नये वर्ष में खोजने होंगे अनुत्तरित सवालों के जवाब
- ललित गर्ग-
नया साल प्रारंभ हो गया है तो हर बार की तरह इस बार भी नई उम्मीदें, नया विश्वास एवं नया धरातल लाया है। बीत गया एक और साल। नये की स्वीकृति के साथ पुराने को अलविदा कह देने की सामान्य सोच रही है। यह समझ देखी गयी है कि नयेपन के जादुई आकर्षण के जागते ही हम पुरानेपन को उतार फेंकना चाहते हैं। हमने बीते वर्ष में श्रेष्ठताओं की उपलब्धि पर सात्विक गर्व करने की अनेक स्थितियों को रचा है लेकिन हम सबके लिए और देश के लिए भी आने वाले वर्ष कुछ महत्वपूर्ण करणीय कार्य है। निश्चित ही नया साल हमेशा की तरह कुछ सवाल भी लेकर आया है। ऐसे सवाल जिनका हल निकाले बिना शायद हम संतुष्ट न हो पाएं और नये भारत-सशक्त भारत का सपना आधा-अधूरा ही कहा जायेगा। ऐसे नए-पुराने सवाल हर नए साल में सामने आते रहे हैं। कुछ सवालों को हल करने में हम सफल रहे, लेकिन कुछ सवाल हमेशा की तरह अनुत्तरित ही रह गए। सच तो यह है कि नई जि...