसे मंदिर के देवता में विश्वास है और वह हिंदू धर्म के रीति-रिवाजों और प्रथाओं का पालन करेगा” अदालत ने यह फैसला डी सेंथिल क...
नीतीश कुमार: कोई कारण होगा

नीतीश कुमार: कोई कारण होगा

EXCLUSIVE NEWS, TOP STORIES, राज्य
* रजनीश कपूर ‘कुछ तो मजबूरियां रही होंगी, यूं कोई बेवफ़ा नहीं होता।’ मशहूर शायर बशीर बद्र का यह शेर देश की राजनीति में हुए हालिया बदलाव पर एकदम सही बैठता है। बिहार के मुख्य मंत्री नीतीश कुमार ने एक बार फिर पाला बदल कर यह बात सिद्ध कर दी है कि या तो ‘इंडिया’ गठबंधन ने उन्हें गंभीरता से नहीं लिया या ‘एनडीए’ गठबंधन ने उन्हें कुछ ज़्यादा ही गंभीरता से ले लिया। राजनैतिक गलियारों में इस बात को लेकर काफ़ी अटकलें लग रहीं हैं कि नीतीश कुमार के इस कदम के पीछे का कारण क्या हो सकता है। कारण जो भी हो 2024 के लोकसभा चुनावों से पहले ही वोटरों को काफ़ी हलचल दिखाई दे रही है। बिहार में जो कुछ भी हुआ उसके पीछे के कारणों में जहां एक ओर ‘इंडिया’ गठबंधन में न होने वाले समझौते हैं। वहीं दूसरी ओर विपक्षी दलों के ‘इंडिया’ गठबंधन के कुछ नेताओं में किसी न किसी तरह का ‘ख़ौफ़’ भी है। उन नेताओं को लगता है कि...
बिहार में फिर पलटमारी – आखिर क्यों और क्या होगा असर

बिहार में फिर पलटमारी – आखिर क्यों और क्या होगा असर

BREAKING NEWS, TOP STORIES, राज्य
मृत्युंजय दीक्षितबिहार में एक बार फिर पलटमारी की राजनीति हो गयी है। जद यू के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार जो संपूर्ण भारत में विपक्षी दलों का महागठबंधन बनाकर प्रधानमंत्री मोदी व भारतीय जनता पार्टी को आगामी लोकसभा चुनावों में सत्ता से बाहर करके स्वयं प्रधानमंत्री बनने का सपना देख रहे थे अचानक उस सपने को छोड़कर अपने पुराने सहयोगी दल भारतीय जनता पार्टी के साथ मिलकर एक बार फिर एनडीए के मुख्यमंत्री बन गये हैं। बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार इतनी बार पलटी मार चुके हैं और विगत 18 माह की उनकी सरकार ओर से लगातार हिंदू विरोधी गतिविधियाँ हो रही थीं इन दोनों ही बातों को नजरंदाज करते हुए भारतीय जनता पार्टी ने उनके ऊपर एक बार फिर भरोसा जताया है तो उसके पीछे कुछ विशेष कारण अवश्य होंगे ।केवल बिहार ही नहीं अपितु झारखंड और उत्तर प्रदेश के कुछ हिस्सों में भी मुख्यमंत्री नीतीश कुमार का अच्छा प्रभाव है, अगर वह म...