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डिजिटल भुगतान की अनिवार्यता के सबब

डिजिटल भुगतान की अनिवार्यता के सबब

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विमुद्रीकरण के बाद डिजिटल भुगतान प्रणाली और कैशलेस अर्थव्यवस्था को प्रोत्साहन देने के लिए सरकार द्वारा किए जा रहे प्रयासों का लोगों ने स्वागत किया है। लेकिन डिजिटल लेनदेन को बढ़ावा देने के लिए महीने में चार बार से अधिक नकदी लेन-देन पर शुल्क की व्यवस्था जनता की परेशानियां बढ़ायेगा, उन पर अतिरिक्त बोझ पडे़गा। इस व्यवस्था के अन्तर्गत बैंकों ने अपने-अपने ढंग से शुल्क वसूलना शुरू कर दिया है। जिसके विरोध में विभिन्न स्तरों पर स्वर भी उठने लगे हैं। डिजिटल भुगतान की अनिवार्यता लागू करने से पहले अबाध डिजिटल गेटवे को सुनिश्चित करना ज्यादा जरूरी है। अन्यथा नकदी पर नकेल कसने की जबरन थोपी गयी यह व्यवस्था ज्यादती ही कही जायेगी। इससे न केवल आम जनता की बल्कि व्यापारियों की समस्याएं बढ़ेगी। कहीं ऐसा तो नहीं कि नोटबंदी की नाकामी को ढं़कने के लिये डिजिटल भुगतान की अनिवार्यता का सहारा लिया जा रहा है, यह सरकार की...
देह के बाद अनुपम

देह के बाद अनुपम

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जब देह थी, तब अनुपम नहीं; अब देह नहीं, पर अनुपम हैं। आप इसे मेरा निकटदृष्टि दोष कहें या दूरदृष्टि दोष; जब तक अनुपम जी की देह थी, तब तक मैं उनमें अन्य कुछ अनुपम न देख सका, सिवाय नये मुहावरे गढ़ने वाली उनकी शब्दावली, गूढ से गूढ़ विषय को कहानी की तरह पेश करने की उनकी महारत और चीजों को सहेजकर सुरुचिपूर्ण ढंग से रखने की उनकी कला के। डाक के लिफाफों से निकाली बेकार गांधी टिकटों को एक साथ चिपकाकर कलाकृति का आकार देने की उनकी कला ने उनके जीते-जी ही मुझसे आकर्षित किया। दूसरों को असहज बना दे, ऐसे अति विनम्र अनुपम व्यवहार को भी मैने उनकी देह में ही देखा। कुर्सियां खाली हों, तो भी गांधी शांति प्रतिष्ठान के अपने कार्यक्रमों में हाथ बांधे एक कोने खडे़ रहना; कुर्सी पर बैठे हों, तो आगन्तुक को देखते ही कुर्सी खाली कर देना। किसी के साथ खडे़-खड़े ही लंबी बात कर लेना और फुर्सत में हांे, तो भी किसी के मुंह से ब...
Rajiv Gandhi Trust land grab ghotala — Shalini Singh wonders why NDA…

Rajiv Gandhi Trust land grab ghotala — Shalini Singh wonders why NDA…

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If Congress vice-president Rahul Gandhi is guilty of crying wolf over instances of alleged "personal corruption" by Prime Minister Narendra Modi and dilly-dallying over producing "concrete evidence", the latter is perhaps guilty of the reverse: sitting on substantial ammunition already available against the Gandhi family. A case in point is the allotment of prime panchayat land to the Rajiv Gandhi Charitable Trust (RGCT) in Haryana during the chief ministership of Congressman Bhupinder Singh Hooda. The five-acre prime property on the Gurgaon-Faridabad highway – a real estate gold mine – was allotted to the trust for constructing an eye hospital for the poor. The RGCT is headed by Congress president Sonia Gandhi. Manoj Muttu is the trustee/administrator, while the other trustees inclu...
SCIENTIFIC REASON BEHIND HINDU TRADITION

SCIENTIFIC REASON BEHIND HINDU TRADITION

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Joining Both Palms Together To Greet In Hindu culture, people greet each other by joining their palms – termed as “Namaskar.” The general reason behind this tradition is that greeting by joining both the palms means respect. However, scientifically speaking, joining both hands ensures joining the tips of all the fingers together; which are denoted to the pressure points of eyes, ears, and mind. Pressing them together is said to activate the pressure points which helps us remember that person for a long time. And, no germs since we don’t make any physical contact!   2. Why Do Indian Women Wear Toe Ring image courtesy Wearing toe rings is not just the significance of married women but there is science behind it. Normally toe rings are worn on the second toe. A particular nerve f...
Eight anti-India intellectuals and academics you must be aware of

Eight anti-India intellectuals and academics you must be aware of

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1. Angana Chatterji Books: Violent Gods: Hindu Nationalism in India’s Present; Narratives from Orissa Land and Justice: The Struggle for Cultural Survival in Orissa Pronouncements:  In Gujarat, Hindu extremists killed 2,000 people in February-March of 2002. Muslims live in fear there, victims of pathological violence. Raped, lynched, torched, ghettoised. A year and half later, Muslims in Gujarat are afraid to return to their villages, many still flee from town to town. Ghosts haunted by history. Country, community, police, courts — institutions of betrayal that broker their destitution. This is India today. Grassroots movements in resistance to the debacle of nation making are combating the sangh. Where Dalits, Adivasis and others are allied in subalt...
नारी अस्तित्व एवं अस्मिता पर धुंधलके क्यों?

नारी अस्तित्व एवं अस्मिता पर धुंधलके क्यों?

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सम्पूर्ण विश्व में नारी के प्रति सम्मान एवं प्रशंसा प्रकट करते हुए 8 मार्च का दिन उनकी सामाजिक, आर्थिक एवं राजनीतिक उपलब्धियों के उपलक्ष्य में, उत्सव के रूप में मनाया जाता है। इस दिन से पहले और बाद में हफ्ते भर तक विचार विमर्श और गोष्ठियां होंगी जिनमें महिलाओं से जुड़े मामलों जैसे महिलाओं की स्थिति, कन्या भू्रण हत्या की बढ़ती घटनाएं, लड़कियों की तुलना में लड़कों की बढ़ती संख्या, गांवों में महिला की अशिक्षा एवं शोषण, महिलाओं की सुरक्षा, महिलाओं के साथ होने वाली बलात्कार की घटनाएं, अश्लील हरकतें और विशेष रूप से उनके खिलाफ होने वाले अपराध को एक बार फिर चर्चा में लाकर वाहवाही लूट ली जायेगी। लेकिन इन सबके बावजूद एक टीस से मन में उठती है कि आखिर नारी कब तक भोग की वस्तु बनी रहेगी?  उसका जीवन कब तक खतरों से घिरा रहेगा? बलात्कार, छेड़खानी, भूण हत्या और दहेज की धधकती आग में वह कब तक भस्म होती रहेगी? कब तक...
Friend, father & philosopher of black money is Chidambaram

Friend, father & philosopher of black money is Chidambaram

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Palaniappan Chidambaram, whom I shall for the sake of brevity call just Chidambaram, is best seen through black and white. And please don’t get me wrong and accuse me of racism. I refer not to epidermis or mane, but to the economic colour of money. Some of his greatest contributions to the economy of India are his brilliant pioneering initiatives for changing the colour of money from black to white. And this passion has never left him. Many of us have forgotten the Voluntary Disclosure of Income Scheme (VDIS) 1997, which he announced when he was Finance Minister with the United Front government, granting income-tax defaulters indefinite immunity from prosecution under the Foreign Exchange Regulation Act, 1973, Income Tax Act, 1961, Wealth Tax Act, 1957, and Companies Act, 1956, in excha...
Armed forces’ pay-and-rank parity: PMO told defence ministry to get forces involved in policy; MoD did opposite

Armed forces’ pay-and-rank parity: PMO told defence ministry to get forces involved in policy; MoD did opposite

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Barely 10 days after the present government was sworn in May 2014, national dailies headlined "PMO tells MoD, MHA: Get forces involved in policy", elaborating that in an attempt to improve the working environment for the armed forces and other internal security outfits, the Prime Minister’s Office has directed the home and defence ministries to ensure that decisions, especially those relating to the uniformed forces, should be taken only after detailed consultations with their top officers. The news item elaborated that PMO strongly believed matters relating to the armed forces should not be decided by civilian bureaucrats sitting in North and South Block and that the military leadership should be involved more in decision-making. Above report further added Prime Minister Narendra Mo...
परमात्मा के ज्ञान में ही सारा ज्ञान समाहित है!

परमात्मा के ज्ञान में ही सारा ज्ञान समाहित है!

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मानव सभ्यता के नव निर्माण के लिए आते हैं दिव्य अवतार:- यह पृथ्वी करोड़ों वर्ष पुरानी है। इस पृथ्वी का जीवन करोड़ों वर्ष का है क्योंकि जब से सूरज का जीवन है तब से मनुष्य का जीवन है। भारत की सभ्यता सबसे पुरानी है। आज मनुष्य का जीवन बहुत ही सुनियोजित एवं वैज्ञानिक ढंग से चल रहा है। यहाँ पर जो प्रथम मानव उत्पन्न हुआ वो बिठूर में गंगा जी के घाट के पास उत्पन्न हुआ। बिठूर में गंगा जी के पास एक छड़ी लगी हुई है जो कि यह इंगित करती है कि मनु और शतरूपा यही पर उत्पन्न हुए थे। मनुष्य चाहे पहले कंदराओं में रहता हो चाहे कृषि युग में रहता हो या किसी अन्य युग में सभी युगों में कोई न कोई मार्गदर्शक मानव सभ्यता का नव निर्माण करने के लिए आये। भारत का इतिहास बहुत ही गौरवशाली रहा है:- भारत का इतिहास बहुत ही गौरवशाली रहा है। पूरी दुनिया से लोग भारत की सभ्यता एवं संस्कृति को जानने के लिए विदेशों से आते रहते...
बयान पर विवाद या कटु सत्य पर प्रहार

बयान पर विवाद या कटु सत्य पर प्रहार

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प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा उत्तर प्रदेश के फतेहपुर की एक रैली में यह कहा जाना कि अगर किसी गांव को कब्रगाह के निर्माण के लिए कोष मिलता है,तो उस गांव को श्मशान की जमीन के लिए भी कोष मिलना चाहिए. गांव में कब्रिस्तान बनता है तो श्मशान भी बनना चाहिए. अगर आप ईद में बिजलीकी आपूर्ति निर्बाध करते हैं, तो आपको दीपावाली में भी बिजली की आपूर्ति निर्बाध करनी चाहिए.यानि,  भेदभाव नहीं होना चाहिए. भाजपा सांसद साक्षी महाराज द्वारा यह कहा जाना कि ”चाहे नाम कब्रिस्‍तान हो, चाहे नाम श्‍मशान हो, दाह होना चाहिए। किसी को गाड़ने की आवश्‍यकता नहीं है।”  गाड़ने से देश में जगह की कमी पर चिंता व्यक्त करते हुए उन्‍होंने कहा कि ”2-2.5 करोड़ साधु हैं सबकी समाधि लगे, कितनी जमीन जाएगी।20 करोड़ मुस्लिम हैं सबको कब्र चाहिए हिंदुस्‍तान में जगह कहां मिलेगी।” अगर सबको दफनाते रहे तो देश में खेती के लिए जगह कहां से आएगी...