Shadow

TOP STORIES

विकसित देशों में भी जलवायु बदलाव ?

विकसित देशों में भी जलवायु बदलाव ?

TOP STORIES, विश्लेषण
वर्तमान काल जलवायु आपातकाल कहा जा रहा हैं। दिल्ली सम्मेलन में भी गुटेरेस गत नौ सितम्बर, 2023 को संयुक्त राष्ट्रसंघ क्लाइमेट व एनवायरन्मेंट सेशन में चेता गये थे कि इस जलवायु आपदाकाल पर तुरंत काम किया जाना चाहिए। वे लगातार कह रहे हैं कि अब और तेल निकालना बंद किया जाना चाहिए। नये तेल उत्पादन के लिये न तो लाइसेंस दिए जाएं और न ही फंडिंग की जानी चाहिए। राष्ट्रसंघ की यूनाइटेड एमिशन गैप रिपोर्ट के अनुसार पेरिस जलवायु समझौता प्रभावी रहे, इसके लिए 23 अरब टन कार्बन डाइआक्साइड की कटौती जरूरी है। अभी विभिन्न देशों के राष्ट्रीय स्तर पर तय सारे उत्सर्जन कटौतियों के शपथों को जोड़ा जाये तो कुल उत्सर्जन कटौती दो से तीन अरब टन की ही आती है। देशों ने अपने-अपने उत्सर्जन कटौती लक्ष्य आखिरी बार 2020 में घोषित किये थे। अब उन्हें यह 2025 में करना है। विकसित देशों में भी जलवायु बदलाव के कारण अप्रत्याशित...
वैदिक शिक्षा : एक बेहतरीन पहल

वैदिक शिक्षा : एक बेहतरीन पहल

EXCLUSIVE NEWS, TOP STORIES, संस्कृति और अध्यात्म
वैदिक शिक्षा : एक बेहतरीन पहल* इसे भारत का दुर्भाग्य ही कहा जाएगा कि आजादी के बाद देश में वैदिक ज्ञान को शिक्षा प्रणाली में समुचित स्थान नहीं मिल पाया है जिसका नतीजा समाज में नैतिक मूल्यों में आ रही गिरावट है। कहने को वेदों को शिक्षा प्रणाली से जोडऩे के लिए 100 करोड़ रुपए की परियोजनाएं बनाई गई हैं। यह धनराशि केंद्र सरकार द्वारा दी जा रही है। गौरतलब है कि वैदिक शिक्षा पर आधारित बोर्ड से दसवीं और बारहवीं कक्षा पास करने वाले छात्र अब उच्च शिक्षा के लिए किसी भी कॉलेज में दाखिला लेने के पात्र होंगे। इसमें मेडिकल और इंजीनियरिंग जैसे उच्च शिक्षण संस्थान भी शामिल हैं। यह महत्वपूर्ण निर्णय सरकार द्वारा नामित निकाय, एसोसिएशन ऑफ इंडियन यूनिवर्सिटीज (एआईयू) द्वारा लिए गए निर्णय पर आधारित है। वैदिक शिक्षा सांस्कृतिक दृष्टि पर बल देती थी।इसके मुताबिक शिक्षित व्यक्ति को साहित्य, कला, संगीत आदि की ...
विश्व की सुंदरतम नगरी बनने की ओर अग्रसर अयोध्या

विश्व की सुंदरतम नगरी बनने की ओर अग्रसर अयोध्या

BREAKING NEWS, TOP STORIES, विश्लेषण, सामाजिक
वैश्विक पटल पर छा जाएगी अयोध्यामृत्युंजय दीक्षित500 वर्षों के अथक संघर्ष के पश्चात नौ नवंबर 2020 को माननीय उच्चतम न्यायलय द्वारा अयोध्या पर राम मंदिर के पक्ष में ऐतिहासिक निर्णय देने के बाद, श्रीराम जन्मभूमि पर श्री रामलला के भव्य –दिव्य मंदिर का निर्माण कार्य तीव्र गति से सम्पूर्णता की दिशा में अग्रसर है । मंदिर के भूतल का लगभग 95 प्रतिशत का कार्य पूर्ण हो चुका है तथा आगामी 22 जनवरी 2024 को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के कर कमलों से भव्य प्राण प्रतिष्ठा समारोह का आयोजन होना भी सुनिश्चित हो गया है।कुछ वर्ष पूर्व तक जो अयोध्या नगरी हिन्दुओं के संघर्ष की धरती थी जो आगामी 22 जनवरी 2024 को सर्व संतोषकारिणी नगरी बनने जा रही है। लंबे संघर्ष के बाद प्रभु श्रीराम लला अपने जन्मभूमि आवास में पधार रहे हैं और प्रत्येक सनातनी यह सोचकर हर्षित और प्रफुल्लित हो रहा है कि अयोध्या में श्रीरामलला के विराजमान ...
<strong>मोदी के लिये ‘पनौती’ का इस्तेमाल राजनीतिक दरिद्रता</strong>

मोदी के लिये ‘पनौती’ का इस्तेमाल राजनीतिक दरिद्रता

BREAKING NEWS, TOP STORIES, समाचार, साहित्य संवाद
- ललित गर्ग- कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी एक बार फिर प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के खिलाफ की गयी ‘पनौती’ (अपशकुन), जेबकतरा एवं कर्ज माफी जैसी अशोभनीय टिप्पणियों के कारण निशाने पर हैं। चुनाव आयोग (ईसी) ने हालिया टिप्पणियों के लिए राहुल गांधी को कारण बताओ नोटिस जारी करके निर्णायक कार्रवाई की है। यह कार्रवाई सत्तारूढ़ भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) द्वारा चुनाव आयोग में दर्ज की गई एक शिकायत का संज्ञान लेते हुए की गयी है। चुनाव आयोग ने जहां पूर्व कांग्रेस अध्यक्ष द्वारा इस्तेमाल की गई भाषा पर चिंता व्यक्त की वही भाजपा ने तर्क दिया कि ऐसी भाषा एक वरिष्ठ राजनीतिक नेता के लिए ‘अशोभनीय’ है। पिछले लम्बे दौर से विश्वनेता के रूप में प्रतिष्ठित देश के प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के दर्शन, उनके व्यक्तित्व, उनकी बढ़ती ख्याति, उनकी बहुआयामी योजनाओं व उनकी कार्य-पद्धतियांे पर कीचड़ उछाल रहे हैं। पा...
क्यों नहीं अभिभावकों को सरकारी स्कूलों पर भरोसा ?

क्यों नहीं अभिभावकों को सरकारी स्कूलों पर भरोसा ?

EXCLUSIVE NEWS, TOP STORIES, राष्ट्रीय, सामाजिक
हालिया अध्ययन ने पुष्टि की है कि शिक्षा की खराब गुणवत्ता के कारण माता-पिता को सरकारी स्कूलों पर भरोसा नहीं है और वे अपने बच्चों को निजी स्कूलों में दाखिला दिलाना पसंद करते हैं, भले ही इसके लिए उन्हें ट्यूशन और अन्य फीस पर काफी अधिक खर्च करना पड़े। आज देश भर के सरकारी स्कूल गरीबों और अशिक्षितों के बच्चों का सहारा बन गए, जहां उन्हें नौकरशाही और शिक्षक संघों की दया पर रहना पड़ता है। इसके परिणामस्वरूप इन स्कूलों के लिए स्थापित मानकों-पाठ्यपुस्पुतकों की गुणवत्ता और प्रासंगिकता, विद्यार्थियों की उपलब्धियों का निरीक्षण का विकास थम गया। आज नब्बे प्रतिशत से ज्यादा सार्वजर्वनिक खर्च की राशि भारतीय स्कूलों में अध्यापकों के वेतन और प्रशासन पर ही खर्च होती है। फिर भी विश्व में बिना अनुमति अवकाश लेने वाले अध्यापकों की संख्या भारत में सबसे अधिक है। हमारे स्कूलों में अध्यापक आते ही नहीं हैं और चार में...
जाति जनगणना

जाति जनगणना

BREAKING NEWS, TOP STORIES, विश्लेषण, सामाजिक
संविधान ने जनगणना की इजाजत दी है या जाति जनगणना की ? यदि जाति जनगणना की अनुमति है तो फिर दो वर्षों से रुकी राष्ट्रीय जनगणना को जाति जनगणना का आकार प्रदान कर दीजिए ? बीजेपी सहित तमाम दल जातपात खेलने के पक्षधर हैं । तो संविधान सम्मत नेशनल सेंसेस को संविधान संशोधन के माध्यम कास्ट सेंसस में क्यूं ना बदल दिया जाए ? सुप्रीमकोर्ट पहले ही दखल देने के मूड में नहीं है । टुकटुक सुनार की एक चोट लुहार की । आरक्षण बढ़ाते जाने से तो अच्छा है कि एक बार में ही खेला हो जाए ? सुप्रीमकोर्ट के 50% से अधिक आरक्षण पर प्रतिबंध को मानता कौन है ? तमिलनाडु में दशकों से 69% आरक्षण चला आ रहा है । अब नीतीश ने 75% की आग लगाई है तो यह आग एक ही बार लग जाए पूरे देश में ? आखिर पहले भी तो बाबा साहेब द्वारा दिए गए 17.5% आरक्षण को मंडल की आग में पकाकर 50% तक ले जाया जा चुका है । तो फिर हो जाए तमाशा , अखाड़ा खुद जाए , लड़ो ...
सुरंगों से छलनी होता हिमालय?

सुरंगों से छलनी होता हिमालय?

BREAKING NEWS, TOP STORIES, राष्ट्रीय, सामाजिक
उत्तरकाशी स्थित सिलक्यारा परियोजना की सुरंग सुर्खियों में है। सुरंग के एक हिस्से के धंसने से वहां फंसे 41 मजदूरों की जान संकट में है। इसके बाद एक बार फिर विश्व की सबसे युवा पर्वतमाला हिमालय में सुरंगों के निर्माण पर सवाल भी उठने लगे हैं। दरअसल, सुरंगों सहित भूमिगत निर्माण में इस तरह के हादसे नई बात नहीं है। अब तो सुरंगों के धंसने और निर्माणाधीन सुरंगों के ऊपर बसी बस्तियों के धंसने की शिकायतें आम हो गयी हैं। इसमें दो राय नहीं कि विशिष्ट भौगोलिक परिस्थितियों वाले हिमालयी क्षेत्र की जनता को विकास भी चाहिए, तभी उनकी जिन्दगी की परेशानियां कम होंगी और बेहतर जीवन सुलभ होगा। हिमालयवासियों के लिए सड़कें भी चाहिए तो बिजली-पानी और अन्य आधुनिक सुविधाएं भी। पहाड़ों पर सड़कें बनाना तो आसान है, मगर उन सड़कों के निर्माण से उत्पन्न परिस्थितियों से निपटना आसान नहीं है। तेज ढलान के कारण पन बिजली उत्प...
पाकिस्तान में ‘सिख-मुस्लिम भाईचारा’ नारे का सच

पाकिस्तान में ‘सिख-मुस्लिम भाईचारा’ नारे का सच

EXCLUSIVE NEWS, TOP STORIES
-बलबीर पुंज "सतगुरु नानक प्रगट्या, मिटी धुंध जग चानन होया, कलतारण गुरु नानक आया..." आगामी 27 नवंबर को पूरा विश्व— विशेषकर सिख, श्री गुरु नानक देवजी (1469-1539) का 555वां प्रकाश उत्सव मनाएंगे। जब सिख समाज इस पर्व की तैयारियों में जुटा है, तब विभाजन के बाद पाकिस्तान के हिस्से गए श्री करतारपुर साहिब गुरुद्वारा की मर्यादा भंग होने का समाचार सामने आया है। बकौल मीडिया रिपोर्ट, गुरुद्वारा परिसर में शराब और मांसाहार व्यंजन युक्त पार्टी हुई थी, जिसका एक वीडियो भी वायरल है। शिरोमणि गुरुद्वारा प्रबंधक समिति और दिल्ली सिख गुरुद्वारा प्रबंधक समिति सहित अन्य सिख संगठनों ने इसकी निंदा की है। इसी पृष्ठभूमि में जब पंजाब विधानसभा के अध्यक्ष कुलतार सिंह संधवा 20 नवंबर को करतारपुर साहिब गए, तब वहां उपस्थित मुख्य ग्रंथी गोबिंद सिंह ने गुरुद्वारा परिसर में पार्टी की खबरों को ‘शरारती तत्वों द्वारा फैलाई गई अ...
महाकवि भास के अभिषेकनाटक में श्रीरामकथा

महाकवि भास के अभिषेकनाटक में श्रीरामकथा

TOP STORIES, धर्म, संस्कृति और अध्यात्म
श्रीरामकथा के अल्पज्ञात दुर्लभ प्रसंगमहाकवि भास के अभिषेकनाटक में श्रीरामकथाभारतीय साहित्य की परम्परा में रामायण को काव्यों की श्रेणी में 'आदि काव्यÓ माना जाता है। रामायण की कथा आज भी भारत में झुग्गी-झोपड़ियों से लेकर विशाल भवनों, गली-गली, महानगरों से लेकर छोटे से छोटे गाँव और आँगन में हमें बड़ी सरलता से सुनने को मिल जाती है। प्राचीन संस्कृत, प्राकृत भाषा के अतिरिक्त प्राय: सभी भारतीय प्रादेशिक भाषा में श्रीरामकथा का अपने प्रदेश के रीति रिवाज और संस्कृति में रंगा हुआ वर्णन इनमें मिल जाता है। रामायण और महाभारत काल के उपरान्त अद्यावधि ज्ञात सन्दर्भों में श्रीरामकथा को अपने साहित्य में गढ़ने-रचनेवाले सबसे प्राचीन और सबसे पहले महाकवि भास ही दिखाई देते हैं। महाकवि भास के नाटकों में प्रसिद्ध नाटक अभिषेकनाटक तथा प्रतिमानाटक श्रीरामकथा पर आधारित है। अत: सर्वप्रथम अभिषेक नाटक की श्रीरामकथा की कथावस्त...
<strong>क्यों भारत चाहता है बांग्लादेश में शेख हसीना की वापसी</strong>

क्यों भारत चाहता है बांग्लादेश में शेख हसीना की वापसी

BREAKING NEWS, TOP STORIES, विश्लेषण
आर.के. सिन्हा पड़ोसी देश बांग्लादेश में 12वां संसदीय चुनाव 7 जनवरी, 2024 को होगा और जाहिर तौर पर भारत की इन चुनावों पर करीबी नजर रहने वाली है। बांग्लादेश में नई संसद के चुनाव की घोषणा के साथ ही स्वाभाविक रूप से राजनीतिक तनाव और उपद्रव भी शुरू हो गए हैं। प्रमुख विपक्षी दल बांग्लादेश नेशनलिस्ट पार्टी (बीएनपी) और जमात-ए-इस्लामी ने मांग की है कि चुनाव एक गैर-पार्टी अंतरिम सरकार की निगरानी में हों।  इसके नेता और कार्यकर्ता प्रधानमंत्री शेख हसीना की सरकार के इस्तीफे की मांग करते हुए सड़कों पर उतर आए हैं। शेख हसीना की  सत्तारूढ़ अवामी लीग ने विपक्ष की मांग को खारिज कर दिया है और कहा है कि चुनाव  शेख हसीना के नेतृत्व में ही होंगे। इस बीच, भारत की तो चाहत होगी कि अगले चुनाव में भी अवामी पार्टी को सफलता मिले। इसमें कोई शक नहीं है कि शेख हसीना भारत के प...