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राम हमारे : हरि अनंत हरि कथा अनंता..!

राम हमारे : हरि अनंत हरि कथा अनंता..!

EXCLUSIVE NEWS, TOP STORIES, धर्म, संस्कृति और अध्यात्म
~कृष्णमुरारी त्रिपाठी अटल हमारी सनातनी परम्परा - संस्कृति श्रेष्ठ जीवन मूल्यों की जननी है। मर्यादा पुरुषोत्तम भगवान श्री राम ने अपने सम्पूर्ण जीवन चरित्र से राष्ट्र को उसके आदर्श सौंपे हैं। बाल्यकाल से लेकर जीवन के सम्पूर्ण क्रम में प्रभु श्री राम का चरित मनुष्यत्व से देवत्व की साधना का मार्ग प्रशस्त करता है। और उनका मार्ग एकदम सुगम - सहज- सरल तथा मानवीय मूल्यों की प्रतिष्ठा का अमृत कुम्भ है। इसी अमृत कुम्भ में ही सम्पूर्ण सृष्टि के कुशल सञ्चालन- शान्ति- समन्वय- साहचर्य की गर्भनाल गड़ी हुई है। दशरथ पुत्र कौशल्या नन्दन बालक राम का बाल्यकाल वर्तमान परिदृश्य के लिए सर्वाधिक प्रेरणादायी है। प्रकृति के पञ्चभूत -पञ्चतत्वों यथा - भूमि, जल,आकाश, अग्नि वायु से लेकर माता -पिता , गुरुजनों, सम्पूर्ण समाज के प्रति जिस आदर एवं श्रद्धा के मानकों को स्थापित किया है ,वह अनुकरणीय है। विद्या अध्ययन के सम...
ईश्वरीय शक्ति का अद्भुत चमत्कार है श्रमिकों का सुरक्षित बाहर निकलना!

ईश्वरीय शक्ति का अद्भुत चमत्कार है श्रमिकों का सुरक्षित बाहर निकलना!

EXCLUSIVE NEWS, TOP STORIES, धर्म
मृत्युंजय दीक्षितउत्तराखंड राज्य के उत्तरकाशी जिले के पास सिलक्यारा सुरंग में 17 दिन से फंसे आठ राज्यों के 41 कर्मवीरों को 17 दिन बाद सुरक्षित बाहर निकाल लिया गया है । इस खतरनाक हादसे और फिर कर्मवीरों को सुरक्षित बाहर निकालने के लिए जिस प्रकार आपरेशन जिंदगी चलाया गया अदभुत जीवटता का कार्य है। श्रमिकों को सुरंग से बाहर निकालने के लिए चलाये जा रहे अभियान पर भारत ही नहीं अपितु पूरे विश्व की दृष्टि थी । अंततः भारत के 140 करोड़ लोगों की प्रार्थना और विशेषज्ञों, कार्यकर्ताओं और नेतृत्व के श्रम और अनथक प्रयासों का सकारात्मक प्रतिफल मिला और 17 दिन बाद सभी कर्मवीरों के घरों में खुशियों के दीप जलाये गये । सुरंग में फंसे 41 मजदूरों को बाहर निकालने की यह घटना एक बहुत ही महत्वपूर्ण है और अध्ययन किये जाने योग्य है।इस घटना का एक महत्वपूर्ण पक्ष यह रहा कि जहां विदेशी मशीनों ने ने भी साथ छोड़ दिया और परिस...
राजनीतिक विरोध में ऐसी भाषा अंदर से हिला देती है

राजनीतिक विरोध में ऐसी भाषा अंदर से हिला देती है

BREAKING NEWS, TOP STORIES, समाचार
अवधेश कुमारराजनीतिक दलों में नेता अपने विरोधियों और प्रतिस्पर्धियों के विरुद्ध जैसे शब्द और विचार प्रकट करने लगे हैं वो किसी भी विवेकशील व्यक्ति को अंदर से हिलाने वाला है। विश्व कप क्रिकेट में भारत की पराजय के बाद प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को केंद्र बनाकर जिस तरह के शब्द और विचार शीर्ष स्तर के नेताओं द्वारा प्रकट किए गए उनकी सभ्य समाज में कल्पना नहीं की जा सकती। राहुल गांधी ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के लिए पनौती शब्द प्रयोग किया। पनौती का सामान्य अर्थ होता है ऐसा व्यक्ति जो जहां जाएगा वही बंटाधार कराएगा। जैसे हम गांव मोहल्ले में किसी के बारे में बोलते हैं कि अरे, सुबह-सुबह उसका चेहरा देख लिया, पूरा दिन बर्बाद हो गया, वह नहीं होता तो हम सफल होते आदि आदि। राहुल गांधी ने कहा कि अच्छे भले लड़के खेल रहे थे, गया और हरवा दिया। उन्होंने कहा कि पीएम मतलब पनौती मोदी। कांग्रेस के शीर्ष नेताओं में...
कांग्रेस पार्टी को कैसे समझें 3

कांग्रेस पार्टी को कैसे समझें 3

BREAKING NEWS, TOP STORIES, विश्लेषण
- प्रो. रामेश्वर मिश्र पंकज1784 ईस्वी आते-आते ईस्ट इंडिया कंपनी के द्वारा भारत से कमाये जा रहे व्यापारिक मुनाफे और लूट के माल की चर्चा इंग्लैंड में फैलने लगी। क्योंकि बंगाल के केवल तीन जिलों की केवल लगान वसूली के बड़े हिस्से को राजा के खजाने में जमा न करके उसे लंदन ले जाने पर वहाँ के स्टॉक मार्केट में तूफान आ गया और भारत के सोने-चांदी तथा धन-दौलत की चर्चा होने लगी। इसलिये इंग्लैंड की संसद ने जो तब तक केवल राजपरिवार और जागीरदारों तथा बड़े पादरियों की महासभा थी, वयस्क मताधिकार से चुनी गई संसद नहीं थी (वह तो 20वीं शताब्दी ईस्वी के मध्य तक ही बन पाई), इसलिये कंपनी के मुनाफे पर इंग्लैंड के राजन्य वर्ग की नजर रहने लगी। तब उसने भारतीय वीर समुदायों को अपने व्यापार के रक्षक दल के रूप में भर्ती करने की प्रेरणा दी। इस रक्षक दल का नाम रखा गया - रॉयल बेंगाल आर्मी, इसमें संपूर्ण वर्तमान उत्तरप्रदेश (मु...
बदली प्रवृत्तियों को समझने से आकलन संभव होगा

बदली प्रवृत्तियों को समझने से आकलन संभव होगा

TOP STORIES, सामाजिक
अवधेश कुमारमध्यप्रदेश, छत्तीसगढ़ और राजस्थान में मतदान संपन्न होने के बावजूद आम विश्लेषकों की प्रतिक्रिया है कि परिणाम की स्पष्ट भविष्यवाणी कठिन है। इसका अर्थ क्या है? इन तीनों राज्यों में भाजपा और कांग्रेस के बीच ही मुख्य मुकाबला रहा है और वही प्रवृत्ति इस बार भी है। अगर मुख्यतः दो पार्टियों के मुकाबले के बीच परिणाम का आकलन करने से हम बच रहे हैं तो इससे कई कारण सामने आते हैं। किसी भी चुनाव के परिणाम कई कारकों पर निर्भर करते हैं जिनमें मतदाताओं की आकांक्षा पार्टियों द्वारा उठाए गए मुद्दे, उम्मीदवार राज्य स्तर पर सत्ता पक्ष और विपक्ष के समर्थन या विरोध में पहले से निर्मित माहौल , नेतृत्व तथा राष्ट्रीय व प्रादेशिक वातावरण। हम आम मतदाता तक नहीं पहुंच पाए या पहुंच कर भी उनकी अभिप्सा भांप नहीं पाए। चुनावों में जो मुद्दे पार्टियों ने उठाये वो जनता के अंतर्मन में कितने गए, उनके पक्ष और विपक्ष मे...
टहनियों तक जाये बिना सर्वोत्तम फल नहीं मिलेगा।

टहनियों तक जाये बिना सर्वोत्तम फल नहीं मिलेगा।

EXCLUSIVE NEWS, TOP STORIES, विश्लेषण
“मंजिल मिल ही जाएगी भटकते हुए ही सही, गुमराह तो वो हैं जो घर से निकले ही नहीं।” लोग नई चीजें हासिल करने के बजाय आसान चीजों में लग जाते हैं। लोग नई चीजों का आविष्कार करने या अपना खुद का स्टार्टअप बनाने के बजाय और सुरक्षित नौकरियों में चले जाते हैं। इसके अलावा, डर से आत्मविश्वास और अपने ऊपर भरोसे की कमी भी हो सकती है। जो व्यक्ति लगातार डर के साथ जी रहे हैं, वे अपनी क्षमताओं पर संदेह करते हैं और जोखिम लेने के साथ आने वाली चुनौतियों के लिए खुद को तैयार नहीं पाते हैं। सिडनी बॉक्सिंग डे टेस्ट में सचिन तेंदुलकर पहली पारी में अपनी कम क्षमता के कारण नहीं बल्कि ऑफ स्टंप के बाहर की गेंद के डर के कारण आउट हुए। अगली पारी में उन्होंने किसी भी ऑफ स्टंप से बाहर की गेंद को न खेलने का जोखिम उठाने के लिए मानसिक रूप से तैयारी की और इसके परिणामस्वरूप ऐतिहासिक दोहरा शतक बनाया। -प्रियंका सौरभ 13वीं...
मेल इन इंडिया युग

मेल इन इंडिया युग

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यह जानकर आश्चर्य हुआ कि जापान में आज जितनी सुजुकी गाडियां चल रही हैं , उसकी आधी भारत में बनी हैं । मतलब कंपनी जापान की मेक इन हिन्दुस्तान की । सुजुकी ही नहीं , विदेशी धरती पर दौड़ रही हौंडा और हुंडई पर भी मेड इन इंडिया का लेवल लगा है । भारत के मेक इन इंडिया अभियान का ऐसा असर पड़ा कि चीन से उठकर उद्योग लगातार भारत आ रहे हैं । भारत में बढ़ रहे यूनिकॉर्न और हजारों स्टार्ट अप देश की सूरत किस तरह बदल रहे हैं , इसे महसूस कीजिए ? ब्रिटेन को पछाड़ चुकी हमारी अर्थव्यवस्था कुछ ही वर्षों में जापान को पछाड़ने वाली है । क्या आप जानते हैं कि अगली बहार मोबाइल फोन और इलेक्ट्रॉनिक्स की फील्ड में आने वाली है ? शुरू हो चुका है चीन का बाजार घटना । थोड़ा इंतजार कीजिए । वह दिन बहुत दूर नहीं , जब कारों की तरह दुनिया के अनेक देशों की जनता के हाथों में मेड इन इंडिया फोन नज़र आएंगे । गौर कीजिए , मेड इन चाइना सा...
<strong>क्यों इतनी घुमक्कड़ी करने लगे हिन्दुस्तानी</strong>

क्यों इतनी घुमक्कड़ी करने लगे हिन्दुस्तानी

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आर.के. सिन्हा आप देश के किसी भी हवाई अड्डे या रेलवे स्टेशन पर चले जाएं, आपको वहां पर एक जैसा नजारा ही देखने में आएगा। उधर आने जाने वाले मुसाफिरों की भीड़ नजर आएगी। लगता है कि सारा देश ही घूमने के मूड में है। जैसे ही दफ्तरों में दो-तीन दिन के एक साथ अवकाश आते हैं तो लोग उन छुट्टियों में  कुछ और छुट्टियों को जोड़कर किसी पर्यटक स्थल के लिए निकल जाते हैं।   उन्हें समद्री तट से लेकर पहाड़ और अभयारण्यों से लेकर धार्मिक स्थल तक सबकुछ ही पसंद आ रहे हैं। एक बात और कि भारतीय सिर्फ देश के अंदर ही घूमकर संतुष्ट नहीं हैं। उन्हें देश से बाहर जाना भी अच्छा खासा रास आ रहा है। बुकिंग डॉट कॉम के एक निष्कर्ष के अनुसार, पिछले साल यानी 2022 में करीब दो करोड़ हिन्दुस्तानी देश से बाहर घुमक्कड़ी के लिए निकले। यह कोई छोटा-मोटा आंकड़ा नहीं है। भारतीय लंदन, पेरिस, दक्ष...
क्रिकेट की ये दीवानगी कहाँ ले जायेगी ?

क्रिकेट की ये दीवानगी कहाँ ले जायेगी ?

EXCLUSIVE NEWS, TOP STORIES, विश्लेषण
-विनीत नारायण23 साल के राहुल ने कोलकाता में आत्महत्या कर ली। वो क्रिकेट के विश्व कप में भारतीय टीम की हार का सदमाबर्दाश्त नहीं कर सका। ये तो एक उदाहरण है। देश के अन्य हिस्सों में दूसरे नौजवानों ने हार के सदमे को कैसे झेलाइसका पूरा विवरण उपलब्ध नहीं है। यह सही है कि अंतरराष्ट्रीय खेल प्रतियोगिताओं में अपने देश की टीम के साथदेशवासियों की भावनाएँ जुड़ी होती हैं और इसलिए जब परिणाम आशा के विपरीत आते हैं तो उस खेल के चाहनेवाले हताश हो जाते हैं। खेलों में हार जीत को लेकर अक्सर प्रशंसकों के बीच हाथापाई या हिंसा भी हो जाती है।इसके उदाहरण हैं, दक्षिणी अमरीका के देश जहां फुटबॉल के मैच अक्सर हिंसक झड़पों में बदल जाते हैं। यूरोप औरअमरीका में भी लोकप्रिय खेलों के प्रशंसकों के बीच ऐसी वारदातें होती रहती हैं।अंतर्राष्ट्रीय खेलों में इसकी संभावना कम रहती है क्योंकि वहाँ खेलने वाली टीमों में जो बाहर से आती...
<strong>Coal-based thermal power plants ignoring pollution</strong>

Coal-based thermal power plants ignoring pollution

TOP STORIES, प्रेस विज्ञप्ति
Coal-based thermal power plants ignoring pollutioncontrol measures, responsible for aggravating air pollutionin Delhi-NCR, says new CSE report Thermal power plants contribute an estimated 8 percent ofparticulate matter (PM) to the air in Delhi-NCR Only two of 11 plants in NCR have sulphur dioxide (SO2) control measures in place -- only one meets the SO2 emission standards Three out of 11 are exceeding PM norms Four out of 11 are exceeding nitrogen oxide (NOx) emission norms -- three in Haryana, one in Punjab Five plants out of 11 have poor status of data reporting in public domain New Delhi, November 25, 2023: A new report by Centre for Science and Environment (CSE) says that the ongoing air pollution in Delhi-NCR is being worsened by the intransigence of thermal p...