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संसद में “धुँआ स्प्रे” आतंकी हमले से कम नहीं

संसद में “धुँआ स्प्रे” आतंकी हमले से कम नहीं

BREAKING NEWS, TOP STORIES, समाचार
तिथि का चयन और आतंकवादी पुन्नू की धमकी भी षड्यंत्र का हिस्सा -- रमेश शर्मा तेरह दिसम्बर को संसद के भीतर और बाहर रासायनिक धुँआ छोड़कर नारे लगाना साधारण नहीं है । यह वही तिथि है जिस दिन बाईस साल पहले संसद में आतंकवादी हमला हुआ था और अभी कुछ महीने पहले ही कनाडा में बैठे आतंकवादी पुन्नू ने संसद पर हमला करने की धमकी भी दी थी । और अब बिल्कुल आतंकी हमले के अंदाज में यह घटना घटी ।घटना की प्रारंभिक जांच में जो तथ्य सामने आये है वे असाधारण है । ये लोग अकस्मात संसद नहीं पहुँचे थे । उन्होंने इसकी तैयारी महीनों पहले से की जा रही थी । आरोपी कई बार संसद भवन गये थे । उन्होंने संसद में जाँच का तरीका समझा, रास्ते समझे और यह भी कि दर्शक दीर्घा के किस कोने से कूदना आसान है । इतना करके फिर धुँये से हमला करने की तैयारी हुई । हमले के लिये तेरह दिसम्बर की तिथि का निर्धारण हुआ । इनके बीच समय का प्रबंधन ...
विकसित भारत के सपने

विकसित भारत के सपने

EXCLUSIVE NEWS, TOP STORIES, विश्लेषण
हमने कई मौकों पर अपने सपने को टूटते हुए देखा है लेकिन फिर भी हम हर मुसीबत की स्थिति से मजबूत और आत्मविश्वास से भरे हुए हैं। स्वराज के महत्व को समझना चाहिए और इन सपनों को आगे बढ़ाने के लिए आक्रामक रूप से शुरुआत करनी चाहिए ताकि हम अपनी आने वाली पीढ़ी को भी बेहतर भविष्य प्रदान कर सकें। धर्म के नाम पर कही गई बातों पर आंख मूंदकर विश्वास न करने, विवेक का पालन करने के लिए जागरूकता फैलानी चाहिए। हम इस सपने तक पहुँचने से बहुत दूर हैं लेकिन हमें हार नहीं माननी चाहिए। मैं डॉ एपीजे अब्दुल कलाम के बेहतरीन उद्धरणों पर समाप्त करना चाहता हूं "सपने वह नहीं हैं जो आप नींद में देखते हैं, बल्कि वह हैं जो आपको सोने नहीं देते"। -डॉ सत्यवान सौरभ "आधी रात को, जब दुनिया सोती है, भारत जीवन और स्वतंत्रता के लिए जागेगा"। जवाहरलाल नेहरू का यह "ट्रिस्ट विद डेस्टिनी" भाषण उस सपने का प्रतीक था जिसे हमारे स्वतं...
16 दिसम्बर 1971 : भारत का विजय दिवस

16 दिसम्बर 1971 : भारत का विजय दिवस

BREAKING NEWS, TOP STORIES, राष्ट्रीय
*तेरह दिन में टूट गया था पाकिस्तान*पाकिस्तान ने शुरुआत नवम्बरमें ही करदी थी --रमेश शर्मा पाकिस्तान भारत का ही हिस्सा है, उसका जन्म भारत की भूमि पर हुआ । वहां रहने वाले लोग भी भारतीय पूर्वजों के वंशज हैं । फिर भी वे लोग दिन रात भारत के विरुद्ध विष वमन और भारत को मिटाने का दंभ भरते हैं । पाकिस्तान एक ऐसा देश है जो अपने जन्म के पहले दिन से नहीं बल्कि अपने गर्भ काल से अपने जन्मदाता भारत की धरती पर रक्तपात का षडयंत्र कर रहा है । पाकिस्तान के इन षडयंत्रों में सबसे भीषण षडयंत्र था 1971 का युद्ध । जो उसने भारत पर थोपा था लेकिन बुरी तरह मुँह की खाई । भारत के प्रति उत्तर से वह मात्र तेरह दिन में टूट गया । यह टूटन उसके मनोबल पर भी आई और उसके भूभाग पर भी । पर ढीढ इतना कि अपनी कुचालें बंद नहीं करता । आज भी प्रतिदिन कुछ न कुछ षडयंत्र करता ही रहता है । 1971 का यह युद्ध कुल तेरह दिन तक चला था । दुन...
हाईकमान’ संस्कृति, लोकतांत्रिक मूल्यों का निरादर

हाईकमान’ संस्कृति, लोकतांत्रिक मूल्यों का निरादर

EXCLUSIVE NEWS, TOP STORIES, राष्ट्रीय, समाचार, संस्कृति और अध्यात्म
एक बार राष्ट्रीय पार्टी के राज्य में सत्ता हासिल करने के बाद मुख्यमंत्री के चयन में पार्टी आलाकमान के पास असंगत रूप से बड़ा विवेक होता है, राज्य के विधायकों को इस संबंध में बहुत कम या कोई अधिकार नहीं होता है। यह प्रथा उस संवैधानिक जनादेश का अपमान करती है जो बहुमत पार्टी के विधायकों को राज्य के मुख्यमंत्री के रूप में अपना नेता चुनने का अधिकार देता है। आज देश के तीन प्रमुख हिन्दी भाषी राज्यों में बड़ी ज त के बाद मुख्यमंत्री बने हैं। लोकतांत्रिक तौर-तरीकों के हिसाब से जीते हुए विधायकों के बहुमत से मुख्यमंत्री बनने चाहिए, लेकिन इस देश में हाल के दशकों में शायद ही कभी और कहीं इस आधार पर मुख्यमंत्री तय किए गए हों। देश की दो बड़ी राष्ट्रीय पार्टियों में हाई कमान की संस्कृति विकसित और मजबूत हो चुकी है, और ऐसे फैसले राज्यों की राजधानी में नहीं , देश की राजधानी में तय होते आए हैं, और आज यही हो ...
अयोध्या में प्रभु श्रीराम मंदिर निर्माण से स्थानीय अर्थव्यवस्था को लगेंगे पंख

अयोध्या में प्रभु श्रीराम मंदिर निर्माण से स्थानीय अर्थव्यवस्था को लगेंगे पंख

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अंततः वह घड़ी भी बहुत करीब आ पहुंची है, जिसका इंतजार हिंदू धर्मावलंबी पिछले लगभग 500 वर्षों से कर रहे हैं। 5 अगस्त 2020 को भारत के यशस्वी प्रधानमंत्री माननीय श्री नरेन्द्र मोदी ने पूजनीय संत मंडल एवं राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के परम पूजनीय सर संघचालक श्री मोहन जी भागवत के सानिध्य में प्रभु श्रीराम के भव्य मंदिर के निर्माण की आधारशिला रखी थी। अब दिनांक 22 जनवरी 2024 को भारत के प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी ही पूज्य संत मंडल एवं परम पूजनीय सर संघचालक श्री मोहन जी भागवत की उपस्थिति में अयोध्या में नव निर्मित प्रभु श्रीराम के भव्य मंदिर का उद्घाटन करने जा रहे हैं। भारत ही क्या बल्कि पूरे विश्व में ही हिंदू धर्मावलंबी अति उत्साहित हैं एवं पूरे भारत में वातावरण राममय होने जा रहा है।  अयोध्या में निर्माणरत श्रीराम मंदिर पूरे विश्व में निवासरत हिंदू धर्मावलम्बियों के लिए न केवल विशाल आ...
सरदार वल्लभभाई पटेल स्मृति दिवस 15 दिसम्बर 2023 को विशेष

सरदार वल्लभभाई पटेल स्मृति दिवस 15 दिसम्बर 2023 को विशेष

BREAKING NEWS, TOP STORIES, राष्ट्रीय, साहित्य संवाद
राष्ट्र को संगठित करने वाले महायोद्धा थे सरदार पटेल- ललित गर्ग- कर्मवीर व्यक्तियों का जीवन विलक्षण होता है, वे अपने जीवन काल में तथा उसके बाद प्रेरणास्रोत बने रहते हैं। इतिहास अक्सर ऐसे महान् लोगों से ऐसा काम करवा देता है जिसकी उम्मीद नहीं होती। और जब राष्ट्र की आवश्यकता का प्रतीक ऐसे महान् इंसान बनते हैं तो उनका कद सहज ही बड़ा बन जाता है। सरदार वल्लभ भाई पटेल ऐसे ही विराट व्यक्तित्व के धनी एवं कर्मवीर महापुरुष थे। वे एक राजनेता ही नहीं, एक स्वतंत्रता सेनानी ही नहीं बल्कि इस देश की आत्मा थे। राष्ट्रीय एकता, भारतीयता एवं राजनीति में नैतिकता की वे अद्भुत मिसाल थे। आजादी के बाद विभिन्न रियासतों में बिखरे भारत के भू-राजनीतिक एकीकरण में केंद्रीय भूमिका निभाने के लिए पटेल को भारत का बिस्मार्क और लौह पुरूष भी कहा जाता है। उन्हें 1991 में भारत रत्न से सम्मानित किया जा चुका है। पटेल की राष्ट्री...
मोदी राज में अटकलों की कोई जगह नहीं

मोदी राज में अटकलों की कोई जगह नहीं

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रजनीश कपूर पाँच राज्यों के चुनाव संपन्न होते ही भाजपा द्वारा जीते गये तीन राज्यों में ‘कौन बनेगा मुख्य मंत्री’ को लेकर काफ़ी अटकलें लगने लगी। सभी राजनैतिक पंडित, पत्रकार और विश्लेषक अनुमान लगाने लग गये कि तीन राज्यों में किसका चेहरा सामने आएगा। परंतु इसके साथ ही सभी का यह मानना था कि मोदी राज में किसी भी तरह की अटकलों की कोई भी जगह नहीं है। यह बात भी चर्चा में आती है कि जब भी किसी महत्वपूर्ण पद पर नियुक्ति होने वाली होती है तो यदि व्यक्ति का नाम उस पद के लिए उठने लगता है तो उसे वह पद नहीं मिलता। प्रधान मंत्री मोदी एक ऐसे चेहरे को सामने लाते हैं जिसका किसी को कोई भी अंदाज़ा नहीं होता। कुछ वर्ष पहले जब ‘राडिया टेप्स’ का खुलासा हुआ था तो, काफ़ी हंगामा मचा था कि किस तरह महत्वपूर्ण पदों पर नियुक्तियों को कुछ पत्रकार और कॉर्पोरेट जगत के लोग नियंत्रित करते हैं। इसके चलते उस समय की ...
जम्मू-कश्मीर: सत्यमेव जयते

जम्मू-कश्मीर: सत्यमेव जयते

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-बलबीर पुंज सोमवार (11 दिसंबर) को सर्वोच्च न्यायालय ने धारा 370-35ए को बहाल करने संबंधित 23 याचिकाओं पर अपना फैसला सुना दिया। पांच न्यायाधीशों की संविधान खंडपीठ ने एकमत होकर मोदी सरकार द्वारा 5 अगस्त 2019 को उपरोक्त धाराओं के संवैधानिक क्षरण को न्यायोचित बताया। अदालत के विस्तृत फैसले का मर्म यह है कि धारा 370 एक अस्थायी प्रावधान था, जम्मू-कश्मीर के पास कोई आंतरिक संप्रभुता नहीं थी, राष्ट्रपति को धारा 370-35ए हटाने का अधिकार था और लद्दाख को अलग करने का निर्णय भी वैध था। इस पृष्ठभूमि में देश का एक राजनीतिक-वैचारिक वर्ग, जोकि इन धाराओं का प्रत्यक्ष-परोक्ष समर्थक है— वह अदालत के फैसले से हताश है और उसे ‘मौत की सजा’ बता रहा है। वास्तव में, शीर्ष अदालत का निर्णय राष्ट्रीय विचारधारा की भी विजय है, जिसने दशकों तक देश के एकीकरण हेतु, राष्ट्रहित के लिए और जिहादी-वामपंथी दर्शन के खिलाफ सतत संघर्ष...
जम्मू कश्मीर से अनुच्छेद 370 और 35- ए हटने की बहस पर पूर्ण विराम

जम्मू कश्मीर से अनुच्छेद 370 और 35- ए हटने की बहस पर पूर्ण विराम

EXCLUSIVE NEWS, TOP STORIES, राज्य
अब जम्मू कश्मीर में विकास का नया सूर्योदयमृत्युंजय दीक्षितभारत की संप्रभुता और जम्मू कश्मीर प्रान्त के लिए 11 दिसंबर 2023 एक ऐतिहासिक दिन बनकर आया। इस दिन उच्चतम न्यायालय की पांच जजों की संविधान पीठ ने जम्मू कश्मीर से अनुच्छेद 370 और 35 ए को हटाने के निर्णय को वैध ठहराते हुए कहा कि यह एक अस्थाई धारा थी जिसे आज नहीं तो कल हटना ही था। मुख्य न्यायाधीश वाई वी चंद्रचूड़ की अध्यक्षता वाली पीठ ने कहा कि अनुच्छेद 370 एक अस्थायी व्यवस्था थी। अदालत ने कहा कि भारत का संविधान जम्मू कश्मीर के संविधान से ऊंचा है और अनुच्छेद- 370 को बेअसर करने से जम्मू कश्मीर को भारत के साथ जोड़ने की प्रक्रिया मजबूत हुई है। न्यायाधीश चंद्रचूड़ जी ने कहा कि धारा 370 को हटाना संवैधानिक रूप से वैध है और केंद्र सरकार का निर्णय बिल्कुल सही है।उच्चतम न्यायालय ने अपने निर्णय में कई महत्वपूर्ण व ऐतिहासक टिप्पणियां की हैं जिनमे कहा...
स्वदेशी दिवस, 12 दिसम्बर 2023 पर विशेष स्वदेशी रोजगार एवं व्यापार की आत्मा है

स्वदेशी दिवस, 12 दिसम्बर 2023 पर विशेष स्वदेशी रोजगार एवं व्यापार की आत्मा है

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स्वदेशी दिवस, 12 दिसम्बर 2023 पर विशेषस्वदेशी रोजगार एवं व्यापार की आत्मा है- ललित गर्ग-भारतीय स्वतंत्रता आन्दोलन का स्वदेशी एक महत्वपूर्ण आन्दोलन, सफल रणनीति व राष्ट्रीय दर्शन है। ‘स्वदेशी’ का अर्थ है- अपने देश का, अपने देश मंे निर्मित। इस रणनीति का लक्ष्य ब्रिटेन में बने माल का बहिष्कार करना तथा भारत में बने माल का अधिकाधिक प्रयोग करके साम्राज्यवादी ब्रिटेन को आर्थिक हानि पहुँचाना व भारत के लोगों के लिये रोजगार सृजन करना था। यह ब्रिटिश शासन को उखाड़ फेंकने और भारत की समग्र आर्थिक व्यवस्था के विकास के लिए अपनाया गया साधन था। आज आजादी के अमृतकाल को अमृतमय बनाने के लिये स्वदेशी-दर्शन के बल पर भारत को दुनिया की आर्थिक महाशक्ति बनाने के लिये प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी संकल्पबद्ध है। उपनिवेशी मानसिकता से मुक्त होकर, अपने देश में जो है उसको युगानुकूल बनाते हुए, ‘स्व’ आधारित स्व-देशी विकासपथ अप...